Nipple Discharge In Hindi स्तन के निपल से द्रव, तरल पदार्थ या दूध निकलने को निपल निर्वहन या निप्पल डिस्चार्ज कहा जाता है। प्रत्येक स्तन में पंद्रह से बीस दूध नलिकाएं (milk ducts) होती हैं। आमतौर पर इनमें से एक या इससे अधिक नलिकाओं से निपल निर्वहन होता है। वैसे तो स्तन से दूध का रिसाव आमतौर पर प्रेगनेंसी के अंतिम हफ्ते में होता है लेकिन गर्भधारण किए बिना भी ज्यादातर महिलाएं निपल निर्वहन की समस्या का सामना करती हैं। गर्भधारण किए बिना महिलाओं में स्तन से दूध निकलने की यह समस्या अधिक तनाव, चिड़चिड़ापन, कपड़ों से जलन, फोरप्ले और शारीरिक संबंध बनाने के दौरान होने वाली तेज उत्तेजना के कारण होती है। इस लेख में हम आपको गर्भधारण के बिना निपल निर्वहन के कारण, लक्षण, निदान और इलाज के बारे में बताने जा रहे हैं।
विषय सूची
1. निपल निर्वहन के कारण – Causes of Nipple disc1harge in Hindi
2. निपल निर्वहन के लक्षण – Symptoms of Nipple discharge in Hindi
3. निपल निर्वहन का स्तन कैंसर से संबंध – Nipple discharge Relation to breast cancer in Hindi
4. निपल निर्वहन होने पर डॉक्टर के पास कब जाएं – When to see a doctor for Nipple discharge in Hindi
5. निपल निर्वहन का निदान (जांच) – Diagnosis of Nipple discharge in Hindi
6. निपल निर्वहन का इलाज – Treatment of Nipple discharge in Hindi
आमतौर पर देखा जाता है कि बच्चे को जन्म देने के बाद या दूध पिलाने के दौरान महिलाओं को निपल निर्वहन होता है लेकिन गर्भधारण किए बिना ही निप्पल डिस्चार्ज होना भी महिलाओं में एक आम समस्या है। आइये जानते हैं कि गर्भधारण के बिना निपल निर्वहन किन कारणों से होता है।
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डॉक्टरों का मानना है कि स्तन में फाइब्रस ऊत्तक या सिस्ट बनने के कारण निप्पल डिस्चार्ज होता है जिसे फाइब्रोसिस्टिक के नाम से जाना जाता है। जब स्तन में फाइब्रोसिस्टिक में परिवर्तन आ जाता है तो स्तन में गांठ बन जाती है या स्तन के ऊत्तक मोटे हो जाते हैं। इसकी वजह से स्तन से सफेद, पीला, हरा निपल निर्वहन होता है।
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यह एक ऐसी समस्या है जिसमें गर्भधारण किये बिना या बच्चे को स्तनपान कराए बिना ही सफेद या दूधिया निप्पल डिस्चार्ज होता है। यह समस्या पीयूष ग्रंथि में ट्यूमर, हार्मोन्स की दवाएं खाने, कुछ विशेष जड़ी बूटियों का प्रयोग करने, हाइपोथॉयराइडिज्म (Hypothyroidism), नशीली दवाओं और मादक पदार्थों का सेवन करने के कारण होता है।
स्तन में संक्रमण होने के कारण निपल से पस (pus) का निर्वहन होता है। इसे मास्टिटिस (Mastitis) कहते हैं। इस समस्या से बिना गर्भधारण करने वाली महिलाएं भी ग्रसित होती हैं।
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महिलाओं में स्तन से रिसाव होने का यह दूसरा मुख्य कारण है। यह समस्या आमतौर पर उन महिलाओं में देखी जाती है जो मेनोपॉज के करीब होती हैं। इस समस्या में निपल में सूजन हो जाती है जिससे दूध की नली अवरुद्ध हो जाती है जिसके कारण स्तन से गाढ़ा, मोटा और हरा द्रव निकलता है।
इस समस्या के कारण निपल से खूनी या चिपचिपा निर्वहन होता है। यह आमतौर पर स्तन की नलिका(ducts) नॉन कैंसर ग्रोथ के कारण होता है और निपल से असामान्य रिसाव होता है।
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स्तन में अधिक उत्तेजना होने, स्तन में फोड़ा होने, दूध बढ़ाने वाली हार्मोन की दवाएं खाने और मासिक धर्म के दौरान हार्मोन में परिवर्तन होने, स्तन में चोट लगने के कारण भी स्तन से निपल निर्वहन होता है।
आमतौर पर निपल निर्वहन के लक्षण बहुत सामान्य से लेकर गंभीर होते हैं। इस समस्या के लक्षणों को आसानी से पहचाना जा सकता है। निप्पल डिस्चार्ज के लक्षण निम्न हैं।
स्तन में तेज दर्द होना और स्तन कोमल हो जाना।
स्तन में गांठ, सूजन और स्तन के नीचे दाने निकलना।
निपल में परिवर्तन आना जैसे निपल अंदर की ओर धंसना, निपल सिकुड़ जाना, निपल का रंग बदल जाना आदि निप्पल डिस्चार्ज के मुख्य लक्षण हैं।
ब्रेस्ट और निपल में लालिमा आना, स्तन के आकार में परिवर्तन होना, स्तन का आकार एक दूसरे से बड़ा छोटा होना आदि निपल निर्वहन के लक्षण है।
बुखार आना, मासिक धर्म रुक जाना या देर से आना, जी मिचलाना, उल्टी होना और हमेशा थकान महसूस होना गर्भधारण के बिना निप्पल डिस्चार्ज के लक्षण हैं।
निप्पल डिस्चार्ज आमतौर पर एक ही स्तन में होता है।
स्तन से खूनी, सफेद, गाढ़ा, चिपचिपा, मटमैला या गुलाबी द्रव निकलना निपल निर्वहन के लक्षण हैं।
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स्तन से रिसाव के कारण आमतौर पर डक्टल कार्सिनोमा इन सीटू (DCIS) नामक स्तन कैंसर होता है। यह स्तन कैंसर की शुरूआती अवस्था है जो स्तन की दूध नली में होती है। इसके अलावा यह स्तन में पगेट रोग (Paget disease) के कारण भी होती है इसे दुर्लभ प्रकार का स्तन कैंसर माना जाता है जो निपल में होता है। ब्रेस्ट कैंसर होने पर सिर्फ एक ही स्तन के निपल से निर्वहन होता है और स्तन में गांठ होने की भी संभावना होती है। हालांकि डॉक्टर के पास जाने वाली निपल निर्वहन से पीड़ित सिर्फ तीन से नौ प्रतिशत महिलाओं में ही स्तन कैंसर पाया जाता है लेकिन निपल निर्वहन ब्रेस्ट कैंसर का एक बड़ा कारण हो सकता है।
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अगर आपको अगला मासिक धर्म शुरू होने तक स्तन से रिसाव न रुके और यह लगातार बना रहे तो आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए। इसके अलावा यदि स्तन में सूजन, संक्रमण,पस निकलना या गांठ का अनुभव हो तो आपको एक से दो दिनों के अंदर ही डॉक्टर को दिखा देना चाहिए। वास्तव में कई बार निपल निर्वहन बहुत सामान्य होता है लेकिन यह स्तन कैंसर का भी कारण बन सकता है इसलिए यदि स्तन से खून या कोई अन्य द्रव निकले और यह न रुके तो आपको बिना देर किए डॉक्टर के पास जाना चाहिए।
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चूंकि निपल निर्वहन कई कारणों से होता है इसलिए सबसे पहले इस समस्या का निदान करके कारणों का पता लगाया जाता है। इसके लिए पीड़ित महिला को कुछ परीक्षण या जांच करवानी पड़ती है।
शारीरिक परीक्षण द्वारा निपल निर्वहन की जांच
आमतौर पर डॉक्टर निपल के आसपास के हिस्से को दबाकर तरल पदार्थ निकालते हैं और स्तन में गांठ या स्तन के ऊत्तक के मोटा होने की भी जांच करते हैं। यदि निपल से निकाले गए तरल पदार्थ में फैट ड्रापलेट्स मौजूद होता है तो इसका अर्थ यह है कि आपको गेलेक्टोरिया है।
निपल निर्वहन की जांच के लिए ब्लड टेस्ट
इसमें डॉक्टर प्रोलैक्टिन के बढ़े हुए स्तर की जांच करते हैं। इसके अलावा टीएसएच हार्मोन का भी परीक्षण करते हैं जिसके आधार पर निप्पल डिस्चार्ज का निदान किया जाता है।
मैमोग्राफी या अल्टासाउंड से निपल निर्वहन की जांच
इसमें स्तन के ऊत्तकों का चित्र लिया जाता है। स्तन के ऊत्तकों (breast tissue) की मैमोग्राफी और अल्ट्रासाउंड दोनों किया जाता है। अल्ट्रासाउंड के बाद स्तन में गांठ या अन्य गंभीर समस्याओं की जांच की जाती है।
निप्पल डिस्चार्ज का निदान एमआरआई (MRI)
महिलाओं में निपल निर्वहन का निदान करने के लिए मस्तिष्क की एमआरआई की जाती है और इसमें पीयूष ग्रंथि में ट्यूमर या अन्य असामान्यताओं का पता लगाया जाता है।
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वास्तव में निप्पल डिस्चार्ज का इलाज इस समस्या का निदान करने के बाद उसके संभावित कारणों और लक्षणों के आधार पर किया जाता है। चूंकि महिलाओं में गर्भधारण के बिना निपल निर्वहन कई वजहों से होता है, इसलिए कारण पता करके इलाज किया जाता है।
यदि किसी दवा के सेवन के कारण स्तन से दूध का रिसाव हो रहा हो तो वह दवा या तो बंद कर दी जाती है या उसकी खुराक कम कर दी जाती है। यह आमतौर पर डॉक्टर ही करते हैं।
अगर किसी महिला को हाइपोथॉयराइडिज्म के कारण निप्पल डिस्चार्ज हो रहा हो तो इस समस्या के इलाज के लिए उसे लिवोथॉयरॉक्सिन, लिवोथॉयराइड, सिंथॉइड आदि दवाएं दी जाती हैं।
यदि पीयूष ग्रंथि में ट्यूमर या प्रोलैक्टिनोमा(prolactinoma) के कारण निपल निर्वहन हो रहा हो तो ट्यूमर को सिकुड़ने के लिए विशेष दवाएं दी जाती हैं या सर्जरी के माध्यम से इसे हटा दिया जाता है।
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