Nose and ear piercing benefits in Hindi नाक और कान छिदवाने (piercing) की परंपरा भारतीय संस्कृति में काफी पुरानी रही है। प्राचीन काल से ही हमारे वेदों और पुराणों में शिशु के जन्म के बाद कर्ण छेदन का रिवाज रहा है। समय बदलने के साथ-साथ यह प्रचलन में आता गया और फैशन ट्रेंड बन गया। भारतीय महिलाएं अक्सर टीन एज के बाद नाक और कान छिदवाती हैं ताकि वे खूबसूरत नॉज पिन (Nose pins) और ईयरिंग्स (Earings) पहन सकें। शादी के समय कान और नाक में आभूषण पहनने की परंपरा काफी प्रचलित है। इसी के साथ अच्छे लुक लिए भी लड़कियां और महिलाएं कान और नाक छिदवाती है। आजकल एक साथ कई जगहों से नाक और कान छिदवाने का प्रचलन भी पढ़ गया है और सिर्फ भारतीय ही नहीं बल्कि विदेशी महिलाएं भी कान और नाक में छेद करवाती है।
आपको जानकर हैरानी होगी की नाक और कान में छेद करवाना ना सिर्फ एक फैशन ट्रेंड है बल्कि यह सेहत के लिए भी फायदेमंद हो सकता है। इस आर्टिकल में हम विस्तार से बताने जा रहे हैं कि नाक और कान छिदवाने के क्या-क्या फायदे और नुकसान होते हैं। आइए जानते हैं कि कान और नाक छिदवाने के फायदे क्या हैं।
विषय सूची
1. नाक और कान छिदवाने के फायदे – Nose and ear-piercing benefits in Hindi
2. नाक और कान छिदवाने के नुकसान – Side effects of Nose and ear piercing in Hindi
आइये जानते नाक और कान छिदवाने के क्या क्या फायदे होते हैैं।
नाक और कान के एक्यूप्रेशर पॉइंट (points) पर ये छेद किए जाते हैं इसलिए नाक और कान छिदवाना इन दोनों अंगों की सेहत के लिए फायदेमंद होता है। साथ ही नाक और कान छिदवाने से टिटनेस होने का खतरा भी नहीं रहता है।
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एक्यूपंचर एक थैरेपी होती है जिसमें सूई चुभा कर दर्द को कम किया जाता है। कान और नाक छिदवाना एक्यूप्रेशर थैरेपी की तरह ही फायदेमंद होता है। नाक और कान छिदवाते समय जिन पॉइंट्स पर दबाव डालते हैं वे सीधे आंखों को फायदा पहुंचाते हैं।
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नाक के बांयी तरफ छिदवाने से शिशु को जन्म देते वक्त महिलाओं को कम दर्द होता है। नाक के बांयी तरफ के प्रेशर पॉइंट्स पर दबाव डालने का सीधा असर महिलाओं के रिप्रोडक्टीव सिस्टम पर पड़ता है इसलिए कान और नाक में छेद करवाने से लेबर पेन कम होता है इसलिए पुराने समय से महिलाओं के नाक और कान छिदवाने की परंपरा रही है।
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भारत में स्त्रियों ही नहीं बल्कि पुरुषों के नाक और कान छिदवाने की परंपरा रही हैं जिसे आजकल विदेशी पुरुष भी पसंद करते हैं। पुरुष अगर कान छिदवाते हैं तो इससे उनका स्पर्म काउंट बढ़ जाता है। इसलिए पुरुषों के लिए भी नाक और कान छिदवाना फायदेमंद होता है।
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हमारे शरीर के सभी अंग तंत्रिका और नसों के माध्यम से एक-दूसरे से जुड़े होते हैं। नाक छिदवाने से महिलाओं को पीरियड्स का दर्द कम होता है क्योंकि नाक के एक्यूप्रेशर पॉइंट रिप्रोडक्टिव (reprodcutive) सिस्टम से जुड़े होते हैं इसलिए नाक छिदवाने से भी पीरियड्स का दर्द कम होता है और साथ ही पीरियड्स मिस होने की समस्या भी नहीं होती है।
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कान और नाक के अधिकतर प्रेशर पॉइंट एक्यूप्रेशर का अच्छा स्थान होते हैं जो कि इम्यून सिस्टम को बूस्ट करते हैं। यहीं कारण है महिला और पुरुष दोनों के लिए कान और नाक छिदवाना फायदेमंद होता है।
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कान और नाक शरीर के ऐसे अंग होते हैं जो कि खून के सही प्रवाह में मदद करते हैं। दिमाग तक रक्त पहुंचाने के लिए इन दोनों अंगों का महत्वपूर्ण योगदान होता है। कान और नाक के प्रेशर पॉइंट पर छिदवाने के कारण रक्त प्रवाह सही होता है और दिमाग की शक्ति बढ़ती है।
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आयुर्वेद के अनुसार यह माना जाता है कि नाक और कान छेदन का सीधा संबंध महिलाओं के रिप्रोडक्टिव सिस्टम से होता है। नाक और कान के बांयी तरफ छिदवाने से पीरियड्स क्रैम्स, दर्द, मिनोपॉज में परेशानी, लेबर पेन आदि कम हो जाते हैं जो महिलाओं के संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है।
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जिस प्रकार हर चीज के फायदे और नुकसान होते हैं उसी प्रकार नाक और कान छिदवाने के भी कई नुकसान होते हैं। आइए जानते हैं कि नाक और कान छिदवाने के क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं।
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नाक और कान छिदवाने से नेसल इंफेक्शन भी हो सकता है। अमेरीकन अकादमी के अनुसार नाक छिदवाने के दौरान नेसल म्यूकस यानि नाक की झिल्ली में छेद किया जाता है जिससे संक्रमण का खतरा पैदा हो जाता है।
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नाक छिदवाने से नेक्रोसिस (Necrosis) रोग होने का खतरा भी पैदा हो जाता है। नाक की झिल्ली काफी मोटी होती है जब इसे छिदवाया जाता है तो कई बार जीवित कोशिकाएं मर जाती है जिसे नेक्रोसिस कहते हैं। इसलिए नाक छिदवाने से नेक्रोसिस रोग और नाक की दीवारों पर सूजन दोनों का खतरा पैदा हो जाता है।
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नाक छिदवाने के बाद नाक पर दाना निकलना एक बड़ी समस्या होती है। नाक की दिवार के टिशू एक साथ जमा होकर ये दाना बनाते हैं। इसे छूने पर दर्द होता है और इस दानें के कारण आपकी पीयरसिंग (piercing) काफी भद्दी दिखने लगती है।
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नाक और कान छिदवाने पर उस स्थान पर आपको रिंग (ring) पहननी पड़ती है। लंबे समय कर रिंग पहने रखने पर आपके नाक और कान के उस स्थान पर मृत कोशिकाएं जमा हो जाती है जिसे आप एक्सफोलिएट नहीं कर पाते हैं। इससे आपकी त्वचा की खूबसूरती कम हो जाती है।
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