Osteoporosis in Hindi ऑस्टियोपोरोसिस हड्डी से जुड़ी एक बीमारी है जिसमें अस्थियों में फ्रैक्चर होने का खतरा बढ़ जाता है। इस बीमारी में हड्डियों की कोशिकाएं नष्ट होने लगती हैं और हड्डियों का द्रव्यमान घटने लगता है जिसके कारण हड्डियां कमजोर और नाजुक हो जाती हैं। ऑस्टियोपोरोसिस होने पर आमतौर पर रीढ़, कशेरूक (vertebrae), कूल्हों (hip) और कलाई की हड्डियों में फ्रैक्चर की संभावना अधिक होती है।
ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या आमतौर पर अधेड़ उम्र की महिलाओं में पायी जाती है। हालांकि कम उम्र के व्यक्ति भी इस समस्या से पीड़ित हो सकते हैं, क्योंकि लगभग 25 वर्ष की उम्र में पहुंचने तक हड्डियों का घनत्व (bone density) सबसे चरम पर होता है और इसी दौरान शरीर में मजबूत हड्डियों का निर्माण होता है। आजकल ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या बहुत आम हो गई है और हड्डियों का द्रव्यमान कम होने पर इस बीमारी की संभावना बढ़ जाती है।ऑस्टियोपोरोसिस से सबसे ज्यादा महिलाएं पीड़ित होती हैं। 50 वर्ष से अधिक की उम्र में प्रत्येक दो में से एक महिला और आठ में से एक पुरुष को ऑस्टियोरोसिस की बीमारी होती है।
1. ऑस्टियोपोरोसिस के कारण और जोखिम – Causes and risk factors of Osteoporosis in Hindi
2. ऑस्टियोपोरोसिस के लक्षण – Symptoms of Osteoporosis in Hindi
3. ऑस्टियोपोरोसिस से बचाव – Prevention of osteoporosis in Hindi
शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाने पर हड्डियों की कोशिकाएं प्रभावित होने लगती हैं और हड्डियों का निर्माण होना बंद हो जाता है। इसके कारण हड्डियां कमजोर, लचीली और नाजुक हो जाती है और आसानी से टूट सकती हैं।
महिलाओं में एस्ट्रोजन हार्मोन्स की कमी औऱ पुरुषों में एंड्रोजन की कमी ऑस्टियोपोरोसिस होने का मुख्य कारण होता है। विशेषरूप से 55 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं में यह बीमारी होना आम है। महिलाओं में मेनोपॉज के बाद एस्ट्रोजन का स्तर कम हो जाता है इसी कारण ऑस्टियोपोरोसिस का भी खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा उम्र बढ़ने के साथ शरीर में कैल्शियम एवं विटामिन डी की कमी, एक्सरसाइज न करना और उम्र बढ़ने पर अंतःस्त्रावी क्रियाओं (endocrine functions) में परिवर्तन के कारण भी यह बीमारी होती है। इसके अलावा थॉयराइड की समस्या, मांसपेशियों का कम इस्तेमाल, हड्डी का कैंसर (bone cancer), आनुवांशिक विकार, और कुछ दवाओं के इस्तेमाल एवं आहार में कैल्शियम की कमी के कारण यह बीमारी होती है।
प्रारंभ में ऑस्टियोपोरोसिस का कोई विशेष लक्षण नहीं दिखाई देता है लेकिन बाद में हड्डियों और मांसपेशियों में दर्द, कमर और गर्दन में दर्द होना इस बीमारी के लक्षण हैं। गिरने और यहां तक छींकने पर भी व्यक्ति को हड्डियों में फ्रैक्चर महसूस होता है। जैसे ही इस बीमारी के लक्षण बढ़ने लगते हैं यह बीमारी अधिक गंभीर होने लगती है और दर्द भी तेजी से होने लगता है। यह दर्द शरीर के अन्य हिस्सों में भी फैल सकता है। इसके अलावा कूल्हों, कलाई और रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर होना ऑस्टियोपोरोसिस का मुख्य लक्षण है।
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