Neem ke patti Ke Fayde aur nuksan in Hindi क्या आप जानते है कि नीम के पत्ते खाने से क्या-क्या लाभ होते है? नीम हमारे लिए फायदेमंद है यह सभी जानते हैं, लेकिन किस प्रकार यह शायद सभी को नहीं पता। नीम के पत्ते एंटी फंगल जीवाणुरोधी और एंटी इंफ्लेमेटरी एजेंट के रूप में काम करते हैं। नीम की पत्ती खाने के फायदे विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने और सौंदर्य को बढ़ावा देने के लिए जाने जाते हैं। यह एक औषधीय पेड़ है जो विभिन्न रोगो जैसे मधूमेह, अस्थमा, रक्त परिसंचरण, मलेरिया, फंगल संक्रमण, कैंसर, गठिया आदि बीमारियों के प्रभावों को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा नीम के पत्ते के फायदे त्वचा सौंदर्य और बालों के लिए भी होते हैं। इस लेख में आप जानेगें कि नीम के पत्ती से हमें कौन से लाभ प्राप्त होते हैं साथ ही इसके सेवन से क्या संभावित नुकसान हो सकते हैं।
विषय सूची
1. नीम क्या है – Neem Kya Hai in Hindi
2. नीम की पत्ती के बारे में – About Neem Leaf in Hindi
3. नीम के पोषक तत्व – Neem Nutritional Value in Hindi
4. नीम की पत्ती के फायदे – Neem ke patte ke fayde in hindi
5. नीम की पत्ती खाने के नुकसान – Side Effects of neem leaves in Hindi
आजादीराचा इंडिका (Azadirachta indica) जिसे आमतौर पर नीम के नाम से जाना जाता है। अपने औषधीय गुणों के कारण यह प्राचीन समय से विभिन्न औषधीयों के रूप में उपयोग किया जा रहा है। लेकिन हाल ही के कुछ वर्षों में इस पेड़ ने विशेष लोकप्रियता हाशिल कर ली है। नीम के पेड़ के सभी हिस्से जैसे पत्तियां, फूल, फल, बीज, जड़और छाल आदि का औषधी के रूप में उपयोग किया जाता है। आज हम इस लेख में नीम के पत्ते के फायदे और नुकसान के बारे में चर्चा करगें।
(और पढ़े – नीम के फायदे और नुकसान…)
हम यहां नीम के पत्ते के फायदे की बात कर रहे हैं। वैसे तो नीम के सभी हिस्से औषधीय गुणों से भरपूर हैं। लेकिन इनके पत्तों का आसानी से उपयोग और उपभोग किया जा सकता है। नीम के पत्ते मध्यम आकार के छोटे पत्ते होते हैं जिनकी औसतन लंबाई 20-40 सेंटी मीटर होती है। इसके पत्ते चमकीले हरे रंग के होते हैं जो दोनो ओर समूह में होते हैं। प्रत्येक शाखाओं में लगभग आठ समूह होते हैं। नीम की पत्तियों का स्वाद बेहद कड़वा होता है। इसका यही कड़वा स्वाद ही इसे हमारे लिए फायदेमंद बनाता है। आइये जाने नीम में मौजदू पोषक तत्वों के बारे में।
औषधीय उद्देश्यों के लिए नीम के पत्तों का उपयोग किया जाता है। इसमें विभिन्न एंटीवायरल, जीवाणुरोधी, एंटी-फंगल और एंथेलमिंटिक (anthelmintic) गुण होते हैं। यही कारण है कि नीम की पत्तियों का स्वाद कड़वा होता है। इन्हें एक प्राकृतिक कीटनाशक के रूप में भी उपयोग किया जा सकता है। नीम के पत्तों में फ्लैवोनोइड्स होते हैं। इसके अलावा नीम की पत्तियों में एंटी-इंफ्लामेटरी गुण भी होते हैं। इन गुणों के कारण ही नीम की पत्तियां स्वास्थ्य लाभ दिलाने के साथ ही त्वचा समस्याओं जैसे मुंहासे आदि का उपचार करने में सहायक होते हैं। आइये जाने नीम की पत्तियों के फायदे क्या हैं।
हम नीम का उपयोग कर बहुत सी स्वास्थ्य समस्याओं से बच सकते हैं। नीम की पत्तीयों का इस्तेमाल कई आयुर्वेदिक दवाओं को बनाने के लिए किया जाता है। नीम के पत्तों में निंबिन, निंबिनन, निंबोलाइड, निमेंडियल, निनिनिन और अन्य फायदेमंद यौगिकों के लिए जाने जाते हैं। नीम के पत्ते प्रतिरक्षा प्रणाली को उत्तेजित करते हैं, यकृत स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं, रक्त को शुद्ध करते हैं और पाचन तंत्र को बढ़ावा देते हैं। इसके अलावा नीम की पत्तियां सूजन, बुखार, त्वचा विकार, दंत विकार और संक्रमण आदि का उपचार करने में सहायक होते हैं। आइये विस्तार से जाने नीम की पत्ते खाने के फायदे क्या हैं।
मधुमेह के उपचार में भी नीम के पत्तों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। अध्ययनों से पता चलता है कि नीम की पत्तियों का सेवन हमारे लिए फायदेमंद होता है। यह हाइपोग्लाइसेमिक या रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। इस कारण यह मधुमेह रोगीयों के लिए फायदेमंद होता है। इसके अलावा यह अन्य कई मधुमेह से संबंधित बीमारियों को आने से भी रोक सकता है। नीम की पत्तीयों को एक और विशेष फायदा मधुमेह के कारण होने वाले ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करना है। नीम की पत्तियों या इसके तेल में एंटी-डायबिटिक गुण होते हैं जो शरीर को स्वस्थ्य बनाये रखने में सहायक होते हैं। मधुमेह रोगी को किसी अनुभवी व्यक्ति की सलाह के अनुसार नियमित रूप से नीम की पत्ती का सेवन करना चाहिए।
(और पढ़े – शुगर ,मधुमेह लक्षण, कारण, निदान और बचाव के उपाय…)
विभिन्न प्रकार के वायरल संक्रमण में नीम के पत्तों का उपयोग किया जाता है। नीम के पत्तों में मौजूद पोषक तत्व वायरस को नष्ट करने में सहायक होते हैं। संक्रमण को दूर करने के लिए आप नीम की पत्तियों का पेस्ट बना सकते हैं और प्रभावित क्षेत्र में लगा सकते हैं। नीम का इस्तेमाल आप चिकन पॉक्स की समस्या को दूर करने में भी कर सकते हैं। नीम की पत्ती से बना पेस्ट मस्सा और छोटी चेचक (chicken pox) आदि के इलाज में प्रभावी होता है। क्योंकि नीम वायरस को अवशाषित करती है और इन्हें फैलने से रोकती है। नीम की पत्ती का रस हर्पीस, वायरस के उपचार को भी तेज करने में मदद करते हैं। इसके अलावा नीम की पत्तियों का उपयोग कर फोड़े, फुंसी और घावों का उपचार भी किया जा सकता है। इस तरह आप नीम के पत्तों का उपयोग कर वायरल संक्रमण से बच सकते हैं।
(और पढ़े – चिकनपॉक्स (छोटी माता) के कारण, लक्षण, बचाव और इलाज…)
क्या आप बुखार से पीड़ित हैं, यदि ऐसा है तो नीम की पत्तियों का उपयोग करें। यह मलेरिया बुखार का इलाज कर सकता है। नीम में मौजूद औषधीय गुण गैडुनिन मलेरिया (gedunin) के इलाज के लिए बहुत प्रभावी होता है। मलेरिया के प्रमुख कारणों में संक्रमित मच्छरों का काटना शामिल है। आप नीम की पत्तियों का उपयोग कर इन मच्छरों को पास आने से रोक सकते हैं। नीम के पत्तों को कुचलने से आने वाली गंध मच्छरों के अंड़ों को नष्ट कर सकती है। इसके अलावा इसका उपभोग करने पर यह शरीर में मौजदू मलेरिया के जीवाणुओं को भी प्रभावी रूप से खत्म करने में सहायक होती है। आप भी नीम की पत्तियों का उपयोग कर इन समस्याओं से बच सकते हैं।
(और पढ़े – मलेरिया के कारण, लक्षण और बचने के घरेलू उपाय…)
पेट के अल्सर आज एक आम समस्या बन चुकी है। जिनका इलाज करने के लिए प्रोटॉन पंप इनहिबिटर आदि का उपयोग किया जाता है। लेकिन ये प्राकृतिक उपचार नहीं है और इसके दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं। अल्सर का प्राकृतिक उपचार करने के लिए आप नीम की पत्तीयों का उपयोग कर सकते हैं। यह पेट के अल्सर के लिए बहुत ही प्रभावी और सुरक्षित है। इसके अलावा आप नीम की छाल का भी उपयोग कर सकते हैं। पत्तियों और छाल से निकाले गए रस में शक्तिशाली गुण होते हैं। नीम का सेवन करने से गैस्ट्रिक श्लेष्म (gastric mucus) की मात्रा को बढ़ाया जा सकता है जो अल्सर का उपचार करने में प्रमुख भूमिका निभाता है। आप भी नीम की पत्ती का सेवन कर इस प्रकार के फायदे प्राप्त कर सकते हैं।
(और पढ़े – पेप्टिक अल्सर या पेट में अल्सर (छाले) क्या है, कारण, लक्षण, इलाज और घरेलू उपचार…)
चूंकि नीम में रक्त को शुद्ध करने की क्षमता होती है। इसलिए यह स्वस्थ्य रक्त परिसंचरण को बनाये रखने में मदद करता है। इसके अलावा नीम की पत्तियों का सेवन करने से यह शरीर में मौजूद विषाक्तता को दूर करता है। नीम में मौजूद पोषक तत्व रक्त वाहिकाओं के स्वास्थ्य में वृद्धि करते हैं जिससे ये उचित रक्त प्रवाह को बनाये रखते हैं। इन गुणों के कारण नीम की पत्ती के फायदे हृदय स्वास्थ्य के लिए भी जाने जाते हैं। नियमित उपभोग करने पर यह त्वचा के लिए भी फायदेमंद होते हैं। इसके अलावा यह मानव शरीर में हार्मोन स्तर को भी प्रभावी रूप से नियंत्रित कर सकते हैं। इन सभी लाभों को प्राप्त करने के लिए आप नीम की पत्तियों का सेवन कर सकते हैं।
(और पढ़े – शरीर में खून (हीमोग्लोबिन) कैसे बढ़ाएं…)
औषधीय गुणों से भरपूर नीम के पेड़ के सभी हिस्से हमारे लिए फायदेमंद होते हैं। इस पेड़ की पत्तियां, फल और छाल स्वाभिक रूप से गठिया का इलाज करते हैं। इनमें ऐसे औषधीय तत्व होते हैं जो जोड़ों में दर्द और सूजन को कम करने में सहायक होते हैं। इसके लिए आप नीम की पत्तियों का पेस्ट बनाकर प्रभावित क्षेत्र में लगा सकते हैं। इसके अलावा आप नीम की पत्तियों और फल से निकाले गए तेल से मालिश भी कर सकते हैं। यह मांसपेशीय दर्द और जोड़ों के दर्द में राहत दिलाता है। इसके अलावा आप इनका उपयोग ऑस्टियोआर्थराइटिस और पीठ के निचले हिस्से में दर्द को कम करने में मदद करता है। गठिया रोगी के लिए यह प्रभावी उपचार हो सकता है यदि वह नीम की पत्तियों का उपयोग करे।
(और पढ़े – गठिया (आर्थराइटिस) कारण लक्षण और वचाब…)
पेट से संबंधित समस्याओं के इलाज के लिए नीम की पत्तियां फायदेमंद होती है। यह पाचन तंत्र को मजबूत करने और इससे होने वाली अन्य समस्याओं जैसे अपचन, दस्त, कब्ज आदि का उपचार करने में प्रभावी मानी जाती है। नीम शरीर में अच्छे पीएच मान को बनाये रखने के लिए जाना जाता है। 10 सप्ताह तक नियमित रूप से नीम की पतितयों का दोनो टाइम सेवन करने पर यह पेट के अल्सर को पूरी तरह से ठीक कर सकता है। इसके अलावा नीम की पत्तीयों में फाइबर की अच्छी मात्रा होती है जो पाचन क्षमता में सुधार करता है। प्रतिदिन नीम के पत्ते सेवन करने से पाचन संबंधी विकारों को ठीक करने में मदद मिल सकती है।
(और पढ़े – मानव पाचन तंत्र कैसा होता है, और कैसे इसे मजबूत बनायें…)
आप जानते हैं कि बहुत से सौंदर्य उत्पादों में नीम का प्रमुख रूप से उपयोग किया जाता है। आप नीम के पत्तों का उपयोग कर मुंहासों का प्रभावी इलाज कर सकते हैं। इसके लिए आप नीम के पत्तों को 1 कप पानी में उबालें, जब तक की पानी का रंग हरा न हो जाए। इस पानी को ठंडा करके किसी बोतल में भर कर रख लें। मुंहासे, संक्रमण और शरीर की गंध से छुटकारा पाने के लिए आप अपने नहाने वाले पानी में इसकी कुछ बूंदें शामिल करें। इसके अलावा आप नीम के पत्तों का पेस्ट बनाकर भी मुंहासों में उपयोग किया जा सकता है। यह मुंहासों के साथ ही त्वचा में होने वाले अन्य संक्रमण का प्रभावी इलाज हो सकता है।
(और पढ़े – मुंहासे दूर करने का आयुर्वेदिक उपाय…)
आप अपनी त्वचा को टोन करने के लिए भी नीम के पत्तों का उपयोग कर सकते हैं। नीम की पत्ती का इस्तेमाल बहुत ही आसान है। बस आपको कुछ नीम की पत्तीयों को उबालने की आवश्कता है। आप इस पानी में कपास की रूई को भिगोएं और अपने चेहरे पर लगाएं। आप इसे रात में सोते समय उपयोग कर सकते हैं। अगली सुबह आप इसे साफ पानी से धो लें। यह मुँहासे, इसके निशान, पिग्मेंटेशन और ब्लैक हेड्स आदि को दूर कर सकता है। इस तरह से आप अपनी त्वचा को स्वस्थ्य रखने के लिए नीम की पत्तियों का उपयोग कर सकते हैं।
(और पढ़े – नीम फेस पैक के फायदे, कैसे बनायें और लगाने का तरीका…)
बालों की समस्या एक आम समस्या बन गई है जो विशेष रूप से युवा महिला और पुरुषों को प्रभावित करती है। लेकिन बालों की समस्या का प्राकृतिक इलाज नीम की पत्तियों से किया जा सकता है। आप उबलते पानी में नीम की 1 कप मात्रा मिलाएं। अपने बालों में शैम्पू करने के बाद इस पानी से बालों को धुलें। नीम की एंटी-बैक्टीरियल प्रॉपर्टी ड्राई स्कैल्प, डैंड्रफ और बालों के झडने की समस्या का उपचार करने में मदद करते हैं।
(और पढ़े – बालों को लंबा और घना करने के घरेलू उपाय…)
नीम का उपयोग मानव स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। लेकिन यदि अधिक मात्रा में या गलत तरीके से इसका उपयोग किया जाए तो इसके कुछ दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं।
(और पढ़े – निम्न रक्तचाप के कारण, लक्षण और इलाज…)
इसी तरह की अन्य जानकारी हिन्दी में पढ़ने के लिए हमारे एंड्रॉएड ऐप को डाउनलोड करने के लिए आप यहां क्लिक करें। और आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं।
Homemade face pack for summer गर्मी आपकी स्किन को ख़राब कर सकती है, जिससे पसीना,…
वर्तमान में अनहेल्दी डाइट और उच्च कोलेस्ट्रॉल युक्त भोजन का सेवन लोगों में बीमारी की…
Skin Pigmentation Face Pack in Hindi हर कोई बेदाग त्वचा पाना चाहता है। पिगमेंटेशन, जिसे…
चेहरे का कालापन या सांवलापन सबसे ज्यादा लोगों की पर्सनालिटी को प्रभावित करता है। ब्लैक…
प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं, जिन्हें पहचान कर आप…
त्वचा पर निखार होना, स्वस्थ त्वचा की पहचान है। हालांकि कई तरह की चीजें हैं,…