Oligomenorrhea in Hindi ओलिगोमेनोरिया (अनियमित पीरियड्स) का संबंध उस स्थिति से होता है, जब एक महिला अनियमित पीरियड्स से संबन्धित कारणों से पीड़ित होती है। ओलिगोमेनोरिया एक ऐसी स्थिति है जिसमें मासिक धर्म की अवधि कम और अनियमित होती है अर्थात यह समस्या सामान्य मासिक धर्म चक्र में उत्पन्न असामान्य अनियमितता से संबन्धित है। गर्भावस्था या रजोनिवृत्ति के दौरान अनियमित पीरियड्स का होना एक सामान्य बात है, लेकिन इन स्थितियों के अलावा अनियमित पीरियड्स आंतरिक समस्याओं के फलस्वरूप उत्पन्न हो सकते हैं, जिसका इलाज कराना आवश्यक हो जाता है।
अतः आज के इस लेख में आप जानेंगे कि ऑलिगोमेनोरिया या अनियमित पीरियड्स (Irregular periods) क्या है, इसके लक्षण, कारण क्या हैं तथा इसका निदान, इलाज और घरेलू उपचार कैसे किया जा सकता है।
विषय सूची
- ऑलिगोमेनोरिया क्या है – Oligomenorrhea (Irregular periods) in hindi
- अनियमित पीरियड्स (ओलिगो मेनोरिया) के लक्षण – Irregular periods (oligomenorrhia) Symptoms in hindi
- अनियमित पीरियड्स (ऑलिगोमेनोरिया) के कारण – Irregular periods (Oligomenorrhea) Causes in hindi
- अनियमित पीरियड्स (ओलिगो मेनोरिया) की जटिलताएं – Irregular periods Complications in hindi
- ऑलिगोमेनोरिया (अनियमित पीरियड्स) का निदान – Oligomenorrhea (Irregular periods) Diagnosis in hindi
- अनियमित पीरियड्स (ऑलिगोमेनोरिया) का इलाज – Irregular periods (Oligomenorrhea) Treatments in hindi
- अनियमित पीरियड्स का घरेलू उपचार – Irregular periods Home remedies in hindi
ऑलिगोमेनोरिया क्या है – Oligomenorrhea (Irregular periods) in Hindi
ओलिगो मेनोरिया (Oligomenorrhea) को अनियमित पीरियड्स (Irregular periods) के रूप में जाना जाता है। ओलिगोमेनोरिया एक ऐसी स्थिति है, जिसमें महिलाओं के मासिक धर्म की अवधि असामान्य होती है। यह प्रसव अवस्था (childbearing) से संबन्धित महिलाओं में अनियमित पीरियड्स का होना सामान्य है। लेकिन यौवन और उसके बाद अनियमित पीरियड्स और सामान्य से अधिक या कम रक्तस्राव कुछ गंभीर आंतरिक समस्याओं का कारण हो सकता है।
महिला के एक मासिक धर्म चक्र की सामान्य अवधि 28 दिन होती है, लेकिन यह अवधि व्यक्तियों के बीच कुछ भिन्न हो सकती है। अतः ऑलिगोमेनोरिया या अनियमित मासिक धर्म की स्थिति तब उत्पन्न होती है, जब पीरियड्स का समय 35 दिनों से अधिक या अनियमित होता है।
ओलिगो मेनोरिया (Oligomenorrhea) या अनियमित पीरियड्स मुख्य रूप से गर्भनिरोधक विधि (contraception method) में बदलाव, एक हार्मोन असंतुलन, रजोनिवृत्ति के समय के आसपास हार्मोनल परिवर्तन और धीरज अभ्यास (endurance exercises) के कारण उत्पन्न हो सकता है।
रजोनिवृत्ति के दौरान और रजोनिवृत्ति के आसपास अनियमित पीरियड्स का उपचार आमतौर पर आवश्यक नहीं होता है, लेकिन यदि प्रजनन अवधि (reproductive years) के दौरान अनियमित पीरियड्स की स्थिति उत्पन्न होती है, तो चिकित्सकीय सहायता लेना आवश्यक हो जाता है।
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अनियमित पीरियड्स (ओलिगो मेनोरिया) के लक्षण – Irregular periods (oligomenorrhia) Symptoms in Hindi
एक नियमित मासिक धर्म लगभग 28 दिनों तक रहता है, लेकिन भिन्न भिन्न व्यक्तियों के आधार पर यह समय 24 से 35 दिनों तक हो सकता है। जब मासिक धर्म पहली बार शुरू होता है, तो इसे नियमित होने के लिए 2 साल तक का समय लग सकता है। अतः यौवन के बाद, ज्यादातर महिलाओं का मासिक धर्म नियमित हो जाता है अर्थात प्रत्येक पीरियड्स के बीच का समय समान हो जाता है। यदि महिलाएं, 35 दिनों से अधिक समय तक पीरियड्स को प्राप्त नहीं करती हैं और न ही जन्म नियंत्रण दवा ले रही हैं तथा मासिक धर्म चक्र अचानक बदल जाता है, तो इस स्थिति में स्त्री रोग विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए। अनियमित मासिक धर्म (ओलिगो मेनोरिया) से संबन्धित मुख्य लक्षणों के रूप में निम्न को शामिल किया जा सकता है:
- मासिक धर्म चक्र का 35 दिनों से अधिक समय का होना
- पीरियड्स के दौरान ब्लीडिंग में परिवर्तन और ब्लड के थक्के का व्यास 2.5 सेंटीमीटर से अधिक होना
- प्रत्येक पीरियड्स के बीच का समय समान न होना
- पीरियड्स के दौरान सामान्य से अधिक या कम मात्रा में रक्त हानि होना
- योनि से सात दिनों से अधिक समय तक खून का बहना
- पीरियड्स के दिनों की संख्या बहुत भिन्न होना, इत्यादि।
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अनियमित पीरियड्स (ऑलिगोमेनोरिया) के कारण – Irregular periods (Oligomenorrhea) Causes in Hindi
ओलिगो मेनोरिया (Oligomenorrhea) या अनियमित पीरियड्स के विभिन्न कारण हो सकते हैं, जो कि निम्न हैं:
हार्मोनल प्रभाव (Hormonal influences) – हार्मोनल जन्म नियंत्रण के साइड इफेक्ट के रूप में ओलिगोमेनोरिया उत्पन्न होने की अत्याधिक सम्भावना होती है। कुछ स्थितियों में जन्म नियंत्रण दवाएं लेने के बाद पीरियड्स पूरी तरह से बंद हो सकते हैं। किशोरावस्था की लड़कियों और पेरिमेनोपॉज़ल (perimenopausal) महिलाओं के हार्मोन स्तर में उतार-चढ़ाव होने के कारण भी अनियमित पीरियड के स्थिति उत्पन्न हो सकती है। हार्मोन स्तर को प्रभावित करने वाले कारकों में निम्न को शामिल किया जा सकता है:
- यौवन,
- रजोनिवृत्ति,
- गर्भावस्था और प्रसव,
- स्तनपान
- गर्भनिरोधक, आदि।
इसके अतिरिक्त ओलिगो मेनोरिया (अनियमित पीरियड्स) के निम्न कारण भी हो सकते हैं, जैसे:
- आहार सम्बन्धी विकार, जैसे- एनोरेक्सिया नर्वोसा और बुलिमिया
- डायबिटीज या थायरॉइड की समस्या
- गर्भाशय फाइब्रॉएड (Uterine fibroids)
- पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (Polycystic ovary syndrome)
- खेल में प्रदर्शन करने वाली और कठिन व्यायाम करने वाली महिलाएं
- प्रोटीन (रक्त में प्रोलैक्टिन) के उच्च स्तर वाली महिलाएं
- अत्यधिक वजन में कमी या वजन बढ़ना
- भावनात्मक तनाव
- एंटीसाइकोटिक (antipsychotics) और एंटी एपिलेप्टिक ड्रग (anti-epileptics drugs) आदि से सम्बंधित दवाएं, इत्यादि।
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अनियमित पीरियड्स (ओलिगो मेनोरिया) की जटिलताएं – Irregular periods Complications in Hindi
अनियमित पीरियड्स, स्वास्थ्य समस्या का संकेत देने के साथ-साथ कुछ जटिलताओं को भी उत्पन्न कर सकते हैं, उदाहरण के लिए प्रजनन संबंधी समस्याएं। अनियमित पीरियड्स या ओलिगोमेनोरिया (Oligomenorrhea) से सम्बंधित जटिलताओं में निम्न को शामिल कर सकते हैं:
पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (Polycystic ovarian syndrome (PCOS)) – यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें अनेक छोटे-छोटे, द्रव से भरे अल्सर अंडाशय (ovaries) में उत्पन्न होते हैं। पीसीओएस (PCOS) की स्थिति में सम्बंधित महिला अंडोत्सर्ग (ovulate) नहीं करती है।
गर्भाशय या गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर – अनियमित पीरियड्स के चलते गर्भाशय या गर्भाशय ग्रीवा में कैंसर की समस्या उत्पन्न हो सकती है, जो कि असामान्य रक्तस्राव का कारण बन सकती है।
एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) – एंडोमेट्रियोसिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें गर्भाशय के अंदर की कोशिकाएं अर्थात एंडोमेट्रियल कोशिकाएं, बाहर की ओर वृद्धि करती हैं। यह किसी भी प्रकार का कैंसर नहीं है। लेकिन यह दर्दनाक होने के साथ-साथ अन्य समस्याओं का भी कारण बन सकता है।
पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज (Pelvic inflammatory disease (PID)) – पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज (पीआईडी) महिला प्रजनन प्रणाली से सम्बंधित एक संक्रमण है। यह अनियमित पीरियड्स के चलते एक गंभीर जटिलता किए रूप में उत्पन्न हो सकती है।
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ऑलिगोमेनोरिया (अनियमित पीरियड्स) का निदान – Oligomenorrhea (Irregular periods) Diagnosis in Hindi
ओलिगोमेनोरिया (Oligomenorrhea) का निदान करने के लिए डॉक्टर संबन्धित महिला से मासिक धर्म के इतिहास और लक्षणों से संबन्धित प्रश्न पूंछ सकता है। तथा निदान प्रक्रिया के तहत शारीरिक परीक्षण, रक्त परीक्षण और अल्ट्रासाउंड इमेजिंग परीक्षण (ultrasound imaging test) आदि की सहायता ले सकता है। MRI परीक्षण भी ओलिगोमेनोरिया का निदान करने के लिए आवश्यक होता है। अतः ओलिगोमेनोरिया का निदान निम्न तरीके से किया जा सकता है:
शारीरिक परीक्षण (physical examination) – एक महिला अपने पीरियड्स के समय, पीरियड्स की आवृत्ति और रक्तस्राव की मात्रा का रिकॉर्ड रखकर, ओलिगोमेनोरिया से संबन्धित कारणों का निदान करने में डॉक्टर की सहायता कर सकती है। डॉक्टर रोगी के आहार, यौन गतिविधि, गर्भनिरोधक का उपयोग, वर्तमान में ली जाने वाली दवाओं या शल्य चिकित्सा के इतिहास के बारे में भी जानकारी प्राप्त कर सकता है।
प्रयोगशाला परीक्षण (Laboratory tests) – स्त्री रोग विशेषज्ञ ओलिगो मेनोरिया के कारणों का निदान करने के लिए पैल्विक परीक्षण (pelvic examination) और पैप स्मीयर टेस्ट (Pap smear test) की सिफारिश कर सकता है। डॉक्टर थायरॉइड हार्मोन के स्तर की जांच करने के लिए अनेक प्रकार के रक्त परीक्षण के साथ-साथ गर्भावस्था परीक्षण का आदेश दे सकता है।
इमेजिंग परीक्षण (Imaging examination) – इमेजिंग परीक्षण के अंतर्गत हड्डी फ्रेक्चर (bone fractures) की जाँच करने के लिए एक्स-रे (x-rays) परीक्षण का आदेश दिया जा सकता है इसके अतिरिक्त डॉक्टर श्रोणि (pelvic) क्षेत्र का अध्ययन करने के लिए अल्ट्रासाउंड और हाइपोथैलेमस (hypothalamus) या पिट्यूटरी ग्रंथि (pituitary gland) को प्रभावित करने वाले ट्यूमर का पता लगाने के लिए एमआरआई (MRI) का आदेश दे सकते हैं।
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अनियमित पीरियड्स (ऑलिगोमेनोरिया) का इलाज – Irregular periods (Oligomenorrhea) Treatments in Hindi
मासिक धर्म के पीरियड्स को हार्मोनल जन्म नियंत्रण दवा या प्रोजेस्टिन के माध्यम से नियंत्रित किया जा सकता है। ओलिगोमेनोरिया (अनियमित पीरियड्स) कभी-कभी, कुछ अन्य अंतर्निहित समस्याओं की ओर संकेत दे सकता है, जिसका इलाज संभव होता है। अनियममित पीरियड्स की स्थिति में कुछ महिलाओं को अत्यधिक वर्कआउट न करने की सलाह दी जा सकती है। अनियमित पीरियड्स का उपचार, निम्न कारणों पर निर्भर करता है।
PCOS और मोटापा – PCOS की स्थिति में, अधिक वजन या मोटापा कम करने से मासिक धर्म को स्थिर या नियमित करने में मदद मिल सकती है। अतः वजन कम करने के लिए इंसुलिन उत्पादन को कम करने की आवश्यकता होती है।
थायराइड की समस्याएं – थायराइड से संबन्धित अंतर्निहित समस्याओं का उपचार करने के लिए दवाएं, रेडियोएक्टिव आयोडीन थेरेपी या सर्जरी आदि की सिफ़ारिश की जा सकती है।
तनाव और ईटिंग डिसऑर्डर – तनाव और ईटिंग डिसऑर्डर अनियमित मासिक धर्म का कारण बन सकते हैं अतः भावनात्मक तनाव, भोजन संबंधी विकार और वजन को संतुलित करने संबंधी उपचार प्रक्रिया ऑलिगोमेनोरिया के उपचार में मुख्य भूमिका निभा सकती है। इसके अतिरिक्त डॉक्टर द्वारा यौवन और रजोनिवृत्ति तथा जन्म नियंत्रण से संबंधी उपचार प्रक्रिया को भी अपनाया जा सकता है।
दवाएं (Medication) – डॉक्टर टाइप 2 डायबिटीज के लिए इंसुलिन कम करने वाली ओरल ड्रग मेटफोर्मिन की सिफ़ारिश कर सकता है, जो कि ओवुलेशन (ovulation) और नियमित पीरियड्स (regular periods) के लिए मददगार है।
एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन के संयोजन की कम खुराक से संबन्धित जन्म नियंत्रण गोलियाँ ऑलिगोमेनोरिया या अनियमित पीरियड्स के इलाज में मदद कर सकती है। इसके अतिरिक्त यह उपचार एण्ड्रोजन (androgen) उत्पादन को कम करने और असामान्य रक्तस्राव को सही करने में मदद कर सकता है। कुछ स्थितियों में हर महीने 10 से 14 दिनों तक प्रोजेस्टेरोन का सेवन, पीरियड्स को नियमित करने के लिए एक उचित विकल्प हो सकता है।
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अनियमित पीरियड्स का घरेलू उपचार – Irregular periods Home remedies in Hindi
एक स्वस्थ जीवन शैली, अनियमित पीरियड्स (ओलिगो मेनोरिया) के कुछ कारणों और इसके जोखिमों को कम करने में मदद कर सकती है। इसके अतिरिक्त अनियमित पीरियड्स के घरेलू उपचार के लिए निम्न बातों पर ध्यान देना चाहिए:
- स्वस्थ वजन को बनाए रखें
- अत्यधिक वर्कआउट या कठोर व्यायाम को कम करें
- तनाव को कम करने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करें
- एक स्वस्थ आहार प्रणाली को अपनाएं
- पपीते का जूस का सेवन करें
- कुछ हर्बल उपचार, जैसे- ब्लैक कोहोश (black cohosh), चेस्टबेरी (chasteberry), मुलेठी की जड़ (licorice root) और हल्दी (turmeric) आदि अनियमित पीरियड्स के उपचार में अपना योगदान दे सकते हैं। लेकिन हर्बल उपचार अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।
(और पढ़े – पीरियड्स के दौरान क्या करना चाहिए और क्या नहीं…)
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