Myth and Facts about getting Pregnant in Hindi: क्या आप और आपके जीवन साथी ने जन्म नियंत्रण से संबंधित उत्पाद जैसे गर्भनिरोधक गोलियां, कंडोम आदि का इस्तेमाल बंद कर दिया है और आप गर्भाधारण करना चाहती हैं। गर्भाधारण करने वाली महिलाएं स्त्री रोग विशेषज्ञ से संपर्क करती है और प्रसव पूर्व (Prenatal) विटामिन लेना शुरु कर देती है। इसका मतलब यह है कि आप गर्भाधाराण करने के प्रति उत्सुक हैं। साथ ही आपने इससे संबंधित सभी प्रकार की तैयारी कर ली है। लेकिन कुछ कपल्स के लिए यह साधारण प्रक्रिया अचानक से भारी और चिंताजनक स्थिति बन जाती है। उनके मन में कुछ सवाल उठते हैं जैसे कि क्या गर्भवती होने का कोई सही तरीका है, क्या उनकी पोजीशन मायने रखती है आदि। आज इस लेख में आप गर्भाधारण और बच्चों के जन्म से जुड़े कुछ मिथकों और उनकी सच्चाई के बारे में जानेगें।
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प्रेगनेंट न होने के बारे में मिथक और सच्चाई – Myths And Facts About getting Pregnant in Hindi
असुरक्षित यौन संबंध बनाने के बाद भी यदि आप प्रेगनेंट नहीं हो पा रहीं है तो आपको गर्भधारण से जुड़े तथ्यों की जानकारी जरूर लेनी चाहिए हम आपको बता रहें हैं गर्भवती न होने के पीछे मिथक और सच्चाई के बारे में
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कुछ स्नेहक गर्भाशय ग्रीवा तक शुक्राणुओं को पहुंचने से रोकते है और उनकी क्षमता को कम कर देते हैं। ऐसी स्थिति में गर्भाधारण नहीं हो सकता है। साथ ही फोरप्ले पर अधिक समय व्यतीत करने से महिलाओं में प्राकृतिक स्नेहन का उत्पादन बढ़ सकता है।
यदि आप भी सेक्स करने के दौरान स्नेहक (Lubricant) का उपयोग करना चाहते हैं तो प्री-सीड और प्रजनन अनुकूल उत्पादों का उपयोग करें। यह गर्भाधारण में आने वाली शुक्राणु क्षमता संबंधित समस्याओं को कम करने में मदद करते हैं।
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ऐसा सोचना कि जब तक महिलाओं को चरम सुख (orgasm) की प्राप्ति नहीं होती है वे गर्भवती नहीं हो सकती हैं। ऐसा मानना गलत है, क्योंकि स्खलन के बाद शुक्राणु फलोपियन ट्यूबों (fallopian tubes) तक 1 मिनिट के अंदर पहुंच जाता है। भले ही महिला साथी को चरम सुख की प्राप्ति हो या ना हो। अब तक ऐसे कोई ज्ञात शोध नहीं हैं जो महिलाओं के चरम सुख को गर्भाधान के लिए उत्तरदायी ठहराता हो।
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कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि सेक्स करने के दौरान स्नेहक के रूप में लार (Saliva) का अधिक मात्रा में उपयोग करने पर यह शुक्राणुओं की गतिशीलता को कम कर सकता है। ऐसी स्थिति में वे पुरुष जो पहले से ही शुक्राणुओं की कमी से ग्रसित है उनमें शुक्राणुओं की गतिशीलता में बहुत अधिक कमी आ सकती है। लेकिन यदि व्यक्ति में शुक्राणुओं की कमी नहीं है तो सेक्स के दौरान लार का उपयोग करने पर उनके शुक्राणुओं की गतिशीलता में किसी प्रकार की कमी नहीं आती है।
यदि आप पिछले कुछ महीनों से गर्भवती होने की कोशिश कर रही हैं और आपको सफलता नहीं मिल रही है। ऐसी स्थिति में यदि आप मौखिक सेक्स करते हैं तो कुछ समय के लिए इससे बचने की कोशिश करें। ऐसा करने से आपको गर्भवती होने में मदद मिल सकती है।
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इस विषय को लेकर अब तक कोई शोध नहीं है जो किसी एक विशेष स्थिति को साबित करता है जो कि गर्भाधारण के लिए उपयुक्त हो। गर्भाधान किसी भी यौन स्थिति में हो सकता है। हां लेकिन कुछ ऐसी विशेष स्थितियां हैं जो शुक्राणुओं की गतिशीलता (Dynamics of sperms) को बढ़ा सकती हैं और अंडाशय में उनके प्रवेश को आसान बना सकती हैं। इसलिए ऐसा सोचना गलत है कि गर्भाधारण के लिए केवल मिशनरी पोजीशन या 67 की पोजीशन ज्यादा प्रभावी होती है।
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इस बात के कोई सबूत नहीं है कि यदि आप संभोग (intercourse) करने के बाद अपने कूल्हों के सहारे कुछ देर के लिए बैठते हैं तो इससे गर्भाधारण करने में सफलता मिलती है। शुक्राणु कोशिकाएं स्खलन के कुछ मिनटों में ही फैलोपियन ट्यूब तक पहुंच जाते हैं। आपको पता है कि एक बार स्खलित होने वाले वीर्य में लाखों शुक्राणु कोशिकाएं होती हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है यदि महिला सेक्स के तुरंत बाद खड़ी हो जाए और कुछ वीर्य उसकी योनि से बाहर आ जाए। ऐसी स्थिति में भी गर्भधारण (Conception) हो सकता है क्योंकि शुक्राणु कोशिकाएं लाखों की संख्या में होती हैं, और गर्भधारण के लिए कुछ शुक्राणुओं की ही आवश्यकता होती है।
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सेक्स से लंबे समय तक दूरी बनाना शुक्राणु कोशिकाओं (Sperm cells) की गुणवत्ता को कम करने के लिए जाना जाता है। इसके अलावा अधिक यौन संबंध बनाने से शुक्राणुओं की संख्या में कमी हो सकती है। डॉक्टरों द्वारा गर्भाधारण के लिए उपयुक्त समय के दौरान प्रतिदिन या एक दिन छोड़कर हर दूसरे दिन सेक्स करने की सलाह दी जाती है।
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इस बात पर विश्वास करने के कोई प्रमाणित सबूत नहीं है, लेकिन कुछ महिलाओं का मानना है कि यह सही है। इसका सिद्धांत यह है कि कई खांसी सिरप गुअइफ़ेनेसिन (guaifenesin) में सक्रिय घटक पतली ग्रीवा श्लेष्म का कारण हो सकता है और यह शुक्राणुओं को अंडे से मिलने की प्रक्रिया को आसान बना सकता है।
लेकिन इसका समर्थन करने के लिए कोई चिकित्सीय शोध (Medical research) नहीं है। लेकिन आपके लिए ऐसी दवा लेने का विचार अच्छा नहीं है जिसकी आपको जरूरत नहीं हो।
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कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि टाइट कच्छा पहनने से अंडकोषीय (scrotal) तापमान बढ़ सकता है। यह शुक्राणुओं की गुणवत्ता और गतिशीलता को कम कर सकता है। लेकिन इस विषय पर और अधिक शोध की आवश्यकता है। फिर भी यह किसी व्यक्ति के लिए ऐसी स्थितियों से बचने के लिए फायदेमंद हो सकता है स्क्रोटम में तापमान बढ़ाते हैं। इनमें टाइट कच्छा (briefs) पहनना, गर्म टब में नहाना या अपने गोद में रखकर लैपटॉप का उपयोग करना शामिल है।
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