Neuroendocrine Tumour in Hindi बॉलीवुड एक्टर इरफान खान इस समय एक विशेष बीमारी से जूझ रहे हैं जिसका पता चल गया है। इरफान खान को जो बीमारी हुई है उसको न्यूरो एंडोक्राइन ट्यूमर कहा जाता है। आइए जानते हैं न्यूरो एंडोक्राइन ट्यूमर क्या होता है यह कैसे होता है इसके लक्षण क्या है और इसका इलाज कैसे किया जाता है।
हमारे शरीर में सभी अंगों को सुचारू रूप से कार्य करने के लिए कुछ हार्मोन की आवश्यकता होती है। यही हार्मोन शरीर में दो तरह की ग्रंथियों से स्त्रावित होते हैं जिसमे से एक को एंडोक्राइन ग्रंथियां कहते हैं। शरीर की एंडोक्राइन ग्रंथि का कार्य भी हार्मोन उत्पन्न करना है।
ट्यूमर का निर्माण तब होता है जब कोशिकाओं में वृद्धि नियंत्रण से बाहर हो कर इतनी अधिक बढ़ जाती है कि वह ट्यूमर का रूप ले लेती हैद्। ट्यूमर कई प्रकार के हो सकते हैं और जरूरी नहीं कि ट्यूमर कैंसर का कारण ही बने।
आपको बता दें कि ट्यूमर भी दो प्रकार के होते हैं पहले ट्यूमर शरीर के किसी हिस्से में होते हैं और फैलते नहीं हैं। वह केवल खुद वृद्धि करते हैं जबकि दूसरे प्रकार के ट्यूमर जो कि कैंसर का कारण होते हैं बहुत ही घातक होते हैं और शरीर के दूसरे हिस्सों में भी फेल सकते हैं। इनको शरीर से निकालना भी कठिन होता है।
न्यूरो एंडोक्राइन ट्यूमर इसलिए और घातक हो जाते हैं क्योंकि यह हार्मोन बनाने वाली कोशिकाओं को प्रभावित करते हैं यह ग्रंथि हार्मोन का उत्पादन करके शरीर की कार्यप्रणाली को सुचारु रुप से चलाने के लिए आवश्यक होती हैं लेकिन एंडोक्राइन ट्यूमर जो कि हार्मोन उत्पन्न करने वाली कोशिकाओं में होते हैं तो यह कई प्रकार से हार्मोन के उत्पादन को प्रभावित करते हैं जिससे शरीर को गंभीर बीमारी होने का खतरा बना रहता है।
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आपको बता दें की एंडोक्राइन ग्रंथियां हमारे शरीर में सिर के अलावा अन्य जगहों पर भी उपस्थित होती हैं एंडोक्राइन कोशिकाएं पेट और आंत सहित फेफड़े गेस्ट्रो इंटेस्टाइन ट्रैक जैसे हिस्सों में भी पाई जाती हैं। न्यूरो एंडोक्राइन ट्यूमर दो प्रकार का होता है पहला बिनाइन जो की घातक नहीं होता और दूसरा मैलिग्नेंट जो कि घातक होता है और कैंसर का कारण बन सकता है। अभी इरफान खान को इनमे से कौन सा न्यूरो एंडोक्राइन ट्यूमर हुआ है इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है।
इरफान खान को हुए न्यूरो एंडोक्राइन ट्यूमर की मूल वजह का पता अभी तक नहीं चल पाया है। इसके कुछ कारण हो सकते हैं जो की मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं, एक तो अनुवांशिक कारण होते हैं और दूसरे वातावरण या अन्य कारकों से उत्पन्न कारण की वजह से न्यूरो एंडोक्राइन ट्यूमर हो सकता है। लेकिन जरूरी नहीं है कि वह इन्हीं सारे कारणों के कारण उत्पन्न हो, वह किसी भी व्यक्ति में उत्पन्न हो सकता है जिसमें यह सारे फैक्टर ना हों।
वंशानुगत स्थिति एक ऐसा प्रकार है जिसमें माता पिता के जीन के माध्यम से कोई रोग बच्चे में आ जाता है। इसमें मुख्य रूप से एक या अधिक जीन में परिवर्तन उत्पन्न हो जाता है। यह बहुत ही दुर्लभ वंशानुगत स्थितियां होती हैं जो कि विशिष्ट प्रकार के न्यूरो एंडोक्राइन ट्यूमर के जोखिम को बढ़ा सकती है।
कई अध्ययनों से पता चला है कि किसी भी प्रकार के कैंसर का पारिवारिक इतिहास न्यूरो एंडोक्राइन ट्यूमर को विकसित करने का खतरा बढ़ाता है खासकर अगर कैंसर वाला व्यक्ति आपका पहला रिश्तेदार जैसे कि माता-पिता भाई बहन या बच्चे हो। यह स्पष्ट नहीं है कि इसका जोखिम अनुवांशिक कार्य को या परिवार के सदस्यों को इसी तरह की जीवन शैली अपनाने पर प्रभावित करेगा या नहीं।
कुछ अध्ययनों ने एक विशिष्ट प्रकार के कैंसर के पारिवारिक इतिहास को न्यूरो एंडोक्राइन ट्यूमर के साथ विकसित होते हुए देखा है। उदाहरण के लिए फेफड़ों का कैंसर एक पारिवारिक इतिहास के साथ देखा गया है फेफड़ों का कैंसर न्यूरो एंडोक्राइन ट्यूमर के जोखिम को बढ़ा सकता है। इसके अलावा कोलोरेक्टल या स्तन कैंसर का भी पारिवारिक इतिहास छोटी आत में एंडो न्यूरोकाइंड ट्यूमर के विकास के साथ जुड़ा हुआ पाया गया है। इससे यह पता चलता है कि कैंसर के पारिवारिक इतिहास वाले लोग भी अग्नाशय या पेट में न्यूरो एंडोक्राइन ट्यूमर विकसित होने का खतरा अधिक होता है।
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निम्नलिखित कारकों को न्यूरो एंडोक्राइन ट्यूमर के साथ जोड़कर देखा जाता है। लेकिन यह बताना अपर्याप्त है कि यह जोखिम वाले कारक न्यूरो एंडोक्राइन ट्यूमर उत्पन्न करने या उसे बढ़ाने में अपनी भूमिका निभाते हैं। न्यूरो एंडोक्राइन ट्यूमर मैन कारक की भूमिका को स्पष्ट करने के लिए अधिक शोध की आवश्यकता है।
कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि धूम्रपान तंबाकू जैसी चीजें पेट, छोटी आंत, अग्नाशय और फेफड़ों मैं न्यूरो एंडोक्राइन ट्यूमर के विकास के जोखिम को बढ़ा सकती हैं।
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कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि क्रोनिक ट्रोपिक गैस्ट्राइटिस पेट में न्यूरो एंडोक्राइन ट्यूमर के विकास के जोखिम को बढ़ाता है। क्रोनिक एक्टोपिक गैस्ट्रिक एक दीर्घकालिक हालात होते हैं। यह पेट के स्तर को उत्पन्न करते हैं जिससे श्लेष्मा कहा जाता है यह एक प्रकार की सूजन होती है जिससे इसकी पहचान की जाती है कई ग्रंथियां जो आमतौर पर एसिड एंजाइम और बलगम उत्पन्न करती हैं पेट की परत में मौजूद होती हैं किंतु जब पेट की परत पर एकस्तर बन जाता है तो यह ग्रंथियां अपना काम करना बंद कर देती हैं
मधुमेह होने से न्यूरो एंडोक्राइन ट्यूमर विकसित होने का खतरा बढ़ सकता है विशेष कर अविनाश है या पेट में इस प्रकार का खतरा अधिक होता है। मधुमेह यह पुरानी बीमारी है जिसमें शरीर में इंसुलिन सही मात्रा में नहीं बन पाता इंसुलिन का उपयोग शरीर को ऊर्जा के लिए शक्कर को तोड़ने में उपयोग किया जाता है। इसलिए जब इस प्रकार का ट्यूमर उत्पन्न होता है तो शरीर से इंसुलिन सही मात्रा में नहीं निकल पाता या फिर इंसुलिन का उपयोग शरीर नहीं कर पाता जिसकी वजह से मधुमेह में उच्च रक्त शर्करा के स्तर उत्पन्न हो जाता है।
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इसकी अभी किसी प्रकार से पुष्टि नहीं हुई है कि निम्नलिखित कारक न्यूरो एंडोक्राइन ट्यूमर से जुड़े हैं या नहीं। शोधकर्ताओं द्वारा इन कारकों के साथ एक निश्चित लिंक को पाया है आइए जानते हैं यह कौन से कारक हैं।
न्यूरो एंडोक्राइन ट्यूमर किसी भी प्रकार के लक्षण या संकेत उत्पन्न नहीं करता है अगर वह धीरे-धीरे बढ़ता है और निश्चित हार्मोन से ज्यादा उत्पन्न नहीं करता है तो।
इसके संकेत और लक्षण तब उत्पन्न होते हैं जब यह ट्यूमर का रूप ले ले या फिर अधिक मात्रा में हार्मोन रिलीज करने लगे। ऐसी कई स्वास्थ्य स्थितियां होती हैं जिनके लक्षण न्यूरो एंडोक्राइन ट्यूमर से मिलते हैं। न्यूरो एंडोक्राइन ट्यूमर के लक्षण इस बात पर निर्भर करते हैं कि शरीर में ट्यूमर कहां विकसित हुआ है।
निदान के लिए स्वास्थ्य समस्या का कारण जानना आवश्यक होता है न्यूरो एंडोक्राइन ट्यूमर का निदान करने के लिए डॉक्टर सबसे पहले आपसे आपके परिवार की हिस्ट्री के बारे में पूछेंगे और आप के लक्षणों के बारे में आपसे बात करेंगे अधिक जानकारी के लिए वह आप से शारीरिक परीक्षण भी करा सकते हैं।
जांच की प्रक्रिया लंबी और निराशाजनक लग सकती है इसमें चिंता होना सामान्य कारण है। लेकिन याद रखें कि यह अन्य स्वास्थ्य स्थितियों के कारण भी उत्पन्न हो सकते हैं जरूरी नहीं कि यह न्यूरो एंडोक्राइन ट्यूमर के लक्षण ही हो।
निम्नलिखित परीक्षणों का इस्तेमाल आमतौर पर न्यूरो एंडोक्राइन ट्यूमर की जांच करने के लिए किया जाता है इसमें कैंसर की जांच करने के लिए इस्तेमाल किए गए कई परीक्षणों का उपयोग भी किया जाता है।
किसी न्यूरो एंडोक्राइन ट्यूमर का इलाज इस बात पर निर्भर करता है कि उसकी स्थिति और आपका स्वास्थ्य किस स्तर पर है यह कैंसर के बारे में और आपके स्वास्थ्य की विशिष्ट जानकारी पर आधारित हो सकता है सबसे पहले यह देखना आवश्यक होता है कि कैंसर फेल तो नहीं रहा है और वह हार्मोन रिलीज कर रहा है या नहीं ऐसी कई स्त्रियों की जांच करने के बाद न्यूरो एंडोक्राइन ट्यूमर के इलाज की प्रक्रिया शुरू की जाती है जिसमें निम्न इलाज शामिल होते हैं
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