नींद मनुष्य के जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है नींद वह समय होता है जब शरीर खुद को फिर से कार्य करने के लिए तैयार करता है। शरीर के लिए बहुत कम नींद लेना खतरनाक साबित हो सकता है। नए शोध से यह पता चला है कि बहुत अधिक नींद यानि ज्यादा सोने से भी कई प्रकार के नुकसान होते। हैं यदि आप 8 घंटे से ज्यादा सोते है तो वह आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है। आज हम आपको ज्यादा सोने के नुकसान और स्वास्थ्य पर पड़ने वाले विपरीत प्रभाव के बारे में बताने जा रहे हैं Jyada Sone ke Nuksan।
किसी भी व्यक्ति के लिए नींद की आवश्यकता उसके जीवन काल के दौरान बदल सकती है। यह उसकी उम्र और गतिविधि के स्तर के साथ संबंधित होती है। आप एक सामान्य स्वास्थ्य व्यतीत करने और स्वस्थ जीवन शैली अपनाने की आदतों पर अपनी नींद के प्रभाव को देख सकते हैं। उदाहरण के लिए यदि आप तनाव या किसी बीमारी से ग्रस्त हैं तो आपको अधिक नींद की जरूरत महसूस हो सकती है। लेकिन यदि आप स्वस्थ हैं तो आपको कम नींद की जरूरत होती है। विशेषज्ञों की सलाह है कि व्यक्ति को प्रत्येक दिन 7 से 9 घंटे के बीच सोना चाहिए।
(और पढ़ें – ज्यादा नींद आने के कारण और उपाय)
उन लोगों के लिए जो हायपरसोमिनिया (hypersomnia) से पीड़ित हैं, ओवर स्लीपिंग वास्तव में एक चिकित्सा विकार है। इस स्थिति में लोगों को दिन भर अत्यधिक नींद आती रहती है और जो सोने पर भी नहीं पूरी होती जो की मुख्य रूप से लंबे तक समय सोने का कारण भी बनती है।
बहुत से ऐसे लोग हैं जो हायपरसोमिनिया (hypersomnia) से ग्रस्त होने पर उनमें चिंता, ऊर्जा की कमी और स्मृति में कमी जैसी समस्याओं के लक्षण पाए जाते हैं।
ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (Obstructive sleep apnea) एक विकार है जिसमें नींद के दौरान लोगों को तेजी से सांस लेने में कठिनाई होती है और उनको जल्दी जल्दी सांस लेने की जरूरत पड़ती है। जिससे उन्हें ज्यादा नींद लेने की आदत हो जाती है ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उनकी नींद के बीच-बीच में बातचीत होती रहती है जिससे उनकी नींद पूरी नहीं हो पाती और उन्हें ज्यादा सोने की आदत हो जाती है।
निसंदेह इसमें कोई दो राय नहीं है कि हर किसी व्यक्ति को ओवर स्लीपिंग की आदत नहीं होती। ओवर स्लीपिंग के अन्य संभावित कारणों में कुछ पदार्थ जैसे शराब का सेवन कुछ दवाएँ और अवसाद जैसी स्थितियां शामिल होती हैं जो लोगों को अधिक सोने के लिए विवश करनी है इसके साथ ही कुछ लोग ऐसे होते हैं जिन्हें बहुत सोना पसंद होता है इसलिए वह ज्यादा सोते हैं।
(और पढ़ें – अवसाद (डिप्रेशन) क्या है, कारण, लक्षण, निदान, और उपचार)
जिन लोगों को आवश्यकता से अधिक नींद आती है उन्हें कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती है। आइए जाने ओवर स्लीपिंग से होने वाले नुकसान क्या हैं।
2013 में एक कोरियाई शोध में किए गए अध्ययन 650 महिलाओं की टीम पर किया गया जिसमें से महिलाएं जो इन विट्रो निषेचन के दौर से गुजर रही थी। उनमें से भी महिलाएं जो 7 से 8 घंटे की दैनिक नींद लेती थी गर्भवती होने में सफल हुए। आगे के अध्ययन में यह भी सुझाव दिया गया की पर्याप्त नींद मासिक धर्म चक्र को सही करने और हार्मोन स्त्राव को प्रभावित कर सकती है। हालांकि शोध में अभी तक नींद और बांझपन के बीच कोई सीधा संबंध नहीं पाया है फिर भी शोधकर्ताओं ने पर्याप्त नींद और गर्भवती होने के बीच एक संबंध को जोड़ने की कोशिश की है।
(और पढ़े – जल्दी और आसानी से गर्भवती होने के तरीके)
2013 में किए गए एक क्यूबिक के अध्ययन में यह स्पष्ट रूप से पता चला है कि एक व्यक्ति जो दिन में 8 घंटे से ज्यादा समय तक सोता है। वह टाइप 2 मधुमेह और कम ग्लूकोज सहिष्णुता से पीड़ित हो सकता है। इसके विपरीत जो लोग 7 से 8 घंटे की पर्याप्त नींद लेते हैं वह मधुमेह संबंधी जटिलताओं से पीड़ित होने की संभावना कम रखते हैं। अध्ययन में पाया गया है कि जो लोग 8 घंटे से ज्यादा सोते हैं भले ही वे शारीरिक रूप से फिट हो फिर भी उन में मधुमेह का खतरा अधिक होता है।
(और पढ़े – शुगर ,मधुमेह लक्षण, कारण, निदान और बचाव के उपाय)
अवसाद ज्यादा सोने का एक प्रमुख लक्षण है जब अवसाद से ग्रसित लोग अनिद्रा से पीड़ित होते हैं तो अनुमान के मुताबिक 15% मरीजों को निराशा होती है। जो कि नियमित रूप से पर्याप्त नींद लेने वालों के मुकाबले इन्हें अपनी नींद में कमी महसूस होती है जिस कारण वह अत्यधिक चिंता के लक्षणों को याद कर लगातार निराशा से ग्रस्त होते हैं! एक हालिया अध्ययन से पता चला है कि बहुत ज्यादा नींद लेना अनुवांशिक हेरिटेज सिटी की संभावना को बढ़ा सकती है। एक अन्य अध्ययन से पता चला है कि जो लोग 10 घंटो से अधिक समय के लिए रोते हैं वह मानसिक बीमारी से ग्रस्त हो सकते हैं। जॉन हॉपकिंस मेडिकल स्कूल में आयोजित एक शोध में पता चला है कि शरीर की नींद की क्षमता में बदलाव के कारण अस्थाई मानसिक अवसाद हो सकता है।
(और पढ़े – मानसिक तनाव के कारण, लक्षण एवं बचने के उपाय)
ओवर स्लीपिंग कुछ लोगों जैसे कि अल्जाइमर रोग और हृदय रोग आदि के जोखम को बढ़ा सकती है। शोधकर्ताओं के एक समूह द्वारा किए गए अध्ययन में यह पता चला है कि जिन महिलाओं को 8 से ज्यादा घंटे सोने की आदत है वह 44% से ज्यादा सी रिएक्टिव प्रोटीन से ग्रस्त है। एक अन्य अध्ययन में बताया गया है कि सी रिएक्टिव प्रोटीन अतिरिक्त नींद के हर घंटे के लिए आठ प्रतिशत की दर से बढ़ता है जब व्यक्ति 8 घंटे से ज्यादा की नींद लेता है।
(और पढ़े – सुबह जल्दी उठना मुश्किल हो रहा है तो, यह रहा आसान समाधान जान गये तो आज से जल्दी उठोगे)
नींद और आराम को अक्सर उपचार के साथ जोड़ा जाता है लेकिन कभी-कभी अधिक सोना आप के इन लक्षणों को बढ़ा सकता है बिस्तर पर बहुत अधिक समय बिताने पर आपको पीठ और कंधे के दर्द को बढ़ा सकता है इसके अलावा ओवर स्लीपिंग सिरदर्द की एक नई प्रॉब्लम को उत्पन्न कर सकता है ओवर स्लीपिंग अक्सर एक तरफ के माइग्रेन का निर्माण करती है और किसी व्यक्ति में तनाव के स्तर में बढ़ोतरी करती है।
यह भी पढ़े –
Homemade face pack for summer गर्मी आपकी स्किन को ख़राब कर सकती है, जिससे पसीना,…
वर्तमान में अनहेल्दी डाइट और उच्च कोलेस्ट्रॉल युक्त भोजन का सेवन लोगों में बीमारी की…
Skin Pigmentation Face Pack in Hindi हर कोई बेदाग त्वचा पाना चाहता है। पिगमेंटेशन, जिसे…
चेहरे का कालापन या सांवलापन सबसे ज्यादा लोगों की पर्सनालिटी को प्रभावित करता है। ब्लैक…
प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं, जिन्हें पहचान कर आप…
त्वचा पर निखार होना, स्वस्थ त्वचा की पहचान है। हालांकि कई तरह की चीजें हैं,…