Om Jaap in Hindi ओम (ॐ) को इस ब्रह्मांड में सभी महत्वपूर्ण ध्वनियों में से एक माना जाता है और हजारों सालों से इसका जप किया जाता रहा है। ऐसा माना जाता है कि ओम का निरंतर अभ्यास करने से यह व्यक्ति को ज्ञान और प्रकाश के मार्ग की ओर ले जाता है। ओम की ध्वनि हमारे वातावरण और शरीर को कई तरीके से प्रभावित करती है। इस आर्टिकल में हम आपको ओम का मतलब क्या है ओ३म् का अर्थ, महत्व और फायदों के बारे में बताएंगे।
विषय सूची
1. ओम (ॐ) का अर्थ क्या होता है – om meaning in Hindi
2. ओम (ऊँ) का महत्व – significance of om in Hindi
3. ओम का उच्चारण – Pronunciation of om in Hindi
4. ओम जाप करने का तरीका – how to do om chanting in Hindi
5. ओम जाप करने के फायदे – Benefits of om chanting in Hindi
ॐ – ओम एक बहुत ही सामान्य और सरल ध्वनि है लेकिन इसका अर्थ बहुत जटिल है। यह शब्द हिन्दू धर्म में एक आध्यात्मिक प्रतीक है, जिसे हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म और जैन धर्म में मौजूद सभी मंत्रों से पहले जाप किया गया था। ओम शब्द प्राचीन और मध्ययुगीन पांडुलिपियों, मंदिरों, मठों का आध्यात्मिक रूप से एक प्रतीक रहा है। ओम पूरे ब्रह्मांड को एक ही शब्द से बांधे रखता है जो मन, मस्तिष्क, शरीर और आत्मा का प्रतिनिधित्व करता है। योग करने के बाद कम से कम तीन बार हर व्यक्ति को ओम का जाप करना चाहिए।
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आपके लिए ओम शब्द का जाप करने का बहुत बड़ा महत्व है। ओम की ध्वनि व्यक्ति के आत्मा में गहरायी से पहुंचती है जिससे उसके चेतना पर एक अद्भुत प्रभाव पड़ता है। सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि यह भी माना जाता है कि प्रतिदिन ओम का जाप करने से व्यक्ति को अंदर से आनंद की अनुभूति होती है और वह अपनी बीमारियों का डॉक्टर स्वयं बन जाता है और इस ब्रह्मांड को अपने शरीर के रूप में महसूस करने लगता है। यह एक ऐसा शब्द है जिसमें वर्तमान, भूत और भविष्य तीनों समाहित हैं। इसे सभी मंत्रों का निर्माणकर्ता माना जाता है। यदि चक्र प्रणाली की बात करें तो यह अजना चक्र (ajna chakra) और तीसरी आंख (third eye) से जुड़ा हुआ होता है। यह व्यक्ति का खुद से परिचय कराने में मदद करता है।
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ॐ शब्द में वास्तव में तीन अक्षर होता है जिसे ओम (A, U, M) लिखा जाता है। कभी-कभी ओम के पूरे शब्द का जाप करने में म (m) को लंबी ध्वनि में खिंचना पड़ता है। कुछ लोग शुरूआत ओम से करते हैं और म को अंत में देर तक खिंचते हैं जबकि कुछ लोग अ (A) और ओ (U) को अलग-अलग करके जाप करते हैं लेकिन ओम का जाप करने का वास्तविक तरीका अह या अ (ah), ओ (oo), म्म (mm) है। शुरू में ओम के अ को लंबे समय तक अs (awe) उच्चारण करते हैं इसके बाद दूसरे शब्द ओ (oo) का उच्चारण करते हैं और फिर अंत में ओम के म को लंबी ध्वनि के साथ म्म्म (mmmm) उच्चारण करते हैं। ओम के यह तीन शब्द व्यक्ति को अद्दभुत शक्ति प्रदान करते हैं।
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शांत मन से जमीन पर कमलासन या वज्रासन की मुद्रा में बैठ जाएं। कमर और पीठ को बिल्कुल सीधा रखें। सिर और गर्दन को भी सीधा रखें। कंधों को आराम की मुद्रा में रखें और दोनों पैरों को मोड़कर आराम की ही मुद्रा में जमीन पर बैठें।
इसके बाद अपने दोनों हाथों को दोनों तरह की जांघों या घुटनों पर रखें। आप चाहें तो दोनों हाथों को हल्का मोड़कर गोद में भी रख सकते हैं।
दोनों आंखों को बंद कर लें। आंखों को अचानक न बंद करें बल्कि पहले पलकों को झपकाएं और फिर धीरे से आंखें बंद कर लें। आंखों को बंद करने के बाद बाहरी दुनिया की कोई भी चीज न याद करें और मस्तिष्क को एकाग्र करने की कोशिश करें और शांत होकर बैठे रहें।
मुंह को बंद रखें और प्राकृतिक रूप से सांस लें। शरीर के अंदर हवा सिर्फ आपके नाक से आनी और जानी चाहिए। अपने जबड़े की मांसपेशियों पर कोई दबाव न दें और नाक के अंदर जाती और आती हवा का शांत मन से अवलोकन करें।
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अब होठों को थोड़ा सा गोल करें, दांत के ऊपरी और निचले हिस्से को एक दूसरे से अलग करें और सांस लेकर ओम का जाप करें। एक सांस की पूरी अवधि तक ओम का जाप करें और धीरे-धीरे अ..अ..ओ..ओ..म करते हुए ओम को तोड़ें। इसके बाद दोबारा से मुंह को खोलें और होठों को गोल करते हुए ओ..ओ..म..म से शुरूआत करें और फिर पूरे शब्द मिलाकर ओम का जाप करें। पहले दो अक्षरों का जाप करने के लिए जीभ को जबड़े की ऊपरी सतह पर ले जाएं और अंत के दो अक्षरों का उच्चारण करें।
ओम का जाप करते समय शरीर के अंदर भी ध्वनि पैदा होती है और उसी ध्वनि का अनुसरण करते हुए जब लय टूट जाए तो दोबारा से शुरू करें। जाप इस तरह से करें मानो आपके पूरे शरीर से ओम की ध्वनि निकल रही हो। शुरूआत धीरे-धीरे करें और ध्वनि तरंगों को सुनें।
ओम की ध्वनि या कंपन आपके सिर तक भी पहुंचता है, इसलिए इस कंपन को महसूस करें और इस दौरान एकदम शांत रहें।
इस प्रक्रिया को अपनी तीन से चार बार या अपनी सुविधानुसार दोहराएं। आप महसूस करेंगे कि आपकी सांसें धीमी और हल्की हो गई हैं और मन बेहद शांत हो गया है।
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ॐ (ओम) के जाप को एक तरह का मेडिटेशन माना जाता है। यह शब्द आध्यात्म से जुड़ा हुआ है और आमतौर पर योगा के अंत में किया जाता है। माना जाता है कि यदि योग और व्यायाम के बाद ओम का जाप किया जाए तो योग करना सफल हो जाता है क्योंकि शरीर को इसके पूरे फायदे मिलते हैं। आइये जानते हैं कि ओम का जाप करने से क्या फायदे होते हैं और ओम जप के स्वास्थ्य लाभ क्या हैं।
ॐ (ओम) का प्रतिदिन जाप करने से मन, मस्तिष्क और दिमाग शांत रहता है। इससे व्यक्ति को एक अद्भुत ऊर्जा का अनुभव होता है। इसलिए मन परेशान होने, बेचैन होने, मन शांत न रहने और बुरे ख्याल आने पर ओम का जाप करना चाहिए, यह काफी फायदेमंद होता है।
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ओम का सही तरीके से जाप करने से एक ध्वनि उत्पन्न होती है जो शरीर के विभिन्न हिस्सों में कंपन उत्पन्न करती है और शरीर से अशुद्धियों को दूर कर पूरे शरीर को स्वस्थ रखने का कार्य करती है।
जो व्यक्ति प्रतिदिन शांत वातावरण में बैठकर ओम का जाप करता है वह प्रकृति के अधिक करीब रहता है। यह जाप करने से एकाग्रता बढ़ती है और लंबे समय तक ओम का जाप करने से व्यक्ति इंद्रियों को भी अपने वश में करने की ताकत रख सकता है।
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ॐ (ओम) का जाप करने पर जो ध्वनि पैदा होती है उसका बहुत महत्व होता है। यह हमाने मन की भावनाओं को नियंत्रित करने और भावनात्मक कमजोरी से बचाती है। इससे व्यक्ति के अंदर मजबूती आती है और वह मन में नकारात्मक विचार नहीं आते हैं।
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इस शब्द का नियमित जाप करने से व्यक्ति की इम्यूनिटी बढ़ती है। इसके अलावा मेटाबोलिक रेट भी बढ़ता है और व्यक्ति को जल्दी बीमारियां नहीं पकड़ती हैं।
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चूंकि ओम के जाप से ध्वनि पैदा होती है इसलिए यह फेफड़ों में शुद्ध वायु का संचार करता है, गले को साफ रखता है और व्यक्ति में शब्दों का सही उच्चारण करने की क्षमता विकसित होती है। जो लोग अपना उच्चारण ठीक करना चाहते हैं उनके लिए यह जाप फायदेमंद है।
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