microwave side effect in Hindi माइक्रोवेव ओवन किचन में इस्तेमाल किए जाने वाला एक उपकरण है जिसमें इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन के माध्यम से खाना पकाया या गर्म किया जाता है। इस आमतौर पर माइक्रोवेव भी कहा जाता है। यह भोजन में ध्रुवीय अणुओं को घुमाता है और थर्मल एनर्जी पैदा करता है जिसे डाइइलेक्ट्रिक हीटिंग कहते हैं। माइक्रोवेव ओवन में खाना एक समान ताप पर और बहुत जल्दी गर्म हो जाता है इसलिए यह उपकरण ज्यादातर घरों के किचन में भोजन गर्म करने के लिए रखा जाता है। माइक्रोवेव को कई मायनों में अच्छा भी माना जाता है क्योंकि यह खाना पकाने के अन्य साधनों की तरह पूरे किचन को गर्म नहीं करता है और आपको खाना बनाने में काफी राहत महसूस होती है। लेकिन माइक्रोवेव से होने वाले नुकसान को जानना भी जरुरी है
आमतौर पर माइक्रोवेव पके हुए खाद्य पदार्थों को दोबारा गर्म करने के लिए अधिक लोकप्रिय है। इसके अलावा इसमें विभिन्न तरह के खाद्य पदार्थ पकाए जा सकते हैं। यह भोजन को तेजी से गर्म कर देता है इसके अलावा यह हॉट बटर, फैट और चॉकलेट को पिघलाने में भी काफी इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन माइक्रोवेव का तापमान चॉकलेट और बटन को मेल्ट कराने के लिए उपयुक्त नहीं माना जाता है। मौसम चाहे कोई भी हो आजकल माइक्रोवेव ओवन किचन का एक जरूरी हिस्सा बन गया है। यहां हम आपको यह भी बताएंगे कि माइक्रोवेव में खाना कैसे पकता है और माइक्रोवेव से होने वाले नुकसान क्या हैं।
सबसे पहले आपको यह बता दें कि माइक्रोवेव के ओवन से कुछ वेव निकलती है जिसे इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन कहते हैं। इन्हीं वेव के कारण भोजम में मौजूद पानी के अणु वाइब्रेट होते हैं। वाइब्रेशन के कारण भोजन गर्म होता और पकता है। माइक्रोवेव के ओवन में एक वैक्यूम लगा होता है जिसे मैग्नेट्रॉन कहते हैं। इसी मैग्नेट्रॉन से वेव निकलती है। यह ओवन के मेटल के भीतर से रिफलेक्ट होती है और ग्लास, पेपर, प्लास्टिक आदि में परावर्तित होती है और इससे निकली उष्मा को भोजन अवशोषित कर लेता है। आज हम आपको माइक्रोवेव से स्वास्थ को होने वाले नुकसान के बारे में बताने जा रहे है
Microwaves माइक्रोवेव एक प्रकार का नॉन-आयोनाइजिंग रेडिएशन है। इसमें एक्स रे या अन्य तरह के आयोनाइजिंग रेडिएशन जैसा खतरा नहीं होता। यह भोजन को गर्म करने और पकाने में मदद करती है।
भोजन को माइक्रोवेव में गर्म करने से इसके मूल पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं। माइक्रोवेव से गर्म करके जब हम भोजन प्लेट में निकालते हैं तो उस भोजन से शरीर को कोई भी पौष्टिक तत्व प्राप्त नहीं होता है। विशेषज्ञों का मानना है कि भोजन के पोषक तत्व माइक्रोवेव द्वारा ही अवशोषित हो जाते हैं। पानी के अणु माइक्रोवेव के अंदर तेजी से गति करते हैं और भोजन में मौजूद अणु अधिक तेज गति करते हैं इसकी वजह से भोजन के अणु माइक्रोवेव के अंदर ही टूट जाते हैं। अणुओं की संरचना टूटने की वजह से भोजन के पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं। इसलिए माइक्रोवेव में पका भोजन पूरी तरह से लाभदायक नहीं होता है।
विटामिन बी12 स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है लेकिन विटामिन बी12 युक्त खाद्य पदार्थ माइक्रोवेव में गर्म करने पर इसमें से यह विटामिन पूरी तरह नष्ट हो जाता है। स्टडी में पाया गया है कि दूध में पाए जाने वाले विटामिन बी 12 माइक्रोवेव में गर्म करने पर तीस से चालीस प्रतिशत विटामिन नष्ट हो जाती है। इसके अलावा फ्रिज करके रखा जाने वाला ब्रेस्ट मिल्क भी माइक्रोवेव में गर्म करने पर इसमें मौजूद पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं। ब्रेस्ट मिल्क को माइक्रोवेव के हाई टेम्परेचर पर गर्म करने पर पाया गया कि इसमें ई-कोलाई बैक्टीरिया की संख्या बढ़ गई। इसके अलावा इसे कम टेम्परेचर पर गर्म करने पर इसमें मौजूद लाइसोजाइम नष्ट हो जाता है और यह दूध बच्चे को पिलाने पर उसके शरीर में हानिकारक बैक्टीरिया उत्पन्न हो जाते हैं जो बच्चे के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक होते हैं।
भोजन को माइक्रोवेव में लगे प्लास्टिक के कंटेनर में रखकर गर्म करने पर भोजन में कॉर्सिनोजेन पैदा हो सकता है। माइक्रोवेव ओवन व्यक्ति के स्वास्थ्य को प्रभावित करने के साथ ही पर्यावरण पर भी इसका असर पड़ता है। माइक्रोवेव में बने भोजन में विषाक्त रसायन जैसे बीपीए, पॉलीएथीलिन टेरप्थालेट, बेंजीन, टालुइन और जाइलिन पाया जाता है जो सेहत के लिए खतरनाक होता है। एक रिसर्च में पाया गया है कि माइक्रोवेव ओवन के अंदर लगे प्लास्टिक के कंटेनर में भोजन रखने पर भोजन में कार्सिनोजेन के साथ ही कई हानिकारक विषाक्त पैदा हो जाते हैं जो व्यक्ति के शरीर के लिए सबसे ज्यादा हानिकारक होते हैं।
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Microwaves माइक्रोवेव में पकी सब्जियां खाने और माइक्रोवेव के दूध के सेवन से व्यक्ति के ब्लड में भी परिवर्तन आ सकता है। एक स्टडी में पाया गया है कि माइक्रोवेव ओवन में पका भोजन खाने से बॉडी में रेड ब्लड सेल कम हो जाती है जबकि व्हाइट ब्लड सेल का लेवल बढ़ जाता है। इसकी वजह से शरीर में कोलेस्ट्रॉल का लेवल भी बढ़ जाता है। माइक्रोवेव की नॉन-आयोनाइजिंग रेडिएशन ब्लड को प्रभावित करता है जिससे व्यक्ति को स्वास्थ्य संबंधी खतरा पैदा हो सकता है।
माइक्रोवेव से 2.4 गीगाहर्ट्ज का रेडिएशन उत्पन्न करता है जिसका असर हमारे शरीर पर भी पड़ सकता है। एक रिसर्च में पाया गया है कि माइक्रोवेव से उत्सर्जित होने वाले रेडिएशन का लेवल हृदय की गति को ज्यादा प्रभावित करता है इसके अलावा यह हृदय की गति को परिवर्तित भी कर सकता है। माइक्रोवेव में रेडिएशन का स्तर दिशानिर्देशों के भीतर ही होता है लेकिन तब भी यह हृदय की गति अचानक परिवर्तित होने का कारण बन सकता है। अगर आपको अपनी हार्टबीट असामान्य महसूस हो रही हो या सीने में दर्द महसूस हो रहा हो तो आपको माइक्रोवेव ओवन में पके भोजन करने से परहेज करना चाहिए।
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