Ovulation in Hindi ओव्यूलेशन या अंडोत्सर्ग पूरी तरह से महिलाओं के मासिक धर्म पर निर्भर करता है। चूंकि हर महिला का मासिक धर्म चक्र अलग-अलग होता है इसलिए हर महिला की ओव्यूलेशन साइकिल या अंडोत्सर्ग अवधि भी अलग अलग होती है। वास्तव में ओव्यूलेशन प्रेगनेंसी से जुड़ा हुआ है इसलिए यदि कोई महिला प्रेगनेंट होना चाहती है तो इस अवधि में यौन संबंध बनाकर प्रेगनेंट हो सकती है और यदि वह गर्भवती नहीं होना चाहती है तो इस अवधि में सेक्स से परहेज करके प्रेगनेंट होने से बच सकती है। यही कारण है कि ओव्यूलेशन को इतना महत्वपूर्ण माना जाता है। आइये जानते हैं ओव्यूलेशन (अंडोत्सर्ग) क्या है, साइकिल कब होता है, कितने दिन तक रहता है और ओवुलेशन के लक्षण क्या होते हैं के बारे में।
विषय सूची
1. ओव्यूलेशन (अंडोत्सर्ग) क्या है – Ovulation kya hai in hindi
2. ओवुलेशन कब होता है – Ovulation kab hota hai in hindi
3. ओव्यूलेशन साइकिल कितने दिनों की होती है – Ovulation cycle kitne din ki hoti hai in Hindi
4. ओवुलेशन पीरियड फॉर प्रेगनेंसी – Ovulation period for pregnancy in hindi
5. ओव्यूलेशन के लक्षण क्या हैं – Symptoms of ovulation in Hindi
ओव्यूलेशन (अंडोत्सर्जन) महिलाओं के मासिक धर्म का एक हिस्सा है। जब किसी महिला के अंडाशय (ovary) से अंडे निकलते हैं तो इस प्रक्रिया को ओव्यूलेशन कहते हैं। अंडोत्सर्ग के दौरान जब ये अंडे अंडाशय में बनते हैं तब ये शुक्राणु द्वारा निषेचित हो भी सकते हैं और नहीं भी हो सकते हैं। लेकिन यदि ये अंडे निषेचित हो जाते हैं तो महिला के फैलोपियन ट्यूब से भ्रमण करते हुए गर्भाशय में आ जाते हैं जिसके कारण महिला गर्भवती हो जाती है। लेकिन जब ये अंडे निषेचित नहीं हो पाते हैं तो विघटित हो जाते हैं और और महिला को मासिक धर्म शुरू हो जाता है।
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किसी महिला को मासिक धर्म शुरू होने से लगभग दो हफ्ते पहले अडोत्सर्ग शुरू होता है और यह मासिक धर्म शुरू होने के ठीक पहले तक बना रहता है। वास्तव में हर महीने मासिक धर्म के दौरान महिला का शरीर गर्भ धारण करने के लिए तैयार होता है। मासिक धर्म चक्र महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे सेक्स हार्मोन और ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन को रेगुलेट करता है। ये हार्मोन ओव्यूलेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और महिला के अंडाशय में अंडे को परिपक्व बनाते हैं और अंडाशय से अंडे निकालते हैं। ये परिपक्व अंडे अंडाशय से निकलकर फैलोपियन ट्यूब में जाते हैं और वहां शुक्राणु से मिलकर निषेचित होते हैं।
यौन संबंध बनाने के बाद शुक्राणु महिलाओं के प्रजनन पथ (reproductive tract) में तीन से पांच दिन तक जिंदा रहता है और प्रेगनेंट होने के लिए अंडे का स्पर्म के साथ मिलकर 12 से 24 घंटों के बीच निषेचित होना जरूरी होता है। ओव्यूलेशन के दौरान महिला के गर्भाशय की दीवारें मोटी हो जाती हैं और अंडे को निषेचित करने के लिए पूरी तरह से तैयार हो जाती हैं। लेकिन जब अंडा निषेचित नहीं होता है तो महिला को मासिक धर्म शुरू हो जाता है।
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अंडोत्सर्ग आमतौर पर महिला के अंतिम मासिक धर्म के 14 दिन बाद शुरू होता है। लेकिन प्रत्येक महिला में ओव्यूलेशन का समय (ओवुलेशन साइकिल) अलग-अलग हो सकता है और यह उस महिला के मासिक धर्म चक्र की लंबाई पर निर्भर करता है। यदि किसी महिला का मासिक धर्म चक्र 28 दिनों का है तो उसे 13 से 15 दिनों के बीच में अंडोत्सर्ग होगा। यदि किसी महिला का मासिक धर्म चक्र 27 से 34 दिनों का है तो उसे 13 से 20 दिनों के बीच की अवधि में ओव्यूलेशन होगा। ज्यादातर महिलाओं को अपने ओव्यूलेशन अवधि का ध्यान नहीं रहता है इसका कारण यह है कि वे अपने पीरियड की तारीख को नोट नहीं करती हैं।
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प्रत्येक मासिक चक्र के दौरान 2 दिन ऐसे होते हैं जब आप अधिक फर्टाइल होती हैं, इसलिए इस समय असुरक्षित यौन संबंध बनाने से गर्भवती होने की संभावना अधिक होती है, यह दो दिन ओव्यूलेशन का दिन और ओव्यूलेशन दिन के पहले का दिन – ये ओवुलेशन पीरियड फॉर प्रेगनेंसी और चरम प्रजनन के दो दिन हैं। इससे कुछ दिन पहले भी आप उच्च प्रजनन क्षमता अनुभव कर सकती हैं और गर्भवती होने का अवसर भी प्राप्त करते हैं। लगभग छह दिनों की इस ‘प्रजनन चक्र’ के बाहर, आपके गर्भवती होने की संभावना कम है।
उपजाऊ चक्र वह दिन है जब अंडे अंडाशय (अंडाशय) से निकलते है। इस समय के दौरान सेक्स (संभोग) करने से आपको गर्भवती होने का सबसे अच्छा मौका मिलता है।
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अंडे की रिहाई के लक्षण मासिक धर्म शुरू होने से पहले महिला को ओव्यूलेशन की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। आइये जानते हैं ओव्यूलेशन या अंडोत्सर्ग के लक्षण क्या हैं।
अंडोत्सर्ग शुरू होने के कुछ दिन पहले महिला के गर्भाशय के निचले हिस्से में स्थित सर्विक्स (गर्भाशय ग्रीवा) में एक पतला, पारदर्शी और चिकना श्लेष्म (mucus) बनता है। गर्भाशय में यह श्लेष्म ओव्यूलेशन शुरू होने के कारण ही बनता है और इसके बाद महिला का अंडाशय अंडे निकालने के लिए तैयार हो जाता है। ओवेल्यूशन के एक दिन बाद सफेद और मोटा श्लेष्म योनि से स्रावित होने लगता है जो ओव्यूलेशन का एक मुख्य लक्षण माना जाता है।
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सुबह बिस्तर छोड़ने के तुरंत बाद महिलाओं को अपना बेसल बॉडी तापमान मापना चाहिए। यदि शरीर का तापमान सामान्य दिनों से कुछ ज्यादा है तो यह ओव्यूलेशन की प्रक्रिया शुरू होने का लक्षण है। आमतौर पर ओव्यूलेशन शुरू होने से ठीक पहले शरीर का तापमान बढ़ जाता है। चूंकि यह प्रक्रिया हर महीने होती है इसलिए महिलाओं को शरीर के तापमान की जांच करने के लिए थर्मामीटर रखना चाहिए।
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अंडोत्सर्ग के दौरान गर्भाशय ग्रीवा (cervix) पहले की अपेक्षा अधिक खुल जाती है और अधिक कोमल, गीली और बढ़ जाती है। यदि आप अपनी योनि के पास उंगली रखें तो आपको यह परिवर्तन महसूस होगा। यह इस बात का लक्षण है कि आपकी ओव्यूलेशन प्रक्रिया शुरू होने वाली है।
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अंडोत्सर्ग या ओव्यूलेशन शुरू होने से 24 से 36 घंटे पहले महिलाओं के शरीर में ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन (luteinizing hormone) का स्तर बढ़ जाता है। ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन अंडाशय से अंडे निकलने का संकेत है। ओव्यूलेशन प्रेडिक्टर किट से इस हार्मोन का स्तर नापकर यह जाना जा सकता है कि ओव्यूलेशन शुरू होने वाला है।
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मासिक धर्म शुरू होने से कुछ दिन पहले कुछ महिलाओं को सभी चीजें महकती हैं और उनके सूंघने की क्षमता तीव्र हो जाती है। यह इस बात का संकेत है कि आपका ओव्यूलेशन पीरियड शुरू होने वाला है। ओव्यूलेशन के समय को फर्टाइल फेज कहा जाता है और इस दौरान आपका शरीर मेल फेरोमोन एंड्रोस्टेनोन की तरह ज्यादा आकर्षित होता है।
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ओव्यूलेशन प्रक्रिया शुरू होने का संकेत यह भी है कि महिला को पेट के निचले हिस्से में हल्का दर्द शुरू हो जाता है, कभी-कभी यह दर्द पेट के एक ही हिस्से में होता है। इस दौरान कुछ महिलाओं का सिर भारी और मूड स्विंग रहता है जबकि कुछ महिलाओं को मितली आती है। यह सब ओव्यूलेशन के ही लक्षण है।
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अंडोत्सर्ग के दौरान कुछ महिलाओं में यह देखा गया है कि उनकी सेक्स करने की इच्छा तीव्र हो जाती है। यह शरीर में अंडोत्सर्ग के दौरान स्रावित होने वाले कुछ विशेष हार्मोन्स के कारण होता है। सेक्स की इच्छा पर नियंत्रण न रख पाना ओव्यूलेशन का लक्षण है और इस दौरान ज्यादातर महिलाओं को ऑर्गेज्म प्राप्त होता है।
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