Ovarian cyst mein kya khana chahiye in Hindi: ओवेरियन सिस्ट (डिम्बग्रंथि अल्सर) महिलाओं में होने वाली एक आम समस्या है जो मासिक धर्म की उम्र (menstruating age) वाली महिलाओं में होती है। ओवेरियन सिस्ट तरल पदार्थ से भरी गांठ होती हैं जो अंडाशय में और उसके ऊपर बनती हैं। अंडाशय में गांठ आमतौर पर हानिरहित होते हैं और छोटे होने पर बहुत कम या कोई दर्द नहीं देते हैं। लेकिन ओवरी सिस्ट का सही समय पर इलाज किया जाना चाहिए। ओवरी में गांठ (Ovarian Cyst) होने के दौरान आपका आहार महत्वपूर्ण होता है।
अंडाशय में गांठ होने पर आपको संतुलित आहार पर विशेष ध्यान देना चाहिए। ओवेरियन सिस्ट में क्या खाना चाहिए के साथ ही नियमित व्यायाम भी आवश्यक है। आप अंडाशय में गांठ के लक्षणों को कम करने के लिए अपने खाद्य पदार्थों में कुछ विशेष परिवर्तन कर सकते हैं। जो डिंबग्रंथि के अल्सर में आपको राहत दिला सकते हैं।
ओवेरियन सिस्ट अंडाशय के ऊपर तरल पदार्थ से भरी थैली (fluid-filled sacs) होती हैं। आमतौर पर छोटे या कम आकार के सिस्ट नुकसानदायक या दर्दनाक नहीं होते हैं। लेकिन जब ये बड़े हो जाते हैं तो डिम्बग्रंथि अल्सर का रूप ले सकते हैं। जिससे पेट में दर्द, सूजन (bloating) और पीठ के निचले हिस्से में दर्द आदि का अनुभव हो सकता है। अंडाशय में गांठ को ठीक करने के लिए आपको विशेष प्रकार के खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। अगर शुरुआत में ध्यान नहीं दिया गया तो ये डिम्बग्रंथि अल्सर पॉलीसिस्टिक अंडाशय सिंड्रोम (पीसीओएस) जैसी बड़ी समस्याओं को जन्म दे सकते हैं। यह महिलाओं में सेक्स हार्मोन के असंतुलन के कारण होता है।
यदि आप इनमें से किसी भी लक्षण का अनुभव करते हैं, तो आपको चिकित्सीय ध्यान देना चाहिए। डॉक्टर द्वारा सुझाए अनुसार अपने आहार में आवश्यक बदलाव करें। आप ओवेरियन सिस्ट के लक्षणों को कम करने के लिए अपने आहार में निम्नलिखित खाद्य पदार्थ जोड़ सकते हैं। वे हार्मोन को संतुलित करने में मदद करते हैं और इस प्रकार की समस्या से काफी हद तक राहत प्रदान करते हैं।
अपने आहार को बदलने के अलावा, आपको फिजिकल एक्टिविटी पर ध्यान देने और नियमित रूप से व्यायाम करने की आवश्यकता है। साथ ही आपको अपने पानी का सेवन बढ़ाने की भी आवश्यकता है।
इस लेख में ओवेरियन सिस्ट में क्या खाना चाहिए (What To Eat In Ovarian Cyst) संबंधी जानकारी प्राप्त करेगें।
विषय सूची
अंडाशय में गांठ होने का प्रमुख कारण हार्मोन असंतुलन (Hormone imbalance) होता है। इसलिए महिलाएं ओवरी सिस्ट के लक्षणों को कम करने के लिए अपने आहार में उच्च फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल कर सकती हैं। फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे नाशपाती, संतरे, दाल और मटर आदि में फाइटोकेमिकल्स (phytochemicals) होते हैं जो शरीर में एस्ट्रोजन (Estrogen) हार्मोन के अवशोषण को रोकते हैं। जिससे ओवेरियन सिस्ट होने की संभावना कम हो जाती है।
इसलिए महिलाओं को ओवरी में गांठ होने पर ऊपर बताए गए और अन्य उच्च फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए।
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महिलाओं को इस प्रकार की समस्या होने के दौरान अपने शरीर का वजन बनाए रखना जरूरी होता है। इसलिए ओवरी में गांठ के उपचार के लिए लीन प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों का पर्याप्त सेवन किया जाना चाहिए। इस प्रकार के खाद्य पदार्थों में मछली, टोफू और चिकन (tofu and chicken) आदि का सेवन किया जा सकता है। इन खाद्य पदार्थों से प्राप्त होने वाला दुबला प्रोटीन (Lean Protein) बहुत ही पौष्टिक होता है जो हार्मोन का संतुलन बनाए रखते हैं। लेकिन इस दौरान महिलाओं को उच्च वसा वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करने से बचना चाहिए। क्योंकि इस प्रकार के खाद्य पदार्थ प्रभावित क्षेत्र की सूजन (ovaries Swelling) को बढ़ा सकते हैं।
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ओमेगा-3 फैटी एसिड (Omega 3 fatty acid) युक्त खाद्य पदार्थों का पर्याप्त सेवन करना महिलाओं में हार्मोन के असंतुलन को रोक सकता है। जिससे डिम्बग्रंथि अल्सर की संभावनाओं को कम किया जा सकता है। जो महिलाएं ओवेरियन सिस्ट का सामना कर रहीं हैं उन्हें अपने आहार में मछली, नट्स आदि खाना चाहिए। अंडाशय में गांठ होने पर महिलाओं को विशेष रूप से अलसी के बीज (Flax seeds) खाना चाहिए। क्योंकि अलसी शरीर में एंड्रोजेन (androgen) के स्तर को कम करने में प्रभावी होती है। एंड्रोजेन का उच्च स्तर ओवेरियन सिस्ट का प्रमुख कारण माना जाता है।
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कैमोमाइल चाय एक आयुर्वेदिक औषधी है। ओवेरियन सिस्ट (ovarian cysts) के दौरान महिलाओं को नियमित रूप से कैमोमाइल चाय का सेवन करना चाहिए। क्योंकि यह इस दौरान होने वाली ऐंठन और दर्द से राहत दिलाने में सहायक होती है। कैमोमाइल टी में एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होते हैं जो ओवेरियन सिस्ट की सूजन और दर्द के लक्षणों को कम करने में मदद करते हैं। जब भी महिलाओं को अंडाशय में गांठ के कारण किसी प्रकार की असुविधा या दर्द का अनुभव हो तब उन्हें कैमोमाइल चाय (Chamomile Tea) का सेवन करना चाहिए।
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इंडोल-3 कारबिनोल (Indole-3 Carbinol) युक्त खाद्य पदार्थ महिलाओं के शरीर में हार्मोनल असंतुलन को दूर करने में सहायक होते हैं। जिनके कारण महिलाओं को ओवेरियन सिस्ट जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इस प्रकार के खाद्य पदार्थों में ब्रुसेल्स (brussels), अंकुरित आनाज (sprouts), गोभी
और ब्रोकोली आदि शामिल हैं। जिनमें पर्याप्त मात्रा में I3C होता है। यह महिला शरीर में मौजूद अतिरिक्त हार्मोन को खत्म करने में सहायक होता है। साथ ही यह एस्ट्रोजेन (Estrogen) के उच्च स्तर को भी कम करने में सहायक होता है।(और पढ़े – अंकुरित अनाज खाने के फायदे और नुकसान…)
जिन महिलाओं को अंडाशय में गांठ (Ovarian Cysts) जैसी समस्या होती है उन्हें अधिक मात्रा में मैग्नीशियम युक्त खाद्य पदार्थों को खाना चाहिए। उच्च मैग्नीशियम वाले खाद्य पदार्थ प्रभावित क्षेत्र की ऐंठन और दर्द को कम करने में सहायक होते हैं। महिलाओं को डिम्बग्रंथि अल्सर के उपचार के लिए अपने भोजन में केला, काजू, बादाम, एवोकाडो (avocados) और हरी पत्तेदार सब्जियां आदि खाना चाहिए।
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एप्पल साइडर विनेगर में ओवेरियन सिस्ट के लक्षणों को कम करने की क्षमता होती है। सेब के सिरका में पोटेशियम की अच्छी मात्रा होती है। जिसके कारण यह पोटेशियम की कमी के कारण अंडाशय में गांठ को रोकने में सहायक होता है। यही कारण है कि ओवरी सिस्ट के उपचार के लिए सेब के सिरका को खाने की सलाह दी जाती है।
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डिम्बग्रंथि के अल्सर (Ovarian cysts) की संभावनाओं और लक्षण को कम करने के लिए अदरक खाना चाहिए। अदरक ओवेरियन सिस्ट के लिए प्राकृतिक उपचार है। यदि आप चाहें तो अदरक की चाय का भी सेवन कर सकते हैं। अदरक के औषधीय गुण अंडाशय में गांठ होने पर दर्द और ऐंठन जैसे लक्षणों को प्रभावी रूप से कम कर सकता है। अदरक में एंटीऑक्सीडेंट और एंटीकार्सिनोजेनिक (antioxidant and anticarcinogenic) दोनों गुण होते हैं। जिससे ओवेरियन सिस्ट के दौरान होने वाले दर्द से राहत मिलती है।
एक अध्ययन के अनुसार अदरक का पर्याप्त सेवन करने से डिम्बग्रंथि के अल्सर की कोशिकाओं के विकास को रोका जा सकता है। जिससे यह निष्कर्ष निकाला गया कि अदरक और अदरक की चाय का पर्याप्त सेवन करना अंडाशय में गांठ का इलाज और रोकथाम कर सकता है। आप घर पर ही सामान्य चाय की तरह ही अदरक की चाय (Ginger Tea) बना सकते हैं।
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अंडाशय में गांठ होने के दौरान महिलाओं को हार्मोनल संतुलन के लिए मॉका रूट (Maca root) का सेवन करना चाहिए। अध्ययनों के अनुसार मॉका रूट रजोनिवृत्ति के बाद महिलाओं में हार्मोन संतुलन में सहायक होता है। अध्ययनों से यह भी पता चलता है कि मॉका रूट का सेवन करने के बाद महिलाओं को बेचैनी, हॉट फ्लैस (hot flashes), रात का पसीना (night sweats), दिल की घबराहट (heart palpitations) और अवसाद जैसे लक्षणों को कम करने में मदद मिलती है। लेकिन कुछ लोगों का मानना है कि मॉका रूट का नियमित सेवन करने से ओवेरियन सिस्ट (ovarian cysts) के लक्षणों को भी कम किया जा सकता है। हालांकि इसके लिए अभी भी शोध करने की आवश्यकता है।
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अलसी ओवेरियन सिस्ट के लिए प्राकृतिक उपचार है। महिलाओं को अपने पौष्टिक आहार के साथ ही अलसी का भी कम मात्रा में सेवन करना चाहिए। क्योंकि अलसी में मौजूद पोषक तत्व और खनिज पदार्थ शरीर में मौजूद विषाक्तता को कम करने में सहायक होते हैं। जिससे महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन के स्तर को संतुलित करने में मदद मिलती है। जिससे महिलाओं को डिम्बग्रंथि अल्सर के लक्षणों को कम करने में आसानी होती है।
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जैसा कि हम सभी जानते हैं कि महिला या पुरुष सभी का बेहतर स्वास्थ्य उनके आहार पर निर्भर करता है। इसलिए ओवेरियन सिस्ट जैसी समस्याओं को गंभीर स्थिति में पहुंचने से पहले महिलाओं को अपने खान पान पर विशेष ध्यान देना चाहिए। अंडाशय में गांठ (ovarian cysts) होने के दौरान खाए जाने वाले कुछ अन्य खाद्य पदार्थ इस प्रकार हैं।
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डिम्बिग्रंथि अल्सर से परेशान महिलाओं को अपने आहार में केवल उन खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए जो ओवेरियन सिस्ट के लक्षणों को कम करने में सहायक होते हैं। लेकिन अज्ञानता के कारण अधिकांश महिलाएं ऐसे खाद्य पदार्थों का भी सेवन करती हैं जो अंडाशय में गांठ के लक्षणों को बढ़ा सकते हैं। महिलाओं को ऐसे खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए। इस प्रकार के खाद्य पदार्थों में शामिल हैं :
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डिम्बग्रंथि अल्सर के दौरान हर्बल उपचार का उपयोग करने के कुछ संभावित दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं। इसलिए किसी भी प्रकार की जड़ी बूटियों का सेवन करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह लेना आवश्यक है। क्योंकि ये पदार्थ आपके द्वारा ली जाने वाली दवाओं से प्रतिक्रिया कर सकते हैं। जो आपके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। इसके अलावा इन जड़ी बूटियों को खरीदते समय इनकी गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखें इसलिए प्रतिष्ठित संस्थानों से ही इन्हें खरीदें।
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