प्राकृतिक टेस्टोस्टेरोन बूस्टर जड़ी बूटियों का सेवन पुरुषों के लिए बेहद फायदेमंद होता हैं। टेस्टोस्टेरोन पुरुष सेक्स हार्मोन है लेकिन यह महिलाओं के लिए भी आवश्यक होता है। टेस्टोस्टेरोन की कमी किसी पुरुष को नपुंसकता के लक्षणों की ओर ले जा सकती है। लेकिन प्राकृतिक टेस्टोस्टेरोन बूस्टर जड़ी बूटी का उपयाग कर पुरुष इस समस्या से बच सकते हैं। आयुर्वेदिक टेस्टोस्टेरोन बूस्टर दवाओं का सेवन करने से किसी प्रकार के गंभीर दुष्प्रभाव भी नहीं होते हैं। आप टेस्टोस्टेरोन सप्लीमेंट के रूप में कुछ ऐसी जड़ी बूटीयों का उपयोग कर सकते हैं जिन्हें आप अपने दैनिक जीवन सामानय रूप से उपयोग करते हैं। आज इस आर्टिकल में आप टेस्टोस्टेरोन बूस्टर जड़ी बूटी के उपयोग और लाभ संबंधी जानकारी प्राप्त करेगें।
विषय सूची
यहाँ टेस्टोस्टेरोन हार्मोन के बारे में कुछ आश्चर्यजनक तथ्य दिए हैं-
टेस्टोस्टेरोन आपके पेट को कम करने में मदद कर सकता है-
हां, आपने सही पढ़ा! जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ता एड्रियन डॉब्स ने खुलासा किया है कि पुरुषों में पेट के मोटापे में कैसे कमी आई, जब उन्हें टेस्टोस्टेरोन दिया गया।
प्यार में पड़ी महिलाओं में एक उच्च टेस्टोस्टेरोन का स्तर होता है-
जो महिलाएं अभी किसी रिश्ते या प्यार में हैं, वे शुरुआती महीनों में उन महिलाओं की तुलना में अधिक टेस्टोस्टेरोन का स्तर रखती हैं जो सिंगल हैं या दीर्घकालिक संबंध में हैं।
बहुत अधिक टेस्टोस्टेरोन अंडकोष को सिकोड़ सकता है-
जो पुरुष प्रदर्शन बूस्टर और सिंथेटिक टेस्टोस्टेरोन लेते हैं वे सिकुड़े अंडकोष और बढ़ते हुए स्तनों से पीड़ित होने का जोखिम रखते हैं, लेकिन यह उनके मिजाज और मुँहासे को उत्पन्न नहीं करते हैं।
मनी-मेकिंग टेस्टोस्टेरोन के स्तर को प्रभावित करता है–
ब्रिटिश शोधकर्ताओं के अनुसार, युवा पुरुष अपने टेस्टोस्टेरोन के स्तर पर उन दिनों में बढ़ोत्री का अनुभव करते हैं, जहां वे अधिक लाभ कमाते हैं।
अतिरिक्त वसा टेस्टोस्टेरोन के स्तर को कम कर सकती है-
विशेषज्ञों का मानना है कि मोटे पुरुषों को पतले पुरुषों की तुलना में कम टेस्टोस्टेरोन के स्तर से पीड़ित होने की संभावना होती है; और इसका कारण वसा कोशिकाओं के साथ इन्फ्लामेंट्री कारकों की उपस्थिति है, जो टेस्टोस्टेरोन के संश्लेषण को दबाते हैं।
आयुर्वेदिक टेस्टोस्टेरोन बूस्टर उत्पादों का सेवन पुरुषों की यौन कमजोरी को दूर करने का सबसे अच्छा तरीका है। पुरुषों में यौन कमजोरी या नपुंसकता का प्रमुख कारण टेस्टोस्टेरोन की कमी होती है। यह एक प्रकार का सेक्स हार्मोन है। टेस्टोस्टेरोन की उचित स्तर पुरुषों के यौन स्वास्थ्य के साथ ही मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा होता है। टेस्टोस्टेरोन सीधे तौर पर पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या और गुणवत्ता दोनों को प्रभावित करता है। इसलिए शरीर में टेस्टोस्टेरोन के उचित स्तर को बनाए रखने के लिए विभिन्न प्रकार की आयुर्वेदिक औषधियों का सेवन करने की सलाह दी जाती है।
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यहां हमने उन सर्वश्रेष्ठ प्राकृतिक जड़ी बूटियों को सूचीबद्ध किया है जो स्वाभाविक रूप से टेस्टोस्टेरोन के स्तर में सुधार करती हैं।
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पुरुषों के लिए चिया बीज आयुर्वेदिक टेस्टोस्टरोन बूस्टर की तरह काम करता है। चिया के बीज साल्विया हिस्पानिका (Salvia Hispanica) के पौधे के बीज होते हैं। यह पौधा पुदीना के परिवार से संबंधित है। चिया बीज के पौधे मुख्य रूप से दक्षिण अमेरिका में पाये जात है। प्राचीन समय से ही आयुर्वेद में पौरूष शक्ति को बढ़ाने के लिए चिया बीज को औषधी के रूप में उपयोग किया जा रहा है। चिया बीज में ओमेगा -3 फैटी एसिड के साथ ही अन्य आवश्यक फैटी एसिड, और एंटी इंफ्लामेटरी गुण होते हैं। इसके अलावा चिया बीज में जस्ता में भी उच्च मात्रा में होता है। जिसके कारण यह पुरुषों के शरीर में टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाने में सहायक होता है।
जिन पुरुषों को यौन कमजोरी का अनुभव होता है उन्हें सबसे पहले अपने डॉक्टर से निश्चित करना चाहिए कि उनके शरीर में टेस्टोस्टेरोन का उचित स्तर है या नहीं। यदि टेस्टोस्टेरोन के स्तर में कमी होती है तो आप आयुर्वेदिक उपचार के रूप में चिया बीज का नियमित सेवन कर सकते हैं।
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अध्ययनों के अनुसार पुरुषों के यौन स्वास्थ्य में टेस्टोस्टेरोन का विशेष योदान होता है। आप टेस्टोस्टेरोन बूस्टर आहार के रूप में एवोकैडो का सेवन कर सकते हैं। एवोकैडो में न केवल स्वस्थ वसा होता है बल्कि विटामिन E भी उच्च मात्रा में होता है। विटामिन E टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाने में सहायक होता है। इसके अलावा नियमित रूप से एवोकैडो का सेवन शरीर में एस्ट्रोजन के स्तर को कम करने में भी सहायक होता है। जिससे पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या और गुणवत्ता दोनों में सुधार होता है। जिन पुरुषों में प्रजनन क्षमता की कमी होती है उन्हें नियमित आधार पर एवोकैडो का सेवन करना चाहिए।
आयुर्वेद के अनुसार एवोकैडो में कामोद्दीपक गुण होते हैं जो पुरुषों की यौन इच्छा और क्षमता दोनों को बढ़ा सकते हैं। एवोकैडो में मौजूद विटामिन बी कोर्टिसोल के स्तर को कम करके तनाव जैसी स्थिति को भी दूर करने में प्रभावी होता है।
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दक्षिण अफ्रीका में उत्पन्न, इस जड़ी बूटी को स्वाभाविक रूप से टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाने में आश्चर्यजनक रूप से प्रभावी पाया गया है। एक मानव अध्ययन ने यह पाया कि 25-50mg / kg खुराक के बीच इस जड़ी बूटी को जब लिया जाता है तो इसका एक प्रमुख टेस्टोस्टेरोन-बूस्टिंग प्रभाव हो सकता है।
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बीटा-कैरोटीन और अन्य फाइटोन्यूट्रिएंट्स की उच्च मात्रा कद्दू के बीजों में होती है। इस कारण ही टेस्टोस्टेरोन बूस्टर खुराक के रूप में कद्दू के बीजों का सेवन किया जाता है। आप भी टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाने के लिए अपने आहार में कद्दू के बीजों को शामिल कर सकते हैं। सेक्स हार्मोन के स्तर को बढ़ाने के लिए कद्दू के बीजों में जिंक भी मौजूद रहता है। इसके अलावा कद्दू के बीजों में सेरोटोनिन का उत्पादन बढ़ाने वाले अमीनो एसिड भी होते हैं। सेरोटोनिन के उचित स्तर होने से पुरुषों के शरीर में टेस्टोस्टेरोन के स्तर में वृद्धि होती है। यदि आपको या आपके साथी को यौन कमजोरी का अनुभव हो रहा है तो दैनिक आधार पर कुछ कद्दू के बीजों का सेवन करें। ऐसा करने से न केवल यौन प्रदर्शन में वृद्धि होगी बल्कि अन्य बहुत सी स्वास्थ्य समस्याओं को भी दूर किया जा सकता है।
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अश्वगंधा को विथानिया सोम्निफेरा (Withania somnifera) के रूप में भी जाना जाता है। अश्वगंधा एक और जड़ी बूटी है जिसका उपयोग प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति में किया जाता है। अश्वगंधा का उपयोग मुख्य रूप से एक एडेपोजेन (adaptogen) के रूप में किया जाता है। जिसका मतलब यह है कि अश्वगंधा आपके तनाव, चिंता और थकान को कम करने में सहायक है। एक अध्ययन के अनुसार प्रजनन क्षमता में कमी वाले लोगों में नियमित रूप से अश्वगंधा का सेवन करने पर शुक्राणुओं की संख्या और क्षमता दोनों पर सकारात्मक प्रभाव होता है। ऐसे लोगों को नियमित रूप से 3 माह तक प्रतिदन 5 ग्राम अश्वगंधा चूर्ण का सेवन करना चाहिए। ऐसा करने पर पुरुषों के शरीर में 10 से 22 प्रतिशत तक टेस्टोस्टेरोन के स्तर में वृद्धि हो सकती है।
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सदियों से लोग आयुर्वेदिक उपचार के लिए अदरक का उपयोग कर रहे हैं। कच्चे अदरक का सेवन करने पर टेस्टोस्टेरोन के स्तर में वृद्धि हो सकती है। नियमित रूप से अदरक का सेवन पुरुषों की प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में सहायक होता है। अध्ययनों से पता चलता है कि औषधीय मसाले के रूप में अदरक का उपयोग प्रजनन क्षमता में सुधार कर सकता है। 2012 में हुए एक अध्ययन के अनुसार 3 माह तक दैनिक आधार पर अदरक का सेवन करने से पुरुषों की प्रजनन क्षमता में 17.7 प्रतिशत तक वृद्धि होती है। पुरुषों की यौन शक्ति में वृद्धि टेस्टोस्टेरोन के स्तर के वृद्धि के रूप में होती है। यदि आप भी कम टेस्टोस्टेरोन की समस्या से परेशान हैं तो अदरक को कई प्रकार से अपने आहार में शामिल कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
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अनार प्रजनन क्षमता बढ़ाने के लिए सबसे अच्छी औषधी माना जाता है। अनार में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट तनाव में कमी करने और हृदय स्वास्थ्य को बढ़ाने में सहायक होते हैं। 2012 में हुए एक अध्ययन के अनुसार पुरुषों और महिलाओं में टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाने में अनार बहुत ही प्रभावी है। अध्ययन में 60 लोगों को नियमित रूप से 14 दिनों तक अनार का जूस पिलाया गया। साथ ही शोधकर्ताओं ने इन लोगों की लार में 3 बार टेस्टोसटेरोन की जांच की। अध्ययन से पता चला कि पर्याप्त मात्रा में अनार का जूस पीने के कारण पुरुषों और महिलाओं में लगभग 24 प्रतिशत तक टेस्टेस्टोरोन के स्तर में वृद्धि हुई। साथ ही उनके मूड और रक्तचाप में भी सुधार हुआ। इस तरह से अनार के रस का सेवन टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाने का सबसे आसान और प्रभावी तरीका है।
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टोंगकट अली एक औषधीय जड़ी बूटी है जो मुख्य रूप से इंडोनेशिया, मलेशिय और थाईलैंड में पाई जाती है। इस जड़ी बूटी का अर्क इसकी जड़ से प्राप्त किया जाता है। इस अर्क में कामोद्दीपक गुण होते हैं जो प्रजनन क्षमता को बढ़ाने और नपुसंकता का इलाज करने में सहायक होते हैं। एक अध्ययन के अनुसार उम्र बढ़ने के कारण यौन इच्छा में कमी को दूर करने और सेक्स ड्राइव को बढ़ाने में यह औषधी मदद करती है। नियमित रूप से उपभोग करने पर यह शरीर में टेस्टोस्टेरोन बूस्टर का काम करती है जिससे यौन शक्ति में अप्रत्याशित वृद्धि होती है। इस जड़ी बूटी में पाए जाने वाले पोषक तत्व और खनिज पदार्थ न केवल यौन प्रदर्शन बल्कि मांसपेशियों के विकास और स्वास्थ्य को भी बढ़ावा देने में सहायक होती है। आप टेस्टोस्टेरोन बूस्टर जड़ी बूटी के रूप में टोंगकट अली का उपयोग कर सकते हैं।
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शिलाजीत हिमालय की पहाड़ियों में पाया जाता है और इसमें फुल्विक एसिड (Fluvic acid) होता है जो प्राकृतिक रूप से टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाने में मदद करता है। उच्च गुणवत्ता के शिलाजीत और निम्न गुणवत्ता के शिलाजीत में बहुत अंतर होता है। इसलिए आप अच्छे क्वालिटी के शिलाजीत का सेवन करें (high quality shilajit to boost testosterone), यह टेस्टोस्टेरोन बढ़ाने में मदद करता है।
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माका रूट (Maca Root) दक्षिण अमेरिका के मध्य क्षेत्रों में पाया जाता है। इसका उपयोग पेरू के स्वदेशी लोगों ने हजारों वर्षों पहले से कर रहे हैं। माका रूट मूली के परिवार से संबंधित है। माका आपके टेस्टोस्टेरोन हार्मोन के स्तर को संतुलित रखने में मदद कर सकता है। पेरू के इंकास द्वारा इसे एक तरह के कामोत्तेजक के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा यह जड़ी बूटी पुरुषों और महिलाओं दोनों में कामेच्छा को बढ़ाने सहायक होती है। अध्ययनों से यह भी पता चलता है कि यह तनाव को कम कर सकता है। जिससे टेस्टोस्टेरोन को बढ़ावा देने में भी मदद करता है।
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इस चीनी जड़ी बूटी को पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए टेस्टोस्टेरोन का स्तर बढ़ाने में कुशल माना जाता है। इसमें ‘इकारिन’ (icariin) नामक यौगिक पाया जाता है, जिसे टेस्टोस्टेरोन बूस्ट के लिए जिम्मेदार माना जाता है।
एक अध्ययन में यह भी पता चला है कि हॉर्नी गोट वीड टेस्टोस्टेरोन के प्रभावों की नकल कर सकता है, जिससे टेस्टोस्टेरोन को बढ़ावा मिलता है; जो यह बताता है कि क्यों जड़ी बूटी को अक्सर कम कामेच्छा के लिए एक प्राकृतिक उपचार के रूप में निर्धारित किया जाता है- जो वास्तव में, कम टेस्टोस्टेरोन के स्तर का एक प्रभाव है।
इस जड़ी बूटी के लगभग 3 से 9 ग्राम, जब चाय के साथ लिया जाता है, तो स्वाभाविक रूप से टेस्टोस्टेरोन को बढ़ावा देने के लिए सबसे अच्छा समाधान माना जाता है।
जैतून का तेल एक प्रमुख खाद्य तेल है जिसमें हृदय रोग, कैंसर और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं को रोकने की क्षमता होती है। जैतून के तेल में मोनोअनसैचुरेटेड वसा और विटामिन ई की अच्छी मात्रा होती है। साथ ही इसमें कई प्रकार के एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो शरीर की कोशिकाओं को फ्री रेडिकल्स के प्रभाव से बचाते हैं। इसके अलावा शुद्ध जैतून का तेल पुरुषों की प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में भी सहायक होता है। एक अध्ययन के अनुसार नियमित रूप से जैतून के तेल का सेवन पुरुषों में सीरम टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ा सकता है। जैतून के तेल का सेवन करने वाले लोगों में ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन में वृद्धि करता है। जो कि टेस्टोस्टेरोन के उत्पादन को बढ़ाता है।
(और पढ़ें – जैतून के तेल के फायदे, उपयोग और नुकसान)
हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और वजन कम करने के अलावा भी प्याज के अन्य स्वास्थ्य लाभ होते हैं। प्याज में बहुत से पोषक तत्व और खनिज पदार्थों की उच्च मात्रा होती है साथ ही प्याज में एंटीऑक्सीडेंट भी भरपूर मात्रा में होते हैं। नियमित रूप से उपभोग करने पर प्याज टेस्टोस्टेरोन के निम्न स्तर को बढ़ाने में सहायक होते हैं। एक अध्ययन के अनुसार नियमित रूप से 4 सप्ताह तक प्याज के रस का सेवन करने से सीरम और कुल टेस्टोस्टेरोन के स्तर में वृद्धि करता है। यदि आप भी कम टेस्टोस्टेरोन संबंधी समस्या से जूझ रहे हैं तो प्याज के रस का सेवन कर सकते हैं।
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इस जड़ी बूटी को पंचर बेल भी कहा जाता है, टेस्टोस्टेरोन बढ़ाने के लिए सदियों से इसका उपयोग हो रहा है, विशेष रूप से चीन और भारत में, और माना जाता है कि यह टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ावा देता है। इस जड़ी बूटी का सेवन यौन इच्छा को बढ़ावा देने, खेल समारोह में सुधार और स्तंभन दोष का इलाज करने में मदद करने के लिए भी माना जाता है।
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