Marshmallow root in Hindi मार्शमैलो रूट के फायदे बहुत से लोगों पता नहीं हैं, इसका उपयोग प्राचीन समय से हृदय को स्वस्थ्य रखने, संक्रमण को दूर करने, पाचन सुधारने, त्वचा को स्वस्थ्य रखने, घावों को ठीक करने आदि के लिए किया जा रहा है। मार्शमैलो रूट का औषधीय रूप में उपयोग अपना विशेष स्थान रखता है। इस लेख में आप जानेंगे मार्शमैलो रूट के फायदे और नुकसान के बारे में। जिनका उपयोग कर आप अपनी स्वास्थ्य समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं। आइए जाने मार्शमैलो रूट क्या है।
विषय सूची
1. मार्शमैलो क्या है – What Is Marshmallow Root in Hindi
2. मार्शमैलो के पोषक तत्व – Marshmallow Root Nutritional Value in Hindi
3. मार्शमैलो के फायदे – Marshmallow Benefits in Hindi
4. मार्शमैलो रूट चाय बनाने की विधि – How To Make Marshmallow Root Tea in Hindi
5. मार्शमैलो रूट की खुराक – Dosage Of Marshmallow in Hindi
6. मार्शमैलो रूट खाने के नुकसान – Marshmallow Root Side Effects in Hindi
एल्थिया ऑफिसिनैलिस (Althaea officinalis) या मार्शमैलो रूट एक बारहमासी जड़ी-बूटी जो यूरोप और उत्तरी अफ्रीका का मूल निवासी माना जाता है। इसका उपयोग पाचन, श्वसन, और त्वचा की स्थिति का इलाज करने के लिए हर्बल उपचार के रूप में किया जाता है। यह आयुर्वेदिक दवा फेफड़ों की बीमारियों, जीवाणु संक्रमण आदि के लिए भी फायदेमंद माना जाता है।
औषधीय गुणों से भरपूर मार्शमैलो रूट में पोषक तत्व अच्छी मात्रा में होते हैं। जिनके कारण यह हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। मार्शमैलो रूट में एल्यूमीनियम, टिन, मैग्नीशियम, सेलेनियम और आयरन बहुत अधिक मात्रा में होते हैं। इसके अलावा मार्शमैलो रूट में कैल्शियम भी अच्छी मात्रा में होता है। इन पोषक तत्वों की उपस्थिति के कारण हम इसका उपयोग कर विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं का उपचार कर सकते हैं। आइए जाने मार्शमैलो रूट के फायदे क्या हैं।
यह एक औषधीय जड़ी-बूटी है जो हमारे शरीर के लिए प्राकृतिक श्लेष्म का काम करती है। इसका मतलब यह है कि यह हमारे लिए नरम फाइबर की तरह कार्य कारता है। यह पानी के संपर्क में आने पर फूल जाता है। मार्शमैलो रूट की यह गुणवत्ता झिल्ली के चारों ओर एक सुरक्षात्मक आवरण तैयार करती है। मार्शमैलो रूट में फ्लैवोनॉयड एंटीऑक्सीडेंट, पेक्टिन जो एक प्रकार के फाइबर होते हैं। इसके अलावा इसमें एंटीवायरल और एंटीबैक्टीरियल पदार्थ एस्पिनिन जैसे एमिनो एसिड, क्यूपरिन, फेनोलिक एसिड, टैनिन और क्वेरसेटिन जैसे अन्य यौगिक होते हैं।
अध्ययनों से पता चलता है कि ये सभी यौगिक श्वसन पथ में श्लेष्म झिल्ली के कामकाज में सुधार करते हैं। मार्शमैलो रूट में एंटीऑक्सीडेंट भी अच्छी मात्रा में होते हैं जो ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में मदद करता है। आइये विस्तार से जाने मार्शमैलो रूट के फायदे क्या हैं।
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कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि मार्शमैलो रूट का उपयोग हृदय स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। वैज्ञानिक विभिन्न हृदय स्थितियों के इलाज के लिए मार्शमैलो फूल से निकाले जाने वाले रस के उपयोग पर परिक्षण कर रहे हैं।
2011 में एक पशु अध्ययन के दौरान लिपिमिया, प्लेटलेट और सूजन संबंधि समस्याओं के लिए मार्शमैलो फूल के रस का परिक्षण किया। ये सभी समस्याएं कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों का कारण बन सकती हैं। इस अध्ययन के दौरान शोधकर्ताओं ने पाया कि नियमित रूप से 1 माह तक मार्शमैलो के फूल के रस हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है। इसके अलावा यह एचडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर पर सकारात्मक प्रभाव भी डालता है।
इन समस्याओं से बचने के लिए मार्शमैलो से प्राप्त रस की 2-5 मिलीलीटर मात्रा को दिन में 3 बार सेवन करें।
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पेट से संबंधित समस्याओं के लिए मार्शमैलो रूट बहुत ही लाभकारी होती है। विशेष रूप से यह पाचन संबंधि विकारों का प्रभावी रूप से इलाज कर सकती है। मार्शमैलो का नियमित सेवन कर आप कब्ज, अपचन, आंतों की जलन आदि परेशानियों से बच रकते है। 2011 के एक अन्य अध्ययन से पता चलता है कि मार्शमैलो के फूल के रस का सेवन करने से गैस्ट्रिक अल्सर के इलाज में फायदा होता है। यदि 1 माह तक नियमित रूप से इसका सेवन किया जाए तो यह शरीर में एंटी-अल्सर गतिविधि को बढ़ावा देता है।
इसका उपयोग करने के लिए आपको 2-5 मिलीलीटर तरल मार्शमैलो का दिन में 3 बार सेवन करना चाहिए। यदि आपको इसका सेवन करने से किसी प्रकार के दुष्प्रभाव हों तो इसका सेवन तुरंत ही बंद कर दिया जाना चाहिए।
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आप अपनी त्वचा को स्वस्थ्य बनाने के लिए मार्शमैलो रूट का उपयोग कर सकते हैं। इसका उपयोग आप पराबैंगनी विकिरण के प्रभाव को भी दूर करने के लिए भी किया जा सकता है। इसका सीधा अर्थ यह है कि सूर्य प्रभाव से होने वाली त्वचा की समस्यओं के लिए मार्शमैलो रूट लाभकारी होती है। 2016 के एक अध्ययन बताते हैं कि यूवी विकिरण से प्रभावित त्वचा उपचार उत्पादों में मार्शमैलो रूट से निकाले गए रस का उपयोग किया जा सकता है।
त्वचा समस्याओं से बचने के लिए आप क्रीम, मलहम या तेल के साथ मार्शमैलो से निकाले गए रस का उपयोग सुबह शाम करें। सूर्य के संपर्क में आने पर आप इसका अधिक बार उपयोग कर सकते हैं। लेकिन त्वचा पर इसका उपयोग करने से पहले परिक्षण करने की आवश्कता होती है। आप अपने शरीर के अन्य हिस्से के छोटे क्षेत्र पर इसका उपयोग करें। यदि 24 घंटे के भीतर किसी भी प्रकार की जलन या सूजन नहीं होती है तो यह आपके लिए सुरक्षित हो सकता है।
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खांसी, कफ और गले की जलन को कम करने वाले औषधीय गुण मार्शमैलो में होते हैं। इसका उपभोग कर आप सर्दी खांसी जैसी समस्या का उपचार कर सकते हैं। यह लिम्फ नोड्स (lymph nodes) की सूजन को कम करने में मदद करता है। श्वसन बीमारियों और सर्दी खांसी से छुटकारा पाने में मार्शमैलो रूट बहुत ही फायदेमंद होता है। एक अध्ययन में पाया गया कि मार्शमैलो रूट युक्त हर्बल सिरप में श्लेष्म गठन से संबंधित श्वसन बीमारियों से राहत मिलती है। इसके अलावा आप मार्शमैलो की चाय का भी सेवन कर सकते हैं।
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एंटीबैक्टीरियल गुण होने के कारण मार्शमैलो का उपयोग घावों के उपचार में मदद करता है। 2015 में किये गए एक अध्ययन से पता चलता है कि मार्शमैलो रूट से निकाले गए रस का उपयोग करने पर यह बैक्टीरिया के प्रभाव को कम करने में मदद करता है। ये बैक्टीरिया संक्रमण में लगभग 50 प्रतिशत हिस्सेदारी रखते हैं। घावों पर इस रस का उपयोग करने से इसके एंटीबैक्टीरियल प्रभाव बैक्टीरिया को नष्ट कर घावों का इलाज करने मे मदद करते हैं। मार्शमैलो रूट उपचार गति को बढ़ाने और घावों की सूजन को कम करता है।
आप क्रीम या मलहम के साथ मार्शमैलो रूट के रस का उपयोग करें। इसे आप क्रीम या मलहम के साथ दिन में 3 बार घाव के ऊपर लगाएं। लेकिन ध्यान दें कि इसका उपयोग करने से पहले इसे शरीर के अन्य हिस्से में लगा कर जांच लें। यदि आपको किसी प्रकार के दुष्प्रभाव होते हैं तो इसका उपयोग न करें।
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2014 में किये गए एक अध्ययन से पता चलता है कि मार्शमैलो रूट दर्द से छुटकारा पाने में मदद करती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि मार्शमैलो रूट में दर्द कम करने वाले (analgesic) गुण होते हैं। मार्शमैलो रूट का उपयोग सुखद अनुभव के लिए उपयोग किया जाता है। यह गले की खराश और दर्द आदि का भी प्रभावी रूप से इलाज कर सकता है।
इसका उपयोग आप 2-5 मिलीलीटर तरल मार्शमैलो का उपयोग दिन में 3 बार सेवन करना चाहिए। यदि आपको इसका सेवन करने से किसी प्रकार की समस्या हो तो इसका सेवन तुरंत बंद कर दें और अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि मार्शमैलो रूट में मौजूद श्लेष्म आपके बालों के लिए फायदेमंद होते हैं। यह बालों के प्रोटीन उपलब्ध कराता है और बालों को मोटा करने में मदद करता है। मार्शमैलो में मौजूद श्लेष्म बालों को मजबूत करने और कंडीशनर के रूप में भी उपयोग किया जा सकता है।
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यदि आप अपना वजन कम करना चाहते हैं तो मार्शमैलो रूट का उपयोग कर सकते हैं। यह आपके लिए वजन कम करने का सबसे आसान और प्रभावी तरीका हो सकता है। यह आपके वजन को इस लिए नियंत्रित करता है क्योंकि मार्शमैलो का उपभोग करने पर यह लंबे समय तक आपकी भूख को नियंत्रित रख सकता है। यह पाचन में भी आसान होता है जिसके कारण आप अतिरिक्त कैलोरी का उपयोग करते हैं। इसलिए नियमित रूप से इसका सेवन करने पर आपके शरीर में अतिरिक्त कैलोरी जमा नहीं हो पाती है। परिणामस्वरूप आप अपने वजन को नियंत्रित कर सकते हैं।
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यह जल प्रतिधारण को कम करता है। आसान शब्दों में कहा जाए तो यह निर्जलीकरण को दूर करने में सहायक होता है। इस स्थिति में आपके शरीर में पानी बहुत अधिक मिलता है जिससे शरीर में पानी की मात्रा बहुत अधिक हो जाती है। मार्शमैलो रूट एक औषधीय जड़ी-बूटी है जिसमें कुछ सक्रिय यौगिक होते हैं जो आपके शरीर में पेशाब वृद्धि करने में मदद करते हैं। और साथ ही आपके शरीर में तरल पदार्थ को संतुलित करने में मदार हैं। इससे आपके शरीर में तरल पदार्थ को संतुलित करने में आसानी होती है।
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आप औषधीय गुणों से भरपूर मार्शमैलो टी बनाने के लिए एक जार में इस जड़ी-बूटी (लगभग 1 चौथाई जार) डालें। इस जार में आप गर्म पानी डालें और इसे ढक्कन से ढक दें। आप इस जार को लगभग 6 घंटे या पूरी रात के लिए ऐसे ही रखे रहने दें। आप अगली सुबह इस पानी का रंग हल्का पीला देखेंगे। आप इसे किसी पतले कपड़े या छन्नी से छान लें। आपको जो गढ़ा तरल पदार्थ मिलेगा वह आपकी मार्शमैलो चाय है। लेकिन इसकी कितनी मात्रा का सेवन करना चाहिए इसकी जानकारी होना भी आवश्यक है। आइए जाने मार्शमैलो के सेवन करने की निर्धारित मात्रा क्या है।
विभिन्न प्रकार की स्वासथ्य समस्याओं से बचने के लिए मार्शमैलो रूट का उपभोग किया जाता है लेकिन इसके फायदे निश्चित खुराक पर ही होते हैं। आइए जाने मार्शमैलो की निर्धारित खुराक।
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आयुर्वेदिक औषधी होने के बाद भी यदि अधिक मात्रा में इसका सेवन किया जाता है तो इसके कुछ दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं जो इस प्रकार हैं।
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