Nilgiri oil in Hindi आप सभी शायद नीलगिरी के पेड़ के बारे में जानते होगें। लेकिन क्या आपको नीलगिरी तेल के फायदे और नुकसान पता है। नीलगिरी तेल प्रमुख आवश्यक तेलों में से एक है जो हमें कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ दिला सकता है। प्राचीन समय से ही आयुर्वेद में नीलगिरी के तेल का उपयोग किया जा रहा है। नीलगिरी तेल के फायदे मुख्य रूप से रक्त शर्करा को नियंत्रित करने के लिए उपयोग किये जाते है। इसके अलावा यह सर्दी को ठीक करने, मस्तिष्क को स्वस्थ्य रखने, दर्द को कम करने, दांतों को स्वस्थ्य रखने आदि में मदद करता है। इस लेख में आप नीलगिरी तेल के स्वास्थ्य लाभों की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। आइये जाने नीलगिरी तेल के बारे में अन्य जानकारियां।
विषय सूची
1. नीलगिरी तेल क्या है – What Is Eucalyptus Oil in Hindi
2. नीलगिरी का पेड़ – Eucalyptus Tree in Hindi
3. नीलगिरी के पोषक तत्व – Eucalyptus Oil Nutritional Value in Hindi
4. नीलगिरी तेल के फायदे – nilgiri oil benefits in hindi
5. नीलगिरी तेल बनाने की विधि – How To Make Eucalyptus Oil in Hindi
6. नीलगिरी तेल के नुकसान – Eucalyptus Oil Ke Nuksan in Hindi
औषधीय गुणों से भरपूर नीलगिरी तेल त्वचा से लेकर बालों तक के लिए फायदेमंद होता है। इस तेल को यूकेलिप्टस (Eucalyptus) पेड़ की पत्तियों से भाप आसवन विधि द्वारा प्राप्त किया जाता है। नीलगिरी का तेल में बहुत से ऐसे पोषक तत्व मौजूद रहते हैं जो विभिन्न स्वास्थ्य लाभ के साथ ही हमारी त्वचा और बालों का ख्याल रखते हैं। विशेष रूप सर्दी और बुखार के लिए उपयोग की जाने वाली विभिन्न प्रकार की दवाओं में इसका उपयोग किया जाता है। आइये जाने नीलगिरी पेड़ के बारे में।
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यह एक परिक्व पेड़ कम ऊंचाई वाली झाडी या बहुत बड़े वृक्ष का रूप ले सकता है। इस पेड़ की बहुत सी प्रजातियां होती हैं जिन्हें मुख्य रूप से 4 आकार श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है। यदि आकार की बात की जाये तो इस पेड़ की सबसे छोटी प्रजाति की ऊंचाई 10 मीटर या लगभग 33 फीट होती है। मध्यम आकार की प्रजाति की ऊंचाई लगभग 11-30 मीटर (लगभग 33-98 फीट) होती है। बड़े आकार के वृक्षों की ऊंचाई 31-60 मीटर (लगभग 98-197 फीट) होती है। इसकी सबसे लंबी प्रजाति की ऊंचाई 60 मीटर से अधिक होती है। यह सदाबहार पेड़ है। इसकी पत्तियों में तेल ग्रंथियां होती हैं जिनके कारण तेल उत्पादन करना इस वृक्ष की विशेषता है। इसके फूल रोएंदार होते हैं।
इस फूल के पुंकेसर एक बाहृ आवरण से ढ़के रहते हैं जो किसी दोने के समान होते हैं। इसकी छाल का पेड़ की प्रजाति और उम्र के अनुसार बदलती रहता है। इसकी छाल रेशेदार छोटे-छोटे तुकड़ों में होती है जिसे खींचा जा सकता है। आइये जाने नीलगिरी के पोषक तत्व क्या हैं।
अध्ययनों से पता चलता है कि नीलगिरी तेल 90 प्रतिशत से अधिक तपेदिक संक्रमण (tuberculosis infection) और अन्य बैक्टीरिया प्रतिरोधी संक्रमण को रोकने में मदद करता है। इस तेल में एंटी-इंफ्लामेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। इसके अलावा इसमें बहुत से ऐसे पोषक तत्व होते हैं जो कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने में प्रभावी होते हैं। आइये जाने नीलगिरी तेल के फायदे क्या हैं।
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जैसा की हम जानते हैं कि प्राचीन समय से ही नीलगिर तेल का उपयोग आयुर्वेद उपचार में उपयोग किया जाता है। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में नीलगिरी तेल के स्वास्थ्य लाभों के कारण यह बहुत अधिक लोकप्रिय हो चुका है। यदि आपको नीलगिरी तेल के फायदे पता नहीं है तो इस लेख को ध्यान से पढ़ें। क्योंकि नीलगिरी तेल आपकी बहुत सी स्वास्थ्य समस्याओं को आसानी से दूर कर सकता है। आइये विस्तार से जाने नीलगिरी तेल के स्वास्थ्य लाभ क्या हैं।
यदि आप मधुमेह से ग्रसित हैं तो नीलगिरी तेल का उपयोग किया जा सकता है। यह मधुमेह के लक्षणों से आपको छुटकारा दिला सकता है। इस औषधीय तेल मे ऐसे गुण होते हैं जो शरीर में रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। इसके अलावा यह शरीर में स्वस्थ्य रक्त परिसंचरण बनाए रखने में भी सहायक होता है। आप इस तेल से अपने शरीर की मालिश कर इन लक्षणों से छुटकारा पा सकते हैं। नीलगिरी तेल आपके लिए बहुत ही लाभकारी हो सकता है।
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इस तेल में जीवाणुनाशक गुण होते हैं इस कारण इसे सबसे अच्छा एंटिसेप्टिक माना जाता है। आप इस तेल का उपयोग घावों, अल्सर, जलन और चोट को ठीक करने के लिए कर सकते हैं। इसके अलावा यह कीड़ों के काटने और उनके प्रभावों को कम करने में फायदेमंद होता है। इस तेल को लगाने से प्रभावित क्षेत्र में सुखदायक अनुभव होता है। इसके अलावा यह माइक्रोबियल गतिविधि और हवा के संक्रमण को विकसित करने से खुले घाव या त्वचा की रक्षा करता है। आप भी इस तेल के फायदे घावों और त्वचा की समस्याओं को दूर करने के लिए इस्तेमाल किये जा सकते हैं।
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संक्रमण और विभिन्न प्रकार की बीमारियों को दूर करने के लिए हमारे शरीर में एक प्रतिरक्षा तंत्र काम करता है। नीलगिरी तेल का उपयोग कर आप इस प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत कर सकते हैं। नीलगिरी तेल मोनोसाइट को बढ़ाता है। यह हमारे प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करने और हमें संक्रमण से बचाने में सहायक होता है। नीलगिरी तेल अनुकूली प्रतिरक्षा प्रणली की कोशिकाओं को सक्रिय करता है, जो हानिकारक जीवाणुओं की पहचान कर उन्हें नष्ट करता है। इसके अलावा यह शरीर में साइटोकिन्स के स्तर को कम करता है। साइटोकिन्स (cytokines) शरीर में संक्रमण को फैलाने के लिए जिम्मेदार माना जाता है। इस तरह से आप नीलगिरी तेल का उपयोग कर प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत कर सकते हैं।
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सबसे प्रमुख लाभों में से नीलगिरी तेल का एक लाभ तनाव को दूर करना है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इस तेल का उपयोग करने पर यह मानसिक शांति दिलाने में सहायक होता है। कुछ मामलों में जिनमें व्यक्ति मानसिक विकारों से पीड़ित हैं वे अक्सर अपने आपको थका हुआ महसूस करते हैं। ऐसे व्यक्तियों के लिए नीलगिरी तेल एक उत्तेजक की तरह कार्य करता है। यह उन लोगों में थकान को दूर करके उन्हें तनाव से मुक्त करने में सहायक होता है। इसके अलावा यह अन्य मानसिक विकारों के उपचार में भी प्रभावी होता है। आप अपनी मानसिक थकान और तनाव को दूर करने के लिए नीलगिरी तेल का उपयोग कर सकते हैं।
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आप अपने मुंह और दांतों से संबंधित विभिन्न समस्याओं का उपचार करने के लिए नीलगिरी तेल का उपयोग कर सकते हैं। नीलगिरी का तेल दांतों की प्लेक, मसूड़ों की समस्याओं, मसूड़ों से खून आना और मुंह के संक्रमण के कारण होने वाली अन्य समस्याओं के लिए बहुत ही प्रभावी होता है। यही कारण है कि नीलगिरी तेल आमतौर पर टूथपेस्ट, माउथफ्रेश्नर और अन्य मुंह की सफाई करने वाले उत्पादों में एक सक्रिय घटक के रूप में उपयोग किया जाता है। आप भी अपने दांत के दर्द या अन्य समस्याओं के लिए नीलगिरी तेल का उपयोग कर सकते हैं।
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यह औषधीय तेल केवल आपके बाहृ शरीर के लिए फायदेमंद नहीं होता है। यह आपके शरीर के अंदर मौजूद कीटाणुओं को भी नष्ट करने में सहायक होता है। नीलगिरी तेल एक वर्मीफ्यूज (vermifuge) होता है जिसे आंत में रोगाणुओं को नष्ट करने के लिए उपयोग किया जाता है। अध्ययनों से पता चलता है कि नीलगिरी तेल का सेवन करने से शरीर के विभिन्न अंगों में पाये जाने वाले बैक्टीरिया, माइक्रोबियल और परजीवी आदि के विकास को रोका जा सकता है। ये बैक्टीरिया हमारे शरीर को बहुत नुकसान पहुंचा सकते हैं। विशेष रूप से इस प्रकार के बैक्टीरिया हमारे कोलेन और आंत जैसे संवेदनशील क्षेत्रों को प्रभावित करते हैं। आप इस प्रकार की समस्याओं से बचने के लिए नीलगिरी तेल का उपयोग कर सकते हैं।
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संज्ञानात्मक क्षमता और प्रर्दशन को बढ़ाने के लिए नीलगिरी तेल का उपयोग किया जा सकता है। एक अध्ययन से पता चलता है कि नीलगिरी तेल का उपयोग करने से मस्तिष्क की कार्य क्षमता और स्वास्थ्य को बढ़ावा मिलता है। यह आवश्यक तेल तंत्रिका तंत्र की अनैच्छिक गतिविधियों को प्रभावित करता है। इस प्रकार यह मस्तिष्क गतिविधि और दर्द को कम करने में सहायक होता है। इसके अलावा यह उच्च रक्तचाप को भी नियंत्रित कर सकता है। आप भी इन सभी लाभों को प्राप्त करने के लिए नीलगिरी तेल का उपयोग कर सकते हैं।
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यदि आप सामान्य बुखार से ग्रसित हैं तो नीलगिरी तेल इसका उपचार कर सकता है। नीलगिरी तेल का उपयोग बुखार के इलाज और शरीर के तापमान को कम करने के लिए भी किया जाता है। यही कारण है कि नीलगिरी तेल को ‘बुखार का तेल’ नाम से भी जाना जाता है। इसका उपयोग पेपरमिंट तेल के साथ मिलाकर शरीर में डिओडोरेंट के रूप में किया जाता है। यह शरीर के तापमान और बुखार के प्रभाव को कम करने में सहायक होता है। आप सामान्य स्थिति में भी इस तेल का उपयोग कर सकते हैं।
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मुंह की दुर्गंध लोगों के व्यक्तिगत प्रभाव को कम करने और शर्मिंदगी का कारण हो सकती है। लेकिन जिन लोगों इस प्रकार की समस्या होती है वे नीलगिरी तेल के लाभ ले सकते हैं। नीलगिरी तेल सिनेओल (cineole) में समृद्ध होता है। यह एक ऐसा एंटीसेप्टिक है जो मुंह में बुरी सांस पैदा करने वाले वैक्टीरिया को मारता है। इसी कारण से मुंह की दुर्गंध दूर करने वाले विभिन्न उत्पादों में नीलगिरी तेल को विशेष घटक के रूप में उपयोग किया जाता है। आप इस तेल का उपयोग कर अपने मुंह की दुर्गंध छुटकारा पा सकते हैं।
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औषधीय गुणों से भरपूर नीलगिरी तेल मुंह के छालों को भी ठीक कर सकता है। नीलगिरी के तेल को सीधे ही छालों में लगाने से यह उनमें होने वाली जलन और बैक्टीरिया को दूर करने मे सक्षम होता है। इस तेल से आप नियमित रूप से अपने छालों की सफाई कर सकते हैं। यह आपके छालों में उपचार की गति को बढ़ा सकता है। इस तरह से आप छालों के दर्द और इनसे होने वाली अन्य समस्याओं से बच सकते हैं।
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मांसपेशीय दर्द आपके व्यक्गित जीवन को काफी हद तक परेशानी का कारण बन सकता है। लेकिन आप इस दर्द से निजात पा सकते हैं। इसके लिए आपको नीलगिरी तेल के औषधीय गुणों की आवश्यकता होती है। नीलगिरी तेल में प्राकृतिक दर्द निवारक गुण होते हैं। इसके अलावा इस तेल में एंटी-इंफ्लामेटरी गुण भी होते हैं जो शारीरिक दर्द के लिए प्रभावी दवा का काम करते हैं। आप अपने शरीर के किसी भी हिस्से के दर्द को ठीक करने के लिए नीलगिरी तेल की कुछ बूंदें लें और प्रभावित क्षेत्र की मालिश करें। यह आपको दर्द से राहत दिला सकता है।
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आप विभिन्न स्वास्थ्य लाभ के लिए नीलगिरी तेल का उपयोग कर सकते हैं। इनके अलावा यह अस्थमा का उपचार करने के लिए प्रभावी माना जाता है। अस्थमा के दौरे के दौरान नीलगिरी तेल की कुछ बूंदों से सीने की मालिश करनी चाहिए। यह आपको आराम से सांस लेने में मदद कर सकता है। इसके अलावा इसकी खुशबू आपके मस्तिष्क को भी शांत और स्वस्थ्य रखने में मदद कर सकती है।
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यदि आप पथरी रोग से परेशान हैं तो इसका प्रभावी और घरेलू उपचार किया जा सकता है। पथरी की समस्या किसी व्यक्ति के लिए बहुत ही कष्टदायक हो सकती है। नीलगिरी तेल का इस्तेमाल कर आप इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं। इसके लिए आप दिन में 1 बार नीलगिरी तेल की कुछ बूंदें लेकर प्रभावित क्षेत्र (पेट का वह हिस्सा जहां आपको दर्द होता हैं) की मालिश करें। इसके पोषक तत्व त्वचा में अवशोषित होकर पथरी के प्रभाव को कम करने में सहायक होते हैं।
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आप अपने बालों को स्वस्थ्य रखने के लिए विभिन्न प्रकार के उत्पादों का उपयोग करते हैं। लेकिन आप अपने वालों को स्वस्थ्य रखने और इनसे संबंधित समस्याओं को दूर करने के लिए नीलगिरी तेल का उपयोग कर सकते हैं। आप अपने सामान्य शैम्पू में इस तेल की कुछ बूंदें शामिल करें। यह तेल आपके बालों को मॉइस्चराइज करने में मदद करता है। इसके अलावा यह डैंड्रफ और सिर की खुजली को भी शांत कर सकता है। यदि आपके सिर में जूँ या इनके अंडे हो तो भी यह इनका प्रभावी रूप से निपटान कर सकता है। इस तरह से आप अपने बालों को स्वस्थ्य रखने में नीलगिरी तेल का उपयोग कर सकते हैं।
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यूकेलिप्टस की पत्तियों को दुनिया भर में औषधीय उपयोग के लिए प्रयोग किया जाता है। इन पत्तियों में एंटी-फंगल और जीवाणुरोधी गुण होते हैं। इस तेल को आसवन विधि द्वारा तैयार किया जाता है। लेकिन आप इस तेल को घर में भी तैयार कर सकते हैं। आइये जाने घर में नीलगिरी तेल कैसे तैयार करें।
नीलगिरी तेल बनाने के लिए 1 बर्तन (Crock Pot) का उपयोग करें।
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विभिन्न प्रकार के लाभ प्रदान करने के साथ ही नीलगिरी तेल के कुछ संभावित दुष्प्रभाव भी होते हैं। हालांकि बहुत ही कम मात्रा में और पूरी जानकारी के साथ इस तेल का उपयोग फायदेमंद होता है। फिर भी यह कुछ विशेष व्यक्तियों और विशेष परिस्थितियों में हानिकारक हो सकता है।
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