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खसरा के कारण, लक्षण, इलाज एवं बचाव – Measles Causes Symptoms Treatment and Prevention in Hindi

Measles in Hindi खसरा (khasra) एक वायरल इंफेक्शन है जो श्वसन तंत्र (respiratory system) में होता है। यह एक संक्रामक बीमारी मानी जाती है और एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संक्रमित श्लेष्म (mucus) या लार (saliva) के जरिए फैलती है। यह बीमारी आमतौर पर बच्चों को होती है। एक संक्रमित व्यक्ति के छींकने और कफ के माध्यम से संक्रमण हवा में फैल जाता है और उस हवा में सांस (breath) लेने से दूसरा व्यक्ति भी बहुत आसानी से इस बीमारी के चपेट में आ जाता है। खसरा बच्चों में मौत का सबसे बड़ा कारण है और हर साल हजारों बच्चे इस बीमारी की चपेट में आकर मर जाते हैं। इस संक्रमण के शुरूआत में मस्तिष्क की कोशिकाओं (brain cell) में सूजन आ जाता है और बाद में समस्या गंभीर होने पर कई सालों बाद व्यक्ति का मस्तिष्क क्षतिग्रस्त हो जाता है।

1. खसरा के कारण – khasra ke karan, Causes of measles in Hindi
2. खसरा के लक्षण – khasra ke lakshan, Symptoms of measles in Hindi
3. खसरा का निदान – khasra ki Janch, Measles Diagnosis in Hindi
4. खसरा का इलाज – Treatment of measles in Hindi
5. खसरा में क्या खाना चाहिए – Measles diet in hindi
6. खसरा में क्या नहीं खाना चाहिए – Do not eat in measles in hindi
7. खसरा का आयुर्वेदिक घरेलू उपचार – Khasra Ka Gharelu Upchar in Hindi
8. खसरा से बचाव – Prevention of measles in Hindi

खसरा के कारण – khasra ke karan, Causes of measles in Hindi

Khasra/ खसरा एक बेहद संक्रामक बीमारी है जो पैरामिक्जो वायरस (paramyxovirus) के कारण होती है। यह संक्रमित व्यक्ति के कफ, छींकने, सांस लेने और नाक बहने के कारण छोटी-छोटी बूंदों (droplets) के जरिए दूसरे व्यक्ति में भी फैल जाती है। इसके अलावा वायरस के संपर्क में आने के बाद मुंह में उंगली डालने, नाक रगड़ने, आंखों को छूने से भी संक्रमण फैल जाता है जिसके कारण व्यक्ति खसरे से पीड़ित हो जाता है। लगभग 90 प्रतिशत लोग दूसरे व्यक्ति में यह वायरस होने से उसके संपर्क में आने के कारण इस समस्या से ग्रसित हो जाते हैं। लेकिन इंफ्लूएंजा वायरस के विपरित खसरा उत्पन्न करने वाले वायरस लंबे समय तक जिंदा नहीं रहते हैं। यह हवा में उत्पन्न होते हैं और अधिक संक्रामक होते हैं।

खसरा  का संक्रमण निम्न कारणों से फैलते हैं।

  • किसी वस्तु में वायरस उत्पन्न होने के दो घंटे के भीतर उसे छूने से
  • संक्रमित व्यक्ति (infected person) के शारीरिक संपर्क में आने से
  • संक्रमित व्यक्ति के कफ, लार, नाक के पानी से संक्रमित जगह को हाथों से छूने या उसके संपर्क में आने से।

एक स्टडी में पाया गया है कि खसरे का टीका (vaccine) लगवाये बिना यदि कोई व्यक्ति खसरा से पीड़ित मरीज के साथ रहता है तो ऐसे सिर्फ 10 प्रतिशत लोगों में ही खसरा होने की संभावना नहीं होती है। इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। उसे डायरिया, उल्टी, आंख में संक्रमण और कान में संक्रमण, हेपेटाइटिस सहित कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।

खसरा के लक्षण – khasra ke lakshan, Symptoms of measles in Hindi

आमतौर पर वायरस के संपर्क में आने के लगभग 14 दिनों बाद खसरा के लक्षण उत्पन्न होने लगते हैं। शुरूआत में प्रायः सिर्फ हल्का बुखार आता है लेकिन बाद में यह गंभीर हो जाता है और कई दिनों तक बना रहता है। लेकिन जब शरीर पर लाल चकते (rash) दिखायी देने लगते हैं तब बुखार लगातार नहीं बना रहता है। खसरा के लक्षण निम्न हैं।

  • गले में कफ बनना
  • बुखार आना
  • आंखें लाल होना
  • प्रकाश के प्रति संवेदनशील होना
  • मांसपेशियों में दर्द
  • नाक बहना
  • गले में खराश (sore throat)
  • मुंह के अंदर सफेद धब्बे पड़ जाना
  • आंखों से पानी बहना और झींक आना

इसके अलावा कान के पीछे लाल चकते (red rashes) उभर आते हैं जो सिर एवं गर्दन तक फैल जाते हैं। कुछ दिनों के बाद ये लाल चकते पैरों सहित पूरे शरीर पर फैल जाते हैं। जैसे-जैसे ये लाल चकते बढ़ते जाते हैं आपस में मिलकर पूरे शरीर को घेर लेते हैं। इस स्थिति  में शरीर में खुजली शुरू हो जाती है।

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खसरा का निदान – khasra ki Janch, Measles Diagnosis in Hindi

डॉक्टर आमतौर पर मरीज के शरीर में लक्षणों को देखकर ही खसरे का निदान करते हैं। इसके अलावा शरीर में रूबेला वायरस का पता लगाने के लिए ब्लड टेस्ट भी किया जाता है। डॉक्टर मरीज का शारीरिक परीक्षण करते हैं और बुखार, शरीर पर चकत्ते, कफ, छींकने, और आंखें लाल होने जैसे लक्षणों का गहन जांच करने के बाद खसरा होने की पुष्टि करते हैं।

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खसरा का इलाज – Treatment of measles in Hindi

Khasra का कोई विशिष्ट (specific) उपचार नहीं किया जाता है। लेकिन यदि यह बीमारी अधिक गंभीर न हो तो डॉक्टर आमतौर पर पर्याप्त आराम और भरपूर मात्रा में तरल पदार्थ (fluids) लेने की सलाह देते हैं ताकि शरीर को डिहाइड्रेशन

से बचाया जा सके। खसरा के लक्षण आमतौर पर 7 से 10 दिनों के अंदर खत्म हो जाते हैं।

खसरा के लिए कुछ सामान्य से इलाज मौजूद हैं। पीड़ित मरीज के शरीर के तापमान को कम करने के लिए उसे टिलेनॉल (Tylenol) या इबुप्रोफेन (ibuprofen) नामक दवा दी जाती है जो बुखार, दर्द औऱ शरीर में ऐंठन को नियंत्रित करने में मदद करता है। यदि खसरा से पीड़ित बच्चा 16 साल से कम उम्र का हो तो उसे एस्प्रीन नहीं देना चाहिए।

इसके अलावा मांसपेशियों में दर्द को नियंत्रित करने के लिए एसिटामिनोफेन (acetaminophen) नामक दवा दी जाती है। पर्याप्त पानी पीने सहित विटामिन ए युक्त खाद्य पदार्थ पर्याप्त मात्रा में लेने की सलाह डॉक्टर देते हैं। यदि 12 महीने से अधिक उम्र का बच्चा खसरा से पीड़ित हो तो उसे एक गिलास गर्म पानी में नींबू का रस और दो चम्मच शहद मिलाकर पिलाएं। लेकिन बच्चा दो साल से भी कम उम्र का हो तो उसे शहद (honey) न खिलाएं। 2 साल से कम उम्र के बच्चे को विटामिन ए युक्त पूरक आहार (supplements) खिलाएं। यह खसरे के लक्षणों को कम करने में बहुत मदद करता है।

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खसरा में क्या खाना चाहिए – Measles diet in hindi

  • अंगूर, संतरे और नींबू की तरह विटामिन सी में समृद्ध खाद्य पदार्थ का सेवन करना उपयोगी होता है।
  • पालक, हरे पत्तेदार सब्जियों आदि जैसे विटामिन ए में समृद्ध उत्पादों का उपभोग करें।
  • रोगी को एक नरम आहार दिया जाना चाहिए जिसमें फल, अनाज, और ब्लेंड सूप शामिल हों।
  • ½ कप पानी, थोड़ा अदरक, मीठी तुलसी (तुलसी) और पुदीना की 2-3 पत्तियों को उबालकर लिया जा सकता है इस मिश्रण से प्रतिरक्षा तंत्र में वृद्धि की जा सकती है।

खसरा में क्या नहीं खाना चाहिए – Do not eat in measles in hindi

जैसा की आपने जाना कुछ खाद्य पदार्थ खसरा रोगियों के लिए अच्छे हैं, लेकिन कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ भी हैं जो इस स्थिति को और भी खराब बना सकते हैं।

इसलिए सभी गंभीर जटिलताओं से बचने के लिए उचित देखभाल की जानी चाहिए। और साथ ही इन खाद्य पदार्थों से बचा जाना चाहिए:

  • तला हुआ खानाजंक फूड,
  • प्रोसेस्ड फ़ूड
  • भारी मांस
  • मसाले तेल
  • वाष्पित पेय
  • मिठाई और नमकीन नाश्ता
  • चिकना खाना,
  • फैटी खाद्य पदार्थ, और संसाधित वस्तुओं से बचने की कोशिश करें।
  • कैफीन युक्त और मीठे पेय न लें।

इन उपरोक्त खाद्य पदार्थों को पचाने में मुश्किल होती है, इसलिए इसे खसरा रोगी द्वारा सख्ती से बचा जाना चाहिए।

(और पढ़े – कैफीन के फायदे, नुकसान और उपयोग…)

खसरा का आयुर्वेदिक घरेलू उपचार – Khasra Ka Gharelu Upchar in Hindi

दिन के दौरान नियमित अंतराल पर संतरे या नींबू का रस पीएं। इन फलों का खट्टे स्वाद संक्रमण के कारण भूख में आयी कमी को समाप्त कर सकता है। नींबू और नारंगी के रस भी निर्जलीकरण को कम करने और विटामिन सी सामग्री के साथ प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने में मदद करते हैं। शहद या दूध के साथ हल्दी पाउडर को मिलाकर पीने से खसरा को ठीक करने में सहायता मिल सकती है, क्योकि यह प्रतिरक्षा शक्ति को बढ़ावा देती है। खांसी और गले की खरास को कम करने के लिए बच्चों को शहद के साथ लाइसोरिस पाउडर (licorice) मिलाकर दिया जा सकता है। (और पढ़े – डिहाइड्रेशन से बचने के घरेलू उपाय, जानलेंगें तो कभी नहीं होगी पानी की कमी…)

जौ का पानी खसरा के दौरान शुष्क, और भारी खांसी के खिलाफ राहत प्रदान कर सकता है साथ ही जौ के पानी से स्नान त्वचा की जलन को शांत कर सकता है और खुजली को कम कर सकता है। जैसे ही स्थिति में सुधार होता है, बच्चे को कुछ दिनों के लिए फल आहार पर रखा जा सकता है। इसके बाद बच्चे को नियमित रूप से भोजन दिया जा सकता है, लेकिन वह बहुत संतुलित मात्रा में होना चाहिए। इन फलों के माध्यम से उपलब्ध विटामिन के साथ ताजा फल और सब्जियों का सेवन, खसरा जैसी बीमारी से वापसी में एक बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

(और पढ़े – खांसी का घरेलू उपचार, ड्राई कफ हो या वेट कफ…)

खसरा से बचाव – Prevention of measles in Hindi

चूंकि खसरा एक संक्रामक बीमारी है इसलिए इस बीमारी से बचाव करना बहुत जरूरी है ताकि यह संक्रमण अन्य व्यक्तियों में न फैले। आइये जानते हैं कि खसरा से किस तरह बचाव किया जा सकता है।

  • यदि घर में कोई व्यक्ति खसरा से पीड़ित हो तो घर के दूसरे समस्यों को उसके संपर्क से दूर रखें।
  • Khasra से बचने के लिए हर व्यक्ति को खसरा का वैक्सीन (टीका) लगवाना चाहिए ताकि किसी संक्रमित (infected) व्यक्ति के संपर्क में आने से उसे यह बीमारी न हो।
  • जिन लोगों का इम्यून सिस्टम कमजोर है उन्हें इम्युनिटी बढ़ाने के उपाय करने चाहिए अन्यथा वे बहुत जल्द ही इस बीमारी के चपेट में आ सकते हैं।

(और पढ़े – रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के उपाय…)

Anamika

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