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30 साल की उम्र के बाद हर महिला को करवाने चाहिए ये मेडिकल टेस्ट –  Medical Tests Required For Women After 30 in Hindi

महिलाएं अपने जीवन में एक मां, बहन, पत्नी जैस कई किरदार निभाती है और हर किरदार को बखूबी निभाने के चलते वे अपने स्वास्थ्य को कहीं ना कहीं दरकिनार करती जाती हैं। हर महिला अपने जीवन में को हार्मोन परिवर्तन, पीरियड्स, गर्भाधारण, दूधपान कर वाना, मेनोपॉज जैसे शारीरिक परिवर्तनों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में हर महिला को यह याद रखना चाहिए की जीवन का पहला सुख निरोगी काया है अगर वे अपने स्वास्थ्य का ख्याल नहीं रख सकती तो उन्हें गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ता है। हर महिला को अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहना चाहिए और 30 साल की उम्र के बाद रेगुलर मेडिकल चैक-अप करवाना चाहिए। इस आर्टिकल में हम बताएंगे की 30 साल की उम्र के बाद हर महिला को कौन-कौन से मेडिकल टेस्ट करवाने चाहिए (Medical Checkup for women after 30 in Hindi)और क्यों?

30 साल की उम्र के बाद महिलाओं के लिए आवश्यक मेडिकल टेस्ट Medical Tests Required For Women After 30 in Hindi

उम्र बढ़ने के साथ ही महिलाओं के स्‍वास्‍थ्‍य और शरीर में कई प्रकार के परिवर्तन आते हैं। आइए जाने 30 की उम्र के बाद महिलाओं के लिए आवश्‍यक मेडिकल टेस्‍ट क्‍या हैं।

1. इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम Electrocardiogram Checkup For Women in Hindi

इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम टेस्ट यह बताता है कि आपका हृदय स्वस्थ है और यह सही तरह से पंपिग कर रहा है। हृदय का काम है कि वह शरीर के सभी हिस्सों में रक्त प्रवाह को बनाए रखता है ऐसे में हृदय का स्वस्थ रहना जरूरी होता है। 30 साल की उम्र के बाद हर चार साल में एक बार हर महिला को यह टेस्ट करवाना चाहिए।

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2. ब्लड प्रेशर की जांच भी है जरुरीBlood Pressure Checkup For Women After 30 in Hindi

ब्लड प्रेशर चाहें नॉर्मल हो या ना हो हर महिला को 30 की उम्र के बाद ब्लड प्रेशर जरूर चेक करवाना चाहिए। ब्लड प्रेशर हार्ट की बीमारियों, कीडनी की परेशानियों, स्ट्रोक आदि का कारण हो सकता है इसलिए ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखना जरूरी होता है। हर 2 साल में एक बार आपको यह टेस्ट जरूर करवाना चाहिए।

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3. रेक्टल एक्जाम Rectal Exam For Women After 30 in Hindi

30 की उम्र के बाद महिलाओं को रेक्टल एक्जाम यानि गुदा परीक्षण जरूर करवाना चाहिए। रेक्टल इंजरी, कैंसर और बवासीर जैसी समस्याओं के शिकार होने का खतरा 30 की उम्र के बाद बढ़ जाता है ऐसे में हर महिला के लिए ये टेस्ट जरूरी होते हैं।

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4. कोलेस्ट्रोल चेकअप Cholesterol Checkup For Women After 30 in Hindi

30 साल की उम्र के बाद कोलेस्ट्रोल का लेवल

चेक करना भी काफी जरूरी होता है। हाई कोलेस्ट्रोल कई बीमारियों को पैदा करता है इसलिए अपना कोलेस्ट्रोल लेवल को चेक करवा कर आप अपनी डाइट को नियंत्रित कर सकते हैं।

(और पढ़े – जानें कि क्या होता है अच्छा (HDL) एवं बुरा (LDL) कोलेस्ट्रॉल)

5. डायबिटीज चेकअप Diabetes Checkup For Women After 30 in Hindi

30 साल की उम्र के बाद ब्लड और यूरिन टेस्ट करने शरीर में ब्लड शुगर और इंसुलिन के लेवल का पता लगा कर यह तय कर लें की आपको डायबिटीज तो नहीं हैं। 2 साल में एक बार यह टेस्ट जरूर करवाएं।

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6. स्तनों की जाँच – Breast Exam For Women After 30 in Hindi

महिलाओं में स्तन कैंसर का खतरा सबसे अधिक होता है ऐसे में स्तन कैंसर और स्तनों की बीमारियों से दूर रहने के लिए हर 6 महीनें में स्तनों का चेकअप जरूर करवाना चाहिए। स्तनों को खुद से चेकअप करके देखें की उसमें कोई गांठ  है या नहीं? अगर स्‍तन में गांठ हो तो डॉक्टर से परामर्श जरुर लें।

(और पढ़े – स्तन कैंसर कारण, लक्षण और बचाव के तरीके)

7. एचपीवी टेस्ट करवाएं HPV Test For Women After 30 in Hindi

यौन संक्रमण के कारण सर्विकल कैंसर तक होने का खतरा रहता है इसलिए एचपीवी टेस्ट करवाना आवश्यक होता है। हर महिला को 30 साल की उम्र के बाद हर साल एचपीवी टेस्ट करवाना चाहिए।

(और पढ़े – जानें सर्वाइकल कैंसर कैसे होता है)

8. पैप स्मीयर Pap Smear For Women After 30 in Hindi

महिलाओं के लिए पैप स्मीयर टेस्ट काफी जरूरी होता है जो कि सर्विकल कैंसर से रक्षा करता है। हर दो साल में एक बार पैप स्मीयर टेस्ट जरूर करवाना चाहिए।

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9. एसटीडी स्क्रिनिंग STD Screenings For Women After 30 in Hindi

असुरक्षित यौन संबंध या एक से अधिक पार्टनर होने के कारण यौन संबंध बनाने पर संक्रमण का खतरा हो सकता है। यौन संक्रमित बीमारियों के कारण गोनोरिया, पेल्विक इंफ्लेमेंट्री डिजीज हो सकती है जिससे सर्विक कैंसर हो सकता है। इसलिए हर 6 महीने में सर्विक स्क्रिनिंग जरुरी होती है।

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10. थाइरॉइड टेस्ट Thyroid Test For Women After 30 in Hindi

थाइरॉइड के कम सक्रिय होने के कारण आपको ब्लड टेस्ट करवाना आवश्यक होता है क्योंकि इससे वजन बढ़ सकता है। वहीं 35 साल की उम्र के बाद थाइरॉइड डिजीज होने की संभावना बढ़ जाती है इसलिए 30 साल की उम्र के बाद हर साल थाइरॉइड टेस्ट करवाएं।

(और पढ़े – थाइरोइड स्टिमुलेटिंग हार्मोन टेस्ट, प्रक्रिया, रिजल्ट और कीमत

Anshika sarda

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