आखिर क्यों जरूरी है पुरुषों के स्पर्म (शुक्राणु) की गतिशीलता (mobility) को बढ़ाना? आइये इसे विस्तार से जानते हैं। पहले के समय में यदि कोई महिला गर्भधारण नहीं कर पाती थी तो इसमें केवल उस महिला को ही दोषी माना जाता था, सभी लोग यही सोचते थे कि इसके लिए वह महिला ही उत्तरदायी हैं। लेकिन ऐसा नहीं हैं, प्रेग्नेंट होने के लिए पुरुषों के स्पर्म (शुक्राणु) की पर्याप्त संख्या और उनमें उचित गतिशीलता होना जरूरी होता हैं।
हम जानते है कि गर्भवती होने के लिए एक महिला के अंडे को पुरषों के शुक्राणुओं से मिलना जरूरी होता हैं। स्पर्म की पर्याप्तता और उनमें गतिशीलता में से यदि किसी भी एक की कमी हुई तो पुरुष बांझपन के शिकार हो जाते हैं। अंडकोष जो मेल के शरीर में शुक्राणुओं को बनाते और उनको संग्रहीत करते हैं, लेकिन जब अंडकोष को किसी भी प्रकार की स्वस्थ हानि होती है तो यह शुक्राणुओं की गुणवत्ता को प्रभावित करता हैं।
इसके अलावा और भी अन्य पर्यावर्णीय कारण होते है जो शुक्राणुओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं। अगर किसी पुरुष के शुक्राणु परीक्षण में शुक्राणुओं की गतिशीलता (Motility of sperm) 32% से कम पायी जाती है, तो महिला को गर्भधारण करने में गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। आज के इस आर्टिकल हम आपको में स्पर्म की गतिशीलता को बढ़ाने के प्राकृतिक उपाय (Natural ways to increase the mobility of sperm) बताएँगे।
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किसी पुरुष के स्पर्म या शुक्राणु की मोटिलिटी (गतिशीलता) उस गति को कहते है जिस गति के आधार पर वह पुरुष के वीर्य में तैरते हैं और सेक्स के दौरान महिला की योनि के माध्यम से उसके शरीर में प्रवेश करते हैं। एक स्वस्थ्य पुरुष के वीर्य (semen) में लगभग 120-350 लाख प्रति घंटे सेंटीमीटर की दर से शुक्राणु या स्पर्म पाये जाते हैं। यह स्पर्म जब स्खलन (Ejaculation) के दौरान पुरुष के शरीर से बाहर निकलते हैं तब इनमें से लगभग 40% स्पर्म एक्टिव होते हैं। जिनमें से 32% स्पर्म गतिशील होते हैं जो आगे की ओर बढ़ते हैं। हम यह कह सकते है कि एक सामान्य स्पर्म संख्या का 32% भाग गतिशील होता है जो एक अच्छा स्पर्म मोटेलिटी माना जा सकता है।
यदि वीर्य की मोटिलिटी 32 प्रतिशत कम आता है तब पुरुष के स्पर्म की गतिशीलता (Sperm mobility) को कमजोर माना जाता है। इस स्थिति को एस्थेनोज़ूस्पर्मिया (Asthenozoospermia) कहा जाता है। यह स्थिति पुरुष बांझपन का एक मुख्य कारण माना जाती है। आप स्पर्म की गतिशीलता बढ़ाने के उपाय के लिए प्राकृतिक तरीके को भी अपना सकते हैं। आइये मोटिलिटी बढ़ाने के तरीके को जानते हैं।
स्पर्म की गतिशीलता को प्रभावित करने वाले कारण खराब जीवनशैली, खानपान और पर्यावरण होता हैं। इसके अलावा यदि व्यक्ति को कभी अंडकोश में लगी चोट लगी हो, या सर्जरी, इन्फेक्शन हो तब भी स्पर्म की गतिशीलता पर विपरीत प्रभाव पड़ता हैं। यदि स्पर्म की जाँच के बाद आपको पता चलता है कि स्पर्म की गतिशीलता कम है, तब शुक्राणु की गतिशीलता बढ़ाने के लिए आप निम्न प्राकृतिक उपायों को अपना सकते हैं।
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स्वस्थ व पौष्टिक भोजन हमारे शरीर के लिए सभी प्रकार से लाभदायक होता हैं। यदि आप स्पर्म (शुक्राणु) की गतिशीलता को प्राकृतिक तरीके से बढ़ाना (Increasing sperm motility in a natural way) चाहते है तो संतुलित आहार का सेवन करें। अपनी स्पर्म मोटेलिटी को बढ़ाने के लिए ऐसे फल और सब्जी का सेवन करें जिसमें प्रोटीन, विटामिन, खनिज लवण, पोषक तत्व और एंटीऑक्सीडेंट्स जैसे सभी पदार्थ हो। इसके साथ ही आप बाज़ार में मिलने वाले प्रोसेस्ड फूड (Processed food) जैसे पास्ता, बर्गर और कोलड्रिंक आदि के सेवन से बचें। इससे स्पर्म की सेहत पर अच्छा प्रभाव होता हैं।
ऊपर दिए गए खाद्य पदार्थ स्पर्म की गतिशीलता (Sperm Motility) बढ़ाने के लिए अच्छे माने जाते हैं।
स्पर्म की गतिशीलता बढ़ाने के लिए दैनिक प्रयोग की जाने वाली वस्तुओं में उन रसायनों व प्लास्टिक का प्रयोग कम करें, जिनमें हानिकारक रसायनों का इस्तेमाल किया जाता है। कई रसायन जैसे फिथालेट्स (Phthalates) आदि का पुरुष प्रजनन क्षमता पर बुरा प्रभाव होता है। फिथालेट्स का प्रयोग बालों के रंग, परफ्यूम, नेल पोलिश आदि के लिए किया जाता है। इसके अलावा सॉफ्ट प्लास्टिक (Soft plastic) के उपयोग से भी बचें।
इसके अलावा शुक्राणु की गतिशीलता बढ़ाने के लिए टॉइलेट पेपर (Toilet Paper), नैपकिन (Napkin), क्लोरीन वाले नल का पानी, कीटाणुनाशक इस्तेमाल किए हुए खाने, सिंथेटिक कोसमेटिक (Synthetic cosmetics) और बाथरूम में इस्तेमाल होने वाली सभी चीजों का उपयोग करने से बचना चाहिए। शराब, तंबाकू और सिगरेट, सोडा आदि नशीले पदार्थों का सेवन स्पर्म की गतिशीलता को नुकसान पहुंचाते हैं।
तनाव भी एक कारक माना जाता है जो आपकी प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकते हैं। अगर आप भी ऐसी ही समस्या से जूझ रहें हैं और स्पर्म की गतिशीलता बढ़ाना चाहते हैं तो अपने स्ट्रेस का पता लगायें और तनाव कम करने की कोशिश करें।
स्पर्म की गतिशीलता बढ़ाने के लिए अपनी मर्ज़ी से किसी भी दवाइयों का सेवन न करें। बिना डॉक्टर की सलाह के दवाई लेना आपके स्पर्म की मोटेलिटी पर बुरा असर हो सकता हैं। कई दवाइयां जैसे कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स (calcium channels blockers) और ट्राईसाइकल एंटीडिप्रेसेंट्स (tricycle antidepressants) जो तनाव को (Depression) को दूर करने हेतु प्रयोग की जाती है वह प्रत्यक्ष रूप से स्पर्म की सेहत के लिए हानिकारक हो सकती है। इसके अलावा कीमोथेरेपी दवा और रेडिएशन उपचार दवा से पुरुषो में एज़ूस्पर्मिआ (azoospermia) और बांझपन की समस्या पैदा कर सकती हैं। इसलिए आप इसके सेवन से बचें।
असुरक्षित सेक्स संबंध के कारण भी स्पर्म गतिशीलता (Sperm Motility) की समस्या हो सकती है इससे बचने के लिए आप सुरक्षित सेक्स और कंडोम का प्रयोग करें।
पुरुष प्रजनन क्षमता में उसके शुक्राणु के स्वस्थ होना बहुत जरूरी होता है। गर्भधारण में पुरुष के शुक्राणु की पर्याप्त संख्या और उनमें उचित गतिशीलता, दोनों का ही बहुत महत्व होता है। ऊपर दिए गए स्वस्थ व पौष्टिक भोजन का सेवन करके स्पर्म की मोटेलिटी (Sperm Motility) को बढ़ा सकते है। इसके साथ ही अपने शरीर के वजन को कम करके, व्यायाम और योग करके भी स्पर्म की मोटेलिटी को बढ़ाया जा सकता है।
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