Navasana yoga in Hindi नावासन करने का तरीका और उसके फायदों को हम आज इस आर्टिकल में विस्तार से जानेगें। यह आसन हमारे योग की श्रृंखला का एक बहुत ही प्रमुख आसन हैं, इस आसन में व्यक्ति एक नाव के समान दिखाई देता हैं। नावासन करने से शरीर में होने वाले अनेक प्रकार के रोगों और बीमारियों से बचा जा सकता हैं। यह हमारे जीवन में ताकत और संतुलन पैदा करता हैं। यह आपकी छाती को फ़ैलाने में भी मदद करता हैं। आइये नावासन (नौकासन) योग करने का तरीका और फायदे जानते है।
विषय सूची
1. नवासना (नौकासन) क्या हैं – What is Navasana in Hindi
2. नावासन करने से पहले किये जाने वाले आसन – Navasana karne se pehle ke aasan in Hindi
3. नावासन (नौकासन) करने का तरीका – Navasana karne ka tarika in Hindi
4. नावासन (नौकासन) के फायदे – Navasana ke fayde in Hindi
5. नावासन करने में क्या सावधानी बरती जाए – Precautions to do Navasana in Hindi
नावासन एक संस्कृत का शब्द हैं इसे नौकासन के नाम से भी जानना जाता हैं जो दो शब्दों से मिलके बना हैं जिसमे पहला शब्द “नौका” या “नव” का अर्थ “नाव” होता हैं और दूसरा शब्द “आसन” का अर्थ होता हैं “मुद्रा”। इस आसन में व्यक्ति की स्थिति एक नाव के सामान दिखाई देती हैं। जैसे कोई स्थिर जहाज किसी समुद्र में शांत रूप से चल रहा हो। नावासन करने के लिए दोनों हाथ और पैर के फैलाव की स्थिति रहती हैं। इस आसन को करने वाला व्यक्ति V के समान दिखाई देता हैं। यह आसन सभी उम्र के लोगों के लिए लाभकारी होता हैं। यह आसन अनेक प्रकार की बीमारियों को ठीक करने के लिए जाना जाता हैं। आइये इस योग को करने के तरीके को विस्तार से जानते हैं।
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इस आसन को करने से पहले आप निम्न आसन को करें जिससे आपको नावासन करने में सहायता मिलेगी-
नावासन करने लिए हम नीचे आपको कुछ स्टेप बताने जा रहे रहे हैं जिसका पालन करके आप इसे आसानी से कर सकते हैं-
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नावासन करने के अनेक लाभ हैं और इससे विभिन्न प्रकार की बीमारियाँ से बचा जा सकता हैं, आइये इसके लाभ को विस्तार से जानते हैं-
मनुष्य के शरीर के मुख्य अंग होते हैं लीवर और किडनी, इनके बिना मनुष्य का जीवित रहना असंभव हैं। अतः इनको स्वस्थ रखना बहुत ही आवश्यक होता हैं। नावासन लीवर और गुर्दे के कार्य प्राणी में सुधार करता हैं। यह शरीर के पेट, यकृत, गुर्दे, अग्नाशय आदि को स्वस्थ रखता हैं इन अंगों का कार्य शरीर से विषाक्त पदार्थों को हटाना होता हैं और यह तरल पदार्थों का नियंत्रण करता हैं। अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए नावासन एक अच्छा आसन हैं।
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इस आसन को करने के लिए आपको अपनी रीढ़ के हड्डी को सीधा रखना पड़ता हैं जिसके कारण आपके रीढ़ के हड्डी मजबूत होती हैं। इसके अलावा यह erector spinae, quadratus lumborum, lower trapezius, transversospinalis जैसी समस्या को ठीक करता हैं। यह पीठ दर्द में भी आराम देता हैं।
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यह तनाव के कम करने के लिए एक बहुत ही अच्छा आसन हैं। यह सभी अवांछित विचारों को रोक के मन को शांत रखता हैं और ध्यान को केन्द्रित करने में सहायता करता हैं। जब आप नावासन करेंगे को कुछ दिन में ही आपको इसका अनुभव होने लगेगा। यह आपके दिमाग को स्वस्थ रखता हैं जिससे आप किसी भी कार्य को पूरे मन से कर पाते हैं।
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यह आसन पेट की मांसपेशियों को मजबूत करता हैं और आपकी पाचन क्रिया में सुधार करता हैं। यह अपच जैसे समस्या को खत्म करता हैं। नावासन करने से आपके पेट सम्बन्धी अनेक प्रकार की बीमारियाँ को खत्म किया जा सकता हैं।
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यह इच्छाशक्ति, दृढ संकल्प और आत्म-नियंत्रण बनता हैं।
यह आपके शरीर में ऊर्जा का प्रवाह को बढ़ता हैं।
यह आसन प्रजनन प्रणाली को मजबूत करता हैं।
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नावासन आपके जांघों की मासपेशियों को मजबूत करने में लाभदयक होता हैं, यह आपके कुल्हें को मजबूत करता हैं, हैमस्ट्रिंग को फैलता हैं, यह कमर के दर्द को भी ठीक करता हैं। अतः हमें नावासन का नियमित रूप से अभ्यास करना चाहियें।
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इस आसन को करने से यह शरीर में असंतुलित हार्मोन को संतुलित करता हैं, हार्मोन के अंसतुलन के कारण थकान, अवसाद, अनिद्रा और अस्वास्थ्यकर इच्छाओं का कारण हो सकता हैं। यह आसन हार्मोनल प्रणाली को स्वस्थ रखता हैं।
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नावासन को करने से पहले इसकी सावधानियों को जानना बहुत ही आवश्यक होता हैं, इस आसन की कुछ सावधानियां निम्न हैं-
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