नाभि हमारे शरीर का एक संवेशनील (sensitive) हिस्सा है जिसकी अधिक सफाई करने की जरूरत नहीं पड़ती है। आमतौर पर नाभि को मानव के शरीर का केंद्रबिंदु माना जाता है। इसलिए यह शरीर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा भी है। लेकिन कई बार नाभि अपने केंद्रबिंदु (canter) से हट जाती है अर्थात् खिसक जाती है जिसके कारण पेट में दर्द सहित अन्य तरह की समस्याएं होने लगती हैं। जबकि कई बार हमें पता ही नहीं चल पाता है कि हमारी नाभि खिसकी है या नहीं क्योंकि शरीर के इस हिस्से पर हम बहुत कम ध्यान देते हैं। आयुर्वेद में नाभि खिसकने को नाभि चक्र (nabhi chakra) भी कहा जाता है और इसे कोई बड़ी समस्या नहीं मानी जाती है। आयुर्वेद के साथ ही इसका घरेलू उपचार भी मौजूद है इसलिए समय रहते इसे ठीक किया जा सकता है।
इस आर्टिकल में हम आपको नाभि खिसकने के कारण, लक्षण के साथ नाभि खिसक जाए तो कैसे ठीक करें और नाभि खिसकने के घरेलू उपाय के बारे में बताने जा रहे हैं।
विषय सूची
आमतौर पर नाभि खिसकने के एक नहीं बल्कि कई कारण होते हैं। रोजमर्रा के कार्यों (daily work) के दौरान ही किसी कारणवश अचानक हमारी नाभि खिसक सकती है। यह कोई रोग नहीं है बल्कि लापरवाहीपूर्वक किए कार्यों के कारण ज्यादातर लोगों को नाभि खिसकने की समस्या हो जाती है। आइये जानते हैं नाभि खिसकने के मुख्य कारण क्या हैं।
इसके अलावा नियमित रुप से कोई ऐसा कठिन परिश्रम करना जिसमें आपके पेट की मांसपेशियां (abdominal muscles) तेजी से खिंच जाती हों तो इसके कारण भी नाभि खिसक जाती है।
खाना पीना छोड़ने पर पेट में कब्ज बन जाती है और पाचन क्रिया (digestion) खराब हो जाती है और गैस पूरे पेट में घूमने लगती है इसकी वजह से नाभि खिसक जाती है।
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आमतौर पर नाभि खिसकने के बाद जो लक्षण दिखायी देते हैं उसकी पहचान (diagnosis) बहुत आसानी से की जा सकती है। कई मामलों में आपको इसके लिए किसी तरह का निदान कराने की जरूरत नहीं पड़ती है और आप यह महसूस कर सकते हैं कि आपकी नाभि केंद्र से हट गयी है। नाभि खिसकने पर वास्तव में ये कुछ मुख्य लक्षण दिखायी देते हैं।
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नाभि खिसकने का निदान करने के लिए आमतौर पर एक तार या तंतु (string) का प्रयोग किया जाता है। इस तार से दोनों पैर की सबसे लंबी उंगली से नाभि का केंद्र (navel centre) मापा जाता है। समतल सतह पर ऊपर की ओर मुंह करके लेट जाएं। अगर इन दोनों मापों की लंबाई में अंतर होता है तो यह नाभि की स्थिति में बदलाव का संकेत मिलता है। हालांकि स्ट्रिंग से नाभि को मापते (measure) समय यह ध्यान रखा जाना चाहिए कि शरीर सीधा एवं सही स्थिति में हो।
इसके निदान का एक अन्य तरीका भी है। नाभि क्षेत्र में नाड़ी (pulse) को छूकर या महसूस करके नाभि के केंद्र में होने की स्थिति का पता लगाया जाता है। सपाट सतह पर ऊपर की ओर मुंह करके लेटें और अपने अंगूठे को नाभि में दबाएं। अगर नाभि के नीचे धड़कती संवेदना (throbbing sensation) महसूस होती है, तो इसका मतलब है कि नाड़ी और नाभि दोनों की स्थिति (position) सही है।
पुरुषों में दाएं और बाएं निपल्स से नाभि तक माप लेकर नाभि खिसकने का निदान किया जाता है। यदि निप्पल और नाभि की दूरी में असमानता है, तो इसका अर्थ यह है कि नाभि खिसक गयी है।
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जैसा कि हम ऊपर बता चुके हैं कि नाभि खिसकना कोई गंभीर समस्या (serious condition) नहीं है और इसे घरेलू इलाज के जरिए ठीक किया जा सकता है। हालांकि आपको इस बात का ध्यान रखना पड़ेगा कि इलाज समय पर करें। आइये जानते हैं इसके लिए कौन कौन से घरेलू उपचार मौजूद हैं।
कुछ विशेष प्रकार के योगासन इस समस्या को दूर करने में सहायता करते हैं। जिसके कारण 3 से 4 दिनों में ही नाभि अपने केंद्र में आ जाती है और यह परेशानी दूर हो जाती है। नाभि खिसकने पर आपको उत्तानपादासन, भुजंगासन, मत्स्यासन (fish pose), कंदरासन, सुप्त वज्रासन, चक्रासन, धनुरासन, मकरासन, नौकासन, मत्स्यक्रीड़ासन करना चाहिए। इन आसनों का अभ्यास आपको नियमित रुप से करना चाहिए ताकि आफके पेट और पीठ की मांसपेशियां मजबूत हो सके और दोबारा नाभि खिसकने की समस्या को रोका जा सके। इसके साथ ही आपको यह बात भी ध्यान रखनी जरूरी है कि इनमें से कोई भी आसन करने से पहले आपको आसन की विधि के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए अन्यथा आपकी समस्या बढ़ सकती है।
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जब नाभि खिसक जाए तो गिलोय का उपयोग करना काफी फायदेमंद होता है। इससे पेट के दर्द से राहत मिलती है और पेट में ऐंठन भी नहीं होती है। इसके अलावा गिलोय का सेवन करने से नाभि खिसकने के कारण पेट में उत्पन्न कब्ज की समस्या भी दूर हो जाती है। इसलिए आपको गिलोय का उपयोग जरूर करना चाहिए।
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नाभि खिसकने की समस्या होने पर सही तरीके से मसाज कराने से नाभि अपने केंद्र में आ जाती है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह मसाज सामान्य तरीके से किए जाने वाले मसाज से बहुत अलग होता है और नाभि खिसकने पर आपको किसी विशेषज्ञ (expert) से ही मालिश करवानी चाहिए। अगर आपने गलत तरीके से या फिर सामान्य मालिश करा ली तो आपकी परेशानी बढ़ सकती है। इसके अलावा यह भी ध्यान रखें कि मसाज कराने के बाद कई दिनों तक कोई भी भारी सामान नहीं उठाना चाहिए।
वास्तव में नाभि खिसकने पर तुरंत कोई घरेलू उपाय समझ में नहीं आता है जिसके कारण दर्द बढ़ता जाता है। इसलिए जब आपकी नाभि खिसके तो अच्छा गुणवत्ता वाले सरसों के तेल की कुछ बूंदे (oil drop) लगातार तीन या चार दिन तक अपनी नाभि में डालें। सरसों के तेल में कुछ ऐसे विशेष गुण पाये जाते हैं जिसके कारण यह नाभि को केंद्र में लाने में मदद करता है और पेट एवं इसके आसपास के क्षेत्र में हो रहे दर्द (abdominal area pain) को भी खत्म कर देता है। यही कारण है कि यह समस्या होने पर सबसे पहले आपको यही एक बेहतरीन घरेलू उपाय अतिशीघ्र करना चाहिए।
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आमतौर पर अपनी रोजमर्जा की गतिविधियों (daily routine) एवं कार्यों को करते समय थोड़ी सावधानी बरतकर नाभि खिसकने की समस्या से बचा जा सकता है। आइये जानते हैं इससे बचने के लिए क्या सावधानी बरतें।
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