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नॉर्मल शुगर लेवल कितना होना चाहिए और कैसे करें जांच – Normal Sugar Level And How To Check In Hindi

Normal blood sugar level in Hindi रक्त शर्करा (ब्लड शुगर) की जाँच मधुमेह नियंत्रण पर निगरानी रखने का प्रमुख साधन है। यह जाँच किसी भी समय शुगर लेवल के स्तर की जानकारी प्रदान कर सकती है। नॉर्मल शुगर लेवल के स्तर का अपनी सामान्य रेंज में बने रहना, किसी भी व्यक्ति को स्वस्थ रहने के लिए महत्वपूर्ण है। यदि ग्लूकोज (ब्लड शुगर) का स्तर सामान्य से बहुत कम हो जाता है, तो सम्बंधित व्यक्ति सामान्य रूप से सोचने और कार्य करने की क्षमता को खो सकता है। यदि ब्लड शुगर सामान्य से बहुत अधिक हो जाता है, तो यह शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है या अनेक प्रकार की जटिलताओं का कारण बन सकता है। अतः खासकर मधुमेह से सम्बंधित व्यक्तियों को निरंतर शुगर लेवल जाँच करने की आवश्यकता होती है। इसके अतिरिक्त कोई भी व्यक्ति घर पर ब्लड शुगर की जाँच कर सकता है।

आज के इस लेख में आप जानेंगे कि नॉर्मल शुगर लेवल कितना होना चाहिए, शुगर की नार्मल रेंज कितनी होती है और इसकी कैसे जांच की जा सकती है।

विषय सूची

1. ब्लड शुगर क्या है – Blood sugar in Hindi
2 ब्लड शुगर की जांच कब की जाती है – When is blood sugar tested in Hindi
3. शुगर लेवल को प्रभावित करने वाले कारक – factors affecting blood glucose levels in Hindi
4. नॉर्मल ब्लड शुगर लेवल चार्ट- Normal blood sugar chart in Hindi

5. शुगर लेवल रेंज – Sugar level range in Hindi
6. ब्लड शुगर टेस्ट करने का तरीका – How is blood sugar measured in hindi
7. ब्लड ग्लूकोज मॉनिटरिंग डिवाइस – Blood Glucose Monitoring Devices in Hindi
8. शुगर लेवल परिणामों का क्या मतलब है? – What Do Sugar level Results Mean in Hindi

ब्लड शुगर क्या है – Blood sugar in Hindi

कार्बोहाइड्रेट आहार में विभिन्न प्रकार की शर्करा पाई जाती है, जो अपघटित होकर ग्लूकोज में परिवर्तित हो जाती हैं। ग्लूकोज भी एक प्रकार की शर्करा है, जो रक्त में पाई जाती है और कोशिकाओं की उर्जा का प्रमुख स्त्रोत है। अतः आम तौर पर, ग्लूकोज को ब्लड शुगर के रूप में जाना जाता है। जब मानव शरीर में भोजन के बाद रक्त शर्करा या ग्लूकोज का स्तर उच्च हो जाता है, तब शरीर द्वारा ग्लूकोज को अवशोषित करने के लिए अग्न्याशय (pancreas) इन्सुलिन का स्त्राव करता है। अतः इन्सुलिन का स्त्राव तब तक होता है, जब तक कि रक्त शर्करा या ग्लूकोज का स्तर सामान्य नहीं हो जाता।

लेकिन मधुमेह (टाइप 1 मधुमेह) की स्थिति में शरीर में इंसुलिन का उत्पादन नहीं होता है। जिसके कारण ब्लड शुगर का स्तर बहुत ज्यादा हो जाता है। जिसके परिणामस्वरूप नसों और रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुँचने के साथ-साथ हृदय रोग और अन्य समस्याएँ भी उत्पन्न हो सकती हैं। अतः ब्लड शुगर पर नियंत्रण रखना आवश्यक हो जाता है। रक्त शर्करा पर निगरानी रखने के लिए डॉक्टर द्वारा कुछ परीक्षण किये जाते हैं तथा घर पर कोई भी व्यक्ति अपने रक्त शर्करा के स्तर की जांच कर सकता है। एक रक्त शर्करा परीक्षण या ग्लूकोज मॉनिटर व्यक्ति के रक्त के छोटे से नमूने में ग्लूकोज नामक शर्करा की मात्रा को मापता है।

(और पढ़े – रक्त ग्लूकोज (ब्लड शुगर) परीक्षण क्या है, तैयारी, प्रक्रिया, परीणाम और कीमत…)

ब्लड शुगर की जांच कब की जाती है – When is blood sugar tested in Hindi

डॉक्टर द्वारा सम्बंधित व्यक्ति को ब्लड शुगर का परीक्षण कब और कैसे करना है, इस बात की सलाह दी जा सकती है। मधुमेह से सम्बंधित मरीज को डॉक्टर एक विशेष उपकरण के द्वारा घर पर रक्त शर्करा के स्तर पर निगरानी रखने की सिफारिश कर सकता है। घर पर ब्लड शुगर लेवल की जाँच करने के लिए आमतौर व्यक्ति अपनी उंगली की नोक से रक्त का एक छोटा सा नमूना निकालकर डिवाइस की सहायता से इसमें ग्लूकोज की मात्रा को माप सकते है। रक्त शर्करा की जाँच से मुख्य रूप से मधुमेह की स्थिति में रक्त शर्करा पर निगरानी रखने और उत्तम उपचार को अपनाने में मदद करने के लिए की जाती है। जिन लोगों को ब्लड शुगर की जांच करने की सिफारिश की जा सकती है, उनमें शामिल हैं:

  • इंसुलिन सेवन करने वाले व्यक्ति।
  • महिला ले गर्भवती होने पर।
  • मधुमेह की स्थिति में स्वास्थ्य पर निगरानी रखने के लिए।
  • निम्न रक्त शर्करा स्तर से सम्बंधित लक्षण प्रगट होने पर।
  • मधुमेह रोग की स्थिति में उचित उपचार को अपनाने के लिए।
  • दवाओं की उचित मात्रा का निर्धारण करने के लिए।
  • टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज को अच्छी तरह से प्रबंधित करने के लिए।

अतः एक व्यक्ति अपने ब्लड शुगर लेवल को निम्न गतिविधियों के बाद माप सकता है, जैसे:

  • व्यायाम करने के बाद
  • खाना खाने के बाद और खाना खाने से पहले
  • तनाव की स्थिति में
  • बुखार की स्थिति में
  • सोने से पहले या उठने के तुरंत बाद
  • हाइपोग्लाइसेमिक (low blood sugar) से सम्बंधित लक्षणों को महसूस करने की स्थिति में, इत्यादि।

(और पढ़े – जेस्टेशनल डायबिटीज (गर्भकालीन मधुमेह) के कारण, लक्षण, निदान और इलाज…)

शुगर लेवल को प्रभावित करने वाले कारक – Factors affecting blood glucose levels in Hindi

दिन का समय, व्यक्ति की गतिविधि, भोजन और अन्य सभी स्थितियां रक्त शर्करा के स्तर को प्रभावित कर सकती हैं। अतः इन सब परिस्थिति के अनुसार ब्लड शुगर के स्तर में भिन्नता का पाया जाना सामान्य है। इस तरह विभिन्न प्रकार की परिस्थितियां ब्लड शुगर लेवल को प्रभावित कर सकती हैं, जैसे कि:

  • दवा और सप्लीमेंट का सेवन
  • व्यायाम की परिस्थितियां
  • क्या खाया, कब खाया और उपवास की स्थिति

अतः इन सभी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए डॉक्टर शुगर लेवल के परिणामों के आधार पर उचित उपचार अपना सकता है।

(और पढ़े – मधुमेह रोगियों के लिए नाश्ता…)

नॉर्मल ब्लड शुगर लेवल चार्ट- Normal blood sugar chart in Hindi

भोजन, गतिविधि और तनाव आपके रक्त शर्करा (blood sugar) को प्रभावित कर सकते हैं। अतः विभिन्न परिस्थितियों में एक सामान्य रक्त शर्करा का स्तर निम्न प्रकार होगा, जैसे:

फास्टिंग ब्लड शुगर लेवल -Fasting normal blood sugar in Hindi

खाली पेट या सुबह उठने के दौरान नॉर्मल ब्लड शुगर लेवल निम्न प्राप्त होता है:

  • मधुमेह रोग से मुक्त व्यक्ति के लिए सामान्य रक्त शर्करा का स्तर 70 से 99 मिलीग्राम/डीएल (mg/dl) (9 से 5.5 मिलीमोल/लीटर) तक होता है
  • मधुमेह वाले किसी व्यक्ति में सामान्य ब्लड शुगर लेवल 80 से 130 मिलीग्राम/डीएल (4.4 से 7.2 मिलीमोल/लीटर) होता है

नॉर्मल शुगर लेवल आफ्टर फ़ूड – Normal Sugar level after food in Hindi

भोजन के 2 घंटे बाद नॉर्मल ब्लड शुगर लेवल इस प्रकार है:

  • बिना मधुमेह वाले व्यक्ति के लिए सामान्य स्तर 140 mg/dl से कम (या 7.8 mmol / L से कम)
  • मधुमेह वाले किसी व्यक्ति के लिए रक्त शर्करा के सामान्य स्तर: 180 mg/dl (0 mmol/L) से कम

ब्लड शुगर लेवल बिफोर ईटिंग – blood sugar levels Before eating in Hindi

खाने से पहले किसी व्यक्ति के लिए नॉर्मल ब्लड शुगर लेवल इस प्रकार है:

  • बिना मधुमेह वाले व्यक्ति के लिए नॉर्मल ब्लड शुगर लेवल 110 मिलीग्राम/डीएल से कम होता है
  • मधुमेह रोगियों के लिए नॉर्मल ब्लड शुगर लेवल 70 से 130 मिलीग्राम/डीएल के बीच होता है

(और पढ़े – मधुमेह को कम करने वाले आहार…)

रात में सोने से पहले नॉर्मल ब्लड शुगर – Normal blood sugar Bedtime in Hindi

  • बिना मधुमेह वाले व्यक्ति के लिए नॉर्मल ब्लड शुगर लेवल 120 मिलीग्राम/डीएल से कम होता है
  • मधुमेह रोगियों में सोने से पहले नॉर्मल ब्लड शुगर लेवल 90 से 150 मिलीग्राम/डीएल के बीच होता है

शुगर लेवल रेंज – Sugar level range in Hindi

शुगर लेवल की रेंज व्यक्ति की गतिविधियों के अनुसार दिन भर बदलती रहती है। एक मधुमेह रोगी के लिए, भोजन से पहले रक्त शर्करा की रेंज 70 और 109 मिलीग्राम/डीएल के बीच उत्कृष्ट होती है अर्थात व्यक्ति पूरी तरह खतरे से बाहर है, तथा 110-144 मिलीग्राम/डीएल तक होने पर, मधुमेह की स्थिति जोखिमदायक नहीं होती है।

भोजन के दो घंटे बाद 90-126 मिलीग्राम/डीएल के बीच प्राप्त परिणाम उत्कृष्ट होते हैं और 127 – 180 mg/dL के बीच प्राप्त परिणाम मधुमेह की स्थिति सुरक्षित मानी जाती है अर्थात जोखिमदायक नहीं होती है।

शुगर लेवल की जाँच करने के लिए एक दीर्घकालिक ग्लूकोज परीक्षण (long-term glucose test) भी किया जाता है, जिसे हीमोग्लोबिन A1c या HbA1c या सिर्फ A1C के नाम से जाना जाता है। यह परीक्षण पिछले 2 से 3 महीनों में मरीज के औसत ग्लूकोज स्टार की माप को प्रदर्शित करता है।

HbA1c परिणामों को ग्लूकोज की प्रतिशत मात्रा के रूप में व्यक्त किया जाता है। A1C की रेंज उम्र और स्वास्थ्य के आधार पर भिन्न होती है। बिना मधुमेह वाले व्यक्तियों के लिए इसके सामान्य स्तर 5.7 प्रतिशत से कम होते हैं, तथा मधुमेह वाले व्यक्ति के लिए 7.0 प्रतिशत से कम स्तर को सामान्य माना जा सकता है।

(और पढ़े – डायबिटीज कंट्रोल करने वाले आहार…)

ब्लड शुगर टेस्ट करने का तरीका – How is blood sugar measured in Hindi

ब्लड शुगर की जाँच करने के लिए वयस्कों और बच्चों के लिए अनेक उपकरण और मशीन उपलब्ध हैं। इन उपकरणों को ज़रूरत के अनुसार, डॉक्टर की सिफारिश पर खरीदा जा सकता है। ब्लड शुगर की जाँच करने के लिए “ग्लूकोमीटर (Glucometer)” एक उत्तम उपकरण है, लेकिन इसमें रक्त शर्करा के स्तर की जाँच करते समय रीडिंग को तुरंत पढ़ने की आवश्यकता होती है। जबकि कंटीन्यूअस ग्लूकोज मॉनिटर (continuous glucose monitor (CGM)) नामक डिवाइस दिन-रात किसी भी समय रक्त शर्करा के स्तर को ट्रैक करने में मदद कर सकती है। यह डिवाइस सेंसर का उपयोग कर हर 5 से 15 मिनट में स्वचालित रूप से वायरलेस मॉनिटर पर रीडिंग एकत्रित करती है।

मधुमेह वाले व्यक्ति घर पर ब्लड शुगर की जाँच करने के लिए शुगर चेक करने की मशीन ग्लूकोमीटर (Glucometer) का उपयोग कर सकते हैं। सुई की मदद से सम्बंधित व्यक्ति उंगलि से रक्त की छोटे सी बूँद को निकालकर, ग्लूकोज मीटर (blood glucose meter) की टेस्ट स्ट्रिप (test strip) के संपर्क में लाते हैं, जिससे मॉनिटर पर रक्त में मौजूद शर्करा की मात्रा प्रदर्शित होती है।

इसके अतिरिक्त हीमोग्लोबिन A1C भी एक रक्त शर्करा परीक्षण है, लेकिन यह पिछले दो से तीन महीनों के रक्त शर्करा का स्तर प्रदर्शित करता है।

(और पढ़े – पूर्ण रक्त गणना (सीबीसी) क्या है, क्यों आवश्यक है, टेस्ट के परिणाम, सामान्य स्तर और कीमत…)

ब्लड ग्लूकोज मॉनिटरिंग डिवाइस – Blood Glucose Monitoring Devices in Hindi

कंटीन्यूअस ग्लूकोज मॉनिटर (continuous glucose monitor (CGM)) नामक डिवाइस सेंसर और वायरलेस मॉनिटर का उपयोग करती है। इसमें डॉक्टर की सिफारिश पर सेंसर को मरीज के पेट की त्वचा के नीचे या बांह के पीछे एक दर्द रहित फैशन के रूप में रखा जाता है। सेंसर पर लगा एक ट्रांसमीटर हर 5 से 15 मिनट में वायरलेस मॉनिटर को रीडिंग या सूचना भेजता है। इस मॉनिटर को व्यक्ति अपने पास बेल्ट के साथ जोड़ सकता है। यदि रक्त शर्करा का स्तर पूर्व निर्धारित स्तर से उच्च या निम्न होता है, तो मॉनिटर में अलार्म बजना शुरू हो जाता है। इंसुलिन पंप का उपयोग करने वाले मरीजों के लिए यह काफी उपयोगी तरीका है।

CGM की अपेक्षा होम ग्लूकोज मॉनिटर या ग्लूकोमीटर (Glucometer) के परिणाम को सटीक माना जाता है। अतः मधुमेह की स्थिति में सटीक परिणाम प्राप्त करने के लिए ग्लूकोज मीटर का उपयोग कर नियमित रूप से रक्त शर्करा की जाँच की जा सकती है। ग्लूकोमीटर (Glucometer) में टेस्ट स्ट्रिप लगी होती है, जिसको रक्त की छोटी सी बूंद के संपर्क में लाने से मॉनिटर रक्त शर्करा की रीडिंग प्रदर्शित करता है।

शुगर लेवल परिणामों का क्या मतलब है? – What Do Sugar level Results Mean in Hindi

जब रक्त में ग्लूकोज का स्तर सामान्य से अधिक हो जाता है, तो यह स्थिति मधुमेह की स्थिति की ओर संकेत करती है। इसके अतिरिक्त यदि शुगर लेवल बहुत अधिक होता है, तो इसके परिणामस्वरूप रक्त वाहिकाओं और नसों में सूजन पैदा होने लगती है। यह स्थिति मधुमेह की सभी जटिलताओं के उत्पन्न होने का कारण बनती है। इसलिए उच्च रक्त शर्करा स्तर पर नियंत्रण रखना आवश्यक हो जाता है।

मधुमेह से मुक्त व्यक्तियों में, इंसुलिन के सामान्य स्तर, रक्त शर्करा को सामान्य बनाये रखता है। लेकिन मधुमेह की स्थिति में इंसुलिन फ़ंक्शन अनियमित हो जाते हैं। अतः इस स्थिति में संतुलित आहार, उचित व्यायाम, दवाएँ या जड़ी-बूटिओं का उचित सेवन और तनाव पर नियंत्रण आदि के द्वारा शरीर को रक्त शर्करा को नियंत्रित रखने मदद देने की आवश्यकता होती है।

रक्त शर्करा के सामान्य से बहुत निम्न स्तर भी एक संभावित समस्या का कारण बनते हैं। यदि कोई व्यक्ति इंसुलिन या सल्फोनिलयूरिया (sulfonylurea) या मेगालिटिनाइड (meglitinide) दवा लेते हैं, तो रक्त शर्करा के बहुत कम होने का खतरा बढ़ जाता है। लो ब्लड शुगर (हाइपोग्लाइसीमिया) मुख्य रूप से चक्कर आना, भ्रम या बेहोशी का कारण बन सकती है।

सामान्य ब्लड शुगर का स्तर क्यों महत्वपूर्ण हैं – Why are good blood sugar levels important in Hindi

यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करें और साथ ही आप लंबे समय तक उच्च शर्करा के स्तर को भी बढ़ा सकते हैं जिससे मधुमेह की जटिलताओं के विकास का खतरा बढ़ जाता है।

मधुमेह जटिलताओं में स्वास्थ्य समस्याएं शामिल हैं:

  • गुर्दे की बीमारी
  • नस की क्षति
  • रेटिना की बीमारी
  • दिल की बीमारी
  • आघात

समस्याओं की यह सूची डरावनी लग सकती है लेकिन ध्यान देने वाली मुख्य बात यह है कि सामान्य ब्लड शुगर स्तर के नियंत्रण के माध्यम से इन समस्याओं के जोखिम को कम किया जा सकता है। यदि आप समर्पित रहते हैं और अधिकांश दिनों में उन सुधारों को बनाए रखते हैं तो छोटे सुधार बड़ा बदलाव ला सकते हैं।

(और पढ़े – बेहोशी के कारण, लक्षण, इलाज और बचाव…)

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Sourabh

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