Neeche Baith Kar Khane Ke Fayde: जमीन पर बैठकर भोजन करना एक पारंपरिक प्रथा है जिससे कई स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होते है। यह उचित पाचन में मदद करता है और शरीर और हृदय में रक्त के प्रवाह को बढ़ावा देता है। हालांकि समय के साथ, लोग फर्श पर बैठकर खाने के लाभों के बारे में भूल रहे हैं, फिर भी इसे सबसे अच्छी स्वास्थ्य प्रथाओं में से एक माना जाता है। तो चलिये हम आपको बताते हैं जमीन पर बैठकर खाना खाने से क्या फायदे होते हैं।
कुर्सी पर बैठकर खाना एक नया ट्रेडिशन है जो दुनियाभर के शहरों के साथ गांव के लोगों के भी दैनिक जीवन का हिस्सा बन गया है। अब लोग सिर्फ काम करने के लिए या फिर मेहमान को बैठाने के लिए ही कुर्सी टेबल का प्रयोग नहीं करते हैं बल्कि अब हर घर में डाइनिंग टेबल होता है और लोग यहां बैठकर भोजन करने के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं। पहले के समय में लोग फर्श पर पालथी मारकर बैठते थे और आराम से भोजन करते थे। आमतौर पर जमीन पर सुखासन और अर्द्ध पदमासन मुद्रा में बैठा जाता था। लेकिन आज के समय में बहुत कम लोग इस तरह बैठकर खाना खाते हैं। जमीन पर बैठकर खाने से ना सिर्फ आप स्वस्थ रहते हैं बल्कि आपका पाचन मजबूत होता है और मस्तिष्क को शांति मिलती है। इसके अलावा भी अन्य फायदे होते हैं।
इस आर्टिकल में हम आपको नीचे बैठकर खाने के फायदे के बारे में बताने जा रहे हैं।
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जमीन पर पालथी मारकर आराम से बैठकर भोजन करना आयुर्वेद का सबसे लोकप्रिय तरीका है। इससे डाइजेस्टिव सिस्टम मजबूत होता है। हेल्थ विशेषज्ञों का मानना है कि जमीन पर बैठकर भोजन करने के दौरान हर बार खाना उठाने के लिए नीचे झुकना पड़ता है और फिर अपनी नैचुरल सीटिंग में लौटना पड़ता है जिससे पेट की मांसपेशियां पाचन रस का स्राव करती हैं और यह सही तरीके से भोजन पचाने के लिए बेहद जरूरी है। इसके अलावा नीचे बैठकर खाना खाने से मस्तिष्क शांत रहता है।
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वर्ष 2012 में हुई एक स्टडी में पाया गया है कि जमीन पर बैठकर भोजन करने के बाद बिना किसी सपोर्ट के या फिर हाथ को फर्श पर टिकाए बिना उठने से लीवर मजबूत होता है। रिपोर्ट में बताया गया है कि सीटिंग पोजीशन से उठने के लिए काफी फ्लेक्सिबिलिटी और शरीर में ताकत की आवश्यकता होती है जो कि आम एक्सीडेंट, चोट और अचानक गिरने पर उठने के लिए बेहद जरूरी होता है। लेकिन जो व्यक्ति बिना नीचे बैठकर भोजन करने के बाद बिना किसी सहारे के उठ जाता है उसकी उम्र बढ़ती है और जिन लोगों को उठने में दिक्कत होती है उन्हें बीमारियां होने की संभावना रहती है।
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जब हम फर्श पर बैठकर भोजन करते हैं तब हमारे हिप्स, घुटनों और टखनों में लगातार मूवमेंट होता रहता है। इसके अलावा यह रीढ़ में लचीलापन लाने में भी मदद करता है और शरीर के इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाता है। जबकि अगर आप चेयर पर बैठकर खाना खाते हैं तो इससे पीठ में दर्द हो सकता है। इसके अलावा कमर भी अकड़ सकती है। यही कारण है कि शरीर को फुर्तीला और लचकदार बनाने के लिए जमीन पर बैठकर खाना खाना फायदेमंद होता है।
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जब हम नीचे बैठकर खाना खाते हैं तो पूरे शरीर में ब्लड का फ्लो बहुत आसानी से हो जाता है। इससे हृदय अच्छे से इसे पंप कर पाता है और आवश्यक ब्लड को बॉडी में समान रुप से सर्कुलेट करता है। इसके अलावा जब हम जमीन पर बैठकर खाते हैं तो हृदय पर बहुत कम प्रेशर पड़ता है। इस प्रकार शरीर को आवश्यक पोषक तत्व समान रूप से मिलते हैं।
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आयुर्वेद में कहा गया है कि जमीन पर बैठकर भोजन करने से मन को शांति और सुकून मिलता है। जिससे हम भोजन को पूरे मन से खाते हैं और अधिक भोजन करने से बच जाते हैं। सही अनुपात में भोजन करना शरीर के लिए आवश्यक है, क्योंकि नीचे बैठकर खाने से यह स्वतः कैलोरी की अधिकता को रोकता है। इसके अलावा जब हम फर्श पर बैठते हैं तो मस्तिष्क की नसें बेहतर ढंग से कार्य करती हैं। इससे आप भोजन को भरपूर चबाते हैं जो आपका वजन नहीं बढ़ने देता है और मोटापे को भी कम करता है।
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जब आप पद्मासन में बैठकर भोजन करते हैं तो आपकी पीठ के निचले हिस्से की मांसपेशिया, पेल्विक और आपके पेट के ऊपरी और निचले हिस्से में खिंचाव होता है, जिससे दर्द और बेचैनी कम होती है। जिससे आपके पाचन तंत्र पर बहुत अधिक जोर नहीं पड़ता है। जब नियमित रुप से आप फर्श पर बैठकर भोजन करते हैं तो मांसपेशियों में खिंचाव के कारण आप अधिक स्वस्थ रहते हैं।
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सही पॉश्चर में बैठने से ना सिर्फ आपकी हड्डियों में दर्द होने से बचाव होता है बल्कि मांसपेशियों एवं जोड़ों में अधिक तनाव भी नहीं होता है जिसके कारण आपको थकान नहीं होती है और आप एकदम नॉर्मल रहते हैं। जब आप फर्श पर बैठकर भोजन करते हैं तो आपकी बैठने की मुद्रा अपने आप सही हो जाती है। आपकी पीठ, कमर और रीढ़ एकदम सीधे होती है और आपके कंधे का भी पोजीशन बेहतर होता है जिससे आपका बॉडी पॉश्चर तो सुधरता ही है और सही तरीके से बैठने की वजह से आपको अनावश्यक दर्द भी नहीं होता है।
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ज्यादातर घरों में नीचे बैठकर खाना फैमिली एक्टिविटी मानी जाती है। घर के सभी सदस्य एक साथ बैठकर भोजन करते हैं। यह वह समय होता है जब घर के सदस्यों का एक दूसरे के साथ बॉन्डिंग बेहतर होती है। इसका कारण यह होता है कि नीचे बैठकर भोजन करने से मन खुश एवं शांत रहता है जिसके कारण आप सभी समस्याएं भूलकर एकदूसरे से काफी अच्छे से जुड़ जाते हैं।
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जब आप भोजन करने के लिए जमीन पर बैठते हैं तो आपको कुर्सी पर बैठने की अपेक्षा इसमें काफी फर्क नजर आता है। वास्तव में कुर्सी पर बैठकर भोजन करने से पेट पर अधिक दबाव पड़ता है जबकि जमीन पर बैठने से पेट में तनाव महसूस नहीं होता है और आप बहुत सहज तरीके से बैठकर बिल्कुल आराम से खाना खा पाते हैं।
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आमतौर पर नीचे बैठकर भोजन करना तो बेहद फायदेमंद होता है लेकिन कुछ खास कंडीशन में इससे नुकसान भी हो सकता है।
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निष्कर्ष: इस तरह से रोजमर्रा के जीवन में जमीन पर बैठकर भोजन करने से जीवन में एक सकारात्मक बदलाव आता है और व्यक्ति विभिन्न बीमारियों से दूर रहता है। यह आयुर्वेद का एक प्राचीन तरीका है जिसे आजमाना काफी फायदेमंद साबित हो सकता है।
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