Neem juice benefits in Hindi नीम का जूस, नीम के पौधे के फल और पत्तियों से निकाला जाता है। जिसका वैज्ञानिक नाम अजादिराचता इंडिका (Azadirachta Indica) है। नीम के रस का उपयोग पुराने समय से भारतीय चिकित्सा मे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता आ रहा है। नीम जूस के फायदे इसके आयुर्वेदिक गुणों के कारण और बढ़ जाते हैं। नीम एक आयुर्वेदिक पेड़ है जिसके कई स्वास्थ्य लाभ है। इसका कड़वा स्वाद लोगों के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। इसे आयुर्वेदिक दवा के रूप मे उपयोग किया जाता है।
विषय सूची
1. नीम का पेड़ – Neem Tree in Hindi
2. नीम के पोषक तत्व – Neem nutrients Value in Hindi
3. नीम जूस के फायदे – Neem juice ke fayde in Hindi
4. नीम का जूस बनाने की विधि – How to Prepare Neem Juice in Hindi
5. नीम जूस का सेवन कैंसे करें – How to drink Neem juice in Hindi
6. नीम के जूस के नुकसान – Neem juice ke Nuksan in Hindi
वनस्पति विज्ञान (Botany) मे अजादिराचता इंडिका के रूप में जाना जाने वाला आयुर्वेदिक पेड़ जिसे हम और आप नीम कहते हैं। यह महोगनी परिवार से संबंधित होता है। यह तेजी से बढ़ने वाला सदाबहार (Evergreen) पेड़ है जिसकी ऊंचाई 15-20 मीटर तक हो सकती है। यह पेड़ जून से अगस्त के बीच में अपने फल देता है। नीम की पत्तियों से रस निकाला जाता है जिसमें 140 से अधिक सक्रिय यौगिक उपलब्ध रहते हैं जो हमारे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं। इस कारण नीम जूस के फायदे बहुत अधिक हैं। नीम के रस में लौह, तांबा, जस्ता, सेलेनियम और क्रोमियम (Selenium and chromium) की बहुत अधिक मात्रा होती है जो इसे हमारे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद बनाते हैं।
नीम के पेड़ के सभी भाग जैसे कि पत्तियां, टहनियां, फल और छाल आदि का औषधीय उपयोग किया जाता है। इनकी छाल और टहनियों का उपयोग दांतों को साफ करने के लिए किया जाता है। इनके बीजों से निकलने वाला तेल का कई त्वचा रोगों को ठीक करने वाले उत्पादों में उपयोग किया जाता है।
मौजूदा भारतीय वैज्ञानिक साहित्य के अनुसार नीम में निंबिडिन, एक टेट्रोनोर्ट्राइटरपीन (tetranortriterpene) औषधीय गुण अच्छी मात्रा में होते हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार निंबिडिन एक एंटी-इंफ्मैट्री, एंटीमाइक्रोबायल, शुक्राणुनाशक, हाइपोग्लाइसेमिक और एंटीप्रेट्रिक एजेंट के रूप कार्य करते हैं। नीम मे मौजूद निंबिन, निंबोलाइड और सोडियम निंबिडेट के निकट से संबंधित यौगिक हैं जो कि चिकित्सकीय रूप से महत्वपूर्ण हैं। निंबिन में शुक्राणुनाशक गुण होते हैं। निंबोलाइड जीवाणुरोधी और एंटीमाइमरियल दोनों होता है, और सोडियम नंबिडेट एक मजबूत एंटीइंफ्लामैट्री (inflammatory) एजेंट होता है।
इस आयुर्वेदिक पेड़ की पत्तियों का रस हमारी बहुत सी बीमारियों को दूर करने में मदद करता है। यह आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune System) को मजबूत करने, हृदय स्वास्थ्य, कैंसर, स्ट्रोक आदि जैसी समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। आइए जाने नीम जूस के फायदे जो आपके लिए बहुत ही उपयोगी हो सकते हैं।
जर्नल ऑफ केमिकल एंड फार्मास्युटिकल रिसर्च के अनुसार नीम का जूस संयुग्मशोथ (conjunctivitis) और रात का अंधापन जैसी आंखों की समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। कंजाक्तिविटिस और रात का अंधापन जैसी समस्याओं में रात के समय नीम के जूस को आंखों में लगाना चाहिए। नीम का रस निकालने के लिए नीम के पत्तों को बारीक पाउडर के रूप में पीस कर पेस्ट बनालें और एक साफ कपड़े की सहायता से इसे निचोड़ (Squeeze) लें और फिर इस रस को अपनी आंखों में लगाएं। आपको नीम के जूस के फायदे स्पष्ट रूप से दिखाई देगा।
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आयुर्वेदिक दवा का उपयोग करने वाले चिकित्सक बुखार (Fever) को कम करने के लिए नीम के रस का उपयोग करते हैं। बुखार को कम करने के लिए ताजा नीम की पत्तियों के 1 चम्मच रस और 2 चम्मच शहद को मिला कर दिन में दो बार सेवन किया जाना चाहिए। नीम जूस के फायदे बुखार को नियंत्रित करने और उसे दूर करने के लिए हैं। यदि आप बुखार को दूर करना चाहते हैं तो यह आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।
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रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्रों का अनुमान है कि 30 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के अधिकांश युवाओं को मसूढ़ों की बीमारी (gum disease)होती है। गिंगिवाइटिस, मसूढ़ों की सूजन के चिकित्सा शब्द है यह आपके दांतों में पट्टिका (plaque) के निर्माण के कारण होता है। प्लाक आपके मुंह में बैक्टीरिया का एक रूप है।
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अध्ययनों से पता चलता है कि नीम के रस का उपयोग करके गिंगिवाइटिस (gingivitis) को दूर किया जा सकता है। ऐसा नीम में उपस्थित एंटी-इंफ्मैट्री और जीवाणुरोधी गुण के कारण होता है। अगर आपको गिंगिवाइटिस की समस्या है तो आप नीम के जूस का उपयोग कर इस समस्या को दूर कर सकते हैं।
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यदि आप अपना वजन कम (Lose weight) करना चाहते हैं और इसके कई प्रकार के उपाय के बाद भी अपना वजन कम नहीं कर पा रहे हैं तो नीम जूस के फायदे जान लीजिए। नीम के रस का नियमित रूप से सेवन करने से आप अपना वजन कम कर सकते हैं। नीम की पत्तियां आपके चयापचय मे सुधार करने और शरीर की वसा को दूर करने में मदद करती है। ऐसी स्थिति में आप अपने वजन को कम करने सफलता प्राप्त कर सकते हैं। नीम की पत्तियों के साथ आप नींबू का रस, शहद और पानी मिलाकर आप अपने चयापचय (metabolism) को बढ़ा सकते हैं।
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कैंसर (Cancer) का इलाज करने और इसे रोकने के लिए नीम जूस के फायदे शायद आपको पता न हों, लेकिन यह सच है कि नीम का रस कैंसर के उपचार में आपकी मदद करता है। नीम जूस का उपयोग कर कैमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी (radiotherapy) जैसी कैंसर उपचार की विधियों की प्रभावशीलता को और अधिक बढ़ाया जा सकता है जो कैंसर कोशिकाओं को कमजोर करने और उन्हें नष्ट करने में मदद करती हैं। नीम के पत्तों में ग्लाइकोप्रोटीन (glycoprotein) नामक शुद्ध प्रोटीन पाया जाता है जो किसी भी कमजोर कोशिकाओं की प्रतिरक्षा
(immune) शक्ति को बढ़ाता है जो कैंसर कोशिका में बदल सकती हैं। अगर आपको ऐसी किसी भी प्रकार की संभावना हो तो आप नीम के जूस का सेवन कर सकते हैं जो आपकी इन संभावनाओं को कम कर सकता है।(और पढ़े – कैंसर क्या है कारण लक्षण और बचाव के उपाय…)
नीम रस एक एंटी-इंफ्लामैट्री (Anti-inflammatory) पेय के रूप में कार्य करता है जो आपके चेहरे के काले दागों को दूर कर आपकी त्वचा को बेहतर रंग देता है।
त्वचा से मुँहासे और पिंपल (Acne and pimple) के निशान को कम करने में नीम का रस मदद करता है। यह शरीर के विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है इस प्रकार यह हमें स्पष्ट त्वचा और स्वस्थ्य बाल देता है।
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अब आप नीम के जूस के फायदे जान चुके हैं, आपको पता है कि नीम की पत्तियों का उपयोग कर आप अपना वजन कम कर सकते हैं या कैंसर के प्रभाव को कम कर सकते हैं। लेकिन प्रश्न यह है कि इस प्रकार के लाभ प्राप्त करने के लिए आप नीम के पत्तों का उपयोग किस प्रकार कर सकते हैं। आप इसका उपयोग कढ़ी पत्ते की चाय की तरह भी कर सकते हैं या प्रति दिन के लिए आप नीम के पत्तों का रस भी तैयार कर सकते हैं।
इसके लिए आपको आवश्यक्ता है 50 ग्राम नीम की पत्तियां, 250 मिलीपानी और ग्राइंडर।
50 ग्राम नीम की पत्तियों को 250 ग्राम पानी में मिलाकर रात भर के लिए छोड़ दें। सुबह इस मिश्रण को ग्राइंडर की सहायता से पतला होने तक पीस लें और साफ कपड़े की सहायता से इसे निचोड़ (Squeeze) लें और इसका सेवन करें। आप इस जूस को अधिक मात्रा में भी तैयार कर सकते हैं लेकिन यह ताजा जूस से ज्यादा प्रभावी नहीं हो सकता है। क्योंकि नीम के जूस की प्रभावशीलता 30 मिनिट के बाद कम होने लगती है। आप इस जूस को स्वादिष्ट बनने के लिए कुछ मसालों का भी उपयोग कर सकते हैं। लेकिन ध्यान रखें इस जूस में चीनी (sugar) का उपयोग बिल्कुल भी न करें।
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स्वाद में अधिक कड़वाहट होने के कारण इसे सामान्य रूप से पीना बहुत ही मुश्किल होता है। लेकिन यदि इसे उपचार के उद्देश्य से लिया जाए तो यह आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभकारी होता है। यदि आप नीम के स्वास्थ्य लाभ लेना चाहते हैं तो आपको इसे पीना ही होगा। आइए जाने नीम के रस पीने तरीकों के बारे में।
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