Neem Oil in Hindi नीम के तेल के फायदे किसी औषधी से कम नहीं होते हैं। इसलिए कई प्रकार की स्वास्थ्य और त्वचा समस्याओं के लिए नीम का तेल व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। विभिन्न प्रकार के सौंदर्य उत्पाद नीम और नीम के तेल को प्रमुख घटक बता कर बाजार में बेंचे जा रहे हैं। नीम आयल के फायदे के कारण इसका उपयोग कई प्रकार के कीटनाशकों में भी किया जाता है। नीम का तेल अनेक प्रकार के स्वास्थ्य लाभ के लिए प्राचीन समय से उपयोग किया जा रहा है। जिनमें प्रमुख रूप से मधुमेह, मलेरिया, यौन संक्रमण, गठिया आदि बीमारियां शामिल हैं। विशेष रूप से नीम का तेल त्वचा की समस्याओं को दूर करने में प्रभावी माना जाता है। इस लेख में आप जानेंगे नीम के तेल के फायदे और नुकसान के बारे में।
विषय सूची
1. नीम का तेल क्या है – What is Neem Oil in Hindi
2. नीम तेल के पोषक तत्व – Neem Oil Nutritional Value in Hindi
3. नीम के तेल के फायदे इन हिंदी – Neem Tel Ke Fayde in Hindi
4. नीम तेल का उपयोग चेहरे पर कैंसे करें – How To Use Neem Oil For Face in Hindi
5. नीम तेल के नुकसान – Neem Tel Ke Nuksan in Hindi
यह एक वनस्पति तेल है जो उष्णकटिबंधीय नीम के पेड़ की पत्तियों और फल के बीजों से प्राप्त किया जाता है। नीम का वानस्पतिक नाम अज़ादिराचा इंडिका (Azadirachta Indica) है जो कि एक सदाबहार पेड़ है। कीटनाशकों के रूप में उपयोग किये जाने वाले नीम के तेल का रंग पीला भूरा होता है जिसका स्वाद कड़वा होता है, इसमें लहसुन और सल्फर की गंध होती है। नीम के तेल का व्यवसायिक रूप से दवाओं के निमार्ण और जैविक खेती के लिए उपयोग किया जाता है। नीम तेल का उपयोग कई प्रकार के संक्रमण से बचने के लिए भी किया जाता है। आइए जाने नीम तेल से मिलने वाले पोषक तत्व कौन से हैं जो हमें स्वास्थ्य लाभ दिलाने में मदद करते हैं।
अज़ादिराचा इंडिका या नीम में 45 प्रतिशत तेल सामग्री होती है। यह स्वाद में कड़वा और गैर-खाद्य तेल है। नीम के तेल में लिनोलेइक एसिड 15 प्रतिशत और ओलिक एसिड 50 प्रतिशत होता है। इसमे किसी प्रकार का फैटी एसिड नहीं होता है। नीम तेल एक ट्राइटरपेनोइक यौगिक है जो एंटीफंगल, एंटीसेप्टिक, एंटीहिस्टामाइन और एंटीप्रेट्रिक जैसे गुणों से भरपूर होते हैं। इसके अलावा इसमें विटामिन ई, एंटीऑक्सीडेंट, कैल्शियम आदि भी अच्छी मात्रा में होते हैं। आइए जाने नीम तेल के फायदे और नुकसान क्या हैं।
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यद्यपि नीम के तेल के औषधीय उपयोग पर अभी और भी शोधों की आवश्यकता है। फिर भी कुछ ऐसे प्रमाण हैं जो बताते हैं कि नीम तेल एंटीमाइक्रोबायल के रूप में काम कर सकता हैं। एंटीमाइक्रोबायल का मतलब है ऐसे पदार्थ जो बैक्टीरिया और कवक जैसे सूक्ष्मजीवों के विकास को रोकने की क्षमता रखता है। कई अध्ययनों से पता चलता है कि यह मधुमेह और संक्रमण को रोकने में भी सफल होता है। सौंदर्य उत्पादों में उपयोग होने के साथ ही यह सिर की जूँ का भी इलाज कर सकता है। नीम तेल और नारियल तेल के मिश्रण मच्छर प्रतिरोधी के रूप में भी काम करते हैं। नीम तेल के ऐसे अनेक लाभ हैं जिनमें कुछ प्रमुख लाभ इस प्रकार हैं।
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यह स्पष्ट नहीं है फिर भी माना जाता है कि नीम तेल और शरीर में ग्लूकोज के स्तर को कम कर सकते हैं। आप नीम का सेवन कर शरीर में इंसुलिन उत्पाद की क्षमता को बढ़ा सकते हैं जो मधुमेह के प्रभाव को कम करने में मदद करते हैं। नीम तेल में मौजूद रासायनिक यौगिक इंसुलिन रिसेप्टर के कामकाज को अनुकूलित करने में सहायक होते हैं और मधुमेह से बचाने के लिए इंसुलिन उत्पादन में वृद्धि करते हैं। जो लोग शुगर की बीमारी से ग्रसित हैं। यदि वे नियमित रूप से नीम और नीम तेल का उपभोग करते हैं तो उन्हें इंसुलिन थेरेपी पर निर्भर रहने की आवश्यकता नहीं होती है।
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यदि आप प्राकृतिक रूप से गर्भाधारण को रोकना चाहते हैं तो इसके लिए नीम तेल का उपयोग कर सकते हैं। यह जन्म नियंत्रण एजेंट और प्राकृतिक शुक्राणुनाशक के रूप में उपयोग किया जा सकता है जो कि प्रजनन स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित होता है। नीम का तेल प्रजनन प्रणाली को बिना कोई नुकसान पहुंचाए गर्भाधारण की संभावनाओं को कम कर सकता है। इसका उपयोग कामेच्छा में बिना कोई परिवर्तन किये प्रजनन स्तर को कम करने और यौन संक्रमित बीमारियों को रोकने में मदद कर सकता है।
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पुष्टिकरण शोधों के अनुसार नीम मलेरिया के इलाज में मदद कर सकता है। ऐसा माना जाता है कि मलेरिया रोगी द्वारा नीम तेल का सेवन करने पर यह मलेरिया के लक्षण और इसके प्रभाव को कम कर सकता है। नीम एक प्राकृतिक कीट प्रतिरोधी है इसलिए यह मलेरिया के इलाज से जुड़ा हुआ है। प्राचीन समय में सामान्य बुखार, मलेरिया और स्वास्थ्य समस्याओं के लिए नीम की पत्तियों के सेवन की सलाह दी जाती थी। इसके अलावा नीम का उपयोग बहुत सी आयुर्वेदिक दवाओं को बनाने के लिए भी किया जाता है।
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आयुर्वेदिक औषधी के रूप में नीम को सदियों से उपयोग किया जा रहा है। आयुर्वेद सलाहकारों के अनुसार यदि लंबें समय तक कम मात्रा में नीम का उपभोग किया जाता है तो यह जोड़ों के स्वास्थ्य को बढ़ावा दे सकता है। इसका नियमित सेवन कर आप गठिया और इसके दर्द व सूजन से भी छुटकारा पा सकते हैं। नीम के तेल में मौजूद पोषक तत्व और एंटी-इंफ्लामेंटरी गुण जोड़ों से संबंधित रोगों के उपचार में मदद करते हैं।
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गिंगिवाइटिस एक प्रकार की मसूड़ों की सूजन है जो आमतौर पर पीरियडोंटाइटिस नामक मसूड़े के रोग से पहले होती है। नीम का तेल सभी दांतों से संबंधित समस्याओं के लिए एक बेहतर उपचार होता है। यह मुंह की बदबू और मसूड़ों से खून बहने की समस्या का प्रभावी इलाज कर सकता है। नीम तेल में मौजूद एंटीसेप्टिक गुण मसूड़ों और दांतों को स्वस्थ्य रखने में मदद करते हैं। बहुत से दंत चिकित्सा उत्पादों में नीम तेल को मुख्य घटक के रूप में उपयोग किया जाता है। यदि आप नीम आधारित टूथ पेस्ट का उपयोग नहीं करते हैं तो अपने टूथ पेस्ट में आप नीम के तेल की कुछ बूंदों को मिला सकते हैं। यह आपके दांतों और मसूड़ों की सभी समस्याओं को दूर करने में मदद कर सकता है।
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जठरांत्र (Gastrointestinal) समस्याओं के लिए नीम के तेल का बहुत ही अच्छा उपाय माना जाता है। पेट की समस्याएं और आंतों की परेशानी पीएच स्तर के असंतुलन के कारण होती हैं। पेट के अल्सर होने का एक आम कारण अम्लता है। नीम के तेल के फायदे इस प्रकार की पेट से संबंधि समस्याओं को दूर करने के लिए जाने जाते हैं। यह पीएच स्तर को संतुलित करने में मदद करता है और पेट के अल्सर का प्रभावी ढंग से इलाज करता है। नीम के तेल में दर्द को दूर करने वाले गुण होते हैं जो पेट के दर्द से राहत दिलाने में मदद करती है।
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छोटी माता चिकन पॉक्स (chicken pox) और चेचक (smallpox) जैसी गंभीर बीमारी वायरस के संक्रमण का उदाहरण हैं। इस प्रकार के वायरस का इलाज करने के लिए नीम के तेल का उपयोग प्रभावी घरेलू उपचार के रूप में उपयोग किया जा सकता है। नीम तेल के औषधीय गुण न केवल वायरस को नष्ट करते हैं बल्कि इन वायरस को फिर से संक्रमण फैलाने से रोकने में मदद करते हैं। नीम का तेल हरपीज और हेपेटाइटिस बी (herpes and hepatitis B) वायरस से ग्रसित लोगों के इलाज में भी मदद करता है।
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औषधीय गुणों से भरपूर नीम तेल के फायदे त्वचा से संबंधित समस्याओं के लिए प्रभावी माने जाते हैं। हल्की सूजन वाले घावों का इलाज करने वाली आयुर्वेदिक दवाओं में नीम के तेल का प्रमुख रूप से उपयोग किया जाता है। यह सूजन को कम करने के साथ ही घावों को संक्रमण से बचाने में मदद करता है। घावों पर नीम तेल का उपयोग करने पर यह रक्त प्रवाह को बढ़ाता है जिससे कोलेजन फाइबर बनाने में सहायता मिलती है। यह घावों को जल्दी ठीक करने में मदद करता है। यदि आप त्वचा में किसी प्रकार के घाव से परेशान हैं तो इसके इलाज के लिए विकल्प के रूप में नीम तेल का उपयोग कर सकते हैं।
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आप दाद जैसी त्वचा से संबंधित समस्या का इलाज करने के नीम के तेल का उपयोग कर सकते हैं। यह त्वचा में संक्रमण जनित किसी भी प्रकार की समस्या का प्रभावी इलाज करने में मदद करता है। नीम के तेल का उपयोग कर आप दाद, मस्से, मोल्स, मुंह के छाले आदि का उपचार कर सकते हैं। नीम के तेल को प्रभावित क्षेत्र में लगाने से न केवल यह त्वचा की जलन को शांत करता है बल्कि वहां मौजूद बैक्टीरिया को भी नष्ट करने में मदद करता है। आप संक्रमण संबंधि त्वचा की किसी भी समस्या के लिए नीम तेल का उपयोग कर सकते हैं। यह आपकी समस्या से छुटकारा दिलाने का सबसे अच्छे घरेलू उपायो में से एक है।
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आपको अपने बालों स्वस्थ्य बनाए रखने के लिए नीम के तेल का इस्तेमाल फायदेमंद हो सकता है। आपके बालों की देखरेख करना महत्वपूर्ण हैं ताकि आप बालों के झड़ने, स्कैल्प के सूखापन, समय से पहले बालों का सफेद होना डैंड्रफ और दो मुहे जैसी बालों की समस्याओं को रोक सकें। इस प्रकार की सभी समस्याओं को दूर करने के लिए नीम के तेल को प्रभावी माना जाता है। नीम तेल के साथ बालों की कंडीशनिंग आपके बालों को स्वस्थ्य रखकर झड़ने से बचा सकता है। बालों को झड़ने से रोकने के लिए नीम तेल का उपयोग इस प्रकार किया जा सकता है।
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रूसी सिर की सूखी त्वचा होती है। जो कि स्कैल्प में शुष्कता या नमी के कारण होती है। नीम का तेल रूसी को दूर करने का प्राकृतिक उपचार है। बहुत से एंटी-डैंड्रफ शैम्पू और तेलों में नीम तेल को प्रमुख घटक के रूप में उपयोग किया जाता है। नीम का तेल न केवल आपके बालों को पोषण देकर उन्हें मजबूत बनाता है बल्कि यह स्कैल्प के पीएच स्तर को भी बनाए रखने में मदद करता है। यह आपके बालों को गिरने से बचाने के साथ-साथ आपके स्कैल्प को भी स्वस्थ्य रखता है। स्वस्थ्य स्कैल्प का मतलब है कि आपको डैंड्रफ की समस्या नहीं है। डैंड्रफ के लिए नीम तेल का उपयोग इस प्रकार करें।
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आपके सिर में मौजूद दो मुंहे बालों का उपचार करने के लिए नीम तेल का उपयोग बहुत ही लाभकारी होता है। बालों के दो मुंहे होने से बालों के विकास में कमी आती है। नीम के तेल का उपयोग करने पर यह बालों की जड़ों को मजबूत करने के साथ ही उन्हें मॉइस्चराइज भी करते हैं जिससे आपके बालों की क्षति और कमजोरी को दूर किया जा सकता है। निर्धारित समय पर बाल कटवाने और नीम तेल का नियमित उपयोग आपके दो मुंहे बालों की समस्या को दूर कर सकता है।
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नियमित रूप से नीम तेल का बालों में उपयोग करने से यह बालों को स्वस्थ्य और सुंदर बनाता है। आपके द्वारा उपयोग किये जाने वाले रासायनिक उत्पादों के कुछ दुष्प्रभाव भी होते हैं। लेकिन नीम तेल में आयुर्वेदिक गुण होने के कारण इसके किसी भी प्रकार के बालों के लिए दुष्प्रभाव नहीं होते हैं। यह हमेशा बालों की समस्या को दूर करने में प्रभावी माना जाता है। नीम तेल का उपयोग बालों बिना उलझन के मजबूत बनाता है जिससे उन्हें अपनी इच्छानुसार स्टाइल में रखा जा सकता है। आप अपने बाल धोने के कुछ समय पहले भी नीम तेल का उपयोग कर सकते हैं।
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यदि आपके सिर में जूँ हैं तो परेशान न हों। नीम तेल के सक्रिय घटक अजादिराचटिन (azadirachtin) प्राकृतिक कीटनाशक शामिल हैं। कई जूँ मारने वाली दवाओं और स्प्रे में इसे मिलाया जाता है। क्योंकि यह सिर की जूँ के इलाज में मदद करता है। जूँ को नीम तेल की गंध पसंद नहीं होती है। इसलिए आप सिर की जूँ का उपचार करने के लिए नीम के तेल का उपयोग कर सकते हैं। जूँ का उपचार करने के लिए आप नीम के तेल को हल्का गर्म करें और इसे रात में अपने सिर में लगाने के बाद शॉवर कैप लगा कर सो जाएं। अगली सुबह जूँ निकालने वाली कंघी का उपयोग करें। आपके सिर से जूँ बाहर हो जाएगें। जूँ से पूरी तरह से राहत पाने के लिए आप इस उपचार को दोहरा भी सकते हैं।
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शुष्क और खुजली आपके सिर की एक विशेष समस्या हो सकती है। लेकिन इसके उपचार के लिए भी आप नीम तेल का उपयोग कर सकते हैं। इसके लिए आप नीलगिरी तेल के साथ नीम के तेल और पुदीना तेल को मिलाकर उपयोग कर सकते हैं। यह आपके सिर की शुष्कता और खुजली दोनों का प्रभावी उपचार कर सकता है। सिर की खुजली दूर करने के लिए आप नीम तेल का इस प्रकार उपयोग कर सकते हैं।
आप नीलगिरी तेल की 2-3 बूंदों के साथ नीम तेल और पुदीना तेल की 2-3 बूंदों को 1 बड़े चम्मच नारियल तेल या बादाम तेल में मिलाएं। इस तेल से आप अपने बालों की मालिश करें। मालिश के 1-2 घंटे के बाद आप अपने सिर को धो लें। अच्छे परिणाम प्राप्त करने के लिए इस तेल को रात भर सिर में लगे रहने दें।
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एक प्राकृतिक जलरोधी या हाइड्रोफोबिक (hydrophobic) होने के नाते नीम तेल त्वचा के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। नीम के तेल का उपयोग विशेष रूप से उन हिस्सों के लिए प्रभावी होता है जो आमतौर पर हमें खुले हुए होते हैं। जिन्हें बार-बार धोया जाता है जिससे वे शुष्क हो जाते हैं जैसे कि हाथ, पैर, चेहरा आदि। नीम का तेल त्वचा पर लगाने से यह एक पतली परत का निर्माण करता है जो त्वचा से नमी को बाहर नहीं आने देता है।
नीम के तेल में विटामिन ई भी पर्याप्त मात्रा में होता है। शोधों से पता चलता है कि विटामिन ई शुष्क त्वचा के कारण आने वाली दरारों का उपचार करने में मदद करता है। शुष्क त्वचा के उपचार के लिए आप नीम के तेल के साथ नारियल तेल का उपयोग कर सकते हैं।
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आप अपनी त्वचा की सूखी खुजली या एक्जिमा के लक्षणों को कम करने के लिए नीम तेल का उपयोग कर सकते हैं। यह त्वचा की समस्याओं को दूर करने का सबसे पुराना और प्रभावी उपचार माना जाता है। नीम तेल का नियमित उपयोग एक्जिमा, त्वचा की जलन और लाल चकत्ते का इलाज करने में भी मदद करते हैं।
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सोरायसिस एक दर्ददायक त्वचा रोग है जो आपकी त्वचा में सनर्बन के लक्षण होते हैं। त्वचा की जलन और सूजन सोरायसिस से जुड़े दो प्रमुख लक्षण हैं। नीम तेल में विटामिन ई की अच्छी मात्रा होती है जो सोरायसिस के कारण त्वचा में होने वाली खुजली और जलन को कम करने में मदद करते हैं। इसके अलावा नीम तेल के जीवाणुरोधी गुण किसी भी प्रकार के त्वचा संक्रमण के विकास को रोकने में प्रभावी रूप से मदद करते हैं।
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इसमें कोई संदेह नहीं है कि नीम तेल अन्य आवश्यकत तेलों की तरह त्वचा के लिए फायदेमंद होता है। नीम तेल का एक और प्रमुख फायदा यह है कि नीम तेल मुंहासों को दूर करने में प्रभावी होती है। नीम तेल में जीवाणुओं के विकास को रोकने की क्षमता होती है, इसके अलावा नीम तेल में एंटी इंफ्लामेटरी गुण भी होते हैं जो फ्री रेडिकल्स से हमारी त्वचा की रक्षा करते हैं। मुंहासों को दूर करने के लिए नीम तेल का उपयोग आप इस प्रकार कर सकते हैं।
आप जैतून तेल की 10-12 बूंदें ले और इसमें इतनी ही मात्रा में नीम तेल मिलाएं। बाजार से खरीदे गए सभी नीम तेल 100 प्रतिशत शुद्ध नहीं होते हैं। इसलिए इन्हें खरीदते समय इसकी जांच जरूर करें। इस मिश्रण को चेहरे पर विशेष रूप से मुंहासों के ऊपर लगाएं। इस तेल का उपयोग करने के 1-2 घंटों के बाद अपने चेहरे को धो लें। और अधिक अच्छे परिणाम प्राप्त करने के लिए आप इस मिश्रण में नीलगिरी तेल और पुदीने तेल की 1-1 बूंद को भी मिला सकते हैं। यह मुंहासों का इलाज करने में बेहद असरदार तेल हो सकता है।
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कई प्रकार के कीटनाशकों में नीम के तेल का उपयोग किया जाता है। इसलिए नीम तेल का उपयोग मच्छरों से बचने के लिए भी फायदेमंद होता है। क्योंकि नीम तेल में डीईईटी शामिल होता है। मच्छर हमारे लिए बहुत ही घातक हो सकते हैं क्योंकि यह मलेरिया और अन्य संक्रामित बीमारियों को फैलाने का काम करते हैं। अध्ययनों से पता चलता है कि नारियल तेल के साथ 2 प्रतिशत वाले नीम तेल के मिश्रण को शरीर में लगाने से मच्छरों को पास में आने से रोक सकता है।
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आपको अपने चेहरे पर नीम तेल का उपयोग करते समय सावधानी रखना चाहिए। आपके चेहरे की त्वचा बहुत ही संवेदनशील होती है, इसलिए इस पर मिलावटी या हानिकारक रसायनों के दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं। इसलिए आपको 100 प्रतिशत शुद्ध कार्बनिक नीम तेल का उपयोग करना चाहिए। इसका रंग हल्का पीला होना चाहिए जिससे लहसुन, सरसों या सल्फर की गंध आती हो। जब आप इस तेल का उपयोग नहीं करते हैं तो इसे छाय वाली या अंधेरे वाली जगह पर रखना चाहिए। इस तेल का उपयोग चेहरे पर करने से पहले आप इसे अपने हाथ या पैर की त्वचा के छोटे हिस्से में उपयोग करके जांच लें। यदि 24 घंटों के अंदर आपको किसी प्रकार की एलर्जी जैसे लाली या सूजन नहीं होती है तो नीम तेल आपके लिए सुरक्षित है।
नीम तेल बहुत ही शक्तिशाली होता है जो त्वचा की सभी समस्याओं जैसे मुँहासे, फंगल संक्रमण, मस्सा या तिल आदि का इलाज करने में मदद करता है। नीम तेल का चेहरे पर उपयोग करने के लिए सूती कपड़े या कपास की रूई को तेल में भिगाएं और इसे हल्के हाथों से अपने चहरे पर लगाएं। लगभग 20 मिनिट के बाद आप अपने चेहरे को गर्म पानी से धो लें। अच्छे परिणाम प्राप्त करने के लिए आप इसे नियमित रूप से प्रतिदिन अपने चेहरे पर लगा सकते हैं।
यदि आपकी त्वचा संवेदनशील है तो आप नीम तेल में किसी वाहक (पतला करने वाले) तेल को मिलाकर उपयोग करें। सबसे अच्छे वाहक तेलों में जोजोबा तेल, बादाम तेल, जैतून तेल या नारियल तेल होते हैं। वाहक तेल का उपयोग करने पर यह नीम तेल की गंध को भी कम कर सकते हैं।
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किसी भी पदार्थ का अधिक मात्रा में उपयोग करना स्वास्थ्य व अन्य प्रकार के नुकसान पहुंचा सकता है। इसी तरह नीम या नीम के तेल की उपयुक्त खुराक किसी व्यकित के स्वास्थ्य, आयु और चिकित्सा स्थिति पर आधारित होती है। नीम के तेल का उपयोग करने से पहले बच्चों और गर्भवती महिलाओं को अपने डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए। हालांकि चेहरे पर उपयोग करने से नीम तेल के कोई दुष्प्रभाव नहीं होते हैं, फिर भी इसका उपयोग करने से पहले शरीर के अन्य हिस्से में इसका परिक्षण करना बेहतर होता है। नीम तेल का उपयोग करने से पहले लेबल और इसमें दिये गए दिशा निर्देशों का पालन करना चाहिए। यदि आप किसी स्वास्थ्य समस्या के लिए नीम या नीम तेल का सेवन कर रहे हैं तो इनका सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।
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