Milk Benefits in Hindi इस लेख में आप जानेगें दूध पीने के फायदे, दूध पीने का सही समय, दूध पीने के नुकसान और दूध का सेवन कैसे करें के बारे में। अधिकांश डॉक्टरों और माताओं द्वारा सलाह दी जाती है कि रोजाना एक गिलास दूध का सेवन करें। दूध के फायदे हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक है। दूध में बहुत सारे पोषक तत्व होते है जिसके कारण यह पूर्ण स्वास्थ्य पेय (heath drink) के रूप में उपयोग किया जाता है। शरीर में आवश्यक कैल्शियम की कमी को पूरा करने के लिए प्रतिदिन एक गिलास दूध पर्याप्त होता है। दूध बहुत से सूक्ष्म पोषक तत्वों का स्रोत होता है जो हमारे शरीर के संपूर्ण विकास के लिए महात्वपूर्ण होता है।
यदि आपको सादा दूध पसंद नही है तो आप इसके अन्य उत्पादों का उपयोग भी कर सकते है जैसे दही, कुटीर चीज, छेना, आदि। आप अगर इन्हें भी पसंद नहीं करते है तो दूध के साथ अपने पसंदीदा फलों को मिलाने का प्रयार करें। दूध आपकी हड्डीयों की ताकत बढ़ाने, आपकी त्वचा को स्वस्थ्य रखने और आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune system) में सुधार लाने में मदद करता है। दूध उच्च रक्तचाप, दांत क्षय, निर्जलीकरण, श्वसन संबंधी समस्याएं, मोटापा, कैंसर, ऑस्टियोपोरोसिस (osteoporosis) जैसी बीमारियों को दूर करने में मदद करता है।
विषय सूची
1. दूध में पाए जाने वाले पोषक तत्व – Milk Nutritional Value in Hindi
2. दूध के फायदे स्वास्थ्य के लिए – doodh ke Fayde in Hindi
3. दूध के फायदे त्वचा के लिए – Milk Benefits For Skin in Hindi
4. दूध के फायदे बालों के लिए – Milk Benefits For Hair in Hindi
5. दूध पीने के तरीके – Best Ways to drink milk in Hindi
6. दूध और भोजन का संयोजन – Milk and food combining in Hindi
7. दूध पीने का सही समय – Best time to Drink Milk in Hindi
8. क्या दूध का सेवन सुबह करना चाहिए – Should milk be consumed in the morning in Hindi
9. रात को दूध पीने के फायदे – Why Night-time Milk Drinking is a good Idea in Hindi
10. दूध पीने के नुकसान – Milk Side effects in Hindi
दूध में पोषक तत्व इतने है कि दुनिया भर के लोग इसे अपने आहार का मुख्य हिस्सा मानते है। दूध में विटामिन A, विटामिन B12 और विटामिन D अच्छी मात्रा में होते है। इनके साथ कैल्शियम, कार्बोहाइड्रेट, फॉस्फोरस, सेलेनियम, मैगनीश्यिम, प्रोटीन, जिंक और राइबोफिलेविन (riboflavin) भी उपस्थित रहते है।
एक रिसर्च सेंटर के अनुसार दूध शरीर के कोलेस्ट्रॉल (cholesterol) को कम करने में मदद करता हैं। इसमें अधिकांश कैलोरी प्राकृतिक शर्करा से मिलती है। दूध हमारे शरीर में कई प्रकार की कमियों को दूर करता है और विभिन्न तरीकों से स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है। आइए जाने दूध के फायदों के बारे में-
स्वास्थ्य वर्धक पेय के रूप में दूध का उपयोग पुराने समय से ही किया जा रहा है। क्योंकि यह हमारे शरीर को पर्याप्त पोषण दिलाने में मदद करता है। इसमें बहुत सारे विटामिन, खनिज पदार्थ और पोषक तत्व होते है। स्वास्थ्य लाभ को ध्यान में रखते हुए हमें दूध, दही, पनीर और सोया पेय पदार्थों के साथ कम वसा (fat-free) वाले डेयरी पदार्थों का सेवन करना चाहिए।
कैल्शियम दूध में बहुत अच्छी मात्रा में होता है। कैल्शियम की कमी को पूरा कर हम कैंसर, हड्डीयों की कमजोरी, गठिया, माइग्रेन, सिर दर्द, पूर्व मासिक धर्म सिंड्रोम (pre-menstrual syndrome) जैसी बीमारीयों रोकता है। यह (Calcium) अतिरिक्त वसा को दूर करने में सहायता करता है। कैल्शियम हड्डी निमार्ण में एक जरूरी खनिज होता है। दूध कैल्शियम प्राप्त करने का सबसे अच्छा, सस्ता और सुलभ तरीका है।
नींद, मांसपेशीय संचालन और स्मृति को बढ़ाने के लिए विशेष पोषक तत्व कोलाइन की आवश्यक्ता होती है। कोलाइन दूध में अच्छी मात्रा में पाया जाता है। कोलाइन सेलुलर झिल्ली (Cellular membrane) की संरचना को बनाए रखने में मदद करता है, यह तंत्रिका आवेगों के संचरण में भी सहायक होता है। यह वसा को अवशोषित कर पुरानी सूजन को कम करने में सहायक होता है।
स्ट्रोक, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, गुर्दे के पत्थर और हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए पोटेशियम बहुत ही फायदेमंद होता है। दूध में पोटेशियम की उपस्थिति अच्छी मात्रा में होती है। यदि पोटेशियम का सही मात्रा में सेवन किया जाए तो यह सभी कारणों से होने वाली मौतों में 20% तक की कमी कर सकता है।
गाय के एक कप दूध में 366 मिलीग्राम पोटेशियम होता है। पोटेशियम का उचित मात्रा में सेवन करने के लिए आप प्रतिदिन दूध का सेवन कर सकते है।
विटामिन डी गाय के दूध में नहीं होता है, पर इसमें अन्य पदार्थो जैसे सोया दूध (soy milk), बादाम आदि को मिलाकर विटामिन डी अच्छी मात्रा में प्राप्त किया जा सकता है। हड्डियों के गठन, विकास और मरम्मत के लिए विटामिन डी बहुत ही महात्वपूर्ण होता है। यह कैल्शियम अवशोषण और प्रतिरक्षा समारोह (Immune function) में भी मदद करता है। विटामिन डी की कमी से आस्टियोपोरोसिस(osteoporosis), अवसाद, पुरानी थकान, मांसपेशीय दर्द, पीएमएस, उच्च रक्तचाप, स्तन कैंसर और कोलन कैंसर जैसे रोगों की संभावना होती है। दूध का सेवन कर आप इस तरह की संभावना को कम कर सकते है।
कैल्शियम विशेष रूप से हड्डियों के लिए फायदेमंद होता है, लेंकिन यह हृदय और रक्तवाहिकाओं (cardiovascular) संबंधित बीमारीयों की संभावनाओं को कम करने में मदद करता है। दूध का सेवन कर आप स्ट्रोक के खतरे को कम कर सकते है। स्वस्थ्य दिल के लिए दूध का सेवन लाभकारी होता है। इसमें मैग्नीशियम और पोटेशियम वासोडिलेटर (vasodilators) के रूप में कार्य करते है, जो रक्तचाप को कम करने के साथ शरीर में रक्त प्रवाह को बढ़ाने में मदद करते है। ये तत्व हृदय और रक्तवाहिकाओं के तनाव को भी दूर कर उन्हें स्वस्थ्य रखने में मदद करते है। दूध में उपस्थित पेप्टाइड्स भी एसीई (angiotensin-converting enzymes) के निर्माण को रोकता है जो रक्तचाप को बढ़ाने का प्रमुख कारण होता है।
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हड्डीयों और दांतों के विकास के लिए दूध बहुत ही लाभकारी होता है, क्योंकि इसमें कैल्शियम अच्छी मात्रा में होता है। कैल्शियम और विटामिन डी मिलकर आस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) को रोकने में मदद करते है। आस्टियोपोरोसिस के खतरों को कम करने के अन्य तरीकों में नियमित शारीरिक व्यायाम, धूम्रपान से बचने, सोडियम का कम आहार और पोटेशियम का अधिक सेवन करना चाहिए। विटामिन डी हमें प्राकृतिक रूप से केवल सूर्य की रोशनी से ही मिलता है, इसलिए हमारे लिए सूर्य की धूप लेना भी फायदेमंद होता है।
गाय के दूध से बंचित बच्चों को घायल होने पर हड्डी के टूटने (fractures) की संभावना ज्यादा होती है, और उनके उपचार में ज्यादा समय लगता है। क्योंकि उनके पास हड्डियों की मरम्मत करने वाला कैल्शियम उपलब्ध नही होता।
विटामिन डी को हम दूध और उसके संयोजी पदार्थो की मदद से प्राप्त कर सकते है। विटामिन डी मूत्र, भूख और नींद से जुड़े एक हार्मोन सेरोटोनिन (serotonin) के उत्पादन को बढ़ाने में मदद करता है। विटामिन डी की कमी के कारण अवसाद, थकान और पीएमएस (PMS) से जुड़ी हुई समस्याएं होती है। इस कारण दूध हमारे लिए फायदेमंद होता है।
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विटामिन डी सेल विकास और कैंसर संरक्षण (Cancer protection) के लिए फायदेमंद हो सकता है। जो लोग सूर्य की रोशनी का कम से कम उपयोग करते है, उनके लिए दूध का उपयोग करना फायदेमंद होता है, क्योंकि इससे हम विटामिन डी प्राप्त कर सकते है।
नेशनल केंसर इंस्टीट्यूट (INS) के अनुसार, कैल्शियम का उचित सेवन करने से कोलोरेक्टल कैंसर (colorectal cancer) का खतरा कम होता है। डेयरी उत्पादों में कैल्शियम और लैक्टोज की उपस्थित के कारण डिम्बग्रंथि कैंसर (Ovarian cancer) को रोकने में मदद मिल सकती है।
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बच्चों और युवाओं को दूध नियमित रूप से पीना चाहिए। यह उनके दांतों को स्वस्थ्य बनाने में मदद करता है। दूध अम्लीय पदार्थों के विरुद्ध इनेमल (enamel) की सतह की रक्षा करता है। इसे ऊर्जा और स्वास्थ्य के लिए पीने से बच्चों में हानिकारक शीतल पेय लेने की आदत में कमी आ सकती है। इस प्रकार दांतों और मसूढ़ों का खतरा कम किया जा सकता है।
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शायद आपने नाइल की रानी क्लियोपेट्रा के बारे में सुना होगा। वह उस समय की सबसे सुंदर महिलाओं में एक मानी जाती थी। इससे आपको आश्चर्य नही होना चाहिए। क्योकि वह प्रतिदिन दूध और शहद से स्नान करती थी, जिससे उसे नरम और सुंदर त्वचा को बनाए रखने में मदद मिलती थी। पुराने समय से ही दूध हमारी त्वचा को गोरा बनाए रखने के लिए उपयोग किया जा रहा है।
इस कारण दूध का उपयोग कई कॉस्मेटिक (cosmetic) उत्पादों को तैयार करने में किया जाता है। यह सूखी त्वचा के इलाज के लिए भी फायदेमंद होता है। इसलिए यदि आपकी त्वचा सूखी है तो अपने चेहरे और अन्य प्रभावित क्षेत्रों पर दूध का उपयोग करें और इसे 15 मिनिट के बाद पानी से धो लें। दूध का उपयोग कर आप अपनी सख्त त्वचा को नरम और चिकना बना सकते है। दूध में मौजूद लैक्टिक एसिड (lactic acid) मृत त्वचा कोशिकाओं को हटाने में सहायता करते है। दूध में उपस्थित विटामिन ए आपकी त्वचा के संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए जाना जाता है। दूध के एंटीआक्सीडेंट तत्व हानिकारक जीवाणुओं को नष्ट करने में मदद करते है। इस तरह दूध का उपयोग कर आप अपनी त्वचा को सुंदर और निरोगी बना सकते है।
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अम्लता को दूर करने में दूध और इससे निर्मित अन्य उत्पाद फायदेमंद होते है। इनका सेवन करने से पूरे शरीर में अम्लता (Acidity) को कम करने में मदद मिल सकती है। ठंडा दूध पीने से अम्लता से राहत मिलती है।
अपने बालों को सुंदर और चमकदार बनाने के लिए आप दूध का उपयोग कर सकते है यह आपके बालों के लिए बेहद फायदेमंद होता है। एक चम्मच शहद और एक चम्मच दूध के साथ पके केले मिलाएं। इस मिश्रण में रोजमेरी तेल (Rosemary oil) की कुछ बूंदे मिलाएं और इस मिश्रण को अपने बालों में लगाए। और 15-20 मिनिट के बाद हर्बल शैम्पू से इसे धो लें। शुष्क और सुस्त बालों (dry and dull hair) को फिर से जिंदा करने के लिए यह उपयोगी होता है।
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पोटेशियम की अच्छी मात्रा होने के कारण दूध रक्तचाप को नियंत्रित रखने में मदद करता है। ज्यादा पोटेशियम और कम सोडियाम का अनुपातिक सेवन कार्डियोवैस्कुलर (cardiovascular) बीमारीयों के खतरे को कम करने में मदद करता है।
मिल्क सभी के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। लेकिन कभी-कभी यह हमें अरुचिकर भी लगने लगता है। इसलिए इसे स्वादिष्ट बनाने के लिए इसमें कुछ अन्य खाद्यों को भी जोड़ सकते है जिससे यह आपको और विशेष तौर में बच्चों को बहुत ही पसंद आता है। आइए जाने दूध को स्वादिष्ट कैसे बनाएं और दूध पीने के तरीके जो बच्चों को आकर्षित करते है।
स्ट्रा से पियें दूध: यदि बच्चे दूध को गिलास से सीधे ही पीने में आनाकानी करें तो आप उन्हें स्ट्रास से दूध पीने को कहें, दूध पीने का यह नया तरीका शायद उन्हें बहुत अच्छा लगे और वे दूध के प्रति आकर्षित हो ।
दूध में रंगीन बर्फ मिला सकते है: दूध को नया रुप देने का यह सबसे अच्छा तरीका है। इसके लिए आप एक गिलास दूध में कुछ रंगीन बर्फ के तुकड़े मिला सकते है, या फिर नियमित रूप से खाने वाले रंग का उपयोग कर आप अपने दूध के गिलास को रंगीन बना सकते है।
मिल्क में मजेदार स्वाद जोड़ें: कोई ऐसा स्वाद जो आपको बहुत ही पसंद हो और आप उसे अपने दूध के गिलास में मिला सकें, जैसे कि स्ट्राबेरी, चॉकलेट आदि। ऐसे उत्पाद मिलाने से आपके दूध का स्वाद एक क्रीम (creamsicle) की तरह बनता है, जो सभी को पसंद आएगा। अगर आपके बच्चे दूध पीने से मना करते है। तो उनके लिए यह तरीका बहुत ही असरदार होगा।
दूध का सेवन उबाल कर करें: कच्चे दूध को पचाने में मुश्किल होती है, और इसमें लैक्टोज (lactose) अधिक मात्रा में होते है। यदि आपको दूध के पाचन में किसी प्रकार की समस्या आ रही हो तो आप दूध को हल्का और पचने में आसान बनाने के लिए पानी मिला कर उबाल सकते है और इसका सेवन कर सकते है।
मिल्क को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए हम इसमें कुछ विशेष प्रकार के खाद्य पदार्थो को मिला सकते है जो इसके स्वाद और गुणों को बढ़ा कर हमें स्वास्थ्य लाभ दिलाने में मदद करते है। लेंकिन बहुत से खाद्य पदार्थों के साथ हमें दूध का सेवन नहीं करना चाहिए। यह हमारे स्वास्थ्य के लिए नकारात्मक प्रभाव छोड़ सकते हैं। आइऐ जाने उनके बारे में ।
आयुर्वेद के अनुसार दूध और मछली को एक साथ सेवन करना उचित नही माना जाता है। क्योंकि मछली और दूध, रक्त और मस्तिष्क के ऊतकों को नुकसान पहुंचा सकते है।
मिल्क का सेवन करते समय इसमें किसी भी प्रकार के खट्टे फलों को नहीं मिलाना चाहिए। यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। यही कारण है कि दूध और फलों के संयोजन (combinations) कई लोगों के लिए नुकसानप्रद होता है।
दलिया या फरीना (farina), चावल का हलवा, जौ के आटे में नारियल आदि के स्वादिष्ट मिश्रण के साथ हम दूध या क्रीम का उपयोग कर सकते है जो हमारे भोजन को और अधिक पौष्टिक बनाने में मदद करता है।
इसके आलावा आप दूध में अदरक, लौंग, इलायची, केसर (saffron), दालचीनी, जायफल आदि थोड़ी सी मात्रा (एक चुटकी) मिला कर आप दूध का सेवन कर सकते है। ये मसाले आपके पाचन (Digestion) को बढ़ाने में मदद करते है जो आपके पाचन क्रिया के लिए महत्वपूर्ण होते है।
आपको अपने दिन की शुरुआत एक गिलास दूध के साथ करनी चाहिए। जिससे आपको दिन भर के लिए त्वरित और पौष्टिक ऊर्जा प्राप्त हो सके। लेकिन दूध पचने में भारी होने के कारण आपके पेट में दर्द हो सकता है। आयुर्वेद के अनुसार दूध को दिन की समाप्ती के बाद शाम के समय पीना चाहिए, ताकि आप अपने शरीर में नींद को जाग्रत करने वाले हार्मोन को सक्रीय न होने दें।
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दूध पीना हमारी दिनचर्या में शामिल होता है जिसे हम बचपन से ही करते आ रहे है। शाम को दूध का सेवन करने से आप अपने शरीर में सेरोटोनिन और मेलाटोनिन (serotonin and melatonin) के स्तर को कम करने में मदद मिलती है। इसमें उपस्थित पोषक तत्व आपके लिए बहुत ही महात्वपूर्ण होते है। लेंकिन क्या दूध पीने का समय अच्छा या बुरा होता है। आइऐ जाने कि दूध पीने का सही समय क्या है जो आपके शरीर के लिए लाभकारी होता है।
दिन की शुरुआत दूध के साथ करना आपके लिए त्वरित और पौष्टिक शुरुआत जैसा प्रतीत हो सकता है, लकिन यदि आप सावधान नहीं हैं तो यह थोड़ा परेशानी भरा हो सकता है। पूरे वसा वाले दूध (whole fat milk) का उपयोग आपके भोजन को भारी (heavier) बना सकता है।
आयुर्वेद सुबह आपके पाचन तंत्र (digestive system) को अधिभार से बचने का सुझाव देता है। हमारे शरीर को ईंधन की आवश्यक्ता होती है जो हमारी पाचन अग्नि को बढ़ाने में मदद करती है। भारी पाचन आपके पाचन तंत्र पर भार के कारण पेट दर्द या दिल की धड़कन को अवरुध कर सकता है। इसलिए दूध का उपयोग करते समय यह सावधानी रखें कि कही यह आपके पाचन तंत्र पर भारी तो नहीं पड़ रहा है। जिन व्यक्तियों को अपना शरीर बनाना है उनके लिए सुबह दूध पीना फायदेमंद होता है लेंकिन यह ऊपर बताए गए नुकसान के लिए भी जिम्मेदार हो सकता है।
रात के समय दूध का सेवन सबसे अच्छा होता है, क्योंकि यह आपके शरीर में उपस्थित नींद को लाने वाले हार्मोन को बढ़ावा देते है और शरीर को शांति दिलाने के लिए उन्हें सक्रीय करते है। जिससे आपके शरीर को पर्याप्त आराम मिलता है।
आइऐ जाने रात को दूध क्यों पीना चाहिए।
ट्रायप्टोफान एक एमिनो एसिड है जो दूध में होता है। यह आपकी नींद की गुणवत्ता में सुधार लाने और आप कितनी देर सोते है उसे भी नियंत्रित करता है। यह शरीर में सेरोटोनिन और मेलाटोनिन (serotonin and melatonin) बनाने में मदद करता है, ये न्यूरोट्रांसमीटर जो शरीर के सोने और जागने के चक्र को प्रबंधित करने में मदद करते है। आप रात में सोने से पहले एक कप गर्म दूध का सेवन कर सकते है यह आपकी अच्छी नींद और सुबह जल्दी उठने में लाभकारी हो सकता है।
दूध को शाम में या रात में पीने का एक कारण इसमें मैग्नीशियम की उपस्थिति भी है। मैग्नीशियम (Magnesium) शरीर में 6 पोषक त्तवों और 300 से अधिक जैव रासायनिक प्रतिक्रियाओं में महात्वपूर्ण भूमिका निभाता है।यह तंत्रिका तंत्र और मांसपेशियों के कार्य को बनाए रखने में मदद करता है। यह रात की नींद को भी बेहतर बनाने में मदद करता है। मैग्नीशियम अस्वस्थ पैर सिंड्रोम और पेशीदार क्रैम्पिंग (muscular cramping) को रोकने में मदद करता है।
रात में दूध के सेवन को अपनी दिनचर्या में शामिल करें, यह आपके शरीर को हर दिन एक अच्छी रख-रखाव की प्रक्रिया (turndown process) बनाने में मदद करेगा। शाम के समय दूध का सेवन कर आप अपनी केंद्रीय ऊर्जा का संतुलन बनाए रख सकते है। जो आपको समग्र स्वास्थ्य और जीवन शक्ति प्राप्त करने में भी मदद करता है।
रात में दूध का सेवन करने से आपको नींद बहुत अच्छी आती है और यह सुबह जल्दी उठने में भी सहायक होता है। यदि आप अपने दूध में थोड़ी सी हल्दी मिलाते है तो इसके एंटी इंफ्लामेटरी (anti-inflammatory), जीवाणुरोधी (antibacterial), और उपचार शक्तियों के कारण दूध की शक्ति को और अधिक बढ़ावा मिल सकता है। हल्दी युक्त दूध का सेवन करने से दर्द और सूजन को कम करने में मदद मिलती है। जिससे यह रूमेटोइड गठिया (rheumatoid arthritis) या पुरानी पीड़ा जैसी सूजन संबंधी बीमारियों बाले व्यक्ति के लिए फायदेमंद हो जाता है। यहां तक कि अगर दिन के तनाव ( stress) और दबाव के कारण आपके सिर में दर्द हो रहा हो तो आप एक कप हल्दी वाला गर्म दूध का सेवन कर सकते है जो आपके शरीर को आराम दिलाने में मदद करेगा।
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गाय के दूध की कई अलग-अलग किस्में होती हैं, जैसे कि कच्चा, पाश्चुरीकृत दूध (pasteurized)। गाय के दूध के अलावा अन्य सामग्री से बने दूध में बकरी, चावल, बादाम और सोया मिल्क शामिल हैं। गाय के दूध में पाये जाने वाली एक प्रकार की शर्करा जिसे लैक्टोज कहते है (Sugar, Lactose) आपके पाचन तंत्र के लिए हानिकारक हो सकता है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डायबिटीज के अनुसार यह पाचन और किडनी रोगों से संबंधित होता है।
आइऐ जाने दूध से होने वाले नुकसान जो हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते है।
पेट का दर्द तब हो सकता है जब गाय के दूध में पाए जाने वाले लैक्टोज (Lactose) से आपके पेट के अस्तर (Lining) में परेशान हो जाती है। लैक्टोज के टूटने से पेट की जलन हो सकती है। आपकी आंतों में जकड़न हो सकती हैं। आपका डॉक्टर दूध में लैक्टोज को तोड़ने में मदद के लिए ओबर-द-काउंटर दवा की सलाह दे सकता है।
मितली तब हो सकती है जब आपका पेट दूध लैक्टोज से परेशान हो जाता है। आप मतली के साथ उल्टी का अनुभव कर सकते हैं। आगर आपको ऐसी परेशानी हो रही हो तो आप दूध का सेवन बंद कर दें और अपने डॉक्टर से सलाह लें।
पाचन तंत्र (Digestive system) में गाय के दूध से होने वाली लैक्टोज की जलन से गैस बनती है। जिससे आपका पेट फूल सकता है और पेट में दर्द के साथ मरोड़ भी उत्पन्न हो सकती है। ऐसी स्थिति में आप दूध का सेवन बंद कर दें और डॉक्टर से बात कर गाय के दूध के लिए एक विकल्प मांगें ।
(और पढ़े –पेट की गैस के कारण और आसान घरेलू इलाज)
दस्त तब होता है जब आपकी आंतों में क्रैम्प (intestines cramp) होता है। गाय के दूध में लैक्टोज इस दूष्प्रभाव का कारण होता है। जब आप इसे पीना बंद कर देते हैं तो यह दुष्प्रभाव रुक जाएगा। दूध उत्पाद के विकल्प के लिए आप अपने डाक्टर से पूछें। वह दूध में लैक्टोज को कम करने में आपकी सहायता के लिए दवा की सलाह दे सकता है।
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