Naso Ki Kamjori In Hindi नसों की कमजोरी के परिणामस्वरूप गंभीर चिकित्सकीय स्थिति उत्पन्न हो सकती है। यहां तक कि लंबे समय तक तनाव की स्थिति भी नसों की कमजोरी का कारण बन सकती है। नसों की कमजोरी कई रोगों का कारण बन सकती है, इसलिए समय रहते उपचार करना जरूरी है। अतः व्यक्तियों को स्वाभाविक रूप से तंत्रिका तंत्र को मजबूत रखने के लिए उचित प्रयास करने चाहिए। इस लेख में आप जानेंगे कि नसों की कमजोरी क्या है, नसों की कमजोरी के कारण, लक्षण और उपचार के साथ -साथ नसों की कमजोरी को दूर करने के प्राकृतिक और घरेलू उपाय के बारे में।
1. नसों की कमजोरी क्या है – What Is Nerve Weakness in hindi
2. नसों की कमजोरी का कारण – Nerve Weakness causes in hindi
3. नसों की कमजोरी के संकेत और लक्षण – Nerve Weakness symptoms in hindi
4. नसों की कमजोरी से होने वाले रोग या जटिलताएं – Diseases and complication due to Nerve Weakness in hindi
5. नसों की कमजोरी से बचने के उपाय – Nerve Weakness prevention in hindi
6. नसों की कमजोरी की जांच – Nerve Weakness diagnosis in hindi
7. नसों की कमजोरी का घरेलू इलाज – Nerve Weakness home treatment in hindi
नसों की कमजोरी क्या है – What Is Nerve Weakness in hindi
नसों की कमजोरी या न्यूरोपैथी एक चिकित्सकीय स्थिति है, जो सामूहिक रूप से विभिन्न तंत्रिका विकारों को परिभाषित करते हैं। कुछ व्यक्तियों में शरीर के कुछ हिस्सों में नसों की कमजोरी स्थिर या अस्थायी हो सकती है। नसों की कमजोरी के फलस्वरूप मस्तिष्क, रीढ़ की हड्डी, विभिन्न नसों और मांसपेशियों के बीच संबंध (संपर्क) क्षतिग्रस्त या रोगग्रस्त हो सकता है।
किसी भी व्यक्ति में नसों की कमजोरी की समस्या अचानक या धीरे-धीरे विकसित हो सकती है। नसों की कमजोरी शरीर के सभी हिस्सों या केवल एक ही हिस्से को प्रभावित कर सकती है। उदाहरण के लिए, रीढ़ की हड्डी के क्षतिग्रस्त होने पर, केवल पैरों की नसों में कमजोरी उत्पन्न हो सकती है।
नसों की कमजोरी के लक्षण, प्रभावित भाग पर निर्भर करते हैं। उदाहरण के लिए, छाती की नसों में कमजोरी के फलस्वरूप सांस लेने में कठिनाई से सम्बंधित लक्षण प्रगट हो सकते है। संपूर्ण नसों की कमजोरी के फलस्वरूप पक्षाघात (लकवा) की स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है।
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नसों की कमजोरी का कारण – Nerve Weakness causes in hindi
नसों की कमजोरी अनेक कारणों से उत्पन्न हो सकती है, जिनमें निम्न को शामिल किया जा सकता हैं:
- तंत्रिका में सूजन
- तंत्रिका कोशिकाओं पर ट्यूमर का विकास होना
- नसों में विकृति उत्पन्न होना
- विषाक्त पदार्थों के कारण तंत्रिका आवेग में कमी
- नसों का क्षतिग्रस्त होना
- अस्वास्थ्यकर आहार और जीवनशैली
- तंत्रिका तंत्र या रीढ़ की हड्डी पर दवाब या संकुचित
- तनाव की स्थिति, इत्यादि।
इसके अतिरिक्त विभिन्न प्रकार के रोग और अन्य कारक भी नसों की कमजोरी का कारण बन सकते हैं। इनमें शामिल है:
- बैक्टीरिया, वायरस या अन्य पैरासाइट (parasites) संक्रमण
- कुछ दवाएं, जो अपने कार्य में बदलाव कर नसों को नुकसान पहुंचाती हैं
- आहार में पोषक तत्वों की कमी होना
- शरीर में विटामिन डी की कमी होना
- तंत्रिका कार्यों को प्रभावित करने वाले जन्मजात दोष या आनुवंशिक असामान्यताएं, इत्यादि।
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नसों की कमजोरी के संकेत और लक्षण – Nerve Weakness symptoms in hindi
तंत्रिका की कमजोरी के लक्षण क्या होते हैं? नसों की कमजोरी के लक्षण व्यापक रूप से प्रभावित तंत्रिका (नस) के प्रकार और स्थान के आधार पर भिन्न-भिन्न होते हैं। हालांकि, कुछ सामान्य लक्षण निम्न होते हैं, जैसे:
- पिन और सुई जैसी चुभन या गुदगुदी की अनुभूति होना
- दर्द या पीड़ा का अनुभव होना
- झुनझुनी और सुन्नता
- चिंता और अवसाद (depression) की भावनाएं उत्पन्न होना
- कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली से सम्बंधित समस्याएँ
- थकान महसूस होना
- देखने, सूंघने, स्वाद लेने, सुनने या स्पर्श का अनुभव करने की क्षमता में कमी
- ज्ञान संबंधी समस्याएं उत्पन्न होना
- मांसपेशियों की कमजोरी और मांसपेशियों को नुकसान पहुंचना
- कार्यों में अनैच्छिक रूप से विचलन जैसे- चलने के दौरान हाथ पैर कांपना, इत्यादि।
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नसों की कमजोरी से होने वाले रोग या जटिलताएं – Diseases and complication due to Nerve Weakness in hindi
कमजोर या क्षतिग्रस्त नसें विभिन्न प्रकार की चिकित्सकीय स्थितियों का भी कारण बन सकती हैं। नसों की कमजोरी से जुड़े रोगों के अंतर्गत निम्न को शामिल किया जा सकता है:
साइटिका (Sciatica) – नर्व रूट (nerve root) पर दवाब पड़ने के कारण साइटिका की समस्या उत्पन्न हो सकती है। साइटिका दर्द की वह स्थिति है, जिसमें दर्द पीठ के निचले हिस्से शुरू होकर नितंबों और पैरों तक फैलता है।
डायबिटिक न्यूरोपैथी (Diabetic Neuropathy) – डायबिटिक न्यूरोपैथी, तंत्रिका की क्षति का एक प्रकार है, जो मधुमेह की स्थिति में उच्च रक्त शर्करा (ग्लूकोज) के कारण नसों के क्षतिग्रस्त होने का कारण बनती है।
मल्टीपल स्क्लेरोसिस (Multiple Sclerosis) – मल्टीपल स्क्लेरोसिस एक ऑटोइम्यून बीमारी है। इस रोग में पीड़ित व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली नसों के सुरक्षात्मक आवरण को नुकसान पहुंचती है। यह बीमारी केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करती है।
बेल्स पाल्सी (Bell’s Palsy) – इस स्थिति में चेहरे की नसों में कमजोरी, सूजन आ जाने के कारण चेहरे का एक हिस्सा लटका या मुरझाया हुआ दिखाई देता है। यह एक प्रकार से आधे चेहरे का लकवा होता है।
स्ट्रोक (Stroke) – ब्रेन की नसों में कमजोरी के परिणामस्वरुप स्ट्रोक की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। ब्रेन में स्थिति रक्त वाहिकाओं के फट जाने से मस्तिष्क में रक्त का थक्का (Blood Clot) बनने लगता है और स्ट्रोक की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।
पार्किंसन रोग (Parkinson’s Disease) – यह न्यूरोडीजेनेरेटिव विकार (Neurodegenerative disorder) है, जो मस्तिष्क में डोपामाइन को उत्पन्न करने वाली नसों (substantia nigra) को धीरे-धीरे नुकसान पहुंचाता है। जिससे डोपामाइन का स्तर कम होने लगता है और पार्किंसन रोग से सम्बंधित लक्षण प्रगट होने लगते हैं।
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नसों की कमजोरी से बचने के उपाय – Nerve Weakness prevention in hindi
नसों की कमजोरी के उपचार और घरेलू उपाय के अलावा, इसकी रोकथाम और बचाव के बारे में जानना भी आवश्यक हैं। अतः नसों की कमजोरी को दूर करने निम्न बचाव सम्बंधी उपाय अपनाए जा सकते हैं, जैसे:
- धूम्रपान और तंबाकू उत्पादों का सेवन न करें।
- पर्याप्त आराम करें।
- अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का इलाज और उनपर नियंत्रण अवश्य करें।
- अधिक मात्रा में तरल पदार्थ और पानी का सेवन करें।
- शराब और नशीली दवाओं के सेवन से बचें।
- उचित व्यायाम करें और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता में वृद्धि करें।
- तनाव की स्थिति से दूर रहें।
- किसी भी प्रकार की दवाओं का उपयोग करने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
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नसों की कमजोरी की जांच – Nerve Weakness diagnosis in hindi
व्यक्तियों में नसों की कमजोरी से सम्बन्धित लक्षण प्रगट होने पर इसके कारणों का निदान करने के लिए कुछ परीक्षणों का उपयोग किया जा सकता है। डॉक्टर द्वारा उपयोग किये जाने वाले परीक्षणों में निम्न को शामिल किया जा सकता है, जैसे:
रक्त परीक्षण – रक्त परीक्षण नसों की कमजोरी का कारण बनने वाले कारणों का निदान करने के लिए आवश्यक होता है। रक्त परीक्षण के तहत् संक्रमण, लीवर फंक्शन का मूल्यांकन, इलेक्ट्रोलाइट्स संतुलन, आवश्यक पोषक तत्वों के स्तर इत्यादि की जाँच की जा सकती हैं। सर्वाधिक उपयोग होने वाले रक्त परीक्षण में निम्न शामिल हैं:
- पूर्ण रक्त कोशिका गणना (CBC)
- एरिथ्रोसाइट सेडीमेंटेशन रेट (ईएसआर) (Erythrocyte sedimentation rate) – सूजन का पता लगाने के लिए।
नसों की कमजोरी के जोखिमों जैसे- मस्तिष्क विकार, रीढ़ की हड्डी में विकार, आंतरिक चोट इत्यादि का निदान करने के लिए चुंबकीय अनुनाद इमेजिंग (एमआरआई) परीक्षण या कम्प्यूटर टोमोग्राफी (सीटी) का उपयोग किया जा सकता है।
तंत्रिका चालन या नसों में इलेक्ट्रिकल गतिविधि का अध्ययन करने के लिए इलेक्ट्रोमोग्राफी (Electromyography) का उपयोग किया जा सकता है।
नसों की कमजोरी का अध्ययन करने के लिए बायोप्सी या आनुवंशिक परीक्षण का आदेश भी दिया जा सकता है।
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नसों की कमजोरी का घरेलू इलाज – Nerve Weakness home treatment in hindi
नसों की कमजोरी के परिणामस्वरूप अनेक स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती है। इसलिए, नसों की कमजोरी का तुरंत इलाज करना आवश्यक होता है।
कुछ व्यायाम, खाद्य पदार्थ और प्राकृतिक उपचार अपनाकर, नसों की कमजोरी के इलाज और बचाव में सहायता मिल सकती है। नसों की कमजोरी के घरेलू उपचार के तहत निम्न को शामिल किया जा सकता है:
नसों की कमजोरी का आयुर्वेदिक इलाज तेल मालिश – Nerve Weakness Ayurvedic treatment Oil Massage in hindi
बादाम तेल या तिल के तेल की मालिश, नसों की कमजोरी को दूर करने और तंत्रिका तंत्र स्वस्थ तथा सक्रिय रखने में मदद कर सकती है। आयुर्वेदिक तेल की मालिश, नसों की कमजोरी के साथ-साथ विभिन्न बीमारियों के लिए एक प्रसिद्ध उपचार है।
बादाम या तिल (sesame) के तेल को पर्याप्त मात्रा में, लेकर इसे थोड़ा गर्म करें और शरीर की मालिश कराएं। यह उपाय प्रतिदिन स्नान से आधे घंटे पहले अपनाएँ।
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नसों की कमजोरी का इलाज सेंधा नमक से – Nerve Weakness treatment by Epsom Salt in hindi
एप्सम साल्ट बाथ (Epsom salt bath) का उपयोग नसों की कमजोरी की स्थिति का इलाज करने के साथ-साथ मांसपेशियों में दर्द और सूजन की स्थिति को दूर करने के लिए भी किया जाता है। सेंधा नमक में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण और उच्च मैग्नीशियम की मात्रा पाई जाती है, जो तंत्रिका कमजोरी के इलाज के लिए फायदेमंद है।
नहाने के पानी में एक कप सेंधा नमक मिलाकर शरीर को 15 से 20 मिनट तक भिगोएँ रखें और फिर साफ पानी से नहायें। यह उपाय हफ्ते में कम से कम तीन बार अपनाना चाहिए।
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नसों की कमजोरी का आयुर्वेदिक उपाय अश्वगंधा – Ayurvedic remedy for Nerve weakness is Ashwagandha in Hindi
अश्वगंधा के अनेक फायदे हैं। यह नसों की कमजोरी का कारण बनाने वाली समस्याओं जैसे- तनाव और चिंता से राहत प्रदान करने के लिए आवश्यक होता है। इसके साथ ही अश्वगंधा तंत्रिका (नसों) की कमजोरी के अनेक लक्षणों से भी राहत प्रदान कर सकता है। अश्वगंधा को सप्लीमेंट के रूप में ग्रहण किया जा सकता है। अश्वगंधा सप्लीमेंट की उचित मात्रा का सेवन करने के लिए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
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नसों की दुर्बलता का प्राकृतिक उपचार जल चिकित्सा – Nerve Weakness natural cure with Water Therapy in hindi
वाटर थेरेपी का उपयोग, दर्द और सूजन जैसी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए बड़े पैमाने पर किया जाता है। इसके साथ ही यह नसों की कमजोरी के लिए एक उत्कृष्ट घरेलू उपचार है। बारी-बारी से ठंडा और गर्म पानी कमजोर या क्षतिग्रस्त नसों के कारण होने वाले दर्द और सूजन को कम करने में मदद करता है। वाटर थेरेपी के तहत सामान्य पानी या गर्म पानी से स्नान करने के बाद ठंडे पानी से स्नान करें। इसके अतिरिक्त एक दिन गर्म स्नान और एक दिन ठंडा स्नान अपनाया जा सकता है, लेकिन स्नान समाप्त करने के बाद ठंडा पानी शरीर से डालना जरुरी है।
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नसों की कमजोरी का प्राकृतिक इलाज धूप – Nerve Weakness natural treatment Sunlight in hindi
सुबह-सुबह धूप सेंकना (Sunbathing), नसों की कमजोरी के इलाज का एक सबसे आसान और असरदार तरीका है। नसों की दुर्बलता अक्सर विटामिन डी की कमी से सम्बंधित होती है। चूँकि सूर्य की किरणें शरीर द्वारा विटामिन डी के अधिक उत्पादन में मदद करती हैं। अतः प्रत्येक व्यक्ति को प्रतिदिन सुबह की धूप लेने पर विचार करना चाहिए।
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नसों की कमजोरी दूर करने के लिए विटामिन – Vitamins to relieve Nerve Weakness in hindi
विटामिन बी और विटामिन डी से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन तंत्रिका तंत्र के कामकाज को स्वस्थ बनाए रखने का उचित तरीका है। ये दोनों ही विटामिन सूजन को कम करने में मदद करने के साथ-साथ अस्थि स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होते है। विटामिन डी शरीर में कैल्शियम की अवशोषण क्षमता को बढ़ाता है। अतः नसों की कमजोरी को दूर करने के लिए विटामिन से परिपूर्ण निम्न आहार का सेवन करना चाहिए, जैसे:
- मछली
- ब्रेड
- साबुत अनाज
- सब्जियां
- ब्राउन राइस
- पनीर
- अंडे की जर्दी (Egg yolk), इत्यादि।
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नसों की कमजोरी के लिए खाद्य पदार्थ मैग्नीशियम डाइट – Foods for Nerve Weakness is Magnesium diet in hindi
तंत्रिका तंत्र को स्वस्थ रखने के लिए मैग्नीशियम एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है। यह एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों को बढ़ावा देता है, जिससे नसों की सूजन को दूर करने में मदद मिलती है। यह तंत्रिका तंत्र को आराम (relax) पहुँचाने के लिए सेरोटोनिन नामक रसायन के उत्पादन को बढ़ाता है। मैग्नीशियम युक्त खाद्य पदार्थों में निम्न को शामिल किया जा सकता है, जैसे:
- डार्क चॉकलेट
- हरी और पत्तेदार सब्जी
- केला
- खुबानी (apricots), इत्यादि।
(और पढ़े – मैग्नीशियम युक्त खाद्य पदार्थ और मैग्नीशियम के फायदे…)
नसों की दुर्बलता दूर करने के लिए ओमेगा-3 फैटी एसिड – Nerve Weakness prevention by Omega-3 Fatty Acids in hindi
ओमेगा-3 फैटी एसिड पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड होते हैं, जो तंत्रिका तंत्र संबंधी रोगों से लड़ने के लिए फायदेमंद होते हैं। नसों की कमजोरी और क्षतिग्रस्त नसों की वसूली करने के लिए व्यक्तियों को प्रतिदिन ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त खाद्य पदार्थ के अधिक सेवन की सलाह दी जाती है।
तंत्रिका कमजोरी के लिए ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त सर्वश्रेष्ठ खाद्य पदार्थ के रूप में सार्डिन, सैल्मन और टूना मछली जैसे समुद्री भोजन को शामिल किया जाता है।
(और पढ़े – ओमेगा 3 फैटी एसिड से भरपूर 10 खाद्य पदार्थ…)
तंत्रिका कमजोरी का घरेलू इलाज कैमोमाइल चाय – Nerve Weakness home treatment Chamomile Tea in hindi
कैमोमाइल चाय, एक शामक (sedative) औषधि के रूप में कार्य करती है। यह चिंता और तनाव को कम करने के साथ-साथ नसों को आराम पहुँचाने में अपना योगदान देती है। इसमें उपस्थित एंटी इंफ्लेमेटरी गुण क्षतिग्रस्त नसों और कोशिकाओं के उपचार में तेजी प्रदान कर सकते हैं। रोजाना 3 से 4 कप कैमोमाइल चाय का सेवन शहद के साथ किया जा सकता है। शहद को शामिल करने से पहले चाय को थोड़ा ठंडा हो जाने दें।
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नसों की कमजोरी का घरेलू उपाय ग्रीन टी – Nerve Weakness home remedy Green Tea in hindi
ग्रीन टी अनेक प्रकार के लाभ प्रदान करती है, जिसमें से एक स्वस्थ तंत्रिका तंत्र कार्यों को बढ़ावा देना प्रमुख है। ग्रीन टी में मुख्य रूप से एल थेनाइन (L-theanine) नामक यौगिक उपस्थित होता है, जो मस्तिष्क-कार्यों में सुधार करने के लिए जाना जाता है। अतः ग्रीन टी में उपस्थित ये सभी गुण अवसाद, चिंता और तनाव जैसी स्थितियों से निपटने में भी मदद करते हैं।
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नसों की कमजोरी को दूर करने के लिए योग – Yoga to remove Nerve Weakness in hindi
नसों की कमजोरी को दूर करने के लिए विभिन्न प्रकार के व्यायाम और एक्साइज को अपनाया जा सकता है, जिनमें शामिल हैं:
- सर्व हित आसन (Sarva Hita Asana) – यह योग नसों को आराम पहुँचाने और सांसों को सुचारू रूप से बनाए रखने में मदद करता है।
- शशांकासन (Shashankasana) – यह सिर में रक्त आपूर्ति में सुधार करता है, तथा मस्तिष्क और आंखों के कार्यों को बढ़ावा देता है।
- खाटू प्रणाम (Khatu Pranam) – यह रीढ़ और मांसपेशियों को मजबूत करने और सिर में रक्त के परिसंचरण में सुधार करने के लिए आवश्यक योग है। इसके साथ ही यह योग तंत्रिका तंत्र के स्वस्थ कामकाज को बढ़ाता है।
(और पढ़े – शशांकासन योग करने का तरीका और उसके फायदे…)
कमजोर तंत्रिका तंत्र में सुधार के लिए नंगे पैर चलना – Improve weakened nervous system by walking barefoot in hindi
जमीन पर नंगे पांव चलने से तंत्रिका तंत्र सम्बन्धी कार्यों को ठीक करने में मदद मिल सकती है। माना जाता है कि पृथ्वी की सतह से इलेक्ट्रॉन मानव शरीर में तनाव के स्तर और शरीर में सूजन की स्थिति को कम करके में योगदान देते हैं। अतः विशेषज्ञों द्वारा नसों की कमजोरी के जोखिम को कम करने के लिए नम धरती या रेतीले समुद्र तट पर नंगे पांव चलने की सलाह दी जाती है।
(और पढ़े – नंगे पैर चलने के फायदे और नुकसान…)
नसों की कमजोरी से बचने के लिए गहरी सांस लें – Take deep breaths to avoid Nerve Weakness in hindi
प्रतिदिन योग और अभ्यास करते समय गहरी सांस लेना स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हो सकता हैं। यह अभ्यास चिंता और तनाव से संबंधित विकारों से निपटने में मदद करने के साथ-साथ शरीर की प्राकृतिक उपचार क्षमता में सुधार करता है।
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