Massage During Pregnancy In Hindi गर्भावस्था में मालिश चिकित्सा प्राचीन काल से चली आ रही है और इसे आयुर्वेदिक उपचार का एक हिस्सा माना जाता है। लेकिन क्या गर्भावस्था के दौरान मालिश करना सही है? ऐसा इसलिए पूछा जाता है क्योंकि पारंपरिक शरीर की मालिश पूरे स्वास्थ्य को बढ़ावा देने, तनाव को कम करने और मांसपेशी तनाव को दूर करने में मदद करती है। गर्भावस्था के दौरान मालिश अक्सर स्वास्थ्य स्थिति, महिला की सुरक्षा और उद्देश्य आदि को ध्यान में रख कर करना चाहिए। कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि प्रसवपूर्व मालिश गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य में बेहद मदद करती है। लेकिन गर्भावस्था के दौरान मालिश बहुत ही सावधानी से की जानी चाहिए। आज इस आर्टिकल में आप गर्भावस्था के दौरान मालिश के फायदे, नुकसान और इससे जुड़ी अन्य जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं।
विषय सूची
1. क्या गर्भवती महिलाओं के लिए मसाज थेरेपी सही है – Is The Massage Therapy Right For Pregnant Women In Hindi
2. प्रेगनेंसी में पेट की मसाज के फायदे – Benefits Of Stomach Massage During Pregnancy In Hindi
- प्रेगनेंसी में मालिश कराने पर हार्मोंन संतुलन – Massage During Pregnancy For Balanced Hormones In Hindi
- गर्भवती महिला की मसाज सूजन कम करे – Massage While Pregnant Reduces Swelling In Pregnant Woman In Hindi
- मालिश थेरेपी गर्भवती महिलाओं का तंत्रिका दर्द में दे राहत – Body Massage During Pregnancy Reduces Nerve Pain In Hindi
- प्रेगनेंसी में तेल से पेट की मसाज के फायदे तनाव का कम होना – Pregnancy Me Tel Se Pet Ki Malish Stress Kare Kam In Hindi
- गर्भवती महिलाओं की तेल से मसाज मतली को रोके – Belly Massage During Pregnancy reduce Nausea In Hindi
- गर्भावस्था के दौरान मालिश दिल की धड़कन नियंत्रित करे – Massage In Pregnancy Controls Heartbeat In Hindi
- प्रेगनेंसी में तेल से पेट की मसाज के फायदे दर्द को कम करने में – Body Massage While Pregnant Reduces Pain In Hindi
- गर्भावस्था के दौरान मालिश के अन्य लाभ – Other Benefits Of Massage During Pregnancy In Hindi
3. गर्भावस्था के दौरान मालिश के टिप्स – Tips For Massage Before Delivery In Hindi
क्या गर्भवती महिलाओं के लिए मसाज थेरेपी सही है – Is The Massage Therapy Right For Pregnant Women In Hindi
गर्भावस्था के समय मसाज चिकित्सा को अपनाने वाली महिलाओं को इसकी सुरक्षा पर विशेष ध्यान देना चाहिए। गर्भावस्था के दौरान मालिश हमेशा प्रमाणित और प्रशिक्षित व्यक्तियों द्वारा ही कराई जाना चाहिए। यदि सही तरीके से और अनुभवी व्यक्ति द्वारा मसाज की जाती है तो यह गर्भवती महिलाओं के लिए बहुत ही फायदेमंद होती है।
लेकिन कई डॉक्टर पहली तिमाही में गर्भवती महिला को मालिश न करवाने की सलाह देती हैं, क्योंकि इस दौरान गर्भपात होने का खतरा सबसे ज्यादा होता है। लेकिन आपको यह भी जानना जरूरी है कि गर्भावस्था के दौरान मालिश करवाना अपने आप में या अकेले ही गर्भपात का कारण नहीं बनता, मगर फिर भी गर्भावस्था में मालिश कराने के लिए पहले डॉक्टर की सलाह लेना बेहतर होता है। आइए जाने गर्भावस्था के दौरान मालिश के क्या फायदे हैं।
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गर्भावस्था में मालिश करवाने के क्या फायदे हैं? – Benefits Of Massage During Pregnancy In Hindi
कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि गर्भावस्था के दौरान मालिश चिकित्सा लेना फायदेमंद होता है। इस दौरान मालिश थेरेपी लेने से चिंता, तनाव, अवसाद आदि के लक्षणों को कम करने में मदद मिलती है। ऐसा करने से मांसपेशीयों में दर्द और संयुक्त दर्द आदि से भी छुटकारा मिल सकता है। गर्भावस्था के दौरान की जाने वाली मालिश अलग-अलग तकनीक से की जाती है जिसके अलग-अलग फायदे होते हैं। गर्भावस्था के दौरान मालिश के फायदे रक्त परिसंचरण को भी स्वस्थ्य रखने में मदद करते हैं। आइए जाने और लाभ जो गर्भवती महिला को गर्भावस्था के दौरान मालिश लेने से प्राप्त होते हैं।
प्रेगनेंसी में मालिश कराने पर हार्मोंन संतुलन – Massage During Pregnancy For Balanced Hormones In Hindi
पहले किये गए कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि महिलाओं की प्रसवपूर्व देखभाल के लिए प्रेगनेंसी में मालिश से आराम और तनाव से छुटकारा मिलता है। तनाव बढ़ाने के लिए शरीर में कुछ हार्मोन जिम्मेदार होते हैं। नियमित रूप से मालिश करवाने से न केवल तनाव कम होता है बल्कि यह कार्डियोवैस्कुलर (Cardiovascular) स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा होता है। केवल पांच सप्ताह तक नियमित रूप से प्रति सप्ताह 2 बार मालिश करवाने वाली महिलाओं में नोरएपिनेफ्रीन और कोर्टिसोल (Norepinephrine And Cortisol) जैसे हार्मोन को कम किया जा सकता है। ये हार्मोन तनाव को बढ़ाते हैं। इसके अलावा शरीर में डोपामाइन और सेरोटोनिन (Dopamine And Serotonin) के स्तर में वृद्धि होती है जो कि तनाव को कम करने में मदद करते हैं। इस तरह से गर्भावस्था के दौरान मालिश के फायदे महिला स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं।
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गर्भवती महिला की मसाज सूजन कम करे – Massage While Pregnant Reduces Swelling In Pregnant Woman In Hindi
ऐसा माना जाता है कि गर्भावस्था के दौरान मालिश करने से जोड़ो की फूलन और सूजन को कम किया जा सकता है। इस प्रकार की सूजन से रक्त परिसंचरण भारी हो जाता है जिससे रक्त वाहिकाओं में विशेष दवाब उत्पन्न होता है। उचित मालिश लेने से जोड़ों में तरल पदार्थ के जमाव को कम करने में मदद मिलती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि मालिश नरम हड्डियों के तरल पदार्थ को अवशोषित करने के लिए उत्तेजित करती है। इस तरह से गर्भावस्था के दौरान मालिश के लाभ प्राप्त किये जा सकते हैं।
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मालिश थेरेपी गर्भवती महिलाओं का तंत्रिका दर्द में दे राहत – Body Massage During Pregnancy Reduces Nerve Pain In Hindi
गर्भावस्था में देरी के कारण बहुत सी महिलाओं को तंत्रिका दर्द (नसों में दर्द) का अनुभव होता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि गर्भाशय श्रोणि तल की मांसपेशियों और पेट के निचले हिस्से पर रहता है। गर्भाशय का दबाव पैर की मांसपेशियों में तनाव फैलाता है जिससे पैरों में सूजन आ जाती है। लेकिन मालिश थेरेपी लेने से मांसपेशीय तनाव को कम करने में मदद मिलती है। मांसपेशीय तनाव (Muscular Stress) को कम करने से सूजन और दर्द से राहत मिल सकती है। अध्ययनों से भी यह साबित होता है कि मालिश के माध्यम से गर्भावस्था के दौरान तंत्रिका संबंधी दर्द को कम किया जा सकता है।
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प्रेगनेंसी में तेल से पेट की मसाज के फायदे तनाव का कम होना – Pregnancy Me Tel Se Pet Ki Malish Stress Kare Kam In Hindi
अध्ययनों से पता चलता है कि गर्भावस्था के दौरान मालिश प्राप्त करने के बहुत से लाभ होते हैं। जिनमें तनाव से छुटकारा भी शामिल है। गर्भवती महिला की सही मालिश करने से उसे शारीरिक और मानसिक दोनों ही प्रकार के तनाव से राहत मिल सकती है। मांसपेशियों और संयुक्त दर्द से राहत के साथ अवसाद के लक्षणो को कम करने से प्रसव की समस्याओं को कम किया जा सकता है। जिसके परिणाम स्वारूप गर्भवती महिला और शिशु के स्वास्थ्य में सकारात्मक असर पड़ता है।
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गर्भवती महिलाओं की तेल से मसाज मतली को रोके – Belly Massage During Pregnancy reduce Nausea In Hindi
जब महिलाएं गर्भवती होती हैं तो मतली उनकी प्रमुख समस्याओं में से एक होती है। लेकिन गर्भावस्था के दौरान मालिश इस समस्या से उन्हें छुटकारा दिला सकती है। जिससे उन्हें पर्याप्त आराम करने मे मदद मिलती है। इस तरह से गर्भवती महिलाओं के लिए मालिश बहुत ही फायदेमंद होती है।
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गर्भावस्था के दौरान मालिश दिल की धड़कन नियंत्रित करे – Massage In Pregnancy Controls Heartbeat In Hindi
कुछ गर्भवती महिलाओं के लिए मालिश बहुत लाभदायक होती है। क्योंकि इस दौरान महिलाओं के हृदय की गति के अनियंत्रित होने की संभावना बहुत अधिक रहती है। अनियंत्रित हृदय गति न केवल महिला बल्कि उसके बच्चे के लिए भी गंभीर हो सकती है। लेकिन इस दौरान मालिश थेरेपी लेने से हृदय की गति को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।
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प्रेगनेंसी में तेल से पेट की मसाज के फायदे दर्द को कम करने में – Body Massage While Pregnant Reduces Pain In Hindi
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं का शरीर अतिसंवेदनशील स्थिति में होता है। गर्भावस्था के दौरान महिलाएं पेट दर्द, गर्दन में दर्द, कमर दर्द, पीठ का दर्द, हाथ पैर मे ऐंठन आदि समस्याओं के लिए प्रवीण होती हैं। इस प्रकार की सभी समस्याओं को दूर करने में शारीरिक मालिश उनकी मदद करती है। इसलिए गर्भावस्था के दौरान मालिश महिलाओं के लिए उपयोगी मानी जाती है।
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गर्भावस्था के दौरान मालिश के अन्य लाभ – Other Benefits Of Massage During Pregnancy In Hindi
यदि सही तरीके से गर्भावस्था के दौरान महिला को मसाज थेरेपी दी जाए तो यह उनके और बच्चे के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होती है। गर्भावस्था के दौरान मालिश के अन्य लाभ इस प्रकार हैं –
- मालिश पीठ के दर्द को कम कर सकती है।
- रक्त परिसंचरण को स्वस्थ रखने में मालिश का विशेष योगदान होता है।
- मालिश शारीरिक सूजन को कम करने में सहायक है।
- मसाज से शरीर में ताजा ऑक्सीजन के प्रवाह में मदद करती है।
- मालिश अच्छी नींद लाने में सहायक है।
- मसाज थेरेपी रक्तवाहिकाओं को स्वस्थ्य रखने में मदद करती है।
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गर्भावस्था में मालिश के लिए कौन से तेल इस्तेमाल कर सकते हैं? – What oils can be used for massage in pregnancy in Hindi?
जब बात गर्भावस्था में मालिश के लिए तेल के इस्तेमाल की आती है तो इसमें हर किसी की अपनी अलग पसंद होती है। मालिश के लिए आपको ऐसे तेल, लोशन या क्रीम की आवश्यकता होती है जिससे त्वचा को चिकनाहट मिले और उसपर हाथ अच्छी तरह से चल सकें।
अधिकांश महिलाएं गर्भावस्था में मालिश के लिए पारंपरिक तेल जैसे नारियल का तेल, तिल का तेल, बादाम का तेल, जैतून का तेल और सरसों के तेल का इस्तेमाल करती हैं।
विटामिन ई युक्त एक सॉफ्ट मॉइस्चराइज़र भी गर्भावस्था में मालिश के लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है, क्योंकि यह त्वचा की खुजलाहट को कम करने में मदद करता है। इसके आलावा आप कुसुम का तेल, जोजोबा तेल, अंगूर के बीज का तेल और मुख्य रूप से बच्चों के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले तेल भी आजमा सकती हैं। इस दौरान कई महिलाएं ऑर्गैनिक तेलों के विशेष मिश्रण से बने तेल का इस्तेमाल करना भी पसंद करती हैं।
हालांकि, अगर आप एसेंशियल ऑयल से अरोमाथेरेपी मालिश कराने की योजना बना रही हैं, तो आपको अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है। क्योंकि गर्भावस्था के दौरान कुछ एसेंशियल ऑयल हानिकारक हो सकते हैं। इनका चयन करने से पहले बोतल के लेबल को ध्यान से पढ़ें।
गर्भावस्था के दौरान मालिश के टिप्स – Tips For Massage Before Delivery In Hindi
एक महिला के लिए गर्भावस्था एक खास एहसास होता है। लेकिन इस दौरान आवश्यकता से अधिक प्रयोग हानिकारक हो सकते हैं। जहां तक संभव हो इस दौरान मालिश न लें। यदि आप मालिश लेना चाहती हैं तो किसी प्रशिक्षित व्यक्ति द्वारा ही मालिश प्राप्त करें। इसके अलावा मालिश प्रदाता (Massage Therapist) आपकी संवेदनाओं को समझने की सिर्फ कोशिश कर सकता है न कि उन्हें पूरी तरह से समझ जाना। इसलिए मालिश लेने के दौरान बहुत ही सावधान रहने की आवश्यकता होती है। आइए जाने मालिश को और भी प्रभावी बनाने के लिए अन्य टिप्स के बारे में ।
- गर्भावस्था के दौरान मालिश करवाने से पहले आपको अपने शरीर को हाइड्रेट रखना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को वैसे भी अतिरिक्त तरल पदार्थ का सेवन करने की आवश्यकता होती है। इसलिए मालिश प्राप्त करने के पहले और बाद में कुछ गिलास पानी पीना फायदेमंद होता है।
- इसके अलावा प्रसव का समय नजदीक आने पर मालिश नही लेनी चाहिए। क्योंकि यह आपके बच्चे के लिए खतरे को बढ़ा सकता है।
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प्रेगनेंसी में किस तरह की मालिश नहीं करवानी चाहिए? – What kind of massage should not be done in pregnancy in Hindi?
यदि डॉक्टर ने आपको मालिश कराने की अनुमति दे दी है तो उसके बाद आपको मालिशवाली या मसाज थैरेपिस्ट को यह बताना जरुरी है कि गर्भावस्था के दौरान शरीर के कौन से हिस्सों की मालिश नहीं करनी है।
उदाहरण के लिए, हो सकता है कि आप मालिशवाली को अपने बढ़े हुए पेट और इसके आसपास की जगह मालिश करने न देना चाहें। इसकी बजाय, आप अपने सिर की , गर्दन की, कंधे की, हाथ, पीठ और पैरों की मालिश करवा सकती हैं। आपको इस बात का ध्यान रखना है अनुभवी गर्भावस्था मालिशवाली और थैरेपिस्ट कभी भी तेज, दवाव के साथ मालिश नहीं करेंगे। बल्कि वे केवल लंबे, कोमल और सहज तरीके से हाथ चलाएंगी। हालाकि, यदि गर्भावस्था में मालिश कराते समय आपको थोड़ी भी असहजता हो तो तुरंत उन्हें बता दें।
यदि आपको मालिश के बाद किसी प्रकार का दर्द या असहजता महसूस होती है, तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
गर्भावस्था की मालिश एक प्रकार है जो नियमित मालिश के समान ही है लेकिन यह गर्भवती महिलाओं की जरूरतों और उनके बदलते शरीर के लिए अनुकूलित होती है। एक नियमित मालिश की तरह, जन्मपूर्व मालिश का उद्देश्य तनावग्रस्त मांसपेशियों को आराम देना, रक्त परिसंचरण में मदद करना, व्यथा (पीड़ा) और दर्द को कम करना और आपको स्वस्थ्य होने की भावना देना है। गर्भावस्था के पहले, गर्भावस्था के दौरान और गर्भावस्था के बाद में मालिश कराना (विशेष रूप से जन्म के बाद के पहले 40 दिनों के दौरान) भारत जैसे देश में एक लंबी परंपरा रही है।
ध्यान रखें कि कुछ अनुभवहीन मालिशवाली गर्भावस्था के दौरान मालिश करने की कम कीमत लेती हैं या कभी-कभी घरेलू काम करने वाली कामवाली भी अतिरिक्त शुल्क लेकर आपकी मालिश करने को कह सकती हैं। हालांकि, चाहे आपको फीस बहुत ज्यादा लगे मगर हमेशा प्रतिष्ठित और अनुभवी मालिशवाली से ही इस समय अपनी मालिश कराएँ, क्योंकि यह आपके साथ-साथ आपके अजन्मे बच्चे की सुरक्षा का सवाल है।
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