Mehndi ke fayde in Hindi मेंहदी जिसे हिना भी कहते है इसका उपयोग बालों को प्राकृतिक रंग देने के लिए किया जाता है। मेंहदी के फायदे आपके बालों के स्वास्थ्य के लिए बहुत ज्यादा है। यह बालों को नरम और चमकदार (soft and shiny) बनाने में मदद करती है। हिना सबसे अच्छी बाल सौंदर्य सामग्री में से एक है जिसे भारत ने अन्य देशों के साथ साझा किया है। सदियों से महिलाएं मेंहदी के प्राकृतिक गुणों का उपयोग अपने बालों को मजबूत करने, उन्हें पोषण देने और सुंदर बनाने के लिए कर रही है। वे बालों के उपचार के लिए मेंहदी के पत्तों का उपयोग करती हैं। आधुनिक महिलाएं बालों के उपचार (hair therapy) के लिए मेंहदी पाउडर का उपयोग भी करती हैं।
बालों के लिए मेंहदी सबसे अच्छे विकल्पों में से एक इसलिए है क्योंकि यह एक प्राकृतिक बालों को रंगने वाले एजेंट और कंडीशनर की तरह काम करता है। मेंहदी आपके सिर दर्द से छुटकारा पाने, शरीर को साफ (detoxify) करने, नाखूनों में सुधार करने, त्वचा की रक्षा करने, बालों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने, शरीर को ठंड़ा करने, सूजन को कम करने और उपचार की गति बढ़ाने (speed healing) मे मदद करती है। लेकिन क्या आप अपने सौंदर्य को बढ़ाने में मेंहदी पाउडर के उपयोग के अन्य लाभों के बारे जानते हैं।
विषय सूची
1. मेंहदी का पौधा – henna plants in Hindi
2. हिना मेंहदी का उपयोग – Henna plants uses in Hindi
3. मेंहदी के फायदे – Mehndi ke Fayde in Hindi
4. मेंहदी को बालों में लगाने के लिए कैसे तैयार करें – How to prepare Henna Hair Color Pack in Hindi
5. मेंहदी के नुकसान – Side effects of Henna in Hindi
हिना मेहंदी का पेड़ लिथ्रेसे परिवार से संबंधित है जिसकी लगभग 260 प्रजातियां होती हैं। यह लासनिया जीन पौधों की एक मात्र प्रजाति है। मेंहदी एक कांटेदार सदाबहार झाड़ी है जो लगभग 6 मीटर तक ऊंची हो सकती है। इसमे गहरे हरे, संकीर्ण अंडाकार की पत्तियां होती हैं जो लगभग 5 सेमी. तक लंबी होती हैं। इस पौधे से चाय जैसी सुगंध (tea-like aroma) आती है। इसके फूल सुगंधित और लाल या हल्के गुलाबी रंग के होते हैं जो पिरामिड की आकृति के अनुसार फूलते हैं। मेंहदी के फल नीले और काले बेरी की तरह होते हैं।
मेहंदी के पौधे की पत्तियों (henna leaves) का उपयोग सबसे ज्यादा किया जाता है। इन पत्तियों के उपयोग से कई प्रकार की दवा और डाई के रूप में किया जाता है। लेकिन इसके अलावा इसके फूलों और छालों से निकाले गए आवश्यक तेल का भी उपयोग किया जाता है। मेंहदी तेल निकालने के लिए कम से कम तीन वर्ष पुराने पौधों का उपयोग करना चाहिए। मेंहदी के फूलों को आसवित करके मेंहदी तेल निकाला जाता है।
हिना रूट (Alkanna tinctoria) और हिना में भ्रमित न हों, इसे अल्कान्ना रूट भी कहा जाता है। प्राचीन समय से ही मेंहदी का उपयोग कैंसर, बढ़ी हुई स्पलीन, सिरदर्द, पीलिया, त्वचा रोग और परजीवी (amoebic dysentery) के कारण होने वाले गंभीर दस्त के लिए किया जाता है। इन दिनों लोग पेट और आंतों के अल्सर के उपचार के लिए हिना का उपयोग करते हैं। मेंहदी का उपयोग डैंड्रफ, एक्जिमा, स्टेबीज, फंगल संक्रमण और घावों के उपचार के लिए भी किया जाता है। मेंहदी के उपयोग करने के अन्य बहुत से लाभ है, आइए इन्हें जाने ।
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बालों के झड़ने या गंजापन से पीड़ित लोगों के लिए मेंहदी बहुत ही फायदेमंद होती है। मेंहदी का उपयोग पाउडर, मेंहदी रस या मेंहदी के तेल के रूप में भी किया जाता है। इन उत्पादों में दही का मिश्रण करके बालों में लगाया जाता है जिससे इसकी उपचार क्षमता (efficiency) में वृद्धि होती है।
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अधिकांश लोग अपने बालों के खराब रंग को दूर करने के लिए मेंहदी का उपयोग करते हैं। लेकिन मेंहदी बालों को रंगने के साथ-साथ उनकी ताकत बढ़ाने और एक सुरक्षित डाई का प्रतिनिधित्व करती है।
यह एक प्राकृतिक बाल डाई है यदि आप अपने भूरे बालों को छिपाने के लिए रासायनों का उपयोग नहीं करना चाहते हैं, तो मेंहदी आपके लिए अच्छा विकल्प हो सकती है।
मेंहदी पाउडर में अंडा और शहद को मिलाएं और मिश्रण का एक गहरा रंग प्राप्त करने के लिए लोहे के बर्तन (iron vessel) पर रखें। इस मिश्रण को आप अपने बालों में लगाएं। यह आपके बालों को प्राकृतिक रंग देने में आपकी मदद करेगा।
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नारियल का गर्म दूध (warm coconut milk) और कुछ चम्मच जैतून का तेल के साथ थोड़ी सी मात्रा में मेंहदी को मिलाएं। ध्यान रखें कि मेंहदी पाउडर जैतून के तेल से दोगुना लेना है।
इनको मिला कर एक गाढ़ा पेस्ट तैयार करें और आपने बालों पर लगाएं। इसे एक घंटे तक अपने बालों में लगाए रखने के बाद हल्के शैम्पू से धो लें। यह मिश्रण आपके बालो की शुष्कता (dryness) को दूर करने में मदद करेगा।
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लोग अक्सर अपने बाल, त्वचा और चेहरे (skin and face) को स्वस्थ्य बनाते-बनाते अपने नाखूनों को नजर अंदाज कर देते हैं, लेकिन नाखून के नीचे की चमड़ी और खाली स्थान संक्रमण और जीवाणुओं के लिए उपयुक्त स्थान होता है। इसलिए मेहदी का उपयोग कर अपने नाखूनों का उपचार करना फायदेमंद हो सकता है। पानी में मेंहदी की पत्तियों को डाल कर पीने से नाखनों को टूटने और सूजन को कम किया जा सकता है। नाखून पर मेंहदी का लेप (poulitice) लगाने से नेलबेड़ में जलन, दर्द और संक्रमण को कम किया जा सकता है।
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एंटीआक्सीडेंट गुणों के लिए मेंहदी के पत्ते नहीं जाने जाते हैं लेकिन मेंहदी का तेल एक अस्थिर (astringent) साबित हुआ है। जो लोगों की उम्र बढ़ने और झुर्रियों के संकेतों को कम करने में मदद करता है साथ ही यह चेहरे के भद्दे निशानों और अन्य दोषों को भी कम करता है। यह एंटीवायरल और जीवाणुरोधी गुण वाला होता है जो शरीर के सबसे बड़े अंग (largest organ) त्वचा की रक्षा करता है।
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संक्रमण के खिलाफ त्वचा की सुरक्षा करना और सूजन को कम करना मेंहदी का सबसे लाभकारी उपयोग है। सदियों से मेंहदी का उपयोग जलन, घावों और खरोंच (scrapes) को ठीक करने के लिए उपयोग नहीं किया जाता बल्कि इसलिए भी किया जाता है क्योंकि यह हमारे लिए रोगजनकों (pathogens) और हानिकारक पदार्थों के विरूध सुरक्षात्मक आवरण तैयार करती है। इसमें प्राकृतिक शीतलन क्षमता भी होती है जो गर्मी से त्वचा की रक्षा करती है। मेंहदी में ऐलोवेरा जेल की तरह क्षमता होती है जो इसे सूरज की जलन (sunburns) के लिए बहुत उपयोगी बनाती है।
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आयुर्वेदिक परंपराओं के अनुसार मेंहदी बुखार को कम करने में हमारी मदद करती है। जब लोग बहुत अधिक बुखार से पीड़ित होते हैं उन्हें बुखार पूरे शरीर में तापमान में वृद्धि, अंग क्रिया और चयापचय (metabolism) प्रक्रियाओं के लिए खतरा हो सकती है। ऐसी स्थिति में शरीर के कुल तापमान को नीचे लाना आवश्यक हो जाता है। मेंहदी का उपयोग करने से यह पसीने (sweating) को प्रेरित करने और बुखार को कम करने और शरीर को ठंडा करेने में मदद करती है।
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नींद विकारों को दूर करने के लिए मेंहदी के तेल का उपयोग किया जाता है। यदि आप अनिद्रा या बेचैनी (restlessness) से ग्रस्त हैं तो इस आयुर्वेदिक तेल की कुछ बूंदों को अपने अपने आहार (regimen) में शामिल करें। यह आपकी समस्या को हल कर सकता है। इसका उपयोग करने से आपके शरीर और दिमाग के लिए फायदेमंद होता है।
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यदि आप मेंहदी पानी या मेंहदी बीजों का उपभोग करते हैं तो आप अच्छे रक्तचाप प्रभाव (hypotensive effect) का आनंद ले सकते हैं, जो कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम पर तनाव को कम करता है। यह दिल के दौरे और स्ट्रोक को रोकने, हृदय और धमनियों में पट्टीका और प्लेटलेट (plaque and platelet) बिल्ड–अप को रोकने में मदद करता है।
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पानी में मेंहदी की छाल या पत्तियों को भिगों कर और इसके तेल का उपभाग करने से प्लीहा और यकृत (spleen and liver) के स्वास्थ्य में सुधार किया जा सकता है। यकृत शरीर के लिए सुरक्षात्मक कार्य करता है और शरीर के विषाक्त पदार्थों को खत्म करने में मदद करता है। यकृत के कार्य को अनुकूलित करने से आप अन्य बहुत से health benefits प्राप्त कर सकते हैं।
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सिर दर्द का उपचार करने के लिए मेंहदी के रस का उपयोग किया जाता है। मेंहदी में पाए जाने वाले एंटी-इंफ्लामैट्री (anti-inflammatory) गुणों के कारण तनाव को कम किया जा सकता है और कोशिकाओं में स्वस्थ्य रक्त प्रवाह को बढ़ावा मिलात है, जो सिर दर्द और माइग्रेन (headaches and migraines) का आम कारण है।
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बालों के बेहतर विकास के लिए मेंहदी बहुत ही उपयोगी होती है। मेंहदी पाउडर का उपयोग एक आवश्यक तेल (essential oil) बनाने के लिए उपयोग किया जा सकता है जो आपके बालों के पोषण (nourishes) को बढ़ाता है और उनके विकास में मदद करता है।
इसके लिए आप को 250 मिली लीटर तिल के तेल (Sesame Oil) को तब तक उबालना है जब तक की उससे धुआं न उठने लगे फिर इस गर्म तेल में 4 कप मेंहदी पाउडर मिलाएं और इसे 5-7 मिनिट तक गर्म करें। आपके बालों के लिए औषधीय तेल तैयार है। आप इस आवश्यक तेल को सप्ताह में 2-4 बार लगा सकते हैं।
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नियमित रूप से अपने बालों पर मेंहदी का उपयोग करने से डैंड्रफ की समस्या (dandruff problem) को दूर किया जा सकता है।
आधा घंटे बाद अपने दैनिक उपयोग करने वाले शैम्पू (light shampoo) से बालों को धो लें।
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जैसा की हम जानते है कि मेंहदी एक प्राकृतिक और आयुर्वेदिक उत्पाद है, जिसके हमारे दैनिक जीवन में बहुत अधिक फायदे हैं। कुछ लोगों की मानसिकता होती है कि आयुर्वेदिक चीजें कभी नुकसान नहीं पहुंचाती जो कि लगभग सही भी है। पर कुछ विशेष स्थितियों में आयुर्वेदिक वस्तुएं भी आपके लिए हानिकारक हो सकती हैं। इसलिए उनकी पूरी जानकारी होने पर ही उपयोग करने की सलाह दी जाती है।
मेंहदी के कुछ संभावित नुकसान इस प्रकार हैं :
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