Asparagus in Hindi: शतावरी एक औषधीय पौधा है जो लिलिएसी नाम के परिवार का सदस्य है। इस पौधे को औषधीय नाम इसलिए दिया गया है क्योंकि यह जड़ से लेकर अपने शीर्ष तक बहुत ही पोषक गुणों से भरा हुआ है। यह हरे रंग का खाद्य पदार्थ है जिसे सुपर फूड (Super food) की श्रेणी में रखा जाता है। इस लेख में आप जानेंगे शतावरी के फायदे और नुकसान (shatavari ke fayde aur nuksan) के बारे में।
शतावरी में विटामिन और खनिज पदार्थो की उपलब्धता बहुत अधिक होती है। इसमें विटामिन A, C, E, K और विटामिन B6 के अलवा फोलेट, आयरन, जिंक, कैल्शियम, प्रोटीन और फाइबरों की उपयुक्त मात्रा होती है। शतावरी पोषक तत्वों से भरपूर होने के कारण हमारे शरीर में हानिकारक कोशिकाओं के दुष्प्रभावों को कम करने में हमारी मदद करती है।
यदि हम इसका नियमित सेवन करे तो यह कैंसर, मधुमेह, दिल से संबंधित रोग, मोटापा, रक्तचाप आदि परेशानियों को दूर करने में हमारी मदद कर सकती है।
शतावरी खाने के बहुत से फायदे है जो कि सभी लोग नहीं जानते। हमारा प्रयास है कि हम आपको इससे होने वाले उन फायदों से अवगत कराएं, जिससे आप अपने स्वास्थ को और अधिक निखार सकें।
एस्पेरेगस (Asparagus) का हिंदी नाम शतावरी है। यह एक प्रकार की जड़ी बूटी है। इसका उपयोग सब्जी और मशालों के रूप में किया जाता है। शतावरी का वैज्ञानिक नाम एस्पेरेगस रेसिमोसस (Asparagus racemosus) है। यह हमारे स्वस्थ के लिए कई प्रकार से लाभदायक होता है, आइये ऐस्पैरागस के पौष्टिक तत्व, उपयोग और फायदों के बारे में विस्तार से जानते है।
शतावरी में कैलोरी कम मात्रा में होती है, लेकिन इसमें बहुत सारे पोषक तत्व पाए जाते है। पके हुआ शतावरी के सिर्फ आधा कप या 90 ग्राम में निम्न न्यूट्रिशन वैल्यू होती है।
RDI का मतलब Reference Daily Intake होता है। यह वह मात्रा होती है जिसकी आपको एक दिन में जरूरत होती है।
शतावरी में लौह, जस्ता और राइबोफ्लेविन सहित अन्य सूक्ष्म पोषक तत्व भी कम मात्रा में होते हैं। यह विटामिन K का एक उत्कृष्ट स्रोत है जो रक्त के थक्के और हड्डी के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है।
इसके अलावा, शतावरी में फोलेट अधिक मात्रा में होता है, यह पोषक तत्व गर्भावस्था और शरीर में कई महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं के लिए महत्वपूर्ण है, जिसमें सेल विकास और डीएनए गठन शामिल हैं।
शतावरी के उपयोग और इसके लाभों को जानने से पहले, आइये जानते है कि ऐस्पैरागस कितने प्रकार के होते है और इसका कौन सा प्रकार हमारे लिए अधिक फायदेमंद होता है। शतावरी के मुख्य तीन प्रकार निम्न है-
इस प्रकार की शतावरी हमारे यहाँ सबसे अधिक देखने में मिलती है। यह सूरज की रोशनी में बड़ी होती है इसलिए इसका रंग हरा होता है।
मिट्टी के अंदर होने के कारण इस प्रकार की शतावरी का रंग सफेद होता है।
बैंगनी रंग की शतावरी हमारे लिए सबसे अधिक फायदेमंद होती है। इसमें अधिक मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं।
(यह भी पढ़ें – शतावरी के फायदे और नुकसान)
यह अपने हरे रंग, लजीज स्वाद और पौष्टिक गुणों के कारण हमारे लिए बहुत ही उपयोगी होती है। इसे हम आयुर्वेदिक औषधी भी कह सकते है। इसमें बहुत से एंटीऑक्सिडेंट और प्रतिरोधी गुण (Resistant properties) उपलब्ध रहते है जो हमारे स्वास्थ के लिए फायदेमंद होते है। आइए जानते है शतावारी के फायदे और स्वास्थ लाभों के बारे में।
शतावरी बहुत से पोषक तत्वों से भरपूर होती है। उन्हीं पोषक तत्वों में से एक ग्लूटाथियोन (glutathione) है जो शतावरी में अच्छी मात्रा में होता है। यह डिटोक्सिफाइंग (detoxifying) यौगिक होता है जो कैंसर के बैक्टीरिया को मार सकता है। ग्लूटाथियोन हमारी प्रतिरक्षा शक्ति (Immunity power) को बढ़ाने का काम करता है।
शतावरी में आहार फोलेट अच्छी मात्रा में मौजूद रहते है। यदि आहार फोलेट का उपयुक्त मात्रा में सेवन किया जाए तो यह कोलोन (colon), पेट, अग्नाशयी (pancreatic) और ग्रीवा (cervical) के कैंसर को रोकने में मदद करता है। वे महिलाएं जो फोलेट का पर्याप्त सेवन नहीं करती उनमें स्तन कैंसर (Breast cancer) होने की संभावना ज्यादा रहती है।
आप अपने दैनिक आहार में शतावरी को शामिल कर फोलेट और अन्य कैंसर रोधी तत्वों के प्रभाव को बढ़ा कर कैंसर के प्रभाव को कम कर सकते है। इस तरह शतावरी का उपयोग कैंसर के लिए फायदेमंद होता है। (और पढ़े – फेफड़ों का कैंसर कारण, लक्षण, इलाज और रोकथाम)
शतावरी का उपयोग हम अपने शरीर में शुगर की उच्च मात्रा को कम करने के लिए कर सकते है। शतावरी टाइप-2 डायबिटीज को रोकने में सहायता करता है क्योंकि इसमें प्रतिरोधक क्षमता वाले पोषक तत्व बड़ी मात्रा में उपलब्ध रहते है। शतावरी में क्रोमियम (chromium) खनिज भी होता है जो खून में चीनी की मात्रा को नियंत्रित करने में सहायता करता है। यह मधुमेह विरोधी होने के साथ इंसुलिन स्राव को भी रोकने में मदद करता है।
उच्च रक्तचाप से ग्रसित लोगों के लिए शतावरी का सेवन बहुत ही लाभकारी होता है। (और पढ़े – शुगर ,मधुमेह लक्षण, कारण, निदान और बचाव के उपाय)
आज के समय में बहुत लोग तनाव और मानसिक बीमारीयों से ग्रसित है, जो कि अवसाद को परिभाषित करता है। ऐसा मस्तिष्क में होमोसाइस्टिन (Homocystein) की वृद्धि के कारण होता है। शतावरी में उपस्थित फोलेट होमोसाइस्टिन की उत्पत्ति को नियंत्रित करता है जो अवसाद (Depression) का शुरुआती कारण होता है। होमोसाइस्टिन खून और अन्य जरूरी तत्वों को मस्तिष्क तक पहुंचने में अवरोध बनता है। इस कारण सेरोटोनिन, डोपामाइन और नोरेपीनेफ्राइन जैसे अच्छे हार्मोन का उत्पादन कम हो जाता है जो मूड़, नींद, भूख और होमोसाइस्टिन आदि को नियंत्रित करते है। शतावरी का सेवन करने से इन सभी समस्याओं की संभावना कम हो जाती है। शतावरी का उपयोग आपके स्वस्थ मस्तिष्क के लिए लाभकारी होता है।
आप अपने दिल को स्वस्थ रखने के लिए शतावरी का सेवन कर सकते है। यह आपके दिल से संबंधित कई विकारों को दूर करने की क्षमता रखता है। शतावरी में विटामिन B अच्छी मात्रा में मौजूद रहते है। जो होमोसिस्टीन को नियंत्रित करते है। यदि यह निश्चित मात्रा से ज्यादा होते है तो रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचा सकते है। होमोसिस्टीन की अधिक मात्रा दिल की समस्याओं को जन्म दे सकती है और कोरोनरी धमनी (coronary artery) रोग का कारण बन सकती है। शतावरी का सेवन आपको इन सभी खतरों से दूर रखता है।
शतावरी खाने में पौष्टिक होने के साथ साथ पाचन क्रिया को मजबूत करने में भी हमारी मदद करती है। शतावरी में इन्यूलिन (inulin) होता है जो एक कार्बोहाइड्रेट होता है यह हमारे पेट पेट में उपस्थित अच्छे बैक्टीरिया लैक्टोबैसिलि का पोषण बनता है। शतावरी हमारी आंतों की कार्य क्षमता को बढ़ाने का काम करती है। शतावरी के सेवन से पेट की सूजन और कब्ज आदि को रोकने में मदद मिलती है क्योंकि इसमें फाइबर अच्छी मात्रा में रहते है। (और पढ़े – खाने के बाद पेट में दर्द होने के कारण और वचाव के तरीके
)यदि आप मूत्र रोग (Urinary disease) और मूत्र अंगों की समस्या से परेशान है, तो शतावरी का नियमित सेवन प्रारंभ कर दें क्योंकि यह आपकी इन समस्याओं को दूर करने में आपकी मदद कर सकते है। शतावरी में एमिनो एसिड अच्छी मात्रा में होते है जो इसे प्राकृतिक मूत्रवर्धक बनाते है। यदि इसका पर्याप्त सेवन किया जाए तो यह आपके मूत्र पथ में होने वाले संक्रमणों को रोक सकती है। शतावरी में उपस्थित पोषक तत्वों के द्वारा इन संक्रमणों को रोका जा सकता है क्योंकि मूत्र पथ के स्वस्थ होने से खराब बैक्टीरिया को बाहर निकालने में मदद मिलती है। (और पढ़े – मूत्राशय में संक्रमण के कारण, लक्षण और बचाव)
गर्भावस्था के समय महिलाओं के स्वास्थ पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए क्योंकि यह स्थिति उनके लिए खतरनाक हो सकती है। गर्भअवस्था के समय होने वाले संक्रमण भ्रुण को भी संक्रमित कर सकते है। इसलिए स्वस्थ बच्चे के जन्म के लिए मां का स्वस्थ होना जरूरी है। गर्भवती महिलाओं को स्वस्थ रखने के लिए उन्हे नियमित रूप से शतावरी का सेवन कराना चाहिए। क्योंकि इसमें उपस्थित एंटीऑक्सिडेंट महिला को होने वाले संक्रमणों को रोकने में मदद करते है। शतावरी में फोलेट भी होता है जो गर्भ में तंत्रिका- ट्यूब को स्वस्थ रख उनके दोषों को दूर करता है। फोलेट विटामिन B12 और विटामिन C के साथ मिलकर नए प्रोटीन बनाने में मदद करता है। साथ ही फोलेट हीमोग्लाबिन और डीएनए का आंशिक रूप से उत्पादन करता है। इसलिए गर्भवती महिला को स्वस्थ रहने के लिए शतावरी का सेवन लाभकारी होता है। (और पढ़े – जल्दी और आसानी से गर्भवती होने के तरीके )
शतावरी आपका वजन कम करने में आपकी मदद कर सकती है। शतावरी में फैट और कैलोरी बहुत ही कम मात्रा में होते है, साथ ही इसमें बहुत से अघुलनशील और घुलनशील फाइबर (Soluble and Insoluble Fiber) मौजूद रहते है। यदि आप अपना वजन कम करना चाहते है तो लाभकारी शतावरी का उपयोग जरूर करें। इसमें उपस्थित फाइबर निश्चित रूप से आपके वजन को कम करने में आपकी मदद करेंगे। यह कब्ज को दूर करने में भी लाभकारी होते है। परीक्षणों से पता चलता है कि शतावरी कोलेस्ट्रोल को भी कम करने में असरदार होती है। (और पढ़े – पानी पीकर वजन कम करने के उपाय)
शतावरी में एंटीऑक्सिडेंट भरपूर मात्रा में होते है। इसमें एंथोकाइनिन (anthocyanins) अधिक मात्रा में होते है जो फलों और सब्जियों को लाल,नीले और बैंगनी रंग देने के साथ उन्हें एंटीऑक्सिडेंट शक्ति देता है जो हमारे शरीर को संक्रमणों से लड़ने की शक्ति देते है। इसका उपयोग करते समय इसके किसी भी भाग को अलग न करें और इसे ज्यादा न उबाले। ज्यादा उबालने से इसके पोषक तत्व कम हो सकते है।
इसमें उपस्थित एंटीऑक्सिडेंट ग्लूटाथियोन आपके बढ़ते बुढ़ापे को रोकने में मदद कर सकता है। शतावरी में उपस्थित फोलेट और विटामिन B12 बुढ़ापे के लक्षणों को रोकने में प्रभावी होते है।
आप अपनी त्वचा को स्वस्थ सुंदर और चमकदार बना सकते है इसके लिए आपको शतावरी का नियमित सेवन करना होगा। इसमें उपस्थित ग्लूटाथियोन (Glutathione) सूर्य के प्रभाव और प्रदूषण से त्वचा को बचाता है। इसका उपयोग करने से आपकी त्वचा में नमी बनी रहती है साथ ही यह आपके चेहरे में उपस्थित दागों को आंशिक रूप से कम करने में मदद करता है। (और पढ़े – गोरा होने के घरेलू उपाय और नुस्खे)
शतावरी प्राकृतिक मूत्रवर्धक (natural diuretic) माना जाता है। यह हमारे शरीर से अनुपयोगी नमक और हानिकारक तरल पदार्थ को मूत्र पथ के द्वारा बाहर निकालने में मदद करती है। जो कि एडीमा और हाई ब्लड प्रेशर से पीडित लोगों के लिए लाभकारी होता है। साथ ही यह किड़नी में उपस्थित हानिकारक पदार्थो को दूर करने में भी मदद करता है। इस तरह पथरी के उपचार के लिए शतावरी लाभकारी होती है। (और पढ़े – पथरी होना क्या है? (किडनी स्टोन) पथरी के लक्षण, कारण और रोकथाम)
यह पुरुषों की कामेच्छा को बढ़ाने में भी मदद करता है साथ ही पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या में वृद्धि भी करता है। यदि आप अपनी सेक्स पॉवर को बढ़ाना चाहते है तो ऐस्पैरागस सेवन जरूर करें।
शतावरी फोलेट का अच्छा स्रोत माना जाता है। फोलेट को विटामिन बी6 के रूप में भी जाना जाता है। फोलेट शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन और शरीर के स्वास्थ्य को बढ़ाने में सहायक होती है। शिशु के स्वस्थ विकास के लिए महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान शतावरी का सेवन करना चाहिए।
(और पढ़े – गर्भावस्था के दौरान खाये जाने वाले आहार और उनके फायदे…)
ऐस्पैरागस को आप बड़ी ही आसानी से कई प्रकार से उपयोग कर सकते है। आप चाहते तो इसे सलाद के रूप में खा सकते है या फिर इसकी सब्जी भी बना सकते है। इसके कुछ उपयोग निम्न है-
शतावरी का अधिक सेवन करने पर और सही तरीके से इस्तेमाल नहीं करने पर यहाँ हमारे लिए नुकसानदायक भी होता है। इसके कुछ प्रमुख नुकसान निम्न है-
इस शतावरी के चमत्कारी फायदे जो है अमृत समान (Miracle Benefits of Asparagus in Hindi) की जानकारी वाले आर्टिकल में हमने शतावरी क्या है? शतावरी के प्रकार, शतावरी का उपयोग और शतावरी के पौष्टिक तत्व को बताया है। आपको यह लेख आपको कैसा लगा हमें कमेंट्स कर जरूर बताएं।
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