Mustard seeds benefits in hindi भारत के साथ साथ विश्व की लगभग सभी किचन में सरसों के बीज (मस्टर्ड सीड) का उपयोग किसी ने किसी तरह से किया जाता है। काले, भूरे, सफदे, पीले रंगों में पाए जाने वाले ये मस्टर्ड सीड खाने को स्वादिष्ट बनाने के साथ ही अपने अंदर कई औषधीय गुण (Mustard Medicinal properties) भी लिए हुए है। कैंसर, अस्थमा, कमर के दर्द जैसे आसाध्य बीमारियों में सरसों के बीज काफी राहत पहुंचाती है। आज हम आपको सरसों के बीज के फायदे और गुण बताने जा रहे है जो न सिर्फ आपके सेहत के लिए अच्छा है बल्कि कई रोगों से लड़ने के लिए भी कारगार है।
सरसों के बीजों में औषधीय गुण होते हैं, जिसके कारण इनका उपयोग कई आयुर्वेदिक दवाओं में किया जाता है। आइए जाने सरसों के बीज के फायदे और स्वास्थ्य लाभ क्या होते हैं।
छोटे और भूरे सरसों के बीज में कई तरह के मिनरल्स और विटामिन (Minerals & Vitamins) पाए जाते है। इनमें से फोलेट, थियामिन, राइबोफ्लेविन, नियासिन जैसे विटामिन मौजूद होते है। इसके उपयोग से आपका वेट मैंटेन रहता है साथ ही आपका मटैबलिजम भी अच्छा बना रहता है।
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उम्र बढ़ने के साथ ही इसका असर चेहरों पर भी देखने को मिलता है। लेकिन सरसों के बीच का नियमित इस्तेमाल करने से आप खुद को जवां महसूस कर सकती है। सरसों में पाए जाने वाले कैरोटीन, जीक्सानथिंस, विटामिन ए, सी व के इसे एंटीऑक्सीडेंट्स बनाता है जो बढ़ती उम्र में आपको खूबसूरत और जवां बनाए रखने में मदद करता है।
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यू तो सरसों के तेल के अनगिनत फायदे है । लेकिन सबसे ज्यादा फायदा गठिया के मरीजों (Arthritis Patients) को मिलता है। सरसों में पाए जाने वाले सेलेनियम व मैग्नीशियम के कारण इसका उपयोग एंटी इंफ्लेमेटरी के लिए किया जाता है। यह शरीर में गर्माहत पहुंचाता है। सरसों के तेल से शरीर में मालिश करने से मांसपेशियों को गर्माहट मिलती है जिससे दर्द में काफी हद तक राहत मिलता है।
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आज मार्केट में कई तरह के हेयर आयल मौजूद है। लेकिन दादी नानी के जमाने से चल आ रही सरसों के तेल से सर में मालिश (Massage in head) करना आज भी जारी है। सरसो के तेल से सर में मालिश करने से बालों के ग्रोथ जल्दी होती है साथ ही ये बालों को घना भी बनाता है।
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सल्फर की पर्याप्त मात्रा सरसों में पाई जाती है जो किए एंटीफंगल (Anti fungal) व एंटी बैक्टीरियल (Anti bacterial) की तरह काम करती है। त्वचा पर इंफैक्शन न हो इसके लिए सरसों के तेल का नियमित इस्तेमाल करते रहना चाहिए।
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अस्थमा या दमा के मरीजों (Asthmatic patients) के लिए सरसों का बीज का सेवन किसी रामबाण से कम नहीं होगा। इसमें पाए जाने वाले मैग्नीशियम और तांबे के रूप में मिनिरल शामिल है जो दमा के मरीजों के लिए काफी फायदेमंद है।
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कैंसर के नाम सुनते ही मरीज का सांसे थम सी जाती है। लेकिन सरसों के बीज (Mustard seeds) के इस्तेमाल से कैंसर जैसे भयावक रोग से भी लड़ा जा सकता है। सरसों में पाए जाने वाले फीटोन्यूट्रिएंट्स गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर (Gastrointestinal cancer) को रोकने में मदद करता है। अध्ययनों में पाया गया है कि सरसों में कुछ ऐसे गुण हैं जो पहले से मौजूद कैंसर को ठीक करता है ।
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