MRI Scan in Hindi जानिए एमआरआई स्कैन क्या होता है, इसे क्यों किया जाता है, एमआरआई स्कैन कैसे होता है, एमआरआई कराने का खर्च कितना आता है, एमआरआई स्कैन कराने की प्रक्रिया क्या है, सीटी स्कैन और एमआरआई के बीच का अंतर, एमआरआई स्कैन के फायदे और एमआरआई स्कैन कराने के नुकसान के बारे में। आप जब कभी डॉक्टर के पास जाते तो जरूरत पड़ने पर डॉक्टर आपको एमआरआई टेस्ट करवाने की सलाह देता है। एमआरआई टेस्ट क्या है? आज के इस लेख में आपको MRI Scan के बारे में सम्पूर्ण जानकारी देंगें।
विषय सूची
1. एमआरआई स्कैन क्या है – What is MRI Scan in Hindi
2. एमआरआई स्कैन क्यों किया जाता है – Purpose of the MRI Scan in Hindi
3. शरीर के विभिन्न अंगों का एमआरआई स्कैन – MRI scan of different body parts in Hindi
3.1 सिर का एमआरआई स्कैन – Head MRI scan in Hindi
3.2 न्यूरोलॉजी के लिए एमआरआई स्कैन – MRI scan for neurology in Hindi
3.3 कार्डियोलॉजी के लिए एमआरआई स्कैन – MRI scan for cardiology in Hindi
3.4 शरीर के अन्य अंगों का एमआरआई – Other body parts MRI scan in Hindi
4. एमआरआई स्कैन कराने की प्रक्रिया – MRI Scan Procedure in Hindi
5. एमआरआई कराने का खर्च – MRI Price in Hindi
6. एमआरआई स्कैन के फायदे – Benefits of an MRI Scan in Hindi
7. एमआरआई स्कैन कराने के नुकसान – Side Effects MRI Scan in Hindi
8. सीटी स्कैन और एमआरआई के बीच का अंतर – Difference between a CT and a MRI in Hindi
एम आर आई स्कैन (MRI) का पूरा नाम मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (Magnetic resonance imaging ) है। MRI Scan एक ऐसी टेक्निक है जिसमें चुम्बकीय क्षेत्र (magnetic field) और रेडियो तरंगों की सहायता से शरीर के अंगों एवं उनकी कोशिकाओं का स्पष्ट एवं विस्तृत चित्र (images) बनाया जाता है। ज्यादातर एमआरआई मशीनें बड़ी एवं ट्यूब के आकार की चुंबकीय मशीन होती हैं। जब किसी व्यक्ति को एमआरआई मशीन के अंदर लेटाया जाता है तो चुंबकीय क्षेत्र उस व्यक्ति के शरीर में अस्थायी रूप से हाइड्रोजन परमाणुओं का पुनर्निर्माण करता है। रेडियो तरंगे के कारण ये संगठित परमाणु एक बहुत ही कमजोर सिग्नल उत्पन्न करते हैं जो शरीर के विभिन्न अंगों का क्रॉस सेक्शनल इमेज बनाते हैं। इसके अलावा एमआरआई मशीन 3-D इमेज भी बनाती है जिसे विभिन्न कोणों से देखा जा सकता है। यह विभिन्न बीमारियों के निदान के लिए सुरक्षित एवं सटीक (accurate) इमेजिंग परीक्षणों में से एक है।
एमआरआई स्कैन का उपयोग पूरे शरीर में बीमारियों का सही तरीके से निदान (diagnosis) करने के लिए किया जाता है। इसके अलावा MRI Scan का उपयोग तब भी किया जाता है जब ज्यादातर टेस्ट किसी बीमारी का सही निदान करने में असफल हो जाते हैं या उस बीमारी के बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं दे पाते हैं, तब एमआरआई के जरिए मरीज के सही बीमारी की पुष्टि की जाती है। आइये जानें किन अंगों (organs) का कराया जाता है एमआरआई स्कैन।
मानसिक आघात या सिर में चोट लगने पर एमआरआई कराने की आवश्यकता पड़ती है। क्योंकि इसकी सहायता से मस्तिष्क में सूजन एवं ब्लीडिंग के बारे में पता लगाया जाता है। इसके अलावा ब्रेन ट्यूमर, स्ट्रोक, रीढ़ की हड्डी (spine) में सूजन या ट्यूमर एवं मस्तिष्क की धमनी में समस्या (brain aneurysms) आदि असामान्यताओं के निदान के लिए एमआरआई का उपयोग किया जाता है।
किसी तरह की चोट लगने के बाद मस्तिष्क की संरचना का पता लगाने एवं मेरुरज्जु (spinal cord) में उत्पन्न विकारों के निदान के लिए न्यूरोसर्जन MRI Scan करते हैं। इसके अलावा रीढ़ की कशेरूकाओं एवं (vertebrae) कशेरूका डिस्क के परीक्षण के लिए भी एमआरआई स्कैन किया जाता है। महिलाओं में स्तन कैंसर, हड्डियों में इंफेक्शन एवं ट्यूमर के निदान के लिए एमआरआई किया जाता है।
MRI Scan एमआरआई स्कैन का उपयोग बांयी धमनी (aorta) एवं हृदय की संरचना के मूल्यांकन के लिए किया जाता है। सही तरीके से निदान होने के बाद ही डॉक्टर बीमारी का इलाज शुरू करते हैं। हृदय के चेंबरों के आकार और कार्यों, हृदय की दीवारों की मोटाई एवं गति, हृदय रोगों एवं हार्ट अटैक एवं रक्त वाहिकाओं में सूजन के निदान के लिए एमआरआई का उपयोग किया जाता है।
MRI Scan एमआरआई का उपयोग पेट के अंदर मौजूद अंगों एवं ग्रंथियों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए भी किया जाता है। एमआरआई कोमल कोशिकाओं, जोड़ों (joints) एवं हड्डियों की संरचना के बारे में सटीक जानकारी प्रदान करता है। एमआरआई से यह भी पता चल जाता है कि किसी व्यक्ति ने सर्जरी करायी है या नहीं। लिवर एवं पित्त नलिकाओं (bile ducts), किडनी
, तिल्ली(Spleen), अग्न्याशय, गर्भाशय, अंडाशय एवं पुरुष ग्रंथि (Prostate) आदि में विकारों के निदान के लिए एमआरआई स्कैन का उपयोग किया जाता है।MRI मशीन एक लंबी संकरी ट्यूब की तरह होती है जिसके दोनों सिरे खुले हुए होते हैं। मरीज को एक गतिशील टेबल पर लेटा दिया जाता है और ट्यूब के खुले सिरों की ओर टेबल को स्लाइड कर दिया जाता है। टेक्नोलॉजिस्ट दूसरे कमरे से मरीज को मॉनीटर कर रहा होता है। यदि किसी मरीज को कोई परेशानी होती है तो वह माइक्रोफोन से बात कर सकता है। हालांकि मरीज को डर लगने पर एमआरआई स्कैन से पहले उसे हल्की नींद आने की दवा खिलायी जाती है।
एमआरआई मशीन एक मरीज के चारों ओर एक चुंबकीय क्षेत्र (magnetic field) उत्पन्न करती है और रेडियो तरंगे सीधे शरीर पर पड़ती हैं। यह प्रक्रिया दर्दरहित (painless) होती है और व्यक्ति को चुंबकीय क्षेत्र या रेडियो तरंगें महसूस नहीं होती हैं।
एमआरआई स्कैन के दौरान मैग्नेट का आंतरिक भाग बार-बार आवाज उत्पन्न करता है। इस आवाज से बचने के लिए व्यक्ति के कान में इयरप्लग या म्यूजिक लगाया जाता है।
कुछ मामलों में कंस्ट्रास्ट मैटेरियल जैसे गैडोलिनियम हाथों की नसों के अंतःशिरा(IV) रेखा के माध्यम से दिया जाता है। यह कंट्रास्ट मैटेरियल चित्र को अधिक स्पष्ट एवं विस्तृत बना देता है। एमआरआई स्कैन करने में कुल 15 मिनट से एक घंटे का समय लगता है लेकिन मरीज को एक ही पोजिशन में लेटे रहना होता है क्योंकि हिलने-डुलने के कारण एमआरआई स्कैन का चित्र धुंधला हो सकता है।
MRI Scan कराने का खर्च 1500 से 25000 रूपये तक आता है। लेकिन MRI Scan की कीमत इस बात पर भी निर्भर करती है कि शरीर के किस अंग की एमआरआई करानी है, क्योंकि अलग-अलग अंगों का एमआरआई कराने का खर्च भी अलग-अलग होता है। इसके अलावा विभिन्न शहरों और अस्पतालों में भी एमआरआई की कीमत भिन्न-भिन्न होती है।
आमतौर पर एमआरआई स्कैन रोगों के निदान के लिए किया जाता है। आइये जानते हैं कि इसके फायदे क्या हैं।
कई रोगी सीटी (कम्प्यूटटेड टोमोग्राफी) स्कैन और एमआरआई (चुंबकीय अनुनाद इमेजिंग) स्कैन के बीच अंतर के बारे में पूछते हैं जबकि मशीनें समान दिखती हैं
एक सीटी स्कैनर शरीर के माध्यम से एक्स-रे बीम भेजता है क्योंकि यह कई चित्रों को लेते हुए एक चाप के माध्यम से घूमता है। सीटी स्कैन ठोस अंग के अंदर घनत्व और ऊतकों के विभिन्न स्तर को देखता है, और सिर (मस्तिष्क, आंखों, भीतरी कान, और साइनस), छाती (दिल और फेफड़ों), कंकाल सहित शरीर प्रणाली (गर्दन, कंधे और रीढ़), श्रोणि और कूल्हों, प्रजनन प्रणाली, मूत्राशय और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करता है
सीटी स्कैन, जो एक्स-रे का उपयोग करते हैं के विपरीत, एमआरआई स्कैन अंगों, मुलायम ऊतकों, हड्डी और अन्य आंतरिक शारीरिक संरचनाओं की विस्तृत तस्वीरों को लेने के लिए शक्तिशाली चुंबकीय क्षेत्रों और रेडियो आवृत्ति का उपयोग करता हैं। सामान्य और असामान्य ऊतक के बीच अंतर अक्सर सीटी स्कैन की तुलना में एमआरआई स्कैन पर अधिक स्पष्ट होता है। और एमआरआई स्कैन में कोई विकिरण का इस्तेमाल नहीं होता है, यह एक तेज आवाज के साथ सीटी स्कैन से अधिक समय लेती है। एक विशेष रूप से प्रशिक्षित रेडियोलॉजिस्ट स्कैन की व्याख्या कर सकता है, जो त्वरित और सटीक निदान प्राप्त करने में मदद करता है।
(और पढ़े – सीटी स्कैन क्या है कैसे होता है, कीमत, फायदे और नुकसान)
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