Natural Laxatives Food In Hindi आपका अच्छा स्वास्थ्य आपके पेट के स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। अक्सर बहुत से लोग कब्ज और पेट की अन्य समस्याओं से परेशान रहते हैं। लेकिन उनके पेट साफ करने में कुछ नेचुरल लैक्सेटिव मदद कर सकते हैं। नेचुरल लैक्सेटिव आपके पाचन स्वास्थ्य पर अच्छा प्रभाव डालते हैं। प्राकृतिक लैक्सेटिव खाद्य पदार्थों के कारण आप कब्ज से छुटकारा पा सकते हैं और मल त्याग को आसान बना सकते हैं। इस आर्टिकल में आप पेट साफ करने वाले लेचुरल लैक्सटिव खाद्य पदार्थों की जानकारी प्राप्त करेंगे। तो आइए इनके बारे में जाने।
विषय सूची
1. लैक्सेटिव मीनिंग इन हिंदी – What Is Laxatives in Hindi
2. लैक्सेटिव के काम – What Is Laxatives Work in Hindi
आपके पेट को साफ करने और डाईजेशन को आसान बनाने में लैक्सेटिव खाद्य पदार्थ बहुत मदद करते हैं। लैक्सेटिव पदार्थ ऐसे पदार्थ हैं जो स्टूल को ढ़ीला करते हैं। वे आंतों को लचीला भी बनाते हैं जिससे मल आसानी से आंतों से बाहर निकल सके। साथ ही यह पाचन को भी आसान बनाते हैं। लैक्सटिव अक्सर कब्ज का इलाज करने के लिए उपयोग किये जाते हैं। कम शब्दों में कहा जाए तो लैक्सेटिव मल त्याग की भावना को उत्तेजित करते हैं। आप बिना किसी डॉक्टर की सलाह के भी प्राकृतिक लैक्सेटिव खाद्य पदार्थों का सेवन कर सकते हैं। आइए जाने लैक्सटिव किस प्रकार कार्य करते हैं।
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पेट साफ करने से संबंधित समस्याओं के लिए कई प्रकार के लैक्सेटिव का उपयोग किया जा सकता है। ये प्राकृतिक लैक्सटिव कई प्रकार से काम करते हैं।
बल्क फार्मेटिंग लैक्सेटिव : इस प्रकार के लैक्सेटिव मल में मौजूद अतिरिक्त पानी को अवशोषित करने और मल के आयतन को बढ़ाने में मदद करते हैं।
मल को नरम बनाना : लैक्सटिवमल से अवशोषित पानी की मात्रा में वृद्धि करने में मदद करते हैं जिससे मल को नरम बनाने में मदद मिलती है। नरम मल को त्यागने में आसानी होती है।
स्नेहक लैक्सटिव :इस प्रकार के लैक्सेटिव आंतों की अंदरूनी परत में नमी बनाए रखते हैं जिससे मल आसानी से आंतों के माध्यम से गुजर सकता है।
ओस्मोटिक लैक्सेटिव : इस प्रकार के लैक्सेटिव कोलन में पानी की मात्रा को बनाए रखते हैं जिससे मल त्याग की आवृति को बढ़ाने में मदद मिल सकती है।
खारा रेचक (Saline laxative) : ये आंत्र आंदोलन को उत्तेजित करने के लिए छोटी आंत में पानी की मात्रा को बढ़ाने में मदद करते हैं।
उत्तेजक रेचक (Stimulant laxatives) : इस प्रकार के लैक्सेटिव मल त्याग को प्रेरित करने के लिए पाचन तंत्र की प्रक्रिया को तेज करते हैं।
हालांकि पेट की सफाई से सम्बंधित समस्याओं को दूर करने के लिए रेचक दवाएं बहुत ही प्रभावी होती हैं। लेकिन अक्सर इनका उपयोग करने पर यह इलेक्ट्रोलाइट और एसिडिटी जैसी समस्याओं को बढ़ा सकते हैं। लेकिन आप इस प्रकार की समस्याओं से बचने के लिए प्राकृतिक लैक्सेटिव का उपयोग कर सकते हैं। ये विकल्प भी बेहद प्रभावी होते हैं साथ ही इनके किसी प्रकार के दुष्प्रभाव भी नहीं होते हैं। आइए जाने पेट साफ करने में मददगार नेचुरल लैक्सेटिव के बारे में।
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पेट साफ करने में चिया बीज फाइबर की उच्च मात्रा के कारण लाभकारी है। नियमित रूप से सेवन करने पर चिया बीज आपके पाचन तंत्र को स्वस्थ्य रखने में मदद कर सकता है। चिया बीजों का सेवन करने पर यह पानी को अवशोषित करते हैं और एक जैल का निमार्ण करते हैं। यह जैल जैसा पदार्थ आपके मल को अधिक नरम बनाता है जिससे इसे त्यागने में आसानी हो सकती है।
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एलोवेरा आपके पेट को स्वस्थ्य रखने और कब्ज का इलाज करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा यह आपको सूरज से होने वाली त्वचा की क्षति को रोकता है। इसके साथ ही यह आपके पेट को स्वस्थ्य रखने और कब्ज का इलाज करने में मददगार है। अध्ययनों से पता चलता है कि एलोवेरा का सेवन करने पर यह पाचन तंत्र को मजबूत करता है और पेट को साफ रखने में मदद करता है। एलोवेरा का नियमित सेवन मल त्याग को आसान बनाने के साथ ही इसकी आवृत्ति को भी बढ़ा सकता है। यदि आप भी कब्ज या पेट से संबंधित किसी समस्या से परेशान हैं तो एलोवेरा का उपयोग कर सकते हैं।
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पेट की समस्यासओं को दूर करने के लिए, आपको आर्श्चय होगा, कि आलूबुखारा
आपके पेट की समस्याओं के लिए बेहद फायदेमंद है। ऐसा इसलिए है क्योंकि आलूबुखारा में फाइबर की उच्च मात्रा होती है। फाइबर बी उच्च मात्रा होने के कारण यह हमारे लिए किसी प्रभावी रेचक की तरह कार्य करता है। कई अध्ययनों से पता चलता है कि नियमित रूप से आलूबुखारा का सेवन करने पर यह गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक में पानी की मात्रा को बढ़ाता है। जिससे मल त्याग करना आसान हो सकता है। जिन लोगों को कब्ज की समस्या होती है उनके लिए आलूबुखारा बहुत ही प्रभावी खाद्य पदार्थ हो सकता है।(और पढ़ें – बच्चों में पेट दर्द के लिए घरेलू उपचार)
जब बात पेट साफ़ रखने की आती है तब कई अध्ययनों से पता चलता है कि उच्च प्रोबायोटिक खाद्य पदार्थों का सेवन करना इसमें बहुत ही फायदेमंद है। विशेष रूप से यह कब्ज और मल त्याग में होने वाली परेशानियों को दूर करने में सहायक हो सकता है। नियमित रूप से इस प्रकार के खाद्य पदार्थों का सेवन कर मल त्याग की की इच्छा और को बढ़ाया जा सकता है। यह मल को नरम करने और आसानी से गुजरने में भी सहायक होता है। उच्च प्रोबायोटिक आहारों के रूप में आप दही, किशमिश खट्टी गोभी (sauerkraut) आदि शामिल हैं। आप इसी तरह से अन्य प्रोबायोटिक उच्च खाद्य पदार्थों का सेवन कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
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पेट की समस्याओं को दूर करने के लिए और पाचन व्यवस्था को स्वस्थ रखने का सबसे अच्छा उपाय नियमित रूप से पर्याप्त पानी पीना है। अक्सर डॉक्टरों द्वारा पेट की साफाई करने हेतु अधिक से अधिक पानी पीने की सलाह दी जाती है। पेट से संबंधित समस्याएं होने पर अक्सर हमारा शरीर निर्जलित हो जाता है। इसलिए शरीर में पानी की कमी को दूर करने के लिए नियमित रूप से पानी पीना चाहिए। पानी आपके पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने के साथ ही आपके शरीर में पोषक तत्वों को अवशोषित करने में मदद करता है। यदि आप कब्ज की समस्या से परेशान हैं तो अधिक से अधिक पानी का सेवन कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
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पेट साफ रखने के लिए फाइबर आपके पाचन तंत्र के लिए बहुत ही फायदेमंद होते हैं। आप उच्च फाइबर को प्राप्त करने के लिए हरी पत्तेदार सब्जियों का उपयोग कर सकते हैं। हरी साग में फाइबर के साथ ही मैग्नीशियम की उच्च मात्रा होती है। इन पोषक तत्वों की उपलब्धता और इनमें मौजूद रेचर प्रभाव के कारण यह पाचन तंत्र से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में सहायक होती हैं।
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पेट की सफाई के लिए प्राकृतिक रूप से पका हुआ पपीता लैक्सटिव को सबसे अच्छा विकल्प माना जाता है। इसका सेवन करने पर न केवल शरीर में पानी की कमी को दूर किया जा सकता है बल्कि यह शरीर को पर्याप्त पोषण भी दिलाता है। इस बजह से पपीता पाचन तंत्र को मजबूत कर कब्ज की समस्या का प्रभावी इलाज कर सकता है। पपीता में एक फायदेमंद एंजाइम भी होता है जिसे पेपैन कहा जाता है। यह एंजाइम प्रोटीन को पचाने में आंतों की मदद करता है। आप भी नियमित आहार में पपीता को शामिल कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
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जब पेट से परेशान हो तब ओमेगा-3 फैटी एसिड और प्रोटीन की उच्च मात्रा लिए अलसी के बीज का सेवन करें। ये बहुत ही लाभकारी होते हैं। इसके अलावा अलसी के बीजों में ऐसे बहुत से पोषक तत्वों की अच्छी मात्रा होती है जो हमारे पाचन को ठीक करने और पेट को साफ रखने में मदद करते हैं। 2015 में किये गए एक पशु अध्ययन से पता चलता है कि अलसी का सेवन करने से यह दस्त जैसी पेट की समस्याओं को दूर कर सकता है। इसमें एंटी-डायरियल प्रभाव भी होते हैं जो दस्त को 84 प्रतिशत तक कम कर सकते हैं। इसके अलावा अलसी में घुलनशील और अघुलनशील दोनो ही प्रकार के फाइबर की उच्च मात्रा होती है। जिससे कारण कब्ज की समस्या से राहत मिल सकती है।
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पेट को साफ रखने के लिए किवी फल अपने रेचक गुणों के कारण कब्ज की समस्या का प्रभावी इलाज कर सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि किवी फल में फाइबर की उच्च मात्रा होती है। 1 कप किवी फल (लगभग 177 ग्राम) में 5.3 ग्राम फाइबर मौजूद रहता है। यदि इस मात्रा का सेवन किया जाता है तो यह हमारी दैनिक आवश्यकता का 21 प्रतिशत तक फाइबर उपलब्ध हो सकता है। किवी फलों में घुलनशील और अघुलनशील दोनो ही प्रकार के फाइबर अच्छी मात्रा में होते हैं। नियमित रूप से इसका सेवन करने पर यह पाचन तंत्र को स्वस्थ्य रखने के साथ ही मल त्याग को भी आसान बनाने में मदद करता है।
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