Nirgundi Ke Fayde Aur Nuksan in Hindi निर्गुण्डी एक औषधीय जड़ी बूटी है जिसके बारे में अधिकतर लोगों को पता नहीं है। निर्गुण्डी के फायदे मानव स्वास्थ्य के लिए बेहद खास माने जाते हैं। इस पौधे में मौजूद पोषक तत्वों के कारण निर्गुण्डी का उपयोग विभिन्न प्रकार की औषधीयों के निर्माण में किया जाता है। यह एक ऐसी औषधी है जिसका उपयोग कई बीमारियों के इलाज के लिए आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी और एलोपैथी में लोकप्रिय रूप से उपयोग किया जाता है। निर्गुण्डी के फायदे सिरदर्द, सिफलिस, संधिशोथ, मस्तिष्क, बुखार, खांसी, मूत्र रोग, फोड़े और अन्य बीमारियों के इलाज में होते हैं। निर्गुण्डी एक प्रभावी दर्दनिवारक, एंटी-इंफ्लामेटरी, एंटी-कैटररल (anti-catarrhal) और भूख बढ़ाने वाला (appetiser) होता है। आइये निर्गुण्डी से संबंधित अन्य जानकारियों को जाने।
विषय सूची
1. निर्गुण्डी क्या है – What Is Nirgundi in Hindi
2. निर्गुण्डी का पेड़ – Nirgundi Tree In Hindi
3. निर्गुण्डी के पोषक तत्व – Nirgundi Nutrition in Hindi
4. निर्गुण्डी के फायदे हिंदी में – Nirgundi Ke Fayde Hindi Me
5. निर्गुण्डी के अन्य उपयोग – Nirgundi Other Use in Hindi
6. निर्गुण्डी के नुकसान – Nirgundi Ke Nuksan in Hindi
चिकित्सा विज्ञान में विशेष घटक के रूप में निर्गुण्डी का उपयोग किया जाता है। यह एक सदाबहार पेड़ है जो भारत के अलावा बांग्लादेश, चीन और जापान जैसे अन्य देशों में भी पाया जाता है। इस पेड़ के लगभग सभी हिस्सों का उपयोग विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के लिए प्राकृतिक इलाज के रूप में किया जाता है। आइए जाने निर्गुण्डी के पेड़ के बारे में।
एक विशेष स्वाद के लिए जाना जाने वाला निर्गुण्डी का पेड़ लगभग 5 मीटर लंबा होता है। इसके अलावा यह कभी-कभी एक छोटा और पतला और भूरे रंग की छाल के साथ भी देखने को मिलता है। इस पेड़ में बहुत सी पतली शाखाएं होती हैं जो इसे झाड़ीनुमा पेड़ बनाती हैं। इसकी पत्तियां लगभग 3.8 सेमी लंबी होती है जो कि देखने में तिकोनी लगती है। इस पेड़ की जड़े बहुत ही फैली हुई होती हैं जो कि बेलनाकार होती हैं। इसके फूल भूरे बैंगनी रंग के होते हैं। इन फूलों पर गोलाकार फल लगते हैं जिनका व्यास लगभग 1 से 3 मिमी होता है। इन फलों का रंग हल्का भूरा और काला होता है। इसके फल में दो बीज होते हैं।
इस औषधीय पौधे के लगभग सभी हिस्सों में पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व होते हैं जो हमें स्वास्थ्य लाभ दिलाने में मदद करते हैं। इस पेड़ में फाइटोकेमिकल माध्यमिक मेटाबोलाइड्स होते हैं जो पौधे को अद्वतीय औषधीय बनाते हैं। इसकी पत्तियों में ऑकुबिन एगिनुसाइड (Aucubin aginuside), एल्कालोइड्स निशिंडिन (Alkaloids: Nishindine), हाइड्रोकोटिलीन (Hydrocotylene), ग्लाइफोलावोनोइड्स (Glyoflavonoids), ओरिएंटिन (Orientin), इसोरिएंटिन 5-हाइड्रॉक्सी (Isoorientin, 5-Hydroxy) आदि होते हैं। इसी तरह इस पौधे के बीजों और फूलों में भी कई प्रकार के पोषक तत्व होते हैं जो हमारे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं। आइए जाने निर्गुण्डी जड़ी बूटी से प्राप्त होने वाले स्वास्थ्य लाभ क्या हैं।
विभिन्न स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने के लिए निर्गुण्डी का उपयोग सदियों से किया जा रहा है। यह ऐसी औषधी है जो स्वास्थ्य लाभ दिलाने के साथ ही हमारी सुंदरता को बढ़ाने में मदद करती है। आप अपनी त्वचा समस्याओं को दूर करने के लिए निर्गुण्डी का उपयोग कर सकते हैं। लेकिन यह हो सकता है कि यह आपकी सुंदरता को बढ़ाने में कुछ लंबा समय ले लेकिन इससे प्रभावी उपचार संभव है। आइए विस्तार से जाने निर्गुण्डी के फायदे स्वास्थ्य और सुंदरता के लिए क्या हैं।
यदि आप पाचन विकारों से परेशान हैं तो निर्गुण्डी आपकी मदद कर सकती है। ऐसा माना जाता है कि निर्गुण्डी पाचन विकारों को दूर करने के लिए एक उत्कृष्ठ विकल्प है। यह पाचन तंत्र के कामकाज को सुधारने और इसे मजबूत करने में मदद करती है। इसका उपभोग करने पर यह भूख को भी बढ़ाने में सहायक होता है। इसके अलावा निर्गुण्डी के औषधीय गुण पेट के दर्द, पेट की गैस, ऐंठन और पेट की सूजन जैसी अन्य समस्याओं को दूर करने में भी प्रभावी होती है। निर्गुण्डी की पत्तियों से निकाले गए रस का सेवन करने से यह पाचन तंत्र को साफ करती है। इस तरह से पाचन लाभ प्राप्त करने के लिए आप भी निर्गुण्डी चूर्ण का उपयोग कर सकते हैं।
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एक हर्बल चाय के रूप में निर्गुण्डी का उपयोग आपके अच्छे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। इस औषधी से बनी चाय का सेवन कर आप श्वसन प्रणाली से संबंधित समस्याओं का उपचार कर सकते हैं। यह आपके वायुजीवन में सुधार करने और श्वसन को सामान्य करने के लिए वायु मार्गों को खोलने में मदद करती है। निर्गुण्डी के इस गुण के कारण ही विभिन्न श्वसन संबंधी दवाओं में इसे व्यापक रूप से मुख्य घटक के रूप में उपयोग किया जाता है। सामान्य रूप से निर्गुण्डी के फायदे ब्रोंकाइटिस, अस्थमा और निमोनिया जैसी श्वसन रोगों को ठीक करने में मदद करती है। आप इस जड़ी बूटी का लाभ प्राप्त करने के लिए आप इस पौधे के पत्तों से बनी चाय का सेवन कर सकते हैं।
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विटामिन सी की अच्छी मात्रा निर्गुण्डी के पौधे में पाई जाती है। विटामिन सी एक एंटीऑक्सीडेंट की तरह कार्य करता है। इसके अलावा यह प्रकृति में एंटीबायोटिक और एंटी-इंफ्लामेटरी होता है। इस तरह से निर्गुण्डी का सेवन करने पर यह हमारी प्रतिरक्षा शक्ति को बढ़ा सकता है। जिससे आप बार-बार बुखार, ऑर्किटिस (orchitis), टोनिलिटिस और फेरींगिटिस (tonsillitis, and pharyngitis) की पुनरावृत्ति से बच सकते हैं। आप अपनी प्रतिरक्षा शक्ति को बढ़ाने के लिए इस पौधे की पत्तियों से एक काढ़ा तैयार कर सकते हैं। इस काढ़े का दिन में तीन बार सेवन करने से टोनिलिटिस और फरींगिटिस से राहत मिल सकती है। निर्गुंडी के फायदे आपके लिए एक चमत्कारिक औषधी की तरह हो सकते है।
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क्या आप माइग्रेन या सामान्य सर्दी से परेशान हैं। ये समस्याएं आपके लिए गंभीर हो सकती हैं यदि समय पर इसका इलाज नहीं किया जाता है तो। लेकिन इन समस्याओं के दौरान कुछ सामान्य शारीरिक परेशानियां भी हो सकती हैं जिनमें सिर का दर्द आम है। यदि आपको इन समस्याओं या अन्य किसी कारण से सिर दर्द होता है तो इसके लिए निर्गुण्डी प्रभावी उपचार हो सकता है। सिरदर्द का उपचार करने के लिए आप निर्गुण्डी की कुछ सूखी पत्तियां लें और इनका धुंआ भाप की तरह लें। यह आपको सिरदर्द से तत्काल राहत दिला सकता है।
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कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि निर्गुण्डी पौधे का औषधीय उपभोग करने पर यह प्रोजेस्टेरोन के स्तर को बढ़ा सकते हैं। जिससे महिलाओं की मनोदशा को सुधारने में मदद मिल सकती है। रजोनिवृत्ति महिलाओं में लगभग 50 वर्ष से अधिक उम्र में होने वाली एक सामान्य अवस्था है। निर्गुण्डी का उपभोग करने पर इस दौरान होने वाली समस्याओं को नियंत्रित किया जा सकता है। इस दौरान महिलाओं में होने वाली समस्याओं में मूड स्विंग्स, योनि सूखापन, और हाट फ्लैश आदि शामिल हैं। हालांकि आपको इन समस्याओं से छुटकारा पाने में लगभग 8 से 10 सप्ताह का समय लग सकता है। लेकिन निर्गुन्डी औषधि इनका प्रभावी और प्राकृतिक इलाज हो सकती है।
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एक अध्ययन से पता चलता है कि निर्गुण्डी महिलओं के लिए बेहद फायदमंद होती है। ऐसा माना जाता है कि जो महिलाएं मासिक धर्म के पहले निर्गुण्डी का सेवन करती हैं वे बेहतर तरीके से चिंता, रक्तस्राव और अवसाद जैसे लक्षणों का प्रबंधन करने में सक्षम होती हैं। जबकि लगभग 3 मासिक चक्रों के लिए नियमित उपभोग करने पर मासिक धर्म के दौरान होने वाली समस्याएं जैसे पेट दर्द, ऐंठन और अन्य लक्षणों में कमी आती है। इस तरह महिलाएं इस जड़ी बूटी से लाभ प्राप्त कर सकती हैं।
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कई स्वास्थ्य लाभ दिलाने वाली निर्गुण्डी औषधी महिला स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के साथ ही प्रजनन क्षमता को भी बढ़ाने में मदद करती है। अध्ययनों से पता चलता है कि बांझपन से पीड़ित महिलाओं को निर्गुण्डी के रस की 200 मिलीग्राम मात्रा का सेवन किया जाना चाहिए। नियमित रूप से 6 माह तक निर्गुण्डी की चाय का सेवन किये जाने पर यह बहुत ही लाभप्रद होती है। क्योंकि यह महिलाओं को पर्याप्त मात्रा में विटामिन और खनिज पदार्थ उपलब्ध करा सकती है। इस तरह से महिला बांझपन का प्राकृतिक उपचार करने के लिए निर्गुण्डी औषधी और इससे बनी चाय का उपभोग कर सकती हैं।
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बहुत से युवा महिला और पुरुष मुंहासों की समस्या से परेशान रहते हैं। यह उनकी सुंदरता को कम करने और गंभीर चिंता का कारण बन सकते हैं। लेकिन इन मुंहासों का उपचार करने के लिए निर्गुण्डी बहुत ही प्रभावी औषधी की तरह कार्य करती है। ये मुंहासे त्वचा में कभी भी आ सकते हैं जो कि बदसूरत होने के साथ ही दर्दनाक भी होते हैं। मासिक धर्म भी महिलाओं में मुंहासों का कारण बन सकता है। निर्गुण्डी का उपभोग करने पर यह हार्मोनल परिवर्तनों के कारण होने वाले मुंहासों के उत्पादन को कम कर सकता है। साथ ही इसके एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लामेटरी गुण मुंहासों का उपचार करने में सहायक होते हैं। यदि आप मुंहासों से छुअकारा चाहते हैं तो निर्गुण्डी का उपयोग प्रारंभ कर सकते हैं।
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एंटी-बैक्टीरिया, पीड़ाहारी (analgesic) और एंटी-इंफ्लामेटरी गुणों से भरपूर निर्गुन्डी तेल घावों का उपचार करने में मदद कर सकता है। यह घावों को ठीक करने का प्राकृतिक तरीका हो सकता है। यह घावों में होने वाले संक्रमण को रोक कर उपचार गति को तेज कर सकता है। इसके साथ ही संक्रमण के कारण घावों से आने वाली बदबू को भी कम करने में निर्गुण्डी प्रभावी होती है। निर्गुण्डी का उपयोग करने पर यह प्रभावी क्षेत्र में दर्द, और सूजन से भी आराम दिला सकती है। इस तरह से आप घावों को ठीक करने के लिए निर्गुन्डी तेल का उपयोग कर सकते हैं।
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आप जानते हैं कि निर्गुण्डी आपकी त्वचा के लिए फायदेमंद होती है। इसी तरह से यह आपके बालों के लिए भी उपयोगी होती है। इसका उपयोग कर आप सुंदर, चमकदार बालों को प्राप्त कर सकते हैं। जो लगभग सभी महिला और पुरुषों का सपना होता है। इस पेड़ की पत्तियों से बने तेल का उपयोग बालों के टॉनिक के रूप में किया जाता है। नियमित रूप से सिर में उपयोग करने पर यह बालों को झड़ने से रोक सकता है साथ ही बालों के विकास को बढ़ावा दे सकता है। इसके अलावा यह डैंड्रफ का भी उपचार कर सकता है। अध्ययनों से पता चलता है कि निर्गुण्डी के तेल का उपयोग करने पर जूँ, डैंड्रफ और सिर के अन्य संक्रमणों से छुटकारा पाया जा सकता है। इस तरह से निर्गुण्डी स्वास्थ्य के साथ-साथ त्वचा और बालों के लिए भी फायदेमंद होती है।
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यह एक बेहद फायदेमंद औषधीय पौधा है। यह न केवल स्वास्थ्य लाभ दिलाता है बल्कि यह कीट पतंगों को भी दूर रखने में सहायक होता है। बहुत से लोग इसकी पत्तियों को कपड़ों के बीच में दबाकर रखते हैं, जिससे कीड़े उन्हें नुकसान नहीं पहुंचा सकते हैं। इस पौधे की पत्तियों का धुआ एक प्रभावी मच्छर प्रतिरोधी के रूप में कार्य करता है। निर्गुण्डी की पत्तियों को जैव कीटनाशकों के रूप में भी उपयोग किया जाता है। इस तरह से निर्गुण्डी का पौधा हमारे लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है।
यदि सही मात्रा में इसका सेवन किया जाए तो यह बहुत ही फायदेमंद होती है। लेकिन यदि इस जड़ी बूटी का अनियंत्रित या अधिक मात्रा में सेवन किया जाता है तो इसके कुछ दुष्प्रभाव हो सकते हैं। आइये जानतें है निर्गुण्डी के नुकसान क्या हैं।
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