Olive Oil In Hindi: जब भी हम तेल के बारे में सोचते है तो जैतून के तेल का नाम सबसे पहले आता है आखिर ऐसा क्या है इसमें जो इसे इतना खास बनाता है। जैतून का तेल जैतून के पेड़ से निकला जाता है जो जादातर भूमध्य एरिया में पाए जाते है। इसका उपयोग खाने और त्वचा पर लगाने दोनों ही रूप में किया जाता है। जैतून के तेल के फायदे कई है और जैतून के तेल की कई वैराइटी आती है जिसमें सबसे अच्छी किस्म एक्स्ट्रा वर्जिन olive oil की होती है।
जैतून के तेल के कई स्वास्थ्य लाभ के साथ सुन्दरता में भी योगदान होता है इसका उपयोग विभिन्न तरीको से किया जाता है। जैतून के तेल के कई नाम है ओलिव ऑइल(Olive oil) को हिंदी में “जैतून का तेल“, तेलगु में “जीता तैलम”, तामिल में “अलिव एन्ने”, कन्नड़ में “ओउदल एन्ने”, मराठी में “जैतून तेल”, मलयालम में “ओलियेन्न” और बंगाली में “जोलोपाई तेल” कहाँ जाता है। तो आइये जानते है जैतून के तेल के फायदे और नुकसान के बारें में-
हम सभी जानते हैं कि जैतून के तेल का उपयोग सामान्य रूप से खाद्य तेल के रूप में किया जाता है। लेकिन जैतून तेल बस इतना ही नहीं है क्योंकि इसमें ऐसे पोषक तत्व और खनिज पदार्थ उच्च मात्रा में होते हैं जो हमारे स्वास्थ्य और सौदर्य के लिए फायदेमंद होते हैं। जैतून का तेल जैतून के फलों से प्राप्त औषधीय तेल है।
जैतून का वैज्ञानिक नाम ओलिया यूरोपोपिया (Olea Europaea) है जो कि ओलियासी (Oleaceae) परिवार से संबंधित है। जैतून के फलों से आवशवन विधि द्वारा जैतून का तेल प्राप्त किया जाता है। यह प्रक्रिया बहुत ही लंबी है जो सामान्य रूप से घर में उपयोग नहीं की जा सकती है। इसलिए इसे बाजार से ही खरीदा जा सकता है।
औषधीय गुणों वाले जैतून के तेल की तासीर ठंडी होती है। स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने के लिए जैतून के तेल का कई प्रकार से उपयोग किया जाता है। जैसे भोजन पकाने, शारीर की मालिश करने के लिए बॉडी आयल के रूप में, बालों को स्वस्थ रखने के लिए हेयर ऑयल के रूप में, सौंदर्य समस्याओं को दूर करने के लिए सीधे ही त्वचा में लगाने आदि।
जैतून के तेल की ठंडी तासीर होने के कारण इसका उपयोग मानसिक तनाव को कम करने और मस्तिष्क कोशिकाओं को आराम दिलाने में भी सहायक होता है। आइए जाने जैतून का तेल कितने प्रकार का होता है।
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि जैतून का तेल जैतून के पेड़ से प्राप्त होता है। पहले के समय में जैतून के फलों को कुचला जाता था और फिर आगे की प्रक्रिया को अपनाया जाता था। लेकिन अब जैतून के तेल को निकालने के लिए फैक्ट्रीयों में बड़ी-बड़ी मशीनों का उपयोग किया जाता है।
उपयोग के आधार पर जैतून के तेल को अलग-अलग प्रकार से बनाया जाता है। जिससे जैतून के तेल के उपयोग और प्रकार भी अलग-अलग हो जाते हैं। सामान्य रूप से जैतून के तेल 3 प्रकार के होते हैं। आइए विस्तार से जाने जैतून के तेल के इन प्रकारों के बारे में।
प्राकृतिक रूप से मिलने वाले जैतून के तेल का स्वाद कुछ कसैला और तीखा होता है। लेकिन तेल के निर्माण के दौरान इस स्वाद को कम करने के लिए इसे परिष्कृत किया जाता है।
जिसमें इस तेल को गर्म करना और विलयन (heat and solvents) बनाना आदि विधियों का उपयोग किया जाता है। जिससे जैतून के तेल के उन गुणों को दूर किया जाता है जो उपयोग के लिए अच्छे नहीं होते हैं।
इस प्रकार के तेल को बनाते समय किसी भी प्रकार की रासायनिक प्रक्रिया को नहीं अपनाया जाता है। इसलिए जैतून का तेल बनाने वाले निर्माता अपरिष्कृत जैतून तेल के लिए अच्छी गुणवत्ता वाले फलों का उपयोग करते हैं। इसके अलावा अपरिष्कृत जैतून का तेल वर्जिन या अतिरिक्त वर्जिन हो सकता है।
इस प्रकार के तेल में जैतून के फलों का स्वाद बना रहता है। इस प्रकार के तेल का उत्पादन करने के दौरान विशेष सावधानी रखी जाती है। एक्सट्रा वर्जिन जैतून के तेल को सबसे शुद्ध जैतून तेल माना जाता है। इसमें जैतून तेल के अन्य प्रकारों की अपेक्षा अधिक पोषक तत्व और खनिज पदार्थ होते हैं।
व्यापारिक स्तर पर जैतून के तेल का उत्पादन करने के लिए नई-नई तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है। आधुनिक स्टील प्रेस के साथ जैतून के फलों को दबाकर प्राप्त तेल को कोल्ड प्रेस्ड ऑलिव ऑयल कहा जाता है।
इस तेल में विटामिन, एंटीऑक्सीडेंट और इसके स्वाद को बरकरार रखा जाता है। जिसका मतलब यह है कि इस प्रकार के तेल का सेवन स्वास्थ्य के लिए सबसे अधिक फायदेमंद होता है। कोल्ड प्रेस्ड प्रक्रिया विलायक निष्कर्षण और रासायनिक शोधन की प्रक्रिया से बिल्कुल अलग होती है।
बहुत से लोगों द्वारा जैतून तेल के पोषक तत्व की उच्च मात्रा के कारण उपयोग करने की सलाह दी जाती है। जैतून के तेल में असंतृप्त वसा अम्ल लगभग 73 प्रतिशत तक होता है जो कि इसका प्रमुख घटक है। जैतून के तेल में ऑलिव नामक एक एसिड पाया जाता है जो स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होता है।
जैतून के तेल का 24 प्रतिशत हिस्सा संतृप्त वसा, ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड होता है। इसके अलावा जैतून तेल में एनर्जी भी अधिक मात्रा में होती है। 100 ग्राम जैतून तेल में लगभग 884 कैलोरी होती है।
जैतून के तेल में संतृप्त फैटी एसिड के रूप में मोनोअनसैचुरेटेड फैटी होता है। इसके अलावा जैतून का तेल में विटामिन E और विटामिन K के साथ ही एंटीऑक्सीडेंट से भरा है जो प्रतिरक्षा शक्ति को बढ़ाने में सहायक होते हैं।
ऑलिव ऑयल की तासीर ठंडी होती है। इसकी ठंडी तासीर होने की वजह से जैतून के तेल को गर्मियों में मालिश के लिए अधिक उपयोग किया जाता है।
जैतून का तेल स्वास्थ्य के लिए बेहतद फायदेमंद होता है। गलत खान-पान और पर्याप्त पोषक तत्वों वाले खाद्य पदार्थों का सेवन हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं। लेकिन आप अपने द्वारा खाए जाने वाले खाद्य पदार्थों में पोषक तत्वों की कमी को पूरा करने के लिए जैतून के तेल का उपयोग कर सकते हैं। आइए जाने जैतून तेल को आहार में शामिल करने से कौन से स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होते हैं।
जैतून के तेल से आप दोमुहे और घुंघराले बालो को भी सही कर सकते है जैतून के तेल को थोडा गर्म कर अच्छे से अपने बालो में लगाकर मालिश करें और किसी कपड़े से अपने बालो को 30 मिनिट्स के लिए ढक ले और फिर उन्हें रातभर के लिए खुला छोड़ दे आप सुबह उठकर अपने बालो को शेम्पू से धो ले, ऐसा आप हफ्ते में एक से दो बार कर सकते है इससे आपके बल सिल्की मुलायम और घने हो जायेगे |
एक शोध के अनुसार जो लोग हाई बीपी की दवाइयाँ ले रहे है यदि वो अपने खाने में जैतून के तेल का इस्तेमाल करते है तो वो अपने रक्तचाप के बढ़े हुए level को कम करने में सक्षम हो सकते हैं शोधकर्ताओं का मानना है कि जैतून के तेल में ओलिक एसिड आसानी से शरीर में अवशोषित हो जाता है, और इस प्रकार से यह रक्तचाप को कम करता है।
यह तेल स्वस्थ मोनोसैचुरेटिड फैट की उपस्थिति के कारण हृदय की उम्र को भी बढ़ा देता है। जैतून के तेल का उपयोग आप खाना पकाने और स्वस्थ सलाद बनाने दोनों ही रूप तेल का उपयोग करें। जैतून के तेल खाने से शरीर का रक्त परिसंचरण सुधरता है। जिससे उच्च रक्तचाप (high BP) की समस्या दूर होती है
अगर आपकी त्वचा रुखी है और उसमे नमी की कमी है तो आप जैतून के तेल की मालिश से अपनी त्वचा को फिरसे जावा कर सकते है इसके लिए आपको आपको हलके गीले चेहरे पर जतुन के तेल से मालिश करनी है और 15 मिनिट्स के बाद चेहरे को धो लेना है जैतून के तेल में भरपूर मात्रा में विटामिन E होता है। एंटीऑक्सीडेंट होता है जो त्वचा को इन्फेक्शन से बचाये रखता है। जैतून के तेल को मोइस्चराइजर के रूप में उपयोग किया जा सकता है।
अगर आपके चेहरे पर झुर्रिया होने लगी है तो olive oil आपके कम आ सकता है सबसे पहले आप थोडे से जैतून के तेल से अपने चहरे की मालिश करे। फिर बचे हुए तेल और नमक को मिला ले जिस से आपको एक्स्फोलिफ़्ट मिलेंगा। अब इसमें निम्बू का रस मिलाये, जिससे आपको ताजगी मिलेंगी। फिर इसे अपने चहरे के उस हिस्से पर लगाये जो रुखी और सुखी है। जैतून का तेल त्वचा के लिए एक अच्छा विकल्प है क्योकि यह चहरे को मोइस्चराइज रखता है। जिस से झुर्रियाँ नही आती।
वर्जिन ओलिव आयल शुगर की बीमारी के उपचार में सहायक है अगर इसका सेवन सही तरीके से किया जाये तो यह मधुमेह को होने से रोकता है यह इन्सुलिन की कार्यप्रणाली को बढ़ाता है जैतून का तेल, कम वसा वाले भोजन की तुलना में लगभग 50 प्रतिशत तक टाइप 2 मधुमेह के खतरे को कम कर सकता हैं।
अमेरिकन जर्नल ऑफ़ क्लिनिकल न्यूट्रीशन का मानना है की जैतून के तेल का सेवन करने से महिलओं में डायबिटीज होने की सम्भावना बहुत कम होती है। अपने मुध्मेह के खतरे को कम क्जरने के लिए आपको अपने भोजन में जैतून के तेल को जरुर शामिल करना चाहिए प्रतिदिन 2 चम्मच जैतून के तेल का सेवन आपको टाइप 2 डायबिटीज के खतरे से बचाएगा तो आज से ही इसका सेवन चालू कर दें |
जैतून तेल का सेवन आपके एलडीएल (LDL- low-density lipoproteins) कोलेस्ट्राल को कम करने में मदद करता है और एचडीएल (HDL- high-density lipoproteins) को बढ़ाता है इसका नियमित सेवन आपको ह्रदय रोगों से बचायेगा, जैतून के तेल का उपयोग dil को मजबूत बनता है और दिल के दौरे से बचाता है |
जैतून के तेल को सही मात्रा में लेकर वजन घटाया जा सकता है। इसमें ज्यादातर स्वस्थ, मोनोसैचुरेटिड फैट होता हैजो फट को शरीर में जमने नहीं देता है, जिससे वजन और पेट की चर्बी को कम करने में मदद मिलती हैं। इसका उपयोग आप सलाद के ऊपर डालकर कर सकते है, हर दिन शुद्ध जैतून के तेल के 1 से 2 चम्मच तेल का सेवन आपको मोटापे से बचायेगा |
ओलिवा आयल को कैंसर से बचाव के लिए मददगार माना जाता है। जैतून के तेल में युक्त पोलीफेनॉल्स (polyphenols) एंटीऑक्सिडेंटस जो सूजन को कम करने के रूप में काम करते हैं जो कैंसर सेल्स से लड़ने में प्रभावी है। स्पेन में किये गए एक अध्ययन के अनुसार जो महिलाए खाने में इस तेल का सेवन करते है उन्हें ब्रैस्ट कैंसर होने की 62% कम सम्भावना होती है। जैतून का तेल प्रोस्टेट, श्वसन तंत्र और कोलोरेक्टल कैंसर के खतरे को भी कम कर सकता हैं। कैंसर से बचने के लिए आप शुद्ध जैतून के तेल (extra-virgin olive oil) का सेवन करें |
एक खोज में पता चला है की जो लोग जैतून के तेल में पका हुआ खाना खाते है उनकी हड्डियाँ मजबूत होती है। उनके खून में ओएस्तोकल्सिन की मात्रा ज्यादा होती है जो हड्डियों को मजबूत रखते है। आप इसका उपयोग खाना के साथ या ऊपर शरीर के किसी हिस्से की मालिश करने भी कर सकते है |
कब्ज़ के इलाज के लिए जैतून का तेल एक रामबाण घरेलू उपाय है। इसके सेवन से हमारी पाचन शक्ति बेहतर होती है और हमारी आंतो में चिकनाई होने से खाना आसानी से आगे सरकता है जिससे कब्ज़ बनने की सम्भावना कम होती है। इस तेल में ओमेगा 3 एसिड, एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन इ होते है जो पाचन तंत्र के विकार को ठीक करके पाचन क्रिया बेहतर बनाते है। जिससे कब्ज़ का इलाज में मदद मिलती है।
ओलिव आयल खाने से दिमाग अपर अच्चा असर होया है इसी स्मरण सकती बढती है जो दिमाग को तेज करने में सहायता करती है जैतून का तेल हमें अल्जाइमर (भूलने की बीमारी ) से बचाता है जैतून के तेल में ओलेओकन्थल पदार्थ होता है जिससे वह अल्जाइमर बीमारी को रोकता है। और दिमाग की कमजोरी को दूर करने में मदद करता है olive oil का सेवन डिप्रेशन के ख़तरे से भी बचाता हैं।
ओलिव आयल अल्सर और विशेष रूप से अल्सरेटिव कोलाइटिस के लक्षणों को कम करने में सहायक होते हैं। जैतून के तेल में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होते हैं। जिसके कारण यह अल्सर को रोकने और शरीर की कोशिकाओं को फ्री रेडिकल्स के प्रभाव से बचाने में सहायक होते हैं। यदि आप भी अल्सर या इस तरह की अन्य समस्याओं से प्रभावित हैं तो जैतून तेल के लाभ प्राप्त करने पर विचार कर सकते हैं।
यदि आप पित्त पथरी (Gallstone) की समस्या से परेशान हैं तो जैतून के तेल का प्रयोग आपके लिए फायदेमंद होता है। नियमित रूप से जैतून के तेल का सेवन करने के दौरान जैतून तेल के पोषक तत्व इस स्वास्थ्य समस्या के लक्षणों को प्रभावी रूप से कम कर सकते हैं।
ऐसा इसलिए है क्योंकि जैतून के तेल में लगभग सभी प्रकार के विटामिन और खनिज पदार्थों की अच्छी मात्रा होती है। साथ ही इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में भी सहायक होते हैं। आप भी गैलस्टोन के घरेलू उपचार के लिए जैतून तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं।
यदि आप तनाव और अवसाद जैसी समस्याओं से ग्रसित हैं तो घरेलू उपचार के रूप में जैतून के तेल का उपयोग कर सकते हैं। क्योंकि जैतून के तेल के फायदे तनाव को कम करने में सहायक होते हैं। जैतून के तेल में सेरोटोनिन (serotonin) नामक एक घटक होता है जो न्यूरोट्रांसपीटर के स्तर को बढ़ाने में सहायक होता है।
इसका प्रमुख कार्य मूड और व्यवहार को विनियमित करना है। शरीर में सेरोटोनिन के स्तर में वृद्धि का सीधा मतलब तनाव और अवसाद आदि के स्तर में गिरावट आना। आप भी अपने तनाव और डिप्रेशन को कम करने के लिए अपने नियमित आहार में जैतून के तेल को शामिल कर सकते हैं।
पाचन संबंधी अनियमितताओं को दूर करने में जैतून का तेल प्रभावी होता है। नियमित रूप से सेवन करने के दौरान जैतून का तेल पाचन प्रक्रिया और आंत्र की कार्यप्रणाली में सुधार करने में मदद करता है। यदि आप भी पाचन संबंधी समस्याओं से परेशान हैं तो सामान्य रूप से जैतून के तेल को अपने आहार में शामिल करें। क्योंकि जैतून के तेल के लाभ पाचन तंत्र को मजबूत करने में प्रभावी माने जाते हैं।
एक अध्ययन के अनुसार लोगों को जैतून के तेल का सेवन करने की सलाह दी जाती है। विशेष रूप से जैतून का तेल गठिया के रोगियों के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। गठिया के रोगी को एक्स्ट्रॉ वर्जिन ऑलिव ऑयल का सेवन करना चाहिए। जैतून के तेल में एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होते हैं। जिसके कारण जैतून का तेल जोड़ों के एक ऑटोइम्यून रोग को रोकने में प्रभावी होता है।
जैतून के तेल से गठिया का उपचार करने के लिए आप जैतून के तेल को आहार के रूप में सेवन कर सकते हैं। इसके अलाव आप जैतून के तेल को किसी अन्य तेल जैसे बादाम, नारियल या सरसों के तेल के साथ मिलाकर प्रभावित क्षेत्र की मालिश भी कर सकते हैं। ऐसा करने पर आपको गठिया की सूजन और दर्द दोनो से राहत मिल सकती है।
स्वास्थ्य लाभ होने के साथ ही जैतून तेल के फायदे आपके चेहरे और सुंदरता के लिए भी होते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि जैतून का तेल एंटीऑक्सीडेंट से भरा होता है। जिसके कारण यह त्वचा कोशिकाओं को फ्री रेडिकल्स के प्रभाव से बचाता है। आइए विस्तार से जाने जैतून तेल के फायदे त्वचा के लिए क्या हैं।
आप अपने चेहरे की त्वचा को प्राकृतिक रूप से मॉइचराइज रखने के लिए जैतून के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं। नियमित रूप से त्वचा में जैतून का तेल उपयोग करने से यह त्वचा में आसानी से गहराई तक अवशोषित कर लिया जाता है। जिससे यह त्वचा को लंबे समय तक नरम और कोमल बनाए रखता है। आप भी अपने चेहरे पर रासायनिक मॉइस्चराइजर के स्थान पर प्राकृतिक जैतून के तेल का उपयोग कर सकते हैं।
जैसा कि आप ऊपर जान चुके हैं कि जैतून के तेल में मॉइस्चराइजिंग गुण होते हैं। इस कारण यह उपयोग करने पर त्वचा की शुष्कता को भी दूर करने का सबसे अच्छा विकल्प बन जाता है। जिन लोगों को शुष्क त्वचा संबंधी समस्याएं होती हैं उन्हें ड्राई स्किन के उपचार के लिए जैतून के तेल का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है।
लगभग सभी महिलाएं अपनी सुंदरता को बढ़ाने के लिए मेकअप का उपयोग करती हैं। लेकिन कुछ देर के बाद यह मेकअप उनकी समस्या बन जाता है। क्योंकि मेकअप आसानी से नहीं साफ होता है। लेकिन आप अपने चेहरे के मेकअप को हटाने के लिए जैतून के तेल का उपयोग कर सकते हैं। जैतून के तेल में रूई को भिगोएं और उससे अपने चेहरे को धीरे-धीरे पोछें।
आप अपनी आंख के नीचे के मेकअप को हटाने के लिए भी जैतून के तेल का ही उपयोग कर सकते हैं। लेकिन इस बात का ध्यान दें कि यह तेल आपकी आंखों में ना जाए। क्योंकि जैतून का तेल बहुत ही शक्तिशाली तेल होता है जिससे आपकी आंखों में जलन हो सकती है।
बहुत सी महिलाओं को एड़ीयों के फटने संबंधी समसयाएं होती हैं। लेकिन आप इस प्रकार की समस्या का समाधान जैतून के तेल से कर सकते हैं। जैतून के तेल में मॉइस्चराइजिंग गुण होते हैं जो एड़ी की कठोर त्वचा को नरम बनाने में सहायक होते हैं। जिससे एड़ी के फटने जैसी समस्याओं से बचा जा सकता है।
ओलिव आयल से मालिश करने पर मांसपेशियों की थकान को दूर करने में मदद मिलती है। इसके अलावा अपने शौम्य गुणों के कारण जैतून का तेल बच्चों की मसाज के लिए बहुत ही अच्छा माना जाता है। इस तेल से मालिश करने के दौरान यह तनाव को नियंत्रित करने वाले हार्मोन को उत्तेजित करने में सहायक होता है।
इसके अलावा जैतून का तेल एक्जिमा जैसी अंतर्निहित त्वचा संबंधी समस्याओं को भी प्रभावी रूप से दूर कर सकता है। आप भी अपने छोटे शिशुओं की मालिश के लिए जैतून के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं।
(और पढ़े – नवजात शिशु की मालिश करने के बेहतर तरीके)
ओलिव आयल औषधीय गुणों से भरपूर होता है जो स्वास्थ्य और सौंदर्य समस्याओं को दूर करने में सहायक होता है। आपके बाल भी आपकी सुंदरता बढ़ाने में सहायक होते हैं। साथ ही यह आपके शरीर के अभिन्न हिस्सों में से एक है। आप अपने बालों को स्वसथ और सुंदर बनाने के लिए भी जैतून के तेल का प्रयोग कर सकते हैं। आइए जाने जैतून का तेल बालों के लिए किस प्रकार लाभकारी होता है।
उम्र बढ़ने के साथ ही बालों में वृद्धि कम होने लगती है। लेकिन यदि युवा अवस्था में ही बालों में वृद्धि कम हो जाए तो इसका उपचार किया जाना चाहिए। यदि आप भी बालों में होने वाली वृद्धि से संतुष्ट नहीं हैं तो जैतून के तेल का उपयोग करें।
जैतून का तेल सिर से सीबम को हटाने में मदद करता है। सीबम एक प्राकृतिक पदार्थ है लेकिन इसका अधिक उत्पादन बालों की वृद्धि में रूकावट बन सकता है। इसके अलावा जैतून के तेल को बालों में लगाने से यह बालों को उचित और पर्याप्त विटामिन प्रदान करते हैं। जिससे आपके बाल मजबूत होते हैं।
महिला हो या पुरुष सभी की इच्छा होती है कि उनके बाल नरम और चमकदार हों। यदि आप भी ऐसा ही चाहते हैं तो बालों में जैतून के तेल का उपयोग करें। इसके लिए आप जैतून के तेल को हल्का गुनगुना करें और इससे अपने सिर की मालिश करें। ऐसा करने से यह बालों की गुणवत्ता को सुधारने और उन्हें नरम रखने में सहायक होता है।
बालों की सबसे बड़ी समस्या रूसी या डैंड्रफ होती है। जिससे हर कोई छुटकारा चाहता है। डैंड्रफ का इलाज करने के लिए भी जैतून का तेल इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके लिए आप जैतून के तेल में ताजा नींबू के रस की 1-2 बूंदे मिलाएं। इस तेल से अपने सिर की मालिश करें।
नींबू और जैतून तेल के एंटीऑक्सीडेंट मिलकर डैंड्रफ और सिर में मौजूद बैक्टीरिया को दूर करने में सहायक होते हैं। इसके अलाव इन दोनों घटकों के पोषक तत्व बालों की जड़ को मजबूत करने में मदद करते हैं।
जैतून के तेल के फायदे, उपयोग और नुकसान (Olive Oil Benefits in Hindi) का यह लेख आपको कैसा लगा हमें कमेंट्स कर जरूर बताएं।
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