Padmasana in hindi पद्मासन संस्कृत का शब्द है जिसका हिंदी अर्थ कमल का फूल (lotus flower) होता है। पद्मासन योग को अंग्रेजी में लोटस पोज (Lotus pose) कहा जाता है। आइये जानते है पद्मासन योग के फायदे और करने का तरीका क्या होता है। पद्मासन को करते समय दोनों पैर एक दूसरे के जांघ पर होते हैं और कमल की आकृति बनाते हैं। इसलिए इसे कुछ जगहों पर कमलासन (kamalasan) के नाम से भी जाना जाता है।
यह एक योगा एक्सरसाइज है जिसमें शरीर और रीढ़ की हड्डी को एकदम सीधे रखते हुए दोनों पैरों को एक दूसरे पैर के जंघों पर रखा जाता है। मेडिटेशन के लिए यह एक महत्वपूर्ण पोजिशन मानी जाती है।
पद्मासन (Padmasana yoga in hindi) एक अच्छा वर्कआउट का कार्य करता है और यह मस्तिष्क एवं श्वसन से जुड़ी समस्याओं के लिए अच्छा माना जाता है। यह आसन शरीर को लचीला बनाता है। मांसपेशियों की मजबूती के लिए भी इस आसन को अच्छा माना जाता है।
विषय सूची
1. पद्मासन करने का तरीका – Padmasana karne ka tarika in Hindi
2. पद्मासन योग के फायदे – Padmasana karne ke fayde in Hindi
3. पद्मासन करते समय सावधानियां – Precautions for Padmasana in Hindi
चलिए जानतें हैं पद्मासन योग करने की विधि क्या है। पद्मासन योग करने का सही तरीका इस प्रकार है-
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मुद्रा करने से आमतौर पर एनर्जी का प्रवाह (flow) सक्रिय रूप से होता है। प्रत्येक मुद्रा अलग होती है और इसलिए इसके फायदे भी अलग-अलग होते हैं। लेकिन कुछ ऐसी मुद्रा हैं जिन्हें मद्मासन के साथ करने पर अद्भुत लाभ मिलता है। चिनमय मुद्रा (Chinmaya Mudra), चिन मुद्रा(Chin Mudra), ब्रह्म मुद्रा (Brahma Mudra) और आदि मुद्रा (Adi Mudra) पद्ममासन के साथ किया जा सकता है। पद्मासन को इन मुद्राओं के साथ करने से शरीर में ऊर्जा के प्रवाह को महसूस किया जा सकता है।
padmasana karne ke fayde in Hindi पद्मासन एक ऐसा आसन है जिसे किसी भी समय किया जा सकता है। अन्य योग मुद्रा की भांति पद्मासन करने के भी स्वास्थ्य को बहुत फायदे होते हैं और बीमारियों को दूर करने में भी यह आसन फायदेमंद होता है। आइये जानते हैं कि पद्मासन करने के क्या फायदे हैं।
पद्मासन करने से शरीर में स्ट्रेस हार्मोन कम मात्रा में बनता है, जिसकी वजह से यह मानसिक तनाव को दूर करने में सहायता करता है और मन में उत्पन्न होने वाले नकारात्मक विचारों को दूर करता है।
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पद्मासन में गहरी सांस लेने की क्रिया से मस्तिष्क शांत रहता है और रात में नींद न आने की समस्या दूर होती है।
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पद्मासन करने से पैर के घुटने और जोड़ों की हड्डियां मजबूत होती हैं और यह जोड़ों को लचीला बनाता है इसकी वजह से जोड़ों में दर्द की समस्या नहीं होती है।
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पद्मासन करने से मासिक धर्म की गड़बड़ी (menstrual discomfort) दूर हो जाती है और पीरियड नियमित हो जाता है। इसके अलावा यह आसन ब्लैडर और पेल्विस को भी मजबूत बनाने में और महिलाओं की जनन क्षमता को बढ़ाने में भी मदद करता है।
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पद्मासन (Lotus Pose) करने से पेट के आसपास के हिस्सों का अच्छे से मसाज हो जाता है जिससे पेट की तरफ रक्त का प्रवाह बेहतर होता है। ब्लड सर्कुलेशन बढ़ने के साथ ही यह आसन करने से पाचन क्रिया बेहतर होती है।
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आमतौर पर पद्मासन बहुत सरल आसन है लेकिन यदि शरीर में कोई विशेष बीमारी या तकलीफ हो तो इस आसन को करने से पहले कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए।
अगर आपके पैरों के घुटनों में चोट लगी हो और घुटनों को मोड़ने में कठिनाई महसूस हो रही हो तो जबरदस्ती इसे मोड़ने की कोशिश न करें।
ज्यादातर लोग दूसरे पैर को पहले पैर की जांघ पर आसानी से नहीं रख पाते हैं। इसलिए ऐसे लोगों को पहले अर्ध तितली आसन (Half Butterfly Pose) करने का अभ्यास करना चाहिए, इसके बाद पद्मासन का अभ्यास करना चाहिए।
प्रेगनेंट महिलाओं को भी पद्मासन करने से बचना चाहिए। इसके अलावा गंभीर पीठ एवं कमर दर्द, घुटनों एवं टखनों में चोट हो या आप सियाटिका (sciatica) के मरीज हों तो इस आसन को न करें।
पद्मासन जितना आसान लगता है इसे करने में उतनी ही कठिनाई होती है। इसलिए अगर कोई कठिनाई होती है तो योगा टीचर की देखरेख में करें।
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