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सहजन की पत्तियों के फायदे, उपयोग और नुकसान – Moringa Leaf Benefits And Side Effects In Hindi

Moringa Leaf In Hindi: मोरिंगा या सहजन पेड़ की पत्तियों को महिलाओं की सबसे अच्‍छी दोस्‍त माना जाता है। सहजन की पत्तियों के फायदे महिला और पुरुष दोनों के स्‍वास्‍थ्‍य के लिए बहुत अधिक होते हैं। सहजन के पत्ते का उपयोग कई प्रकार से किया जाता है जो हमारी कई गंभीर स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं को दूर कर सकता है। सहजन के पत्ते के लाभ आंखों को स्‍वस्‍थ रखने, हड्डियों को मजबूत करने, वजन कम करने, हृदय को स्‍वस्‍थ रखने, प्रतिरक्षा शक्ति बढ़ाने और त्‍वचा संबंधी समस्‍याओं को दूर करने के लिए होते हैं। इन लाभों को प्राप्‍त करने के लिए सहजन के पत्‍ते की सब्‍जी का सेवन किया जा सकता है। सहजन पत्ते के गुण इन लाभों के लिए जिम्‍मेदार होते हैं। इन लाभों के लिए सहजन पत्ती का चूर्ण विशेष रूप से लाभकारी होता है। आज इस आर्टिकल में सहजन की पत्तीयों के फायदे और उपयोग संबंधी जानकारी प्राप्त करेगें।

विषय सूची

मोरिंगा लीफ क्‍या है – Moringa Leaf Kya hai in Hindi

सहजन की पत्तीयों को मोरिंगा ओलेइफेरा (Moringaoleifera) पेड़ से प्राप्‍त किया जाता है। यह पेड़ अब तक के ज्ञात पेड़ों में सबसे अधिक पौष्टिक और औषधीय गुणों वाला है। इस पेड़ के अधिकांश औषधीय गुण इसकी पत्तियों में केंद्रित हैं। सहजन के पत्ते गहरे हरे रंग के होते हैं जिसमें सहजन की पर्याप्‍त गंध होती है। सहजन की पत्तियों का पाउडर बनाने के लिए किया जाता है। इसकी पत्तियों को कम तापमान में छाये में सुखाया जाता है। जिससे पौधे के ऊतकों को एक महीन चूर्ण में बदला जा सके। इसके अलावा सहजन के पत्‍ते की सब्‍जी भी बहुत लोकप्रिय है जो आहार के रूप में उपभोग की जाती है। आइए जाने सहजन में मौजूद पोषक तत्‍व क्‍या हैं।

(और पढ़ें – सहजन (मोरिंगा) के फायदे गुण लाभ और नुकसान)

सहजन की पत्ती के पोषक तत्‍व – Shajan ki Patti ke Poshak Tatva in Hindi

सहजन की पत्‍ती के पोषक तत्‍व और औषधीय गुणों के कारण इसका उपयोग आयुर्वेदिक दवा के रूप में किया जाता है। सहजन के पत्तों में विभिन्‍न प्रकार के विटामिन, खनिज पदार्थ, एंटीऑक्‍सीडेंट, क्‍लोरोफिल और पूर्ण अमीनो-एसिड की अच्‍छी मात्रा होती है। सहजन की सूखी पत्तियों के पाउडर को ताजी पत्तियों की अपेक्षा बहुत अधिक पसंद किया जाता है। शुद्ध और जैविक होने के कारण सहजन के पाउडर का सेवन करने से कोई गंभीर दुष्‍प्रभाव नहीं होते हैं। आप अपनी विभिन्‍न प्रकार की स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं को दूर करने के लिए सहजन की पत्तियों का इस्‍तेमाल कर सकते हैं। आइए जाने सजन के बारे में अन्‍य जानकारीयां।

(और पढ़ें – सहजन या मोरिंगा पाउडर के फायदे और नुकसान)

सहजन की पत्ती का वैज्ञानिक नाम क्या है – Sahjan leaf ka scientific name kya hai in Hindi

सहजन का पेड़ (Moringa Tree) फेबेसी परिवार से संबंधित है जिसका वैज्ञानिक नाम मोरिंगा ओलिफेरा (Moringaoleifera)  है। हालांकि अलग-अलग स्‍थानों पर इसे कई नामों से जाना जाता है। बहुत से लोग सहजन को ड्रमस्टिक (Drumstick) के नाम से भी जानते हैं।

सहजन के पत्तों के स्‍वास्‍थ्‍य लाभ –Drumstick Leaves Health Benefits in Hindi

सहजन की पत्तियों में बहुत सारे सक्रिय घटक होते हैं जो मानव स्‍वास्‍थ्‍य को बेहतर रखने में सहायक होते हैं। जर्मनी में 2002 में हुए एक अध्‍ययन से पता चलता है कि ड्रमस्टिक की पत्तीयों में प्रोटीन, विटामिन सी, बीटा कैरोटीन, कैल्शियम, पोटेशियम और एंटीऑक्‍सीडेंट उच्‍च मात्रा में होते हैं। इसके अलावा सहजन की पत्तियों में एस्‍कॉर्बिक एसिड, फोलिक और फेनोलिक भी शामिल होते हैं। एक अन्‍य अध्‍ययन के अनुसार सहजन के पत्तों में लगभग 40 से अधिक प्रकार के एंटीऑक्‍सीडेंट होते हैं। इसके अलावा एंटी-बैक्‍टीरियलऔर एंटी-इन्‍फलामेशन गुण भी होते हैं। इन सभी गुणों के कारण सहजन की पत्तियों के फायदे स्‍वास्‍थ्‍य के लिए होते हैं। आइए विस्‍तार से जाने सहजन की पत्तियों के लाभ क्या हैं।

(और पढ़ें – सहजन की पत्तियों के फायदे और नुकसान)

सहजन की पत्तियों के फायदे वजन कम करे – Sahjan Leaf Benefits for Weight in Hindi

क्‍या आप अपना वजन कम करना चाहते हैं। यदि ऐसा है तो सहजन की पत्ती का उपयोग किया जा सकता है। सहजन की पत्तियों में फाइबर की उच्‍च मात्रा होती है जो भोजन को पचाने और आपकी भूख को नियंत्रित करने में सहायक होता है। जिससे आपको लंबे समय तक भोजन न करने की भावना को बढ़ावा मिलता है। सहजन की पत्तियां अन्‍य पोषक तत्‍वों और खनिज पदार्थ से भी भरपूर होती है। जो आपके शरीर में मौजूद अतिरिक्‍त वसा को नियंत्रित करने में सहायक होते हैं। एक अध्‍ययन से पता चलता है कि मोरिंगा लीफ में आइसोथियोसाइनेट नामक एक सक्रिय घटक होता है जो शरीर में वसा और कोलेस्‍ट्रॉल की मात्रा को नियंत्रित करता है। जिसके कारण सहजन की पत्तियां आपके वजन को कम करने में प्रभावी योगदान देती हैं।

(और पढ़े – जिम जाए बिना वजन कम करने के तरीके)

सहजन पत्‍ती से लाभ मधुमेह में – Sahajan patti se labh Madhumeh me in Hindi

मधुमेह एक गंभीर समस्‍या है जिसका प्रभाव तेजी से लोगों के बीच फैल रहा है। लेकिन सहजन पत्तीयों का उपयोग मधुमेह के उपचार में किया जा सकता है। डायबिटीज की समस्‍या विशेष रूप से इंसुलिन संवेदनशीलता के कारण होती है। साथ ही अधिक मीठा भोजन करने वालों को यह समस्‍या हो सकती है। एक अध्‍ययन के अनुसार सहजन पत्तियों के अर्क में मधुमेह विरोधी और एंटीऑक्‍सीडेंट गुण होते हैं। इन गुणों की मौजूदगी के कारण सहजन की पत्ती के लाभ मधुमेह रोगी के लक्षणों को कम करने में सहायक होते हैं। सहजन के पत्‍ते के लाभ इसमें मौजूद विटामिन डी के कारण भी होते हैं। जो शरीर में इंसुलिन के स्‍तर और संवेदनशीलता को बढ़ा सकता है। जिससे मधुमेह रोगी को लाभ मिलता है।

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सहजन के पत्‍ते का उपयोग दिल के लिए – Sahjan ke Patteka Upyog Dil ke liye in Hindi

हृदय संबंधी समस्‍याएं बहुत ही घातक होती हैं जो अधिकांश मामलों में मृत्‍यू का कारण बनती है। लेकिन औषधीय गुणों से भरपूर सहजन के पत्‍ते का उपयोग हृदय संबंधी समस्‍याओं को दूर करने में प्रभावी होता है। हालांकि हृदय रोग कई अन्‍य स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं का भी कारण बन सकते हैं जिनमें उच्‍च कोलेस्‍ट्रॉल और उच्‍च रक्तचाप आदि शामिल हैं। कोलेस्‍ट्रॉल एक वसा पदार्थ है जो रक्‍त वाहिकाओं में अवरोधक का काम करता है। जिसके परिणामस्‍वरूप उच्‍च रक्‍तचाप, हृदय की कोशिकाओं को नुकसान और दिल का दौरा आदि समस्‍याएं होती हैं। लेकिन सहजन की पत्तियों के फायदे आपके दिल को खराब कोलेस्‍ट्रॉल के प्रभाव से बचा सकते हैं। इन पत्तियों में ओमेगा-3 फैटी एसिड की अच्‍छी मात्रा होती है जो कोलेस्‍ट्रॉल के स्‍तर को कम कर सकता है। जिससे हृदय संबंधी समस्‍याओं को दूर करने में मदद मिल सकती है।

(और पढ़ें – हाई कोलेस्ट्रॉल कम करने के घरेलू उपाय)

सहजन की पत्‍ती का चूर्ण रक्‍तचाप के लिए – Sahjan ki patti ka churan raktchap ke liye in Hindi

मोरिंगा लीफ के फायदे उच्‍च रक्‍तचाप रोगी के लिए बहुत ही लाभकारी होते हैं। उच्‍च रक्‍तचाप एक ऐसी समस्‍या है जिसके सामान्‍य रूप से कोई विशेष लक्षण नहीं होते हैं लेकिन यह बहुत ही गंभीर स्थिति होती है। उच्‍च रक्‍तचाप दिल का दौरा या हार्ट अटैक आदि स्थिति पैदा कर सकता है। उच्‍च रक्‍तचाप का कारण खराब जीवनशैली, निष्क्रिय जीवन और अस्‍वस्‍थकर भोजन आदि हैं। उच्‍च रक्‍तचाप या हाई ब्‍लड प्रेशर के उपचार के लिए सहजन की पत्तियों का इस्‍तेमाल किया जा सकता है। क्‍योंकि सहजन की पत्तियों में पोटेशियम की अच्‍छी मात्रा होती है जो रक्‍तचाप को कम करने में प्रभावी होता है। पोटेशियम वैसोप्रेसिन (vasopressin) को नियंत्रित करता है। यह हार्मोन रक्‍तवाहिकाओं के कामकाज को प्रभावित करता है। नियमित रूप से सहजन की पत्तियों का सेवन उच्‍च रक्‍तचाप रोगी के लिए बहुत ही अच्‍छा होता है।

(और पढ़ें – हाई बीपी के लिए योग करने का तरीका और फायदे)

सहजन के पत्‍ते का फायदा कैंसर के लिए – Sahjan ke Patte ka fayda Cancer ke liye in Hindi

कैंसर एक गंभीर स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍या है जिसका इलाज अभी तक संभव नहीं है। क्‍योंकि अभी भी शरीर से कैंसर कोशिकाओं को स्‍थाई रूप से हटाने का कोई प्रभावी इलाज नहीं है। लेकिन कैंसर के लक्षणों को कम करने के लिए सहजन की पत्तियों का उपयोग किया जा सकता है। क्‍योंकि सहजन की पत्तियों में कई प्रकार के एंटीऑक्‍सीडेंट, विटामिन सी, जस्‍ता और अन्‍य सक्रिय घटक होते हैं। ये सभी घटक कैंसर कोशिकाओं और फ्री रेडिकल्‍स के प्रभाव को कम करने में सहायक होते हैं। 2011 में हुए एक अध्‍ययन से पता चलता है कि सहजन के पत्तों से निकाला गया अर्क कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकने और उन्हें नष्‍ट करने में प्रभावी होता है। हम सभी जानते हैं कि कैंसर के इलाज से बेहतर इसका बचाव करना है। यदि आप भी भविष्‍य में कैंसर की संभावनाओं से बचना चाहते हैं तो सहजन के पत्‍तों का नियमित उपभोग कर सकते हैं।

(और पढ़ें – पेट के कैंसर का कारण, लक्षण, इलाज और बचाव)

सहजन के पत्ते के की सब्‍जी लीवर स्‍वस्‍थ रखे – Sahjan ke patte ki sabji Liver swasth rakhe in Hindi

सहजन के पत्‍ते की सब्‍जी का नियमित सेवन करना आपके लीवर को स्‍वस्‍थ रखने में सहायक होता है। साथ ही यह लीवर में मौजूद विषाक्‍तता को आसानी से दूर कर सकता है। कई अध्‍ययनों से यह स्‍पष्‍ट हो चुका है कि सहजन की पत्तियां हृदय और जिगर की क्षति को कम कर सकती हैं जो हानिकारक बैक्‍टीरिया या वायरस के कारण होती है। 2012 में हुए एक अध्‍ययन से पता चलता है कि सहजन के पत्‍तों के रस में सिलिमारिन जैसे घटक होते हैं जो लिवर एंजाइम फंक्‍शन को बढ़ा सकते हैं। इसके अलावा यह घटक यकृत की प्रारंभिक क्षति से भी बचाता है जो उच्‍च वसा के सेवन या यकृत रोग के कारण होती है। इस तरह से आप अपने लीवर को स्‍वस्‍थ रखने के लिए अपने दैनिक आहार में सहजन के पत्ते की सब्‍जी का उपयोग कर सकते हैं।

(और पढ़े – लीवर को मजबूत करने के लिए क्या खाना चाहिए…)

सहजन के पत्‍ते के उपयोग आंखों के लिए – Sahajan ke Patte ke Upyog Aankho ke liye in Hindi

ड्रमस्टिक पत्तियों के फायदे आपकी आंखों के देखने की क्षमता को बढ़ा सकते हैं। हम जानते हैं कि सभी प्रकार की हरी सब्‍जीयां आंखों के लिए लाभकारी होती हैं। क्‍योंकि इनमें विटामिन ए और बीटा कैरोटीन की अच्‍छी मात्रा होती है। सहजन के पत्‍तों में भी विटामिन ए उच्‍च मात्रा में होता है जो गाजर की तुलना में 4 गुना अधिक है। इसके अलावा अध्‍ययनों से यह भी पता चलता है कि सहजन के पत्‍तों में ल्‍यूटिन भी अच्‍छी मात्रा में होता है जो ग्‍लूकोमा को रोक सकता है। इसके अलावा सहजन की पत्ती का उपयोग आंखों संबंधी अन्‍य समस्‍याओं को दूर कर सकता है। आप भी अपनी आंखों को स्‍वस्‍थ रखने के लिए सहजन के पत्‍तों का नियमित स्‍तेमाल कर सकते हैं।

(और पढ़ें – आंखों की जांच के लिए डॉक्‍टर के पास कब जाएं?)

सहजन की पत्‍ती का उपयोग प्रतिरक्षा बढ़ाये – Moringa Leaf for Boost immunity in Hindi

यदि आप बार-बार बीमार हो रहे हैं तो यह प्रतिरक्षा शक्ति में कमी का संकेत हो सकता है। स्‍वस्‍थ शरीर के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली का मजबूत होना आवश्‍यक है। क्‍योंकि यह हमारे शरीर को हानिकारक जीवाणुओं और बैक्‍टीरिया आदि के प्रभाव से बचाती है। सहजन के पत्‍तों में बहुत सारे एंटीऑक्‍सीडेंट और विटामिन होते हैं। ये घटक प्रतिरक्षा कोशिकाओं की कार्य क्षमता को बढ़ाने और वायरस या बैक्‍टीरिया के प्रभाव को कम करने में सहायक होते हैं। 2012 में हुए एक अध्‍ययन में पाया गया कि सहजन पत्तियों में मौजूद सक्रिय घटक प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देते हैं।

(और पढ़ें – रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) बढ़ाने वाले 14 खाद्य पदार्थ)

सहजन के पत्‍ते के गुण एनीमिया से बचाये – Moringa Leaves for Prevent Anemia in Hindi

शरीर में खून की कमी को एनीमिया के नाम से भी जाना जाता है। हमारे शरीर में आयरन की कमी के कारण एनीमिया या खून की कमी हो सकती है। लेकिन इस प्रकार की समस्‍या से बचने के लिए सहजन के पत्‍ते फायदेमंद होते हैं। 100 ग्राम सहजन पत्ते के पाउडर में कम से कम 28 मिली ग्राम आयरन होता है जो कि अन्‍य खाद्य पदार्थों की तुलना में अधिक है। अध्‍ययनों से पता चलता है कि गर्भवती महिलाओं में आयरन की कमी होने की संभावना अधिक होती है। लेकिन इस समस्‍या से बचने के लिए सहजन के पत्तों का उपयोग किया जा सकता है। जिससे एनीमिया के लक्षणों को कम करने में मदद मिलती है।

मोरिंगा लीफ के फायदे स्‍तनपान के लिए – Moringa Leaf benefits for Induce Lactation in Hindi

संपूर्ण शारीरिक स्‍वास्‍थ्‍य के लिए सहजन की पत्तियां बहुत ही लाभकारी होती हैं। लेकिन यह गर्भवती महिलाओं के साथ ही स्‍तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए भी उपयोगी है। यह गर्भावस्‍था के दौरान शरीर में आयरन की कमी को रोकती है साथ ही स्‍तनपान कराने वाली महिलाओं में दूध उत्‍पादन की क्षमता को उत्‍तेजित भी करती है। सन् 2000 में हुए एक अध्‍ययन से पता चलता है कि सहजन के पत्‍तों के अर्क का नियमित सेवन कर महिलाएं अपनी दूध उत्‍पादन की क्षमता को 2 गुना तक बढ़ा सकती हैं।

(और पढ़ें – स्तनपान कराना कब और कैसे बंद करना चाहिए)

ड्रमिस्‍टक लीफ के फायदे कब्‍ज के लिए – Drumstick leaves for Constipation in Hindi

कब्‍ज जैसी पाचन समस्‍याओं को दूर करने के लिए सहजन की पत्तियां लाभकारी मानी जाती हैं। कब्‍ज उस दौरान होता है जब हम अपने आहार में फाइबर युक्‍त खाद्य पदार्थों का उचित मात्रा में सेवन नहीं करते हैं। जबकि हमारे पाचन तंत्र को फाइबर की आवश्‍यकता होती है। जो कि मल त्‍याग के गठन और मल त्‍याग को आसान बनाता है। साथ ही फाइबर हमारी आंतों में जमा किसी भी हानिकारक पदार्थ को आसानी से दूर कर सकता है। इन्‍हीं गुणों के कारण सहजन की पत्तियों का इस्‍तेमाल कब्‍ज से बचने के लिए लाभकारी है।

(और पढ़ें – कब्ज ठीक करने के लिए उच्च फाइबर फल और खाद्य पदार्थ)

सहजन के पत्‍ते के लाभ पथरी के लिए – Sahjan ke Patte ke labh Kidney Stone ke liye in Hindi

गुर्दे की पथरी एक गंभीर समस्‍या है जो कि बहुत ही दर्दनाक होती है। किड़नी स्‍टोन शरीर में कोलेस्‍ट्रॉल, कैल्शियम, पित्‍त वर्णक या अन्‍य पदार्थों का क्रिस्‍टलीयकरण रूप है जो मानव मूत्र पथ में होता है। जिसके कारण पेशाब करने के दौरान तेज दर्द होता है। यदि समय पर इसका इलाज न किया जाये तो यह गंभीर समस्‍या बन सकती है। आप इस समस्‍या को उचित इलाज करने के लिए सहजन की पत्तियों का इस्‍तेमाल कर सकते हैं। सहजन के पत्‍ते की सब्‍जी का नियमित सेवन आपको गुर्दे की पथरी से राहत दिला सकती है। इसमें मौजूद सक्रिय घटक और अन्‍य पोषक तत्‍व गुर्दे की पथरी को तोड़ने और मूत्र क माध्‍यम से इसे बाहर निकालने में सहायक होते हैं।

(और पढ़ें – इन घरेलू उपायों से अपने-आप निकल जाएगी किडनी की पथरी)

सहजन की पत्‍ती का इस्‍तेमाल ब्रेन हेल्‍थ के लिए – Moringa Leaf for Brain Health in Hindi

सहजन की पत्तियों को सुपर फूड के रूप में उपयोग किया जाता है। यह मानव मस्तिष्‍क के लिए बहुत फायदेमंद खाद्य उत्‍पाद है। इसमें आयरन, जस्‍ता, ओमेगा-3 फैटी एसिड और अन्‍य पदार्थ होते हैं जो मस्तिष्‍क स्‍वास्‍थ्‍य को बढ़ाने में सहायक होते हैं। इसमें मौजूद जस्‍ता कई हार्मोन और न्‍यूरोट्रांसमीटर का एक हिस्‍सा है जो मस्तिष्‍क कार्य में जिम्‍मेदार होती हैं। जबकि ओमेगा-3 मस्तिष्‍क की स्‍मृति और संज्ञानात्‍मक कार्य को बेहतर बनाने में सहायक होता है। सहजन के पत्तों में मौजूद एंटीऑक्‍सीडेंट मस्तिष्‍क कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाने वाले फ्री रेडिकल्‍स के प्रभाव को भी कम करते हैं। यदि आप भी अपने और अपने परिजनों को मस्तिष्‍क संबंधी समस्‍याओं से बचाना चाहते हैं तो अपने दैनिक आहार में सहजन की पत्तियों का उपयोग कर सकते हैं।

(और पढ़ें – मस्तिष्क के लिए बहुत खराब हैं ये 7 फू्ड्स)

सहजन की पत्तियों के नुकसान – Sahjan ki Pattiyo ke Nuksan in Hindi

सहजन के पत्‍ते स्‍वास्‍थ्‍य के लिए बहुत ही फायदेमंद होते हैं। लेकिन कुछ विशेष परिस्थितियों में इनका सेवन करने से नुकसान भी हो सकते हैं।

  • अधिक मात्रा में सहजन की पत्तियों का सेवन करने से पाचन संबंधी समस्‍याएं बढ़ सकती हैं। क्‍योंकि इसमें फाइबर की उच्‍च मात्रा होती है। इसलिए सहजन की पत्तियों को कम मात्रा में सेवन किया जाना चाहिए।
  • मधुमेह रोगीयों को अधिक मात्रा में सहजन की पत्तियों का सेवन करने से बचना चाहिए। क्‍योंकि अधिक मात्रा में सेवन करने से यह शरीर में रक्‍त शर्करा के स्‍तर को निम्‍न स्‍तर पर ले जा सकता है।
  • यदि आप किसी विशेष प्रकार की दवाओं का सेवन कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में सहजन के पत्‍तों का उपभोग करने से पहले अपने डॉक्‍टर से सलाह लें।

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