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मिश्री खाने के फायदे और नुकसान – Mishri Khane Ke Fayde Aur Nuksan in Hindi

Mishri Khane Ke Fayde in Hindi मिश्री खाने के फायदे आपको इस बात से पता चल सकते है कि जब भी आप किसी रेस्‍तरां (Restaurant) में भोजन करते हैं तो इसके बाद आपको सौंफ और मिश्री दी जाती है। ये तो सामान्‍य बात है। मिश्री जिसे हम रॉक शुगर (Rock sugar) के नाम से जानते हैं। इसका उपयोग विभिन्‍न औषधीयों में किया जाता है। यह चीनी का छोटा अपरिष्‍कृत रूप होता है। अपने औषधीय गुणो के कारण मिश्रणी को आयुर्वेद में विभिन्‍न समस्‍याओं के निवारण के लिए पूरक के रूप में उपयोग किया जाता है। मिश्री का उपयोग प्रतिरक्षा बढ़ाने, पाचन को ठीक करने, मस्तिष्‍क को स्‍वस्‍थ्‍य रखने, आंखों की द्रष्टि बढ़ाने और अन्‍य स्‍वास्‍थ्‍य लाभ प्राप्‍त करने के लिए किया जाता है। आइए जाने मिश्री के फायदे क्‍या हैं।

विषय सूची

1. मिश्री क्‍या है – Mishri Kya Hai in Hindi
2. मिश्री कैसे बनती है – Mishri Kaise Banti Hai in Hindi
3. मिश्री के पोषक तत्‍व – Mishri Ke Poshak Tatva in Hindi
4. मिश्री के गुण – Mishri Ke Gun in Hindi
5. मिश्री के फायदे – Mishri Ke Fayde in Hindi

6. मिश्री के नुकसान – Mishri Ke Nuksan in Hindi

मिश्री क्‍या है – Mishri Kya Hai in Hindi

चीनी का एक अ‍परिष्‍कृत रूप जिसे कैंडी शुगर (Candy sugar) या रॉक शुगर कहा जाता है। इसकी उत्‍पत्ति भारत में हुई है और यह क्रिस्‍टलाइज्‍ड और स्‍वादयुक्‍त चीनी से बना है। मिश्री गन्‍ने और पाल्‍म ट्री के रस से बनाया जाता है। यह सामान्‍य शुगर से कम मीठा होता है, लेकिन इसमें औषधीय गुण भरपूर होते हैं। औषधीय गुणों के कारण विभिन्‍न जड़ी-बूटियों के साथ मिश्रणी का सेवन किया जाता है।

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मिश्री कैसे बनती है – Mishri Kaise Banti Hai in Hindi

रॉक शुगर (Rock sugar) बनाने प्रक्रिया प्राकृतिक और अद्वितीय है। आपको पता होगा कि शक्कर गन्‍ने से तैयार होती है। मिश्री भी गन्‍ने के रस से ही तैयार की जाती है। चीनी क्रिस्‍टल प्राप्‍त करने के लिए इसे क्रिस्‍टलाइज किया जाता है। कच्‍चे चीनी क्रिस्‍टल (Raw sugar crystals) जो गन्‍ने के रस के वाष्‍पीकरण के बाद बने होते हैं, इनका उपयोग मिश्री बनाने के लिए किया जाता है। इन कच्‍चे अपरिष्‍कृत चीनी क्रिस्‍टलों में अभी भी बहुत सी अशुद्धियां होती हैं जैसे गुड़ में आने वाला पीला रंग आदि। भारत में इन क्रिस्‍टलों को भूरा शुगर कहा जाता है।

मिश्री बनाने के लिए इन क्रिस्‍टलों को बड़े-बड़े औद्योगिक कंटेनर में पानी के साथ मिलाकर लंबे समय तक उबाला जाता है। जब तक की यह पूर्ण स्थिरता प्राप्‍त नहीं कर लेते हैं। मिश्री के इन क्रिस्‍टलों (Crystals) को सफेद बनाने के लिए कुछ मात्रा में दूध को उबलते मिश्रण में डाला जाता है। मिश्री बनाते समय किसी प्रकार का रसायन उपयोग नहीं किया जाता है। इसके बाद यह मिश्रण सेलर्स में स्‍थानांतरित हो जाता है इसे अच्‍छी तरह से ढंक दिया जाता है ताकि 7-8 दिनों तक इसमें सूर्य का प्रकाश या हवा न लगे। ऐसा करने पर मिश्री के बड़े-बड़े क्रिस्‍टल (Crystal) प्राप्‍त होते हैं।

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मिश्री के पोषक तत्‍व – Mishri Ke Poshak Tatva in Hindi

ताड़ के पेड़ से निकाले गए रस से भी मिश्री बनाई जाती है। इस मिश्री को ताल मिश्री के नाम से जाना जाता है। प्राचीन समय में ताल मिश्री को बनाने के लिए ताड़ के फूलों (Palm flowers) के रस का उपयोग किया जाता था। इस रस को उबालकर गाढ़ा किया जाता था और इससे विभिन्‍न आकार में मिश्री को बनाया जाता था। ताल मिश्री (Tal mishri) गुर्दे की बीमारियों को ठीक करने के लिए बहुत ही प्रभावी माना जाता है।

ताल मिश्री में आवश्‍यक विटामिन, एमिनो एसिड और विभिन्‍न प्रकार के खनिज अच्‍छी मात्रा में पाए जाते हैं। इसमें महत्‍वपूर्ण विटामिन बी12 अच्‍छी मात्रा में होता है जो कि विशेष रूप मांस में पाया जाता है।

(और पढ़ें –विटामिन बी12 के फायदे स्रोत और स्वास्थ्य लाभ )

मिश्री के गुण – Mishri Ke Gun in Hindi

अक्‍सर लोगों कि यह जिज्ञासा रहती है कि औषधीय गुणों से भरपूर मिश्री की तासीर क्‍या है। मिश्री के हमारे शरीर में किस प्रकार के प्रभाव होते हैं। मिश्री का हमारे शरीर में शीतलन प्रभाव (Cooling effect) होता है। मिश्री के क्रिस्‍टलाइजेशन और पुनर्संरचना की पूरी प्रक्रिया इसे हमारे शरीर के लिए हल्‍का, आसानी से पचाने और शीतलन बनाती है। आयुर्वेदिक विशेषज्ञों के अनुसार मिश्री के मानव शरीर पर संतुलन प्रभाव पड़ता है। कुछ वैद्यों द्वारा इसे हल्‍के क्षारीय रूप में भी दर्शाया जाता है। मिश्री वात और पित्त दोषों (Vata and Pitta doshas) में प्रभावी भूमिका निभाती है।

मिश्री के फायदे – Mishri Ke Fayde in Hindi

अपने विभिन्‍न पोषक तत्‍वों (Nutrients) के कारण मिश्री का उपयोग विभिन्‍न आयुर्वेदिक दवाओं में उपयोग किया जाता है। मिश्री अपने 24 प्राकृतिक पोषक तत्‍वों के लिए जाना जाता है। यह प्राकृतिक रूप से कई स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याएं जैसे गुर्दे की बीमारी (Kidney disease), उच्‍च रक्‍तचाप, सर्दी, खांसी, एनीमिया, अस्‍थमा आदि के उपचार के लिए उपयोग किया जाता है। मिश्री दिल को मजबूत करने और गठिया के दर्द के प्रभावी उपचार के लिए भी उपयोग किया जाता है।

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मिश्री के फायदे ऊर्जा बढ़ाए – Mishri Ke Fayde Urja Badhaye in Hindi

रॉक शुगर में औषधीय गुण होते हैं जो भोजन के बाद ऊर्जा उत्‍तेजित (Energy stimulated) करते हैं। अक्‍सर देखने में आता है कि भोजन करने के बाद हम आलसी हो जाते हैं, लेकिन मिश्री हमारी ऊर्जा को बढ़ाने में मदद करता है। इस लिए ही भोजन के बाद मिश्री और सौंफ के बीज का सेवन करना भारत में एक आम प्रथा है। यह मिश्रण पाचन में मदद करता है साथ इसका सेवन करने से सांसे ताजा (Fresh breath) होती हैं।

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मिश्री खाने के फायदे दूध पिलाने वाली मां के लिए – Mishri Useful For Lactating Mothers in Hindi

इस आयुर्वेदिक औषधी के फायदे स्‍तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए जाने जाते हैं। ऐसा इसलिए है क्‍योंकि मिश्री एंटी-डिस्‍पेंटेंट के रूप में काम करता है और स्‍तनपान कराने वाली महिलाओं (Lactating women) के मूड को खुश रखता है। नियमित रूप से मिश्री और अन्‍य मां का दूध बढ़ाने वाली जड़ी-बूटियों (Herbs) का सेवन करने से उनके दूध उत्‍पादन की क्षमता को भी बढ़ाया जा सकता है।

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मिश्री के लाभ प्रजनन क्षमता को बढ़ाए – Mishri Ke Labh Prajanan Chamta Ko Badhaye in Hindi

पुरुषों की प्रजनन क्षमता को बढ़ाने के लिए प्राचीन समय से मिश्री का उपयोग विभिन्‍न औषधीयों के साथ पूरक के रूप में किया जा रहा है। जब घी (स्‍वस्‍थ्‍य वसा), दूध या दही (प्रोटीन) के साथ मिश्री को मिलाया जाता है। तो यह प्रजनन क्षमता को बढ़ावा देने मे सहायक होती है। उदाहरण के लिए पंचमृत महिला और पुरुष दोनों की प्रजनन क्षमता (Fertility capacity) को बढ़ाता है जिसमें दूध, मिश्री, घी, दही और शहद शामिल होता है। इसका नियमित सेवन किया जाता है तो यह आपके यौन स्‍वास्‍थ्‍य और प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है। यदि नियमित रूप से पुरुषों द्वारा रात में सोने से पहले मिश्री, केसर और दूध (Saffron and milk) का सेवन किया जाता है तो यह उनकी प्रजनन क्षमता में वृद्धि करता है।

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मिश्री पानी के फायदे शीतलता दिलाए – Mishri Pani Ke Fayde Shitalta Dilaye in Hindi

भारत के प्रमुख क्षेत्रों में गर्मी के मौसम के समय मिश्री का उपयोग विभिन्‍न प्रकार के शीतल पेय बनाने के लिए उपयोग किया जाता है। इसका उपयोग आप सामान्‍य रूप से अपने घर पर भी कर सकते हैं। एक गिलास ठंडे पानी में 1 चम्‍मच मिश्री को घोल कर शीतल पेय तैयार किया जा सकता है। यह मस्तिष्‍क और शरीर पर सुखद प्रभाव डालता है। मिश्री से बने पेय का सेवन करने पर तनाव से भी छुटकारा मिल सकता है। ऐसा इसलिए होता है क्‍योंकि यह ग्‍लूकोज के रूप में हमे त्‍वरित ऊर्जा प्रदान करता है। मिश्री में पिट्टा दोष को संतुलित करने की क्षमता भी होती है जो गर्मियों के दिन में सामान्‍य रूप से बढ़ सकता है। मिश्री हमारी इंद्रियों को आराम दिलाने में भी सक्षम होती है।

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मिश्री के औषधीय गुण सर्दी खांसी ठीक करे – Rock sugar For Cough And Cold in Hindi

जब आपके गले में किसी प्रकार का संक्रमण (Infection) होता है तब आपके गले में खांसी हो सकती है। खांसी होने के अन्‍य कारणों में रोगाणुओं का हमला या बुखार आदि भी हो सकते हैं। मिश्री के औषधीय गुण आपको खांसी से तुरंत राहत दिला सकते हैं। खांसी के उपचार के लिए आप मिश्री को अपने मुंह में रखें और इसे धीरे-धीरे चूसते हुए खाएं। मिश्री का इस तरह से सेवन आपको लगातार आने वाली खांसी से राहत दिला सकता है। गले के संक्रमण को दूर करने के लिए मिश्री एक उपयोगी औषधी की तरह कार्य करती है। अधिक लाभ प्राप्‍त करने के लिए मिश्री को काली मिर्च पाउडर और घी के साथ मिलाकर रात में सोने से पहले उपभोग करें। पारंपरिक रूप से गायक अपनी आवाज को मधुर बनाने और गले को साफ रखने के लिए गायन अभ्‍यास के बाद मिश्री का सेवन करते हैं।

(और पढ़ें –खांसी का घरेलू उपचार, ड्राई कफ हो या वेट कफ)

मिश्री के उपयोग आंखों को स्‍वस्‍थ्‍य रखे – Mishri Ke Upyog Aankho Ko Swasth Rakhe in Hindi

आप अपनी आंखों को स्‍वस्‍थ रखने और देखने की क्षमता को बढ़ाने के लिए मिश्री का लाभकारी उपयोग कर सकते हैं। आंखों में खराब द्रष्टि और मोतियाबिंद के गठन को रोकने के लिए मिश्री का अधिक से अधिक सेवन करें। अपनी आंखों को स्‍वस्‍थ (Eyes healthy) बनाए रखने के लिए नियमित रूप से भोजन के बाद मिश्री पानी का सेवन लाभकारी होता है।

(और पढ़ें –आंखों में सूखापन के कारण लक्षण और घरेलू उपाय)

ताल मिश्री बेनिफिट्स फॉर बेबी – Tal Mishri Benefits For Babies in Hindi

बच्‍चों के मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य को बढ़ावा देने के लिए मिश्री एक अच्‍छा विकल्‍प हो सकता है। मिश्री को मस्तिष्‍क के लिए प्राकृतिक दवा के रूप में भी उपयोग किया जाता है। रॉक शुगर याददाश्‍त सुधार करने और मानसिक थकान (mental fatigue) को दूर करने में मदद करता है। आप अपने बच्‍चों को रात में सोने से पहले गर्म दूध के साथ मिश्री पिलाएं। यह स्‍मृति में सुधार (Memory improvement) के लिए एक अच्‍छा और प्रभावी प्राकृतिक उपाय होता है।

(और पढ़ें –हल्दी और दूध के फायदे और नुकसान)

धागे वाली मिश्री के फायदे नाक रक्‍तस्राव रोके – Dhage Wali Mishri Ke Fayde For Nose Bleeding in Hindi

विभिन्‍न प्रकार के स्‍वास्‍थ्‍य लाभ दिलाने के साथ ही मिश्री नाक से खून बहने (Nose bleeding) को रोक सकती है। आपको आर्श्‍चय हो रहा होगा लेकिन यह सच है। नाक से खून आना बहुत ही आम समस्‍या है जो कि विशेष रूप से गर्मीयों के मौसम (Summer season) में होता है। यदि आप नाक से खून बहने की समस्‍या से पीड़ित हैं तो पानी के साथ मिश्री का सेवन करें। यह आपके शरीर को शीतलता (Coolness) प्रदान करने साथ ही नाक के रक्‍तस्राव को रोकने में मदद करेगा।

सौंफ और मिश्री के फायदे पाचन के लिए – Saunf Aur Mishri Ke Fayde Pachan Ke Liye in Hindi

रॉक शुगर न केवल मुंह फ्रेशनर के रूप में काम करता है बल्कि सौंफ के साथ सेवन करने पर यह आपके पाचन तंत्र को भी मजबूत करता है। इन दोनों औषधीय पदार्थों में पाचन गुण होते हैं। जो कि सेवन करने के तुरंत ही पाचन प्रक्रिया को उत्‍तेजित करते हैं। इसलिए अपचन जैसी समस्‍याओं से बचने के लिए भोजन के बाद सौंफ और मिश्री का नियमित रूप से सेवन किया जाना चाहिए।

(और पढ़ें –मानव पाचन तंत्र कैसा होता है, और कैसे इसे मजबूत बनायें)

मिश्री के फायदे गर्भवती महिलाओं के लिए – Mishri Good For Pregnant Women in Hindi

महिलाओ के गर्भावस्‍था (Pregnancy) एक ऐसी स्थिति होती है जहां उन्‍हें कई प्रकार की समस्‍याओं का सामना करना पड़ता है। गर्भावस्‍था के दौरान महिलाओं में कई प्रकार के प्रत्‍यक्ष और अप्रत्‍यक्ष परिवर्तन देखने को मिलते हैं। इस स्थिति में महिलाएं अक्‍सर अवसाद ग्रस्‍त देखी जा सकती हैं। जो कि उनके स्‍वास्‍थ्‍य के लिए प्रतिकूल होता है। इसलिए गर्भावस्‍था के दौरान उन्‍हें मिश्री का सेवन करना चाहिए। मिश्री अवसाद (Depression) को दूर करने में मदद करती है। यह उन माताओं के लिए भी फायदेमंद होता है जो स्‍तनपान करा रही हैं।

(और पढ़ें –गर्भावस्था में आहार जो देगा माँ और बच्चे को पूरा पोषण)

मिश्री खाने के लाभ हीमोग्‍लोबिन बढ़ाए – Mishri Khane Ke Labh Hemoglobin Badhaye in Hindi

शरीर में खून की कमी या हीमोग्‍लोबिन (Hemoglobin) के कम स्‍तर के कारण एनीमिया की संभावना को बढ़ाता है। जिसके कारण चक्‍कर आना, कमजोरी और थकान आदि जैसी समस्‍याएं हो सकती हैं। इन सभी समस्‍याओं से बचने के लिए मिश्री (sugar-candy) का उपयोग किया जा सकता है। क्‍योंकि यह न केवल हीमोग्‍लोबिन के स्‍तर को बढ़ा सकता है बल्कि शरीर में रक्‍त परिसंचरण (blood circulation) को स्‍वस्‍थ्‍य बनाने में भी मदद करता है।

(और पढ़ें –चक्कर आने के कारण, लक्षण, निदान और इलाज)

मिश्री का उपयोग कामेच्‍छा को बढ़ाए – Mishri Benefits for Impotency in Hindi

केसर, मिश्री और अखरोट की निश्चित मात्रा का नियमित सेवन करने से पुरुषों में यौन इच्‍छा की कमी को दूर किया जा सकता हैं। इसके लिए आपको भिंडी के पाउडर, अखरोट और मिश्री (Walnuts and mishri) की आवश्‍यकता होती है। एक गिलास गर्म दूध लें और इसमें इन सभी के पाउडर के साथ केसर की एक-एक चुटकी मिलाएं। इस दूध को रात में सोने से पहले पियें। यह कामेच्‍छा में कमी को दूर कर सकता है।

कामेच्‍छा में सुधार के लिए एक अन्‍य प्राकृतिक उपाय मिश्री का उपयोग भिंडी की जड़ों (Laddie Finger Root) के साथ है। बस भिंडी की जड़ का एक छोटा सा हिस्‍सा पीस लें और मिश्री के साथ बराबर मात्रा में मिलाकर खाएं। यह कामेच्‍छा की कमी (Low libido) को दूर करने का सबसे प्रभावी उपचार हो सकता है।

(और पढ़ें –महिलाओं में कामेच्छा (सेक्स की इच्छा) की कमी के कारण और इलाज)

मिश्री के फायदे मुंह के अल्‍सर को ठीक करे – Mishri Benefits for Mouth Ulcers in Hindi

पेट की खराबी या अन्‍य कारणों से आने वाले मुंह के छाले आपके लिए दुखदाई होते हैं। लेकिन आपके पास इसकी दवा के रूप में मिश्री मौजूद है। इलायची और मिश्री का सेवन आपके छालों के लिए बहुत ही फायदेमंद होते हैं। सबसे पहले बराबर मात्रा में हरी इलायची और मिश्री लें। इन दोनों को पीस कर पेस्‍ट बनाएं। इस पेस्‍ट को छालों पर दिन में 2-3 बार लगाएं। मुंह के छालों (Mouth ulcers) से यह आपको तुरंत ही राहत दिलाता है। आप इसे छोटे बच्‍चों के लिए भी उपयोग कर सकते हैं।

(और पढ़ें –मुंह के छाले दूर करने के घरेलू उपाय)

मिश्री और धनिया के फायदे दस्‍त को ठीक करे – Mishri Aur Dhaniya Diarrhea Ko Thik Kare in Hindi

यदि आप दस्‍त या ढीले मल (Loose motions) से परेशान हैं तो इसके लिए भी मिश्री बहुत ही फायदेमंद होती है। दस्‍त का उपचार करने के लिए आपको मिश्री और सूखे धनिया पाउडर की आवश्‍यकता होती है। आप 10 ग्राम मिश्री पाउडर और 10 ग्राम सूखा धनिया पाउडर लें। इन दोनों को 100 मिलीलीटर पानी में मिलाएं और इसका सेवन करें। इस मिश्रण को दिन में 2-3 बार सेवन करें। गर्मी के मौसम में होने वाले दस्‍त के लिए यह प्राकृतिक घरेलू उपचार माना जाता है।

(और पढ़ें –दस्त ठीक करने के घरेलू उपाय)

मिश्री के फायदे वजन कम करने में – Mishri Good for Weight Loss in Hindi

आप अपने वजन को कम करने के लिए सौंफ या धनिया पाउडर के साथ मिश्री का सेवन करें। यह आपके वजन को नियंत्रित करने में सहायक होते हैं। इसके लिए आपको 50 मिश्री और 50 ग्राम सौंफ बीज की आवश्‍यकता है। आप इन दोनों को अच्‍छी तरह से पीस लें। नियमित रूप से प्रतिदिन सुबह गर्म पानी के साथ 1 चम्‍मच पाउडर का सेवन करें। इसी तरह से आप सौंफ के स्‍थान पर सूखा धनिया पाउडर (Dry coriander powder) का उपयोग कर सकते हैं। यह मिश्रण स्‍वाभाविक रूप से आपके वजन को कम करने में मदद करता है।

(और पढ़ें –धनिया के फायदे, गुण, लाभ और नुकसान)

मिश्री के नुकसान – Mishri Ke Nuksan in Hindi

विभिन्‍न प्रकार के स्‍वास्‍थ्‍य लाभ प्राप्‍त करने के लिए मिश्री का उपयोग किया जाता है। लेकिन आयुर्वेदिक औषधी के रूप में उपयोग करने पर ही मिश्री फायदेमंद होती है। अधिक मात्रा में सेवन करने से स्‍वास्‍थ्‍य पर इसके कुछ प्रतिकूल प्रभाव (Adverse effect) भी हो सकते हैं।

  • फाइबर (Fiber) की अच्‍छी मात्रा होने के कारण यह आपके पाचन के लिए अच्‍छा होता है। लेकिन अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से आपको पेट से संबंधित समस्‍याएं जैसे पेट दर्द, दस्‍त (Diarrhea) आदि की समस्‍या हो सकती है।
  • मिश्री में शीतलन प्रभाव होता है। इसलिए सर्दी खांसी (cold, cough) का उपचार करते समय इसका केवल औषधी के रूप में उपयोग करें।
  • यदि आप किसी विशेष प्रकार की दवाओं का सेवन कर रहे हैं। तो मिश्री का औषधीय उपयोग करने से पहले अपने डॉक्‍टर से सलाह लें।

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