गर्भावस्था

गर्भपात होने के बाद ध्‍यान रखें सेहत से जुड़ी इन बातों का – How to care yourself after miscarriage in Hindi

गर्भपात का दर्द क्या होता है, यह केवल एक मां समझ सकती है। जन्म देने से पहले ही अपने शिशु को खो देना काफी दर्दनाक अहसास होता है। यह एक महिला के जीवन में होने वाली ऐसी घटना है, जिसके लिए वह कभी तैयार नहीं रहती। गर्भपात की इस घटना से खुद को उभारने के लिए अपनी देखभाल करना बहुत जरूरी है। क्योंकि बच्चा खाने के बाद या मिसकैरेज के बाद एक महिला का शरीर काफी कमजोर हो जाता है। इसलिए जल्दी ठीक होने के लिए सेहत से जुड़ी कुछ बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए। इस लेख में हम गर्भपात होने के बाद सेहत से जुड़ी कुछ खास सावधानियों के बारे में बात करने वाले हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, गर्भपात मानव गर्भधारण में आने वाली समस्याओं में से एक है। आंकड़ों के अनुसार, 12-15 प्रतिशत क्लीनिकल प्रेग्नेंसी मिसकैरेज पर खत्म होती हैं और 17-22 प्रतिशत को गर्भावस्था में ही गर्भपात हो जाता है। जिसके बाद महिलाओं को अपनी सेहत का ध्यान रखना और भी जरूरी हो जाता है। आज के इस आर्टिकल में हम गर्भपात से जूझ रही महिलाओं के लिए गर्भपात होने के देखभाल के कुछ टिप्स बताने जा रहे हैं। साथ ही बताएंगे, कि गर्भपात के बाद आपको अपना ध्यान कैसे रखना है।

गर्भपात क्या है – What is miscarriage in Hindi

गर्भावस्था के 20वें सप्ताह से पहले अगर भ्रूण की मृत्यु हो जाए, तो उसे गर्भपात कहते हैं। एक महिला में गर्भपात उसकी प्रेग्नेंसी कैसी है, उस पर निर्भर करता है। हर गर्भपात के लक्षण और कारण अलग-अलग हो सकते हैं। रिसर्च के अनुसार, पांच में से एक गर्भवती महिला का गर्भपात 20वें सप्ताह से पहले हो जाता है।

गर्भपात क्यों होता है – Why do miscarriages happen in Hindi

आमतौर पर गर्भपात अनुवांशिक कारणों और गुणसूत्र संबंधी असामान्यताओं के कारण होता है। ये कारक भ्रूण के विकास को रोकते हैं। इसके अलावा हार्मोनल लेवल, डायबिटीज, गर्भाशय की असामान्यताएं, शराब और नशीली दवाओं के दुरूपयोग से भी गर्भपात हो सकता है। इस दौरान महिला शारीरिक और मानसिक आघात से गुजरती है।

गर्भपात के बाद सेहत से जुड़ी बातों का ऐसे रखें ध्यान – Things to keep in mind after miscarriage in Hindi

गर्भपात की घटना आपके शरीर को न केवल शारीरिक रूप से बल्कि मानसिक रूप से भी कमजोर बना देती है। इस दौरान आप हर चीज में दिलचस्पी खो देंगी और खुद को हर चीज से अलग कर लेंगी। अगर आप जल्द ही गर्भपात की घटना से निकलना चाहती हैं, तो खुद की देखभाल करना बहुत जरूरी है। गर्भपात के बाद शारीरिक और भावनात्मक सुधार के लिए नीचे कुछ तरीके बता रहे हैं।

(और पढ़े – गर्भपात के बाद होने वाली समस्‍याएं…)

गर्भपात के बाद शारीरिक रूप से देखभाल कैसे करें – Physical recovery after miscarriage in Hindi

गर्भपात के बाद दो सप्ताह तक आप शरीर में ऐंठन, दर्द और रक्तस्त्राव का अनुभव कर सकती हैं। यहां कुछ उपाय दिए गए हैं, जो आपको शारीरिक रूप से जल्दी ठीक करने में बहुत मदद करेंगे।

मिसकैरेज के बाद आराम करें

गर्भपात के बाद खुद को सेहतमंद बनाने रखने के लिए जितना हो सके, आराम करें। कई बार इस स्थिति में रात को नींद नहीं आती, ऐसे में गर्म दूध पीएं। इसके अलावा आप कुछ हल्के व्यायाम भी कर सकती हैं। ये आपको अच्छी नींद दिलाने में मदद करेगी।

प्रेग्नेंसी लॉस के बाद दवाई लें

गर्भपात के बाद कुछ दिनों तक दर्द का अनुभव हो सकता है। इसके लिए आप दर्द निवारक दवाएं ले सकती हैं, लेकिन इन्हें लेने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर ले लें।

गर्भपात होने के बाद हॉट या कोल्ड कंप्रेस लें

कई महिलाओं को गर्भपात के बाद सिरदर्द की समस्या बढ़ जाती है। इसके लिए आप अपने सिर पर गर्म या ठंडा सेक लगाकर दर्द से राहत पा सकती हैं। एक गर्म या ठंडा सेक आपको जल्द ही राहत प्रदान करेगा।

मिसकैरेज के बाद तापमान की निगरानी करें

अगर आपका गर्भपात हुआ है, तो बाद के पांच दिनों तक अपने शरीर के तापमान की निगरानी करें। यदि यह 99.7 डिग्री से आगे बढ़ जाता है, तो अपने डॉक्टर के पास जाएं। क्योंकि आपको तेज बुखार है, तो यह शरीर में संक्रमण का संकेत हो सकता है।

अबॉर्शन होने के बाद स्वच्छता बनाए रखें

प्रेग्नेंसी लॉस होने के बाद रक्तस्त्राव होना सामान्य है। इसलिए महिलाओं को इस दौरान स्वच्छता बनाए रखनी चाहिए। इसलिए गर्भपात के बाद टैम्पोन के बजाए सैनिटेरी पेड का इस्तेमाल करें। बता दें, कि टैम्पोन के उपयोग से योनि का संक्रमण हो सकता है। इसके अलावा जब तक रक्तस्त्राव हो रहा है, तब तक दिन में दो बार स्नान करें।

(और पढ़े – गर्भपात के बाद ब्लीडिंग रोकने के उपाय…)

गर्भपात के बाद रिकवरी के लिए खांए स्वस्थ आहार

किसी भी महिला का गर्भपात होने के बाद उसे स्वस्थ आहार लेना चाहिए। अगर आप भी प्रेग्नेंसी लॉस की स्थिति से गुजर रही हैं, तो प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, वसा, विटामिन और मिनरल्स से भरपूर खाद्य पदार्थ पर्याप्त मात्रा में खाएं। अपने आहार में अंडे, पनीर, रेड मीट, पोल्ट्री, नारियल तेल, मक्खन, फल और सब्जियां शामिल करें। चूंकि गर्भपात के बाद शरीर में कैल्शियम का स्तर काफी कम हो जाता है, इसलिए अपने आहार में कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ जैसे दूध, सूखे मेवे, सोया और साग को शामिल करें। वहीं आयरन युक्त भोजन खाएं। गर्भपात के बाद भारी रक्तस्त्राव के कारण एनीमिया की समस्या हो सकती है। ऐसे में आयरन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन जरूर करें।

(और पढ़े –  गर्भपात होने के बाद क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए…)

गर्भपात के बाद महिलाओं को हाइड्रेट रहना चाहिए

गर्भपात के बाद हर दिन कम से कम आठ से दस गिलास पानी पीएं। आप चाहें, तो फलों का रस, चाय और गर्म शोरबा का सेवन भी कर सकते हैं। इन दिनों में कैफीन युक्त पेय से बचें, क्योंकि ये आपको निर्जलित कर सकते हैं।

मिसकैरेज के बाद यौन संबंध बनाने से बचें

गर्भपात के बाद महिलाओं को एक हफ्ते तक यौन संबंध बनाने से बचना चाहिए। इस दौरान आपका ट्रीटमेंट चल रहा होता है, इसलिए रक्तस्त्राव बदं होने और गर्भाशय ग्रीवा के बंद होने की प्रतीक्षा करें। यह जरूरी है, कि आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें और जानें कि दोबारा यौन संबंध कब बनाना शुरू करें और अगली प्रेग्नेंसी के लिए प्रयास कब करें।

गर्भपात के बाद नियमित जांच के लिए जाएं

अबॉर्शन के बाद नियमित रूप से डॉक्टर के पास जाना चाहिए। इससे आपको ये जानने में मदद मिलेगी, कि कहीं आपको यौन संचारित रोग, जीवाणु संक्रमण तो नहीं है। बता दें, कि एसटीडी आपको फिर से गर्भवती होने में समस्या पैदा कर सकता है।

गर्भपात के बाद शरीर की मसाज करें

गर्भपात के बाद महिलाओं को थकान महसूस होती है, इसके लिए शरीर को रिलेक्स करना बहुत जरूरी है। गर्भपात होने के देखभाल में बेहतर है, कि आप गर्भपात होने के बाद नियमित रूप से मसाज या मालिश कराएं। यह गर्भाशय और गर्भाशय ग्रीवा का परिसंचरण बढ़ाने और हार्मोनल संतुलन को बढ़ावा देने में मदद कर सकती है।

(और पढ़े – गर्भावस्‍था के दौरान मालिश करवाने के फायदे और अन्य जानाकरी…

)

गर्भपात के बाद भावनात्मक रिकवरी – Emotional recovery after miscarriage in Hindi

एक महिला के लिए गर्भपात की स्थिति से निकलना बहुत मुश्किल होता है। गर्भपात के बाद आप महिलाएं कई तरह की भावनाओं का अनुभव करती हैं, जैसे उदासी, क्रोध, अवसाद, नाराजगी, तनाव आदि। लेकिन अगर आप दोबारा गर्भवती होना चाहती हैं, तो आपको भावनात्मक रूप से भी ठीक होने की जरूरत है। तो हम आपको नीचे कुछ ऐसे टिप्स बता रहे हैं, जो आपको इस मुश्किल घड़ी से बाहर आने में मदद कर सकते हैं।

गर्भपात की बात आसानी से स्वीकारें

गर्भपात के बाद आपको ये सच्चाई स्वीकारनी होगी, कि आप एक बहुत ही बुरे हादसे से गुजरी हैं। जितनी जल्दी आप इस बात को स्वीकार लेंगी, उतनी जल्दी आपकी रिकवरी होगी और चीजें आसान बन जाएंगी।

मिसकैरेज होने के बाद डॉक्टर की मदद लें

गर्भपात के बाद डॉक्टर आपकी बहुत मदद कर सकता है। वह आपको गर्भपात के बाद होने वाली समस्याओं से बाहर निकालने में आपकी मदद करेगा, जिससे आप अगली गर्भावस्था के लिए बेहतर रूप से तैयार हो सकेंगी।

गर्भपात के बाद खुद को दोष न दें

गर्भपात के बाद खुद को मानसिक रूप से स्वस्थ रखने के लिए खुद को दोष देना बंद कर दें। अक्सर महिलाएं मिसकैरेज के लिए खुद को जिम्मेदार मानती हैं, जिससे धीरे-धीरे अवसाद की शिकार हो जाती हैं। जिससे उन्हें फिर से गर्भवती होने में दिक्कत आती है।

मिसकैरेज के बाद अपने काम पर लौटें

बच्चे को खोने के साथ जुड़े भावनात्मक आघात से निपटने के लिए आप काम पर लौटें। कई महिलाएं लंबे समय तक इस दर्द से उभर नहीं पातीं और काम पर वापस लौटने में देरी करती हैं। हालांकि, यह उनकी स्थिति पर भी निर्भर करता है, लेकिन जीवन को फिर से जल्द से जल्द पटरी पर लाने के लिए अपने काम की ओर फोकस करना भी जरूरी है। इससे आपका दिमाग अन्य कामों में लगेगा और आप सबके बीच रहकर थोड़ा अच्छा महसूस करेंगी।

(और पढ़े – डिप्रेशन और उदासी दूर करने के उपाय…)

मिसकैरेज होने के बाद तनाव से दूर रहें

मिसकैरेज होने के बाद तनाव से दूर रहें

गर्भपात के बाद एक मां का तनाव में होना स्वभाविक है। ज्यादा तनाव होने से उसकी रिकवरी में देरी हो सकती है। इसलिए, जितना हो सके, तनाव से दूर रहें। हालांकि, गर्भपात के बाद आपके हार्मोन इतनी जल्दी स्थिर नहीं होंगे, इसलिए आपको सामान्य होने में कुछ समय लग सकता है। हार्मोन में हो रहे उतार-चढ़ाव आपको चिड़चिड़ा और मूडी बना देंगे। इसलिए तनाव से बचने के लिए खुद को विचलित करने की कोशिश करें।

गर्भपात के बाद लोगों से बात करें

गर्भपात के बाद बेशक आप टूट गई हों, लेकिन खुद को अकेले न रखें, बल्कि मन को हल्का करने के लिए लोगों से संवाद करें। अपने साथी से बात करें, क्योंकि उसने भी अपना बच्चा खोया है। इस बारे में बात करके आप दोनों ही एकदूसरे का दुख बांट सकेंगे और जीवन में आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।

गर्भपात हो जाए, तो व्यायाम करें

प्रेग्नेंसी लॉस के दौरान शरीर काफी कमजोर हो जाता है, इसलिए शरीर के मूवमेंट के लिए एक्सरसाइज करना जरूरी है। यह तनाव को दूर करने में भी आपकी मदद कर सकता है। शुरूआत में आप सैर या योग जैसे विकल्प अपना सकती हैं। लेकिन इसके लिए पहले आपको अपने डॉक्टर से सलाह जरूर ले लेनी चाहिए।

गर्भपात होने के देखभाल में दवाएं जरूर लें

गर्भपात के बाद अवसाद के मामलों में डॉक्टर्स आपको एंटी-डिप्रेसेंट दे सके हैं। बहुत ही दुलर्भ मामलों में इलेक्ट्रोकोनवेसिव थैरेपी जैसे उपचार का सुझाव भी दे सकता है। हालांकि, आपको खुद से गर्भपात के बाद भावनात्मक चिकित्सा के लिए अवसाद से बाहर आने का प्रयास करना चाहिए।

(और पढ़े – गोली द्वारा गर्भपात (मेडिकल एबॉर्शन) कैसे किया जाता है, तरीका, नुकसान और कानून…)

गर्भपात के बाद बरतें सावधानियां – Precautions after miscarriage in Hindi

गर्भपात होने के देखभाल में कुछ सावधानियां हैं, जो आपको गर्भपात के बाद जरूर बरतनी चाहिए। यह आपको भविष्य के गर्भपात को रोकने और आपको शारीरिक व भावनात्मक रूप से मजबूत बनाने में बहुत मदद करेंगी।

  • जब तक आपका मासिक धर्म च्रक शुरू न हो, तब तक गर्भधारण करने की कोशिश न करें।
  • नियमित रूप से व्यायाम करें और अपना वजन को मेनटेन करके रखें।
  • यदि आप दोबारा गर्भवती हो जाती हैं, तो शराब और धूम्रपान से दूर रहें। इसके अलावा कैफीन का सेवन न करें।
  • नियमित रूप से प्रसव पूर्व विटामिन और फोलिक एसिड की खुराक लें।
  • शारीरिक अतरंगता से बचें। यह किसी भी संक्रमण को अनुबंधित करने की संभावना को रोकने में मदद करेगा।

(और पढ़े – गर्भावस्था (प्रेगनेंसी) में होने वाली समस्याएं और उनके उपाय…)

मिसकैरेज से जुड़े लोगों के सवाल और जवाब – Question and answer related to miscarriage in Hindi

गर्भपात के बाद शरीर को रिकवर होने में कितना समय लग सकता है?

गर्भपात के बाद आपके शरीर को पूरी तरह ठीक होने में हफ्तों से कुछ महीनों तक का समय लग सकता है। योनि से रक्तस्त्राव लगभग एक सप्ताह तक हो सकता है और पेट में दो दिनों तक दर्द हो सकता है। गर्भपात के नुकसान को स्वीकार करना वाकई मुश्किल होता है, लेकिन धीरे-धीरे आप इस नुकसान को स्वीकार करें, इससे आप समय के साथ बेहतर महसूस करेंगी।

गर्भपात के बाद महिला फिर से गर्भवती कब हो सकती हैं?

गर्भपात के बाद दोबारा गर्भवती होने से पहले न केवल आपके शरीर को पूरी तरह स्वस्थ होने की जरूरत है, बल्कि अपनी भावनाओं को भी स्थिर करने की जरूरत है। इसलिए, आमतौर पर डॉक्टर गर्भपात के बाद गर्भवती होने की कोशिश करने से पहले कुछ महीने से लेकर एक साल तक का इंतजार रखने की सलाह देते हैं। क्योंकि कुछ समय तक गर्भाशय काफी लचीला होता है। लेकिन जैसे ही आपका मासिक धार्मिक चक्र नियमित हो जाए, तो आप दूसरे बच्चे के लिए कोशिश कर सकते हैं।

गर्भपात होना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है, जिसका अनुभव केवल एक मां ही कर सकती है। लेकिन इसके बाद मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत होने से आपको जल्दी रिकवर होने में मदद मिलेगी। इस लेख में हमने आपको गर्भपात के बाद क्या करें, गर्भपात होने के देखभाल और सावधानियों के बारे में बताया है। जितनी जल्दी आप सेहतमंद और बेहतर हो पाएंगी, उतनी ही जल्दी आप दूसरे बच्चे के लिए प्रयास कर सकती हैं।

(और पढ़े – महिला को गर्भवती होने में कितना समय लगता है…)

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