Oil Pulling in hindi: ऑयल पुलिंग एक आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति है जिसे हजारों वर्षों से लोगों द्वारा दांतों के इलाज में प्रयोग किया जा रहा है। मुंह के बैक्टीरिया को मारने के लिए ऑयल को मुंह में भरकर हिलाने की प्रक्रिया को ऑयल पुलिंग कहते हैं और इस पद्धति को ऑयल स्विसिंग थेरेपी कहते हैं। ऑयल पुलिंग के फायदे बहुत है, ऑयल पुलिंग करने का उद्देश्य मुंह से हानिकारक बैक्टीरिया को दूर करके मुंह को स्वस्थ रखना होता है। भारत में ऑयल पुलिंग करीब तीन हजार सालों से प्रयोग किया जा रहा है। हजारों नए चिकित्सकों ने आयुर्वेद में इस पद्धति का प्रयोग कर इसके लाभ की सराहना की है। शोध में भी ऑयल पुलिंग को काफी लाभदायक पाया गया है।आइये जाने है ऑयल पुलिंग के फायदों को-
ऑयल पुलिंग के इतने सारे लाभ हैं कि इस विषय पर पूरी किताब लिखी गई है। लेकिन यहां हम आपको इसके कुछ मुख्य फायदों के बारे में बता रहे हैं।
दांतों की सफेदी और चमक बनाए रखने के लिए ऑयल पुलिंग का प्रयोग किया जाता है। इसके लिए अलग से किसी अन्य रसायन की जरूरत नहीं पड़ती है। ऑयल में प्राकृतिक रूप से एंटीबायोटिक और एंटीवायरल गुण पाए जाते हैं जो दांतों में पीलापन नहीं आने देते और उन्हें साफ और चमकदार बनाए रखते हैं। करीब दो हफ्ते तक रोजाना ऑयल पुलिंग करने के बाद दांतों में आसानी से फर्क देखा जा सकता है।
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हमारे इम्यून सिस्टम को शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने के लिए अधिक कार्य करना पड़ता है जिससे हमारे शरीर की ऊर्जा कम हो जाती है। ऑयल पुलिंग इम्यून सिस्टम के कार्यों को सरल कर देता है जिससे हमारे शरीर की एनर्जी बनी रहती है और हम बेहतर महसूस करते हैं।
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शरीर में मौजूद हानिकारक रोगाणुओं से शरीर में जलन और सूजन की समस्या पैदा हो जाती है जिससे शरीर में कई तरह की बीमारियां उत्पन्न होने लगती हैं और व्यक्ति अक्सर बीमार रहता है। ज्यादातर रोगाणु दूषित खाद्य पदार्थों या प्रदूषित वातावरण से हमारे मुंह के जरिए ही शरीर में प्रवेश करते हैं। ऑयल पुलिंग के जरिए मुंह के सारे रोगाणु खत्म हो जाते हैं और शरीर में नहीं फैल पाते हैं जिससे शरीर में विषाक्त पदार्थों प्रवेश नहीं कर पाते हैं।
जब शरीर में विषैले पदार्थों का दबाव बढ़ जाता है तो सिर दर्द और माइग्रेन की समस्या होने लगती है। दवा लेकर कुछ देर तक के लिए इसे ठीक किया जा सकता है लेकिन ऑयल पुलिंग के जरिए बैक्टीरिया को मारकर सिर दर्द से निजात पाया जा सकता है।
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ऑयल पुलिंग के कई फायदों में एक फायदा यह भी है कि यह विषाक्त पदार्थों को शरीर से हटाता है जिससे ब्लडस्ट्रीम सुचारू रहता है और हमारी त्वचा स्वस्थ और चमकदार होती है। ऑयल पुलिंग करने से चेहरे से दाग-धब्बे
और कील मुहांसे भी दूर होते हैं और त्वचा स्वस्थ रहती है।(और पढ़े – नेचुरल आयुर्वेदिक चीजें जो बनाएंगी त्वचा को गोरा और चमकदार)
अगर आप भी साँस की बदबू से परेसान है तो आप आयल पुलिंग कर अपनी साँस की बदबू को दूर कर सकते है साँस की बदबू का मुख्य कारण बैक्टीरिया होते है जो आयल पुलिंग करने से नष्ट हो जाते है जिससे आपको बुरी साँस से राहत मिल जाएगी।
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Oil Pulling ऑयल पुलिंग करने का तरीका बिल्कुल आसान है। एक या दो चम्मच नारियल तेल, सूरजमुखी का तेल, शीशम या ऑलिव ऑयल को मुंह में डालकर करीब बीस मिनट तक हिलाने के बाद इसे थूक दें और गर्म पानी से कुल्ला करके मुंह साफ कर लें। अगर आप चाहें तो ऑयल में ब्रशिंग ब्लेंड की कुछ बूंदे भी मिला सकते हैं। इससे मुंह के बैक्टीरिया पूरी तरह मर जाते हैं। डॉक्टरों के अनुसार ऑयल पुलिंग सुबह कुछ भी खाने या पीने से पहले ही करना चाहिए। लेकिन अगर आपके मुंह में इंफेक्शन या दांत में कोई समस्या हो तो हर बार भोजन के बाद भी ऑयल पुलिंग करने की सलाह दी जाती है।
अगर आपको नारियल के तेल से एलर्जी हो तो इसकी जगह सूरजमुखी या शीशम के तेल का इस्तेमाल करें अन्यथा ऑयल पुलिंग के फायदे की जगह ऑयल पुलिंग से आपको नुकसान पहुंच सकता है।
अगर आपके दांतों का पहले से इलाज चल रहा हो तो आप अपने मन से ऑयल पुलिंग न करें। आप पहले अपने डॉक्टर से परामर्श लें और रोजाना कम से कम दो बार दांतों को ब्रश करें।
चूंकि ऑयल पुलिंग में इस्तेमाल किए जाने वाले ऑयल की शुद्धता का परीक्षण नहीं किया जाता है, इसलिए इसमें हानिकारक तत्वों की मात्रा भी शामिल हो सकती है जो हमारे दांतों को प्रभावित कर सकती है। किराने की दूकानों में बिकने वाले ऑयल में लेड, मरकरी और आर्सेनिक जैसे हानिकारक पदार्थ मिले होते हैं जो दांतों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
एक रिपोर्ट के अनुसार यदि ऑयल पुलिंग करते समय ऑयल फेफड़े में चला जाये तो इससे लिपॉयड निमोनिया होने का खतरा बना रहता है। इसके अलावा डायरिया और पेट गड़बड़ होने के मामले भी पाए गये हैं।
समय-समय पर दांतों की जांच कराने की बजाय सिर्फ ऑयल पुलिंग करने से इसका सबसे बड़ा नुकसान हो सकता है। कुछ लोगों का मानना है कि ऑयल पुलिंग के बाद ब्रश करना जरूरी नहीं होता है। यह धारणा पूरी तरह से गलत है, क्यों कि ब्रश किए बिना दांतों के ऊपर जमी गंदी परत और बैक्टीरिया पूरी तरह से साफ नहीं हो सकते हैं और सिर्फ ऑयल पुलिंग इसके लिए पर्याप्त नहीं है। इसके अलावा ब्रश न करने से दांतों में कैविटी भी हो सकती है।
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