Home remedies for sprain in Hindi लोग कभी न कभी मोच के कारण होने वाले दर्द और असुविधा से परेशान होते हैं खासतौर से टखनों में आई मोच (Ankel Sprain) के कारण। घुटनों की मोच सभी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकती है। यह आमतौर पर व्यायाम करते समय गलत मुद्रा (poor posture) या अत्यधिक वजन उठाने के कारण हो सकती है। इसके अन्य कारण मांसपेशीयों की क्षति, मांसपेशियों में असंतुलन आदि भी हो सकते हैं।
खेल खेलते समय या असुविधाजनक सतह पर चलने पर कोई भी व्यक्ति इस समस्या से ग्रसित हो सकता है। यह आपके पैरों को सूजन या गंभीर दर्द दे सकता है। यदि आप मोच का सही समय में उपचार नहीं करते हैं, तो इससे भविष्य में अधिक गंभीर समस्याएं हो सकती हैं, उदाहरण के लिए यह दर्द आपको जीवन भर परेशान कर सकता है। इसलिए इस दर्द को कम न समझे और समय पर इसका इलाज कराएं।
विषय सूची
1. मोच का कारण – Moch ke karan in Hindi
2. मोच आने के लक्षण – Moch ke lakshan in Hindi
3. मोच को ठीक करने का घरेलू उपाय है बर्फ – Ice Home remedies for fixing sprains in Hindi
आपके हाथ और पैरों में मोच आने की सम्भावना अधिक होती है क्योंकि आपके हाथ और पैरों के जोड़ मुड़ते हैं। अचानक घुटनों के मुड़ने या घर्षण के कारण घुटने के आसपास अस्थिबंध में खिचाव या तनाव (stretch) हो सकता है। जिसके कारण प्रभावित क्षेत्र में वजन रखने पर आपको दर्द महसूस होता है। मोच आपकी उपास्थि, रक्त वाहिकाओं या कंधे को भी प्रभावित कर सकती है।
आपको यह ध्यान रखना चाहिए कि किसी भी उम्र में किसी भी व्यक्ति को टखने की समस्या से गुजरना पड़ सकता है। चलने, खेलने, असमान सतहों या अपरिपक्क जूते पहनने आदि के कारण भी आपके पैरों में मोच आ सकती है।
(और पढ़े – स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज, आखिर क्यों जरूरी है स्ट्रेचिंग)
जब मोच की बात आती है तो इसके कुछ लक्षण इस प्रकार होते हैं।
आपके शरीर में आने वाली मोच को ठीक करने के बहुत से घरेलू उपाय हैं जिनका उपयोग कर आप अपने शरीर में मोच के कारण होने वाले दर्द और सूजन को कम कर सकते हैं। ये उपचार आपको बेहतर जीवन जीने में मदद करते हैं। आइऐ जानते हैं मोच (Sprain) को ठीक करने के घरेलू उपाय क्या हैं जिन्हें आप अपने घर में ही कर सकते हैं इसके लिए आपको कहीं बाहर जाने या डॉक्टर पर पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
सूजन और दर्द वाले स्थान पर बर्फ लगाने से होने वाली तकलीफ को कम किया जा सकता है। बर्फ अस्थिबंधन के टूटने और उससे खून के स्राव को कम करके सूजन और दर्द को रोकता है। चोट लगने के बाद 48 से 72 घंटे के अंदर प्रभावित क्षेत्र पर बर्फ लगाना चाहिए।
एंट्री-इंफ्लामैट्री गुणों के कारण हल्दी मोच को ठीक करने का सबसे सरल, सस्ता और प्रभावकारी घरेलू उपचार है। हल्दी का प्रभाव त्वचा और ऊतको (Skin and tissues) पर बहुत ही कम पड़ाता है, लेकिन यह मोच के दर्द और सूजन को कम करने में मदद करता है। 2007 में अमेरिकी जर्नल ऑफ फिजियोलॉजी के शोधकर्ताओं ने एक रिपोर्ट जारी की जिसके अनुसार मोच और प्लांटर फासिआइटिस (plantar fasciitis) के उपचार के लिए हल्दी को बहुत ही प्रभावकारी बताया गया है।
ऐसी जटिल बीमारीयों पर इसके प्रभावी प्रभाव के कारण हल्दी (Turmeric) एक बेहतर सहायक घरेलू उपचार है।
(और पढ़े – हल्दी और दूध के फायदे और नुकसान)
जैतून के तेल का उपयोग आप पैरों की मोच को ठीक करने के लिए घरेलू उपचार के रूप में कर सकते हैं। जैतून तेल में माजूद कई आवश्यक यौगिक (essential compounds) पैरों में आई मोच के लिए बहुत ही फायदेमंद होते हैं। जैतून का तेल मोच के कारण आने वाले दर्द और सूजन को कम करने में मदद करता है।
जैतून का तेल घरों में आसानी से प्राप्त होने वाली वस्तु है। जैतून का तेल कुछ अन्य प्रचलित समस्याओं का प्रभावी ढंग से इलाज कर सकता है।
(और पढ़े – जैतून के तेल के फायदे और उपयोग)
शरीर के किसी भी हिस्से में मोच आने के दौरान कुछ दिनों तक केवल ठंडे उपचार ही करना चाहिए, क्योंकि गर्मी का उपयोग वास्तव में उपचार के प्रारंभिक चरणों के दौरान अतिरिक्त सूजन में योगदान दे सकता है। चोट या मोच आने के कुछ दिनों के बाद आप गर्म पानी में सेंधा नमक मिलाकर इससे स्नान करें या चोट वाले क्षेत्र को इस पानी से भिगों सकते हैं। सेंधा नमक मांसपेशियों के दर्द और संयोजी ऊतकों को शांत करने में मदद करता है। मोच से राहत पाने के लिए आप दिन में एक या दो बार इस मिश्रण का उपयोग कर सकते हैं।
(और पढ़े – सेंधा नमक के फायदे गुण लाभ और नुकसान)
आपके रसोई सामग्री में विभिन्न प्रकार के प्राकृतिक एंटी-इंफ्लामैट्री तत्व होते हैं। यदि आप सूजन को कम करने के लिए पारंपरिक लेप का उपयोग करना चाहते हैं तो हल्दी, लहसुन, प्याज, केस्टर आयल या जैतून का तेल (castor oil or olive oil) लगाने की कोशिश करें। इनमें अन्य औषधीय सामग्री को मिलाकर धीरे-धीरे गरम किया जाता है और मोच बाले स्थान पर लगाया जा सकता है और कुछ घंटों के लिए इसमें एक पट्टी भी बांधी जा सकती है।
इसके साथ ही आप हल्दी और चुने से बने लेप का उपयोग मोच के कारण आई सुजन को कम करने के लिए किया जा सकता है।
यदि आप निश्चित नहीं कर पा रहे हैं कि इनमें से कौन सी सामग्री मोच का उपचार करने के लिए उपयुक्त है तो चिकित्सक (physician) से सलाह लें।
(और पढ़े – जानिए लहसुन के चमत्कारी स्वास्थ्यवर्धक गुणों के बारे में)
लहसुन के सबसे प्रभावी स्वास्थ्य लाभों में से एक यह है कि यह पैर की मोच के लिए शीर्ष घरेलू उपचारों में से एक बन गया है। लहसुन में बहुत अधिक पोषक तत्व पाए जाते हैं जो सूजन को कम करने और दर्द से राहत दिलाने में मदद करते हैं। लहसुन से मोच का उपचार करने के कई तरीके हैं।
लहसुन का उपयोग कर आप जोड़ों के दर्द और पाचन संबंधि समस्याओं (joints and digestive problems) का उपचार भी कर सकते हैं।
(और पढ़े – जानिए लहसुन के चमत्कारी स्वास्थ्यवर्धक गुणों के बारे में)
प्याज का उपयोग कर आप मोच के कारण होने वाले असहनीय दर्द को कम कर सकते हैं। प्याज में एंटी-इंफ्लामैट्री पोषक तत्व होते हैं जो शरीर की शक्ति को बढ़ाने में भी मदद करते हैं।
(और पढ़े – प्याज के फायदे और नुकसान)
एलोवेरा को हर्बल दवाओं (herbal medicine) में उपयोग करने के लिए जाना जाता है। लेकिन हम में से कई लोगों को पता नहीं है कि यह पैरों की मोच को ठीक करने का सबसे अच्छे घरेलू उपचारों में से एक है। इसका उपयोग खिलाड़ियों द्वारा किया जाता है जो अक्सर अभ्यास के दौरान चोटों (injuries) का सामना करते हैं।
एलोवेरा का सबसे महत्वपूर्ण लाभ दर्द से छुटकारा पाने और उपचार प्रक्रिया में तेजी (accelerate the healing process) लाने के लिए किया जाता है।
पैर की मोच का इलाज करने के लिए आपको ऐलोवेरा जेल (Aloe Vera gel) का उपयोग करना चाहिए। इसे आप खुजली वाली जगह पर भी लगा सकते हैं।
(और पढ़े – एलोवेरा के फायदे और नुकसान)
यदि आप सोच रहे हैं कि आपके पैर की मोच के उपचार (Treatment of sprain) के लिए क्या किया जाए तो इसके लिए आप गोभी का उपयोग कर सकते हैं। पत्ता गोभी में विटामिनो की विविधता पाई जाती है जिसके कारण यह घुटनों की मोच को ठीक करने का सबसे अच्छा घरेलू उपाय माना जाता है। पैरों की मोच के उपचार में पत्ता गोभी का उपयोग दर्द और सूजन (pain and swelling) को कम करने में मदद करता है।
(और पढ़े – पत्ता गोभी के फायदे और नुकसान)
मोच के उपचार के लिए कुछ आवश्यक तेल (essential oil) बहुत उपयोगी साबित होते हैं। अंड़ी का तेल भी ऐसे ही आवश्यक तेलों में से एक है। अरंडी के तेल में रिसिनोलिक एसिड पाया जाता है जो मोच के उपचार में बहुत मददगार होता है।
जब तक आप सकारात्मक परिणाम नहीं पाते हैं तब तक इस विधि को दिन में दो-तीन बार तक दोहरा सकते हैं।
(और पढ़े – अरंडी के तेल के फायदे)
इसी तरह की अन्य जानकारी हिन्दी में पढ़ने के लिए हमारे एंड्रॉएड ऐप को डाउनलोड करने के लिए आप यहां क्लिक करें। और आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं।
Homemade face pack for summer गर्मी आपकी स्किन को ख़राब कर सकती है, जिससे पसीना,…
वर्तमान में अनहेल्दी डाइट और उच्च कोलेस्ट्रॉल युक्त भोजन का सेवन लोगों में बीमारी की…
Skin Pigmentation Face Pack in Hindi हर कोई बेदाग त्वचा पाना चाहता है। पिगमेंटेशन, जिसे…
चेहरे का कालापन या सांवलापन सबसे ज्यादा लोगों की पर्सनालिटी को प्रभावित करता है। ब्लैक…
प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं, जिन्हें पहचान कर आप…
त्वचा पर निखार होना, स्वस्थ त्वचा की पहचान है। हालांकि कई तरह की चीजें हैं,…