Nutmeg Oil in Hindi जायफल का तेल एक औषधीय तेल है जो आयुर्वेद चिकित्सा में बहुत ही लोकप्रिय है। जायफल तेल लाभ के बारे में बहुत ही कम लोग जानते हैं क्योंकि यह तेल सामान्य रूप से बहुत ही कम उपयोग किया जाता है। जायफल तेल का उपयोग प्रमुख रूप से औषधीय उपयोग के लिए किया जाता है। हालांकि जायफल तेल बनाने की विधि आसान नहीं है। जायफल के तेल का इस्तेमाल कर आप कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का उपचार कर सकते हैं। बहुत सी महिलाएं जायफल तेल के घरेलू उपाय के लिए इस्तेमाल करती हैं जो उन्हें मासिक धर्म की समस्याओं से बचाता है। जायफल तेल के फायदे तनाव, हृदय विकार, रक्तचाप, श्वसन समस्याओं और यौन समस्याओं के लिए होते हैं। आज इस आर्टिकल में आप जायफल तेल के फायदे और नुकसान संबंधी जानकारी प्राप्त करेगें।
विषय सूची
1. जायफल तेल क्या है – Jaiphal Tel Kya hai in Hindi
2. जायफल तेल की तासीर – Jaiphal Tel ki Taseer in Hindi
3. जायफल तेल के पोषक तत्व – Jaiphal Tel ke Poshak Tatva in Hindi
4. जायफल तेल बनाने की विधि – Jaiphal Tel Banane Ki Vidhi in Hindi
5. जायफल का तेल कैसे काम करता है – How Does Nutmeg Oil Work in Hindi
6. जायफल तेल के स्वास्थ्य लाभ – Jaiphal Tel ke Swasth Labh in Hindi
7. जायफल के तेल का उपयोग करने के तरीके – Jaiphal Tel Upyog karne ke tarike in Hindi
8. जायफल तेल के नुकसान – Jaiphal Tel ke Nuksan in Hindi
जायफल का तेल जायफल के बीजों से प्राप्त किया जाता है। जायफल का तेल बनाने की विधि में जायफल बीजों के भाप निष्कर्षण के माध्यम से तेल प्राप्त किया जाता है। जायफल मुख्य रूप से एक मसाला है जो मिरिस्टिका फ्रेग्रेंस के पेड़ से प्राप्त होता है। जायफल का उपयोग सदियों से पारंपरिक इलाज के रूप में किया जा रहा है। इसके अलावा हम अपने भोजन में स्वाद बढ़ाने के रूप में भी इसका उपयोग करते हैं। अपने विशेष गुणों के कारण जायफल के तेल का इस्तेमाल व्यापारिक उद्देश्य हेतु मोमबत्तियों, साबुन और अन्य सौंदर्य उत्पादों में भी किया जाता है। इसके दांतों सबंधी समस्याओं को दूर करने वाले उत्पादों में भी जायफल के तेल को प्रमुखता से उपयोग किया जाता है।
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जायफल की तरह ही जायफल के तेल की तासीर गर्म होती है। इस कारण सर्दीयों के मौसम में इस तेल का उपयोग अधिक किया जाता है। सर्दी के मौसम में जायफल तेल के लाभ न केवल सर्दी के लक्षणों को कम करते हैं बल्कि प्रतिरक्षा शक्ति को भी बढ़ाने में सहायक होते हैं। आइए जाने जायफल तेल में मौजूद पोषक तत्वों के बारे में।
जैसा कि आपको पता है जायफल एक मसाला है। लेकिन जायफल तेल के फायदे मसालों से बढ़कर आवश्यक तेलों से संबंधित विटामिन, खनिज पदार्थ और जैविक यौगिकों के कारण आपकी बहुत सी स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। जायफल तेल की 100 ग्राम मात्रा में उपस्थित फायदेमंद घटक इस प्रकार हैं।
इसमें ल्यूटिन-ज़ेक्सैंथिन भी होता है जो एक शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट है।
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जायफल का तेल कैसे बनाएं? जायफल का तेल बनाने के लिए मुख्य रूप से भाप आसवन विधि का उपयोग किया जाता है। इस दौरान जायफल के सूखे बीज के भाप द्वारा आसवन के माध्यम से तेल निकाला जाता है। हालांकि आप अन्य प्रकार के तेलों की तरह ही घर पर भी जायफल का तेल बना सकते हैं। यहां जायफल का तेल बनाने की सबसे आसान और घरेलू विधि बताई जा रही है। आप भी जायफल का तेल बनाने के घरेलू नुस्खे में इस विधि का उपयोग कर सकते हैं।
आप ओखल और मूसल की सहायता से जायफल को अच्छी तरह से कुचल लें। लेकिन ध्यान दें कि आपको पाउडर नहीं बनाना है। इसके बाद इन कुचले हुए जायफल की लगभग ½ कप मात्रा को कांच के जार में रखें। इस जार में आप वाहक तेल तब तक डालें जब तक की कुचले हुए जायफल पूरी तरह से डूब न जाएं। अब इस जार को अच्छी तरह से ढंक्कन टाइट करके बंद कर दें। अब इस जार को अच्छी तरह से हिलाएं और इसे सूरज की सीधी धूप में कम से कम 48 घंटों के लिए रखें।
लेकिन हर 12 घंटे के बाद इसे अच्छी तरह से हिलाते रहें। लगभग 48 घंटों तक सूरज की सीधी धूप में रखने के बाद आप इस मिश्रण को छन्नी से छानकर तेल अलग निकाल लें। इसके बाद आप इस तेल में फिर से कुचले हुए जायफल मिलाएं और इसी तरह से 4 से 5 बार इस प्रक्रिया को दोहराएं। जब आप जायफल के तेल की खुशबू से संतुष्टि हो जाएं तब इस तेल को किसी बोतल में बंदर करके रख लें। क्योंकि आपका जायफल का तेल तैयार है।
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अन्य आवश्यक तेलों (essential oils) की तरह ही जायफल के तेल को सूँघने और प्रभावित क्षेत्र के ऊपरी आवेदन के रूप में उपयोग किया जाता है। अध्ययनों द्वारा यह पुष्टि की जा चुकी है कि सामान्य मात्रा में उपयोग करने पर यह हमारे शरीर के लिए सुरक्षित है। फिर भी बहुत से लोगों का मानना है कि जायफल के तेल का आंतरिक उपयोग करना अधिक सुविधाजन, फायदेमंद और सुरक्षित होता है। लेकिन यदि आप जायफल तेल का इस्तेमाल कर रहे हैं तो अपने चिकित्सक या किसी अनुभवी व्यक्ति की सलाह पर ही करें।
जायफल के तेल का उपयोग कई प्रयोजनों के लिए किया जाता है। लेकिन जायफल तेल के स्वास्थ्य लाभ सुनकर आप हैरान हो जाएगें। ऐसा इसलिए है क्योंकि जायफल के तेल में मौजूद पोषक तत्व और खनिज पदार्थ कई गंभीर और आम स्वास्थ्य समस्याओं को प्रभावी रूप से दूर कर सकते हैं। जायफल तेल के स्वास्थ्य लाभ को कई अध्ययनों द्वारा प्रमाणित भी किया जा चुका है। आइए जाने जायफल तेल फायदे और उपयोग क्या हैं।
जायफल तेल का इस्तेमाल पथरी के रोगी के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। क्योंकि जायफल का तेल लीवर और किडनी के डिटॉक्सिफिकेशन (detoxification) सिस्टम को बेहतर बनाने में सहायक होता है। कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि जब जायफल के तेल का नियमित सेवन किया जाता है तो यह गुर्दे की पथरी को तोड़ने या इनके आकार को कम कर सकता है। जिसके कारण उन्हें मूत्र मार्ग के माध्यम से बाहर निकालने में मदद मिल सकती है। इसके अलावा नियमित रूप से जायफल के तेल का सेवन करने से शरीर में कैल्शियम के उन्मूलन को प्रोत्साहित करके गुर्दे की पथरी के गठन को रोकने में मदद मिलती है।
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औषधीय गुणों से भरपूर जायफल का तेल आपको मूत्राशय और गुर्दे के संक्रमण से बचा सकता है। इस तेल में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट संक्रमण के कारण बनने वाले बैक्टीरिया को फैलने से रोकने और उन्हें नष्ट करने में प्रभावी होते हैं। मूत्र संक्रमण संबंधी समस्याएं विशेष रूप से ई. कोलाई बैक्टीरिया (E. coli bacteria) के मूत्र पथ में प्रवेश करने के कारण होती हैं। लेकिन नियमित रूप से उपभोग करने के दौरान जायफल तेल के जीवाणुरोधी और एंटीवायरल गुण शरीर में इस बैक्टीरिया सहित अन्य वायरस के प्रभाव को कम करते हैं। यदि आप भी बार-बार मूत्र पथ संक्रमण का शिकार होते हैं तो जायफल तेल का इस्तेमाल करें।
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जिन लोगों को पाचन संबंधी समस्याएं होती हैं उन्हें जायफल के तेल का उपयोग करने की सलाह दी जाती है। क्योंकि जायफल तेल विभिन्न प्रकार की पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करने के साथ ही पाचन प्रणाली को स्वस्थ रखता है। यदि आप कब्ज की समस्या से परेशान हैं तो अपने आहार में जायफल के तेल का प्रयोग कर सकते हैं। इसके अलावा आप पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए आप अपने हाथ में जायफल तेल की कुछ बूंदें लें और इसमें अन्य वाहक तेल को मिलाकर अपने पेट की हल्की मालिश करें। ऐसा करने से आपको अपच
, पेट फूलना आदि पेट संबंधी समस्याओं से राहत मिल सकती है।(और पढ़े – पाचन शक्ति बढ़ाने के घरेलू उपाय…)
जोड़ों में आने वाली सूजन और दर्द बहुत ही कष्टदायक होती है। सामानय रूप से यह समस्या उम्र बढ़ने के दौरान प्रतिरक्षा शक्ति की कमी के कारण होती है। हालांकि यह बीमारी किसी भी उम्र में भी हो सकती है। लेकिन जोड़ों के दर्द दूर करने के लिए जायफल के तेल का इस्तेमाल फायदेमंद होता है। जायफल के तेल में एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होते हैं जो सूजन को कम करने में सहायक होते हैं। यदि आप भी गले के दर्द या जोड़ों के दर्द से परेशान हैं तो जायफल के तेल को नियमित आहार में शामिल कर सकते हैं। इसके अलावा आप प्रभावित क्षेत्र में जायफल और अन्य वाहक तेल के मिश्रण से मालिश भी कर सकते हैं। यह सूजन और दर्द दोनों से राहत पाने का सबसे आसान और सुरक्षित तरीका है।
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जायफल के तेल में मौजूद यौगिक शरीर में हार्मोनल संतुलन को बनाए रखने में सहायक होते हैं। अधिकांश महिलाओं और पुरुष दोनों के शरीर में हार्मोनल असंतुलन कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। लेकिन नटमेग ऑयल में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफलामेटरी गुण इन हार्मोन को संतुलित करने में सहायक होते हैं। इसके अलावा अध्ययनों से पता चलता है कि जायफल तेल की मालिश मासिक धर्म से जुड़े दर्द और सूजन को कम कर सकता है। इस तरह से आप भी जायफल तेल के लाभ प्राप्त करने के लिए इसे उपयोग कर सकते हैं।
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दमा रोगियों के लिए जायफल का तेल किसी औषधी से कम नहीं है। अस्थमा के रोगियों को जायफल के तेल का उपयोग करना गले की सूजन और मांसपेशियों को आराम दिलाता है। अध्ययनों ने भी पुष्टि की है कि नियमित रूप से उपयोग करने के दौरान जायफल का तेल अस्थमा के लक्षणों को कम करने में प्रभावी होता है। अस्थमा रोगी को सामान्य रूप से फेफड़ों में सूजन की समस्या होती है जिसके कारण उनहें सांस लेने में परेशानी होती है। लेकिन नियमित रूप से जायफल के तेल का इस्तेमाल श्वसन तंत्र की मांसपेशियों को आराम देने और समग्र सूजन को कम करने में सहायक होता है। यदि आपको भी अस्थमा या अन्य प्रकार की श्वसन समस्या है तो जायफले के तेल का प्रयोग कर लाभ ले सकते हैं।
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पारंपरिक चिकित्सा में जायफल का उपयोग यौन स्वास्थ्य और यौन इच्छा में वृद्धि के लिए किया जाता है। 2005 में हुए एक पशु अध्ययन से पता चलता है कि नियमित रूप से जायफल के तेल का सेवन करने से यौन सक्रियता में वृद्धि होती है। इसके अलावा जायफल मसाले के साथ जायफल के तेल में भी कामोद्दीपक गुण होते हैं। जो यौन संबंधी समस्याओं को कम करने में सहायक होते हैं। यदि आप भी यौन कमजोरी का अनुभव कर रहे हैं तो अन्य उपायों के साथ ही घरेलू उपचार के रूप में जायफल के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं।
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जायफल के तेल में गठिया जैसी बीमारी के लक्षणों को दूर करने की क्षमता होती है। जिससे यह स्पष्ट होता है कि नियमित रूप से उपयोग करने के दौरान जायफल और सरसों का तेल मांसपेशीयों के दर्द को कम करने में भी सहायक होता है। जब भी आपको शरीर में दर्द का अनुभव हो तो आप अन्य वाहक तेल या सरसों के तेल के साथ जायफल के तेल की मालिश करें। ऐसा करने से आपको कुछ ही देर में दर्द से राहत मिल सकती है।
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जिन लोगों की नींद लेने में दिक्कत होती है या पूरी नींद नहीं ले पाते हैं उन्हें जायफल के तेल का इस्तेमाल करना चाहिए। जायफल के तेल की खुशबू मस्तिष्क में शांति का अनुभव कराती है। साथ ही यह तनाव और अवसाद जैसे लक्षणों को कम कर नींद को उत्तेजित करने में सहायक होता है। यदि आप भी अनिद्रा से परेशान हैं तो रात में सोने से पहले जायफल के तेल की खुशबू लें और इसे अपने तकिया या चादर में लगाएं। इसकी शांति दिलाने वाली खुशबू आपको नींद लेने में सहायक होती है।
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प्राचीन समय से ही मुंह और सांसों की बदबू को दूर करने के लिए जायफल का तेल लोकप्रिय है। इसके अलावा जायफल का तेल प्रकृति में एंटीसेप्टिक भी होता है जो दांतों और मसूड़ों के दर्द को कम करने में प्रभावी होता है। यही कारण है कि अधिकांश टूथपेस्टों और माउथवॉश में जायफल के तेल का इस्तेमाल किया जाता है।
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आप अपने शरीर में स्वस्थ रक्तचाप के लिए जायफल के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि जायफल का तेल एक अच्छा उत्तेजक होता है। यह न केवल मस्तिष्क बल्कि शरीर के सभी हिस्सों के लिए भी लाभकारी होता है। जायफल तेल की आरामदायक खुशबू शरीर की थकान को दूर करती है साथ ही रक्त परिसंचरण को भी उत्तेजित करती है। यदि आप भी रक्त परिसंचरण संबंधी समस्या से परेशान हैं तो जायफल के तेल का उपयोग कर सकते हैं।
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बहुत सी महिलाएं मासिक धर्म चर्क के दौरान होने वाली समस्याओं से परेशान रहती हैं। इस प्रकार की समस्याओं में ऐंठन, दर्द, चिड़चिड़ापन और तनाव आदि शामिल हैं। लेकिन इन सभी समस्याओं को दूर करने में जायफल के तेल का इस्तेमाल किया जा सकता है। साथ ही जायफल का तेल पीरियड्स के दौरान कुछ लक्षणों जैसे मूड स्विंग्स, डिप्रेशन और हार्मोन असंतुलन को भी ठीक कर सकता है।
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जायफल तेल के लाभ त्वचा संबंधी समस्याओं को दूर करने और त्वचा को स्वस्थ रखने में सहायक होते हैं। इस तेल के उत्तेजक और एंटीसेप्टिक गुण त्वचा को चमकदार और स्वस्थ रखते हैं। इसके अलावा जायफल तेल के औषधीय गुण त्वचा में झुर्रियों और अन्य निशानों की उपस्थिति को भी कम कर सकते हैं। नियमित उपयोग के दौरान यह त्वचा को कई प्रकार के संक्रमण से भी बचा सकता है।
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आपके बालों के स्वास्थ्य को बढ़ाने वाले गुण भी जायफल के तेल में मौजूद रहते हैं। आप अपने बालों पर उपयोग करने वाले साप्ताहिक हेयर मास्क में भी जायफल के तेल को मिला सकते हैं। यह न केवल आपके सिर में प्राकृतिक नमी बनाए रखता है बल्कि एंटीसेप्टिक होने के कारण आपके बालों को बैक्टीरिया के प्रभाव से भी बचाता है।
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आप अपनी आवश्यकता और जरूरत के हिसाब से जायफल के तेल को कई प्रकार से उपयोग कर सकते हैं। आइए जाने जायफल के तेल का उपयोग करने का तरीका क्या है।
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सामान्य रूप से जायफल के तेल का उपयोग स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। लेकिन कुछ परिस्थितियों में जायफल तेल के नुकसान भी हो सकते हैं।
अधिक मात्रा में जायफल के तेल का सेवन करने या इसकी सुगंध लेने से मतिभ्रम, देखने की क्षमता में कमी, और लंबे समय तक नींद लेना जैसी समस्याएं हो सकती है। इसके अलावा अधिक मात्रा में उपयोग करने से यह आपके तनाव या अवसाद के स्तर को बढ़ा सकता है। कुछ लोगों को जायफल के तेल से एलर्जी आदि की समस्या भी हो सकती है। जिसके परिणामस्वरूप उल्टी, मतली, त्वचा में खुजली, लाल चकते आदि भी हो सकते हैं। इसलिए आपको सलाह दी जाती है कि जायफल तेल संबंधी किसी उत्पाद का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
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