Menorrhagia In Hindi मेनोरेजिया (मासिक धर्म में अधिक रक्तस्राव), पीरियड्स के दौरान महिलाओं में भारी मात्रा में रक्त हानि, लंबे समय तक और अनियमित रूप से रक्तस्राव होने की एक स्थिति है। अतः महिलाओं में एक चक्र के दौरान 80 मिली लीटर से अधिक रक्त का नुकसान, मेनोरेजिया या पीरियड्स में ज्यादा ब्लीडिंग की स्थिति को प्रदर्शित करता है। यह स्थिति दर्द और परेशानी का कारण बन सकती है तथा अनेक स्वास्थ्य समस्याओं जैसे- एनीमिया आदि को उत्पन्न कर सकती है। आज के इस लेख में आप जानेंगे कि मेनोरेजिया (पीरियड्स में ज्यादा ब्लीडिंग) क्या है, इसके कारण, लक्षण और जाँच क्या हैं तथा इसके इलाज और बचाव के लिए क्या किया जा सकता है।
विषय सूची
1. मासिक धर्म में अधिक रक्तस्राव (मेनोरेजिया) क्या है – Menorrhagia Kya Hai in hindi
2. पीरियड्स के दौरान ज्यादा ब्लीडिंग होने के कारण – Menorrhagia Causes in hindi
3. पीरियड्स में ज्यादा ब्लीडिंग होने के लक्षण – Menorrhagia symptoms in hindi
4. मासिक धर्म में अधिक ब्लीडिंग की जटिलताएं – Menorrhagia Complications in hindi
5. पीरियड्स ज्यादा आने पर डॉक्टर को कब देखना है – When to see a doctor in hindi
6. मासिक धर्म में अधिक ब्लीडिंग का निदान – Menorrhagia diagnosis in hindi
7. मासिक धर्म में अधिक ब्लीडिंग का इलाज – Menorrhagia Treatment in hindi
8. मासिक धर्म में अत्यधिक रक्तस्राव के घरेलू उपाय – Menorrhagia home remedies in hindi
मेनोरेजिया महिलाओं में मासिक धर्म के दौरान असामान्य रूप से अत्यधिक रक्तस्राव या लंबे समय तक रक्त की हानि से सम्बंधित एक चिकित्सकीय स्थिति है। मासिक धर्म में अधिक रक्तस्राव (मेनोरेजिया), महिलाओं में मासिक धर्म के दौरान आमतौर पर 80 मिलीलीटर से अधिक रक्त बहाव की स्थिति है। यद्यपि ज्यादातर महिलाओं को गंभीर रूप से रक्त की कमी या मेनोरेजिया का अनुभव नहीं होता है।
मासिक धर्म में अधिक रक्तस्राव (मेनोरेजिया) एक चिंता का विषय है। पीरियड (period) के दौरान मेनोरेजिया (menorrhagia) की स्थिति, सम्बंधित महिला की सामान्य गतिविधियों हस्तक्षेप कर सकती हैं, क्योंकि इस स्थिति में खून की कमी और ऐंठन (cramping) अधिक गंभीर हो सकती है। मेनोरेजिया की समस्या एनीमिया (anemia) का भी कारण बन सकती है। अतः पीरियड्स के दौरान अत्यधिक रक्तस्राव होने पर सम्बंधित महिला को तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।
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मासिक धर्म में अधिक रक्तस्राव (menorrhagia) के कारण को ठीक तरह से नहीं समझा जा सकता है। पीरियड्स के दौरान ज्यादा ब्लीडिंग (मेनोरेजिया) का मुख्य कारण, मासिक धर्म चक्र के दौरान ओव्यूलेशन नहीं होना या एनोव्यूलेशन हो सकता है। किशोर लड़कियों (adolescent girls) में मेनोरेजिया आमतौर पर एनोव्यूलेशन के कारण होता है। इसके अतिरिक्त अनेक प्रकार की स्थितियां भी मेनोरेजिया का कारण बन सकती हैं, जैसे:
यदि प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन के सामान्य में परिवर्तन या असंतुलन उत्पन्न होता है, तो एंडोमेट्रियम (endometrium) या गर्भाशय के अस्तर का बहुत अधिक निर्माण होता है। तथा मासिक धर्म के समय रक्तस्राव के दौरान बहाया जाता है। अनेक स्थितियों में हार्मोन असंतुलन का करना बन सकती हैं, जिसमें पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS), मोटापा, तनाव, इंसुलिन प्रतिरोध (insulin resistance) और थायरॉयड समस्याएं शामिल हैं।
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ये कैंसरमुक्त या सौम्य (benign), ट्यूमर होते हैं। आमतौर पर प्रसव के वर्षों के दौरान ये गैर-कैंसर (सौम्य) ट्यूमर गर्भाशय में दिखाई देते हैं। गर्भाशय फाइब्रॉएड (Uterine fibroids) सामान्य से अधिक या लंबे समय तक मासिक धर्म के दौरान खून बहने का कारण बन सकता है।
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यदि अंडाशय (ovaries) एक मासिक धर्म चक्र के दौरान अंडोत्सर्ग (ovulate) जारी नहीं करते हैं, तो सम्बंधित महिला के शरीर में प्रोजेस्टेरोन उत्पन्न नहीं होता है, जिसके परिणामस्वरूप एक हार्मोन असंतुलन की स्थिति बन जाती है। अतः डिम्बग्रंथि रोग (Ovarian dysfunction) भी मासिक धर्म के दौरान अधिक रक्तस्राव (मेनोरेजिया) का कारण बन सकता है।
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गर्भाशय पॉलीप्स (uterine polyps), गर्भाशय के अंदर कैंसरमुक्त ऊतक की वृद्धि है, जो मासिक धर्म के दौरान असामान्य रूप से रक्तस्राव का कारण बन सकता है।
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)एडेनोमायोसिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें गर्भाशय की आंतरिक परत (endometrium), गर्भाशय की मांसपेशियों (myometrium) की दीवार से टूट जाती है। अतः एडिनोमायोसिस, मासिक धर्म में ऐंठन, पेट के निचले हिस्से में दर्द और सूजन तथा मेनोरेजिया का कारण बन सकता है।
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पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज, मादा प्रजनन अंगों से सम्बंधित संक्रमण है, जो अनेक गंभीर जटिलताओं के साथ साथ मासिक धर्म के दौरान गंभीर रक्तस्राव का कारण बनती है।
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गर्भाशय (Uterine), गर्भाशय ग्रीवा कैंसर (Cervical Cancer) और डिम्बग्रंथि (ovarian) में कैंसर की स्थिति सम्पूर्ण प्रजनन प्रणाली को प्रभावित कर सकती है, तथा मासिक धर्म में अधिक रक्तस्राव का करना भी बन सकती है।
माहवारी में अधिक रक्त आने का कारण दवाएं (Medications) – एंटी-इंफ्लामेटरी ड्रग्स और एंटीकोएगुलेंट ड्रग्स (anticoagulant drugs) अधिक रक्तस्राव का कारण बन सकते हैं। एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टिन जैसी हार्मोनल दवाएं भी लम्बे समय तक मासिक धर्म के दौरान अधिक रक्तस्राव में अपना योगदान दे सकती हैं।
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मासिक धर्म के दौरान अत्यधिक ब्लीडिंग (मेनोरेजिया) के लक्षणों और संकेतों को आसानी से पहचाना जा सकता हैं। अतः निम्न संकेत और लक्षण मेनोरेजिया की स्थिति को प्रगट कर सकते हैं, जैसे:
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मासिक धर्म में अत्यधिक रक्तस्राव (मेनोरेजिया) सम्बंधित महिला के स्वास्थ्य और जीवन पर अत्यधिक गंभीर प्रभाव डाल सकता है। रक्त की अत्यधिक हानि के परिणामस्वरूप एनीमिया हो सकता है। जिसके कारण रक्त में ऑक्सीजन की कमी, कमजोरी और थकान आदि दुष्प्रभाव देखने को मिल सकते हैं। इसके साथ ही मेनोरेजिया (menorrhagia) निम्न जटिलताओं का कारण बन सकती हैं:
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मासिक धर्म में अत्यधिक रक्तस्राव (मेनोरेजिया) से सम्बंधित लक्षणों के प्रगट होने पर, इसके निर्धारण के लिए तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए अतः निम्न स्थितियों में तुरंत डॉक्टर की सिफारिश लें, जैसे:
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डॉक्टर मेनोरेजिया (menorrhagia) का निदान करने के लिए सम्बंधित महिला से मेडिकल इतिहास और मासिक धर्म चक्रों से सम्बंधित प्रश्नों को पूछ सकता है। यदि मासिक धर्म के दौरान रक्तस्राव दैनिक गतिविधियों में हस्तक्षेप उत्पन्न करता है, तो डॉक्टर शारीरिक परीक्षण करेगा और एक या अधिक परीक्षणों की सिफारिश भी कर सकता है। जैसे:
रक्त परीक्षण(Blood tests) – रक्त परीक्षण मेनोरेजिया से सम्बंधित विकारों जैसे- लोहे की कमी (एनीमिया) और अन्य स्थितियों, जैसे थायरॉयड विकार या रक्त थक्के से सम्बंधित विकारों का मूल्यांकन करने में सहायता मिल सकती है।
पैप परीक्षण (Pap test) – पैप परीक्षण (Pap test) का उपयोग मुख्य रूप से गर्भाशय में संक्रमण, डिसप्लेसिया (dysplasia), सूजन या कैंसर से सम्बंधित कोशिका परिवर्तनों का पता लगाने के लिए किया जाता है।
एंडोमेट्रियल बायोप्सी (Endometrial biopsy) – एंडोमेट्रियल बायोप्सी के तहत सेलुलर असामान्यताओं (cellular abnormalities), और कैंसर का निदान करने के लिए गर्भाशय के अस्तर का का एक छोटा नमूना लेकर प्रयोगशाला परीक्षण के लिए भेजा जाता है।
अल्ट्रासाउंड (Ultrasound) – यह एक इमेजिंग है जिसका उपयोग पैल्विक अंगों (pelvic organs) जैसे- गर्भाशय, अंडाशय और पेल्विस आदि की छवियों का उत्पादन और अवलोकन करने के लिए किया जाता है। अल्ट्रासाउंड में इमेजिंग के लिए उत्पादन के लिए ध्वनि तरंगों का उपयोग किया जाता है।
डॉक्टर प्रारंभिक परीक्षणों के परिणामों के आधार पर मेनोरेजिया की नैदानिक प्रक्रिया में अन्य परीक्षणों की सिफारिश भी कर सकता है, जिसमें शामिल हैं:
सोनोहिस्टेरोग्राम (Sonohysterography) – इस परीक्षण में गर्भाशय में एक तरल पदार्थ भरने और अल्ट्रासाउंड का उपयोग कर गर्भाशय की असामान्यताओं का मूल्यांकन करने की प्रक्रिया को शामिल किया जाता है। इस परीक्षण के दौरान, एक तरल पदार्थ को ट्यूब के माध्यम से योनि और गर्भाशय ग्रीवा से होते हुए गर्भाशय में इंजेक्ट किया जाता है, तथा गर्भाशय के अस्तर को देखने के लिए अल्ट्रासाउंड का उपयोग किया जाता है।
हिस्टेरोस्कोपी (Hysteroscopy) – हिस्टेरोस्कोपी (Hysteroscopy) की मदद से गर्भाशय के अन्दर की समस्याओं का मूल्यांकन किया जाता है। इस परीक्षण में सम्बंधित महिला की योनि और गर्भाशय ग्रीवा के माध्यम से एक पतला, प्रकाशिक उपकरण डाला जाता है, जो डॉक्टर को गर्भाशय के अंदर देखने की अनुमति प्रदान करता है।
यह सभी परीक्षण असामान्य रक्तस्राव से सम्बंधित समस्याओं जैसे- पॉलिमेनोरिया (Polymenorrhea), ओलिगोमेनोरिया (Oligomenorrhea), मेट्रोरेजिया (Metrorrhagia) और पोस्टमेनोपॉज़ल रक्तस्राव (Postmenopausal bleeding) आदि के निदान के लिए भी आवश्यक होते हैं।
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मासिक धर्म में अत्यधिक रक्तस्राव (मेनोरेजिया) का उपचार इसके कारणों पर निर्भर करता है। डॉक्टर द्वारा मरीज की स्वस्थ्य स्थिति के आधार पर उपचार प्रक्रिया को अपनाया जा सकता है। मेनोरेजिया की इलाज प्रक्रिया में निम्न को शामिल किया जा सकता है:
ड्रग थेरेपी के अंतर्गत विभिन्न प्रकार की दवाओं को शामिल किया जाता हैं जो रोग का इलाज करने और लक्षणों को कम करने के लिए आवश्यक होती हैं। डॉक्टर द्वारा मेनोरेजिया के कारणों के आधार पर निम्न दवाओं की सिफारिश की जा सकती है:
आयरन सप्लीमेंट (iron supplements) – एनीमिया के इलाज के लिए डॉक्टर आयरन सप्लीमेंट की सिफारिश कर सकता है।
ट्रेनेक्सामिक एसिड (Tranexamic acid) – रक्तस्राव के समय रक्त की हानि को कम करने के लिए ट्रेनेक्सामिक एसिड (Tranexamic acid) या लिस्टेडा (Lysteda) की सिफारिश की जा सकती है।
गर्भनिरोधक गोली (Oral contraceptives) – मासिक धर्म चक्र को नियंत्रित करने और रक्तस्राव की अवधि और मात्रा को कम करने के लिए गर्भ निरोधकों गोलियों का उपयोग किया जा सकता है।
ओरल प्रोजेस्टेरोन (Oral progesterone) – हार्मोन के स्तर को नियंत्रित करने और रक्तस्राव को कम करने के लिए प्रोजेस्टेरोन की खुराक की सिफारिश की जा सकती है।
हार्मोनल आईयूडी (Hormonal IUD (Liletta, Mirena)) – हार्मोनल आईयूडी एक अंतर्गर्भाशयी डिवाइस (ntrauterine device) है जो गर्भाशय के अस्तर को पतला करने, रक्तस्राव और ऐंठन को कम करने के लिए लेवोनोर्गेस्ट्रेल (levonorgestrel) नामक एक प्रोजेस्टिन को जारी करता है।
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डॉक्टर द्वारा पीरियड्स के दौरान अत्यधिक रक्तस्राव (मेनोरेजिया) का इलाज करने के लिए सर्जरी प्रक्रिया को केवल कुछ विशिष्ट स्थितियों में ही प्रयोग में लाई जा सकती है। गर्भावस्था की स्थिति और हाल ही में बच्चे पैदा करने की योजना बनाने वाली महिलाओं के लिए सर्जरी की सिफारिश नहीं की जाती हैं। सर्जरी के दौरान गर्भाशय और गर्भाशय ग्रीवा को निकालने की आवश्यकता भी पड़ सकती है। अतः सर्जरी से पहले महिलाओं को गर्भावस्था से सम्बंधित सभी तरह शंकाओं के बारे में डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। मेनोरेजिया (menorrhagia) के लक्षणों का इलाज करने के लिए अनेक सर्जिकल प्रक्रियाएं अपनाई जा सकती हैं, जैसे:
केंद्रित अल्ट्रासाउंड सर्जरी (Focused ultrasound surgery) – फोकस्ड अल्ट्रासाउंड सर्जरी के अंतर्गत फाइब्रॉएड (fibroids) ऊतक को नष्ट करने के लिए अल्ट्रासाउंड तरंगों (ultrasound waves) का उपयोग करता है। इस सर्जरी में चीरा लगाने की आवश्यकता नहीं पड़ती है।
मायोमेक्टोमी (Myomectomy) – मायोमेक्टोमी पेट में अनेक छोटे-छोटे चीरे लगाकर गर्भाशय फाइब्रॉएड को हटाने की एक सर्जिकल प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया में लैप्रोस्कोपी (Laparoscopy) या हिस्टेरोस्कोपी (Hysteroscopy) की मदद ली जा सकती हैं।
एंडोमेट्रियल एब्लेशन (Endometrial ablation) – इस प्रक्रिया का उयोग गर्भाशय के अस्तर को नष्ट करने के लिए किया जाता है। यह प्रक्रिया, अन्तःगर्भाशय ऊतक को नष्ट करने के लिए लेजर, रेडियो आवृत्ति (radiofrequency) या गर्मी (heat) का उपयोग करती है।
यूटेराइन आर्टरी इंबोलाइजेशन (Uterine artery embolization) – गर्भाशय धमनी इंबोलाइजेशन, फाइब्रॉएड का इलाज करने के लिए उपयोगी है, जो कि मेनोरेजिया का कारण बनता है।
डाइलेशन और क्यूरेटेज (डी एंड सी) (Dilation and curettage) – यह सर्जरी अक्सर तीव्र या सक्रिय रक्तस्राव का सफलतापूर्वक इलाज करने के लिए प्रयोग में लाई जा सकती है।
एंडोमेट्रियल रीशेक्शन (Endometrial resection) – एंडोमेट्रियल रीशेक्शन एक शल्य प्रक्रिया है, जिसका उपयोग गर्भाशय के अस्तर को हटाने के लिए एक इलेक्ट्रोसर्जिकल वायर लूप (electrosurgical wire loop) का उपयोग किया जाता है। इस प्रक्रिया के बाद गर्भावस्था को धारण करने की सिफारिश नहीं की जाती है।
हिस्टेरेक्टॉमी (Hysterectomy) – यह गर्भाशय और गर्भाशय ग्रीवा को हटाने के लिए की जाने वाली एक सर्जरी है। यह स्थायी रूप से मासिक धर्म को समाप्त कर, बाँझपन का कारण बनती है।
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मासिक धर्म में अत्यधिक रक्तस्राव या मेनोरेजिया की रोकथाम के लिए तथा इसकी जटिलताओं को कम करने के लिए निम्न उपाय अपनाये जा सकते हैं:
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