सदियों पहले से आयुर्वेद में नीम को एक औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है। आज भी आप गांव देहात में जायेंगे तो पाएंगे कि लोग अपनी कई बीमारियों को नीम से ही ठीक कर लेते हैं। भारत में, नीम को आमतौर पर “गांव की फार्मेसी” भी कहा जाता है क्योंकि इसमें असंख्य स्वास्थ्य लाभ हैं। नीम का हर एक भाग चाहे नीम की जड़ हो, नीम के पेड़ की छाल, पत्तियां, फूल और नीम के बीज की गुठली और बीज का तेल इन सबका अपना अलग महत्व है। इसलिए आपको नीम के फायदे जानना बहुत जरुरी हो जाता है।
नीम में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाया जाता है जिससे यह बीमारियों से लड़ने में मदद करता है। इसके अलावा नीम इंफेक्शन, त्वचा संबंधी बीमारियां, मलेरिया, एक्जिमा जैसी कई बीमारियों के इलाज में भी उपयोग किया जाता है। नीम के पत्तों में पाए जाने वाले तत्व कई तरह के फंगल इंफेक्शन को रोकने में सहायक सिद्ध होते हैं। नीम हर तरह से शरीर के रोगों को दूर करने में लाभकारी है। तो आइये जाने की नीम के उपयोग से हमें क्या-क्या फायदे हो सकते हैं।
नीम में एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण मौजूद होते हैं जिसका उपयोग शैंपू और स्कॉल्प क्लीनर के रूप में किया जाता है। यह त्वचा को हाइड्रेट कर रूसी को खत्म करने में मदद करता है जिससे बाल अधिक मजबूत हो हैं। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण हेयर फॉलिकल को स्वस्थ रखता है जिससे बाल टूटने की समस्या नहीं होती है। प्राचीनकाल से नीम का उपयोग बाल को बढ़ाने और पुरूषों में गंजापन की समस्या दूर करने के लिए किया जाता है।
कील-मुंहासों के अलावा नीम त्वचा संबंधी गंभीर समस्याओं के इलाज में भी काफी उपयोगी है। नीम का पेस्ट लगाने से त्वचा से चिपचिपाहट और हानिकारक बैक्टीरिया समाप्त हो जाते हैं और त्वचा रोगमुक्त हो जाती है। नीम में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण त्वचा के दाग-धब्बों को दूर करता है जिससे त्वचा साफ दिखती है। नीम के तेल में फैटी एसिड और अधिक मात्रा में विटामिन ई होता है जो बढ़ती उम्र के असर को कम करता है और चेहरे को तरोताजा रखता है।
नीम का सेवन करने से गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट में जलन और सूजन की समस्या उत्पन्न नहीं होती है जो आपको अल्सर और कब्ज, मरोड़ और सूजन जैसी आंत की बीमारियों से दूर रखता है। इसके अलावा यह पेट के अच्छे बैक्टीरिया को खत्म करने वाले संक्रमण से पेट की रक्षा करता है।
रिसर्च में पाया गया है कि नीम में अधिक मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है, जो शरीर में कैंसर उत्पन्न होने के खतरे को कम करता है। नीम में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट फ्री रेडिकल के हानिकारक प्रभाव को रोकता है जिससे कैंसर से शरीर का बचाव होता है। रिसर्च में यह भी पाया गया है कि नीम कैंसर से बचाव के अलाव हृदय रोगों के खतरे को भी कम करता है। यह कॉर्डियोवैस्कुलर सिस्टम को साफ करता है और बीमारियों के हमले से बचाता है।
नीम के एंटीफंगल प्रभाव के कारण स्किन पर इंफेक्शन नहीं होता और इसके सेवन से इम्यून सिस्टम भी मजबूत होता है।
हालांकि यह पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हो पाया है कि डायबिटीज के इलाज में नीम कितना उपयोगी है लेकिन यह तय है कि नीम का सेवन करने से शरीर में इंसुलिन का स्तर बढ़ता है। नीम में कुछ ऐसे रसायन मौजूद होते हैं जो इंसुलिन को सक्रिय करते हैं जिससे शरीर में इंसुलिन का लेवल बढ़ जाता है और डायबिटीज की समस्या उत्पन्न नहीं होती है। इसके अलावा डायबिटीज से पीड़ित मरीजों को इंसुलिन थेरेपी देने में भी नीम का इस्तेमाल किया जाता है।
नीम मच्छरों से उत्पन्न होने वाली बीमारियों को दूर करने में काफी मददगार है। नीम के धुएं से मच्छर आसानी से भाग जाते हैं जिससे वेक्टर जनित मलेरिया का खतरा कम हो जाता है। इसके अलावा यह मच्छरों से उत्पन्न होने वाले गंभीर बीमारियों से भी शरीर की रक्षा करता है।
जैसा कि हम पहले ही बता चुके हैं कि नीम की पत्तियों में एंटी इंफ्लैमेटरी गुण मौजूद होता है, जो अर्थराइटिस के इलाज में काफी उपयोगी होता है।
कई जगह नीम का उपयोग जन्म दर को नियंत्रित करने में भी किया जाता है। स्वास्थ्य पर बिना कोई हानिकारक प्रभाव डाले यह महिलाओं में गर्भधारण को रोकता है। यह सेक्स की इच्छा को प्रभावित किए बिना जन्मदर को नियंत्रित करने में मदद करता है और यौन संबंधी बीमारियों को भी दूर करने में सहायक होता है।
वैसे तो नीम कई सारे फायदों से युक्त है लेकिन हर औषधि की ही तरह इसके भी कुछ दुष्प्रभाव मौजूद है. हम आपको यहां नीम के इस्तेमाल से होने वाले कुछ प्रमुख दुष्प्रभावों के बारे में बता रहे हैं.
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