Neem ke Beej ke Fayde क्या आप नीम के बीज से होने वाले फायदों के बारे में जानते हैं। आयुर्वेद के अनुसार नीम के बीज के फायदे स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को दूर करने में मदद करते हैं। प्राचीन समय से ही प्रमुख औषधी के रूप में नीम के विभिन्न भागों का उपयोग किया जा रहा है। विशेष रूप से नीम के फायदे त्वचा संबंधी समस्याओं को दूर करने में मदद करते हैं। क्योंकि नीम के बीज (Neem Seeds) में शक्तिशाली जीवाणुरोधी गुण होते हैं।
जब जीवन शैली को बेहतर बनाने के लिए नीम के बीज का सेवन किया जाता है तो नीम के बीज आपको सभी प्रकार की पाचन समस्याओं और त्वचा की समस्याओं में लाभ पहुँचाते हैं। नीम के बीज के फायदे भी विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने में अपनी अहम भूमिका निभाते हैं।
नीम के बीज, नीम का तेल और नीम के पत्ते का उपयोग पिछले 4000 वर्षों से चिकित्सा उपचार के लिए आयुर्वेद की प्राचीन चिकित्सा पद्धति द्वारा किया जाता है। यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि नीम के फायदे शरीर के साथ-साथ त्वचा के लिए भी लाभकारी होते हैं, लेकिन जो बात कम ज्ञात हो सकती है वह यह है कि इसके बीजों (Neem Seeds) का सेवन बहुत सारे लाभों के लिए भी किया जा सकता है। आज इस आर्टिकल में आप नीम के बीज के फायदे और नुकसान संबंधी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। आइए इन्हें जाने।
नीम के बीजों के उपयोग का सबसे अच्छा तरीका उन्हें कुचलकर पाउडर के रूप में गर्म दूध के साथ मिला कर पिया जाये। आप पानी के साथ-साथ एक गोली की तरह भी इसका सेवन कर सकते हैं लेकिन याद रखें कि नीम के बीजों का स्वाद बहुत ही कड़वा होता है!
तो हम यहां नीम बीज के स्वास्थ्य लाभों को जानेंगे।
विषय सूची
1. नीम के बीज के फायदे – Neem ke Beej ke Fayde in Hindi
2. नीम के बीज के नुकसान – Neem ke Beej ke Nuksan in Hindi
आइये जानते है कि नीम के बीज हमारे लिए किस प्रकार से लाभदायक होते हैं।
औषधीय उद्देश्यों की पूर्ति करने के लिए नीम के पेड़ के सभी हिस्सों का अलग अलग प्रकार से उपयोग किया जाता है। इसी तरह से नीम के बीज के फायदे आपकी किडनी संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए उपयोग किये जाते हैं। इसके लिए आप नीम की पत्तियों और बीज से बनी चाय का सेवन किया जाना चाहिए। यह औषधीय चाय प्रोस्टेट और किडनी संबंधी समस्याओं को दूर करने में सहायक होती है। यह कोई आज का इलाज नहीं है बल्कि आयुर्वेद में प्राचीन समय से ही नीम के बीज के फायदे प्राप्त किये जा रहे हैं। यदि आप भी अपनी किडनी संबंधी स्वास्थ्य से चिंतित हैं तो नीम के बीज का उपयोग कर सकते हैं।
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मलेरिया एक संक्रामक बीमारी है जो कि मच्छर के काटने से फैलती है। मलेरिया रोगी के लिए नीम के बीज के फायदे बहुत अधिक होते हैं। मलेरिया का घरेलू उपचार करने के लिए नीम एक औषधी विकल्प है। विशेषज्ञों का मानना है कि नीम के बीज को पीसकर इसका लेप लगाने से मच्छर पास में नहीं आते हैं। जिससे मलेरिया फैलाने वाले मच्छरों के प्रभाव से और उनके काटने से आप बच सकते हैं। इसके अलावा नीम के बीज से प्राप्त तेल का उपयोग करने से भी मच्छरों को पास में आने से रोका जा सकता है।
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एथलीट फुट नामक संक्रमण के विकास को रोकने के लिए भी नीम के बीज का इस्तेमाल किया जा सकता है। क्योंकि नीम के बीज में शक्तिशाली जीवाणुरोधी गुण होते हैं। जो संक्रामक बैक्टीरिया के विकास और प्रभाव दोनों को कम कर सकते हैं। एथलीट संक्रमण होने पर आप रात में सोने से पहले घावों में नीम के बीज के तेल को नारियल के तेल के साथ उपयोग करें। यह न केवल घावों का उपचार करते हैं बल्कि कवक के विकास को भी रोकने में सहायक होते हैं। आप इंफेक्शन को रोकने के लिए नीम के बीज का उपयोग भी कर सकते हैं।
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आप अपने आंख और कान में होने वाले संक्रमण के प्रभाव को कम करने के लिए भी नीम के बीज का उपयोग कर सकते हैं। इसके लिए आप आंख और कान का मरहम बनाने के लिए नीम के बीज के अर्क का उपयोग कर सकते हैं। जो कि बहुत ही लोकप्रिय उपचार है। इन बीजों में जीवाणुरोधी गुण उच्च मात्रा में होते हैं जो संक्रमण फैलाने वाले बैक्टीरिया को नष्ट कर सकते हैं।
औषधीय पौधा होने के कारण नीम के बीजों का उपयोग करना बहुत सुरक्षित है। इस तरह से आप अपनी आंखों और कान के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए नीम के बीजों का प्रयोग कर सकते हैं।
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नीम के बीज से निकाला गया तेल प्राचीन समय से त्वचा समस्याओं को दूर करने के लिए उपयोग किया जा रहा है। बहुत से सौंदर्य उत्पादों में नीम के बीजों का उपयोग प्रमुख घटक के रूप में उपयोग किया जाता है। आप त्वचा संबंधी विभिन्न प्रकार की समस्याओ जैसे मुंहासे, फंगल संक्रमण, परतदार त्वचा, आदि को ठीक करने के लिए नीम के बीज का इस्तेमाल कर सकते हैं। अपने चेहरे पर नियमित रूप से नीम के बीजों का पेस्ट लगाने से यह त्वचा के दाग और धब्बों को भी दूर कर सकता है। आप अपने चेहरे को प्राकृतिक रूप से गोरा बनाने के लिए भी नीम के बीज का इस्तेमाल कर सकते हैं। नीम के तेल में एंटीऑक्सीडेंट के साथ ही एंटीफंगल और एंटीसेप्टिक गुण होते हैं जो विभिन्न प्रकार की त्वचा समस्याओं जैसे एक्जिमा, सोरायसिस और पिंपल्स का उपचार करने में सहायक होते हैं।
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सामान्य रूप से आप अपने बालों में नीम का उपयोग कई प्रकार से कर सकते हैं। डैंड्रफ बालों की सबसे आम समस्याओं में से एक है जिसका लोग अनुभव करते हैं। लेकिन, नीम के बीजों से निकाले गए तेल के उपयोग से ऐसी समस्याओं का आसानी से इलाज किया जा सकता है क्योंकि इसमें एंटी-फंगल, एंटीबैक्टीरियल और एंटी-पेरासिटिक गुण होते हैं। आज बाजार में मिलने वाले बालों संबंधी अधिकांश उत्पादों में नीम के तेल को प्रमुख घटक के रूप में उपयोग किया जाता है। औषधीय गुणों के कारण यह सिर की ऊपरी त्वचा या स्कैल्प को प्राकृतिक नमी दिलाने में सहायक होता है। साथ ही सिर में मौजूद संक्रमण को दूर करता है। जिनके प्रभाव के कारण अक्सर हमारे बाल कमजोर होकर झड़ते हैं। इस तरह से आप नीम के बीजों से प्राप्त तेल का उपयोग अपने बालों में कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
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जो महिलाएं गर्भाधारण नहीं करना चाहती हैं उनके लिए नीम के बीज बहुत ही फायदेमंद होते हैं। बहुत सी महिलाओें को रासायनिक जन्म नियंत्रण का उपयोग करना पसंद नहीं होता है। इसलिए यह जन्म नियंत्रण का प्राकृतिक तरीका है। ऐसा माना जाता है कि इन बीजों में शक्तिशाली गुण होते हैं जो गर्भ को रूकने से रोकते हैं।
नीम के बीज उन महिलाओं के लिए फायदेमंद हैं जिन्हें प्राकृतिक जन्म नियंत्रण की आवश्यकता होती है। बीज इतने शक्तिशाली होते हैं कि यह गर्भावस्था को रोकने के लिए लुब्रिकेंट की तरह काम करते हैं। यदि आप भी चाहें तो गर्भावस्था को रोकने के लिए नीम के बीज से निकाले गए तेल के लाभ प्राप्त कर सकती हैं।
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औषधीय गुणों के साथ ही नीम के बीज में एंटीऑक्सीडेंट और एंटीसेप्टिक गुण होते हैं। इन गुणों के कारण शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले फ्री रेडिकल्स को रोका जा सकता है। इस तरह से मौखिक रूप से सेवन करने पर नीम के बीज हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक होते हैं। यदि आप भी बार-बार सर्दी और बुखार से परेशान हैं तो नीम के बीजों का उपयोग कर सकते हैं।
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नीम के बीज गर्भवती महिलाओं के लिए गर्भपात को प्रेरित करते हैं। इसलिए यह गर्भवती महिलाओं के लिए सबसे खराब माने जाते है। इसलिए गर्भवती महिलाओं को नीम के बीज से बने किसी भी पदार्थ का उपयोग करने से बचना चाहिए।
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