Paleo Diet Plan Ke Fayde Aur Nuksan In Hindi: पैलियो डाइट प्लान के बारे में बुहत कम लोग जानते हैं, लेकिन इन दिनों लोगों के बीच इसका काफी चर्चा है। यह साधारण डाइट प्लान से थोड़ी अलग होती है। इसमें आपको खूब फल, सब्जियां, लीन मीट और सूखे मेवे खाने होते हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि इस डाइट में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम और प्रोटीन व फैट की मात्रा ज्यादा होती है, जिससे न केवल आपका वजन नियंत्रित रहता है, बल्कि आप बीपी, डायबिटीज जैसे रोगों से भी बचे रहते हैं।
पैलियो डाइट प्लान के अन्य नामों में पैलियोलिथिक आहार, पाषाण युग का आहार, शिकारी-एकत्रित आहार और गुफाओं का आहार शामिल हैं।
आज के दौर में खुद को फिट रखना इतना आसान नहीं होता, क्योंकि इसके लिए अपनी लाइफस्टाइल में कई बदलाव करने पड़ते हैं, जो सबके बस की बात नहीं है। ऐसे में बेहतर है, कि एक सही डाइट प्लान फॉलो किया जाए। पैलियो डाइट प्लान खुद को स्वस्थ और फिट रखने की एक अच्छी आहार योजना है। इसमें आपको प्राचीन समय के जैसे भोजन का सेवन करना होता है। अच्छी बात ये है, कि इस डाइट में आप प्रोसेस्ड जंक फूड खाने से बच सकते हैं, जो स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के लिए जिम्मेदार होते हैं। तो चलिए, आज के इस आर्टिकल में हम आपको पैलियो डाइट प्लान के बारे में बता रहे हैं। साथ ही हम आपको इसके फायदे और नुकसान के बारे में भी बतायेंगें।
इस लेख में पेलियो आहार का एक मूल परिचय, एक साधारण पैलियो डाइट प्लान और अन्य आवश्यक जानकारी प्रदान की जा रही है।
विषय सूची
1. पैलियो डाइट प्लान क्या है? – What Is A Paleo Diet In Hindi
2. आप पैलियो डाइट का पालन क्यों कर सकते हैं – Why You Might Follow A Paleo Diet In Hindi
3. पैलिया डाइट प्लान के फायदे – Paleo Diet Plan Benefits In Hindi
4. पैलियो डाइट प्लान के नुकसान – Paleo Diet Plan Side Effect In Hindi
5. पैलियो डाइट में खाए जाने वाले खाद्य पदार्थ – Foods to Eat on the Paleo Diet In Hindi
6. पैलियो स्नैक्स – Paleo Snacks In Hindi
7. पैलियो डाइट में इन खाद्य पदार्थों को खाने से बचें – Foods to Avoid on the Paleo Diet In Hindi
8. जब आप प्यासे हो तो क्या पियें – What to Drink When You’re Thirsty in Hindi
9. पैलियो डाइट का सात दिन का मील प्लान – 7 – Day Paleo Diet Meal Plan In Hindi
10. पैलियो डाइट से जुड़े लोगों के सवाल और जवाब – Question And Answer Related To Paleo Diet Plan In Hindi
पैलियो डाइट प्लान एक ऐसी डाइट है, जो पैलियोलिथिक युग में हमारे पूर्वजों द्वारा खाईं जाती थीं। जो लगभग 2.5 मिलियन से 10,000 साल पहले की है। इसलिए पैलियो आहार को पाषाण युग के आहार के रूप में भी जाना जाता है। अगर सरल शब्दों में समझाएं, तो पैलियो आहार ऐसा आहार है, जिसमें हम वे सभी चीजें खाते हैं, जो ऑर्गेनिक हैं। साबुत फल के साथ अनप्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों को आप इस डाइट में शामिल कर सकते हैं। साथ ही सब्जियों के साथ फल और ड्राई फ्रूट्स भी इस डाइट को करते हुए खा सकते हैं।
इस डाइट का मुख्य उद्देश्य आपको स्वस्थ रखना और आपके वजन को हमेशा नियंत्रण में रखना होता है, क्योंकि प्रोसेस्ड फूड के कारण कई गंभीर बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है। इसमें कार्बोहाइड्रेट की तुलना में प्रोटीन और फैट की मात्रा ज्यादा होती है। पैलियो डाइट में आपको दिन में मात्र तीन मील लेने होते हैं। सुबह, दोपहर और शाम। इन तीन मीलों में भरपूर मात्रा में पोषक तत्वों का लेना जरूरी होता है। वैसा, देखा जाए, तो इस डाइट को फॉलो करना आसान नहीं होता। क्योंकि इसमें हर तरह के डेयरी और होल ग्रेन प्रोडक्ट नहीं लिए जा सकते हैं, इसके बावजूद इससे शरीर को पूरा आहार मिलता है और कमजोरी या अन्य समस्याएं भी नहीं होती।
एक पैलियो आहार में आमतौर पर लीन मीट, मछली, फल, सब्जियां, नट और बीज शामिल होते हैं – जो कि अतीत में शिकार और इकट्ठा करके प्राप्त किए जाते थे। पैलियो डाइट उन खाद्य पदार्थों को सीमित करता है जो लगभग 10,000 साल पहले खेती के दौरान आम हो गए थे। इन खाद्य पदार्थों में डेयरी उत्पाद, फलियां और अनाज शामिल हैं।
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आप पैलियो डाइट का पालन करना चुन सकते हैं क्योंकि आप: वजन कम करना चाहते हैं या स्वस्थ वजन बनाए रखना चाहते हैं।
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पैलियो आहार कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है। जिसमें वजन को नियंत्रित रखना, डायबिटीज के जोखिम को कम करना और रक्तचाप को कम करना शामिल है। इस डाइट को करने से न केवल फैट लॉस होता है, बल्कि अन्य फायदे भी होते हैं, जिनके बारे में हम आपको आगे बता रहे हैं।
शरीर में सही मात्रा में प्रोटीन होने से शरीर स्वस्थ बना रहता है और पैलियो डाइट की मदद से आपके शरीर में प्रोटीन की कमी को पूरा किया जा सकता है। सही मात्रा में प्रोटीन की मौजूदगी आपका ब्लड शुगर कंट्रोल रखेगी, मसल्स के मांस को बढ़ाएगी और चोट को जल्दी ठीक करने में भी मददगार होगी। बता दें, कि प्रोटीन की कमी से शरीर में एनर्जी लेवल कम होता है, घाव बहुत देर में सही होते हैं और रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कम हो जाती है।
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पैलियो डाइट में पाए जाने वाले सभी पोषक तत्व दिनभर ऊर्जा बनाए रखने के लिए बहुत फायदेमंद हैं। अगर कोई इसे पूरे नियम के साथ फॉलो करे, जो किसी भी एनर्जी ड्रिंक पीने की जरूरत न पड़े। मॉर्डन डाइट के मुकाबले पैलियो डाइट ज्यादा एनर्जी देती है।
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पैलियो आहार का सेवन करने से आप वजन को नियंत्रित रख सकते हैं। इसमें शरीर की जरूरत के अनुसार सभी जरूरी पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जिससे आपका वजन बढ़ता नहीं, बल्कि कंट्रोल में रहता है। पैलियो डाइट अपनाने से आपको बढ़े हुए वजन को भी कम करने में मदद मिलती है।
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पैलियो डाइट आपकी इम्यूनिटी में सुधार करने के लिए जानी जाती है। इसके सेवन से आप आसानी से क्रैप फूड से बच सकते हैं।
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पैलियो आहार योजना का पालन करने से डायबिटीज का खतरा कम हो जाता है। इंसुलिन प्रतिरोध डायबिटीज के लिए बड़ा रिस्क फैक्टर है। ऐसे में पैलियो डाइट से इंसुलिन की संवेदनशीलता में काफी सुधार होता है।
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बढ़ा हुआ बीपी हृदय रोग के लिए एक रिस्क फैक्टर है। पैलियो आहार रक्तचाप की जांच और हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद करता है। 2008 में हुए एक अध्ययन के अनुसार, 3 सप्ताह तक पैलिया आहार का पालन करने से सिस्टोलिक बीपी में सुधार होता है। इससे वजन और बॉडी मास इंडेक्स में भी कमी आती है।
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पैलियो आहार मास्तिष्क विकास के लिए बहुत फायदेमंद है। यह आहार प्रोटीन और फैट का प्राकृतिक स्त्रोत है, जो मछली जैसे सालमोन से मिलता है। सालमोन ओमेगा-3 फैटी एसिड का समृद्ध स्त्रोत है, जिसमें डीएचए होता है, जो आपके दिल, आंख और मास्तिष्क के संचालन के लिए अच्छा माना जाता है।
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पैलियो आहार लेने के बाद पाचन संबंधी समस्याओं का खतरा कम हो जाता है। यह ऐसे खाद्य पदार्थों को खाने से रोकता है, जिसे आप पचा न सकें। इस डाइट को फॉलो करने के बाद पाचन शक्ति एकदम सही रहती है।
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पैलियो डाइट की खासियत यह है, कि इसमें लिए जाने वाले खाद्य पदार्थ सूजन को कम करने में आपकी बहुत मदद करते हैं। खासतौर से हृदय रोग वाले मरीजों के लिए ऐसा आहार बहुत फायदेमंद साबित होता है। कई रिसर्च में माना गया है, कि हृदय रोग के पीछे का कारण शरीर में आने वाली सूजन होती है।
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पैलिया डाइट फ्रुक्टोज के सेवन को काफी हद तक कंट्रोल करती है। फ्रुक्टोज ज्यादातर हर प्रोसेस्ड फूड में मौजूद होता है, जिसका सेवन लगभग हम सभी करते हैं। इससे लीवर डैमेज का खतरा बढ़ता है। साथ ही फ्रुक्टोज के अधिक सेवन से मोटापा, डायबिटीज और हाई बीपी को भी बढ़ावा मिलता है। अच्छी बात यह है, कि फ्रुक्टोज युक्त खाद्य पदार्थ पैलियो डाइट में शामिल नहीं होते। बल्कि इसमें ऐसे खाद्य पदार्थ शामिल होते हैं, जो पचाने में आसान और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर हों।
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पैलियो डाइट हमें स्वस्थ आंत प्रदान करता है। बदलती लाइफस्टाइल में ज्यादातर लोग प्रोसेस्ड और जंक फूड का सेवन करने लगे हैं, जो आंत के रास्ते में दिक्कत पैदा करते हैं। पैलियो डाइट आपके आहार में शामिल ऐसे खाद्य पदार्थ को बाहर निकालता है। इस डाइट में वो सभी खाद्य पदार्थ मौजूद होते हैं, जो आपके पाचन तंत्र के लिए बेहतर हैं।
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पैलियो डाइट प्रोसेस्ड जंक फूड और शुगर को खत्म करके संपूर्ण भोजन करने का अच्छा तरीका है। हालांकि, इसके कुछ साइड इफेक्ट हैं, जो आपको पैलियो डाइट लेने से पहले पता होने चाहिए।
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नीचे हम आपको पैलियो डाइट में शामिल किए जाने वाले खाद्य पदार्थों की सूची बता रहे हैं।
मांस में- बीफ, चिकन, टर्की, पोर्क और अन्य ले सकते हैं।
फिश एंड सी-फूड में – सालमन, ट्राउट, हैडॉक, झींगा, सीपदार मछली लें सकते हैं।
अंडे में – फ्री रेंज, पेस्टर्ड या ओमेगा-3 से भरपूर अंडे खाएं।
सब्जियों में- ब्रोकली, काले, मिर्च, प्याज, गाजार, टमाटर आदि लें।
फल में- सेब, केला, संतरा, नाशपाती, एवोकैडो, स्ट्रॉबैरी, ब्लूबैरी आदि खा सकते हैं।
ट्यूबर्स में- आलू, शकरकंद, रतालू और शलजम का सेवन करें।
नट्स व सीड्स में- बादाम, अखरोट, हैजल नट्स, सूरजमुखी के बीज, कद्दू के बीज खाएं।
स्वस्थ वसा और तेल में- एक्स्ट्रा वर्जिन जैतून का तेल, नारियल तेल, एवोकैडो तेल आदि का ही सेवन करें।
नमक और मसाले- समुद्री नमक, लहसुन, हल्दी, रोजमैरी आदि लें।
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पैलिया डाइट में दिनभर में तीन मील से ज्यादा कुछ भी खाने की जरूरत नहीं है, लेकिन फिर भी यदि आपको भूख लेग, तो नीचे कुछ स्नैक्स दिए गए हैं, जो पचाने में आसान है।
बता दें, कि पैलियो स्नैक्स तैयार करना बेहद आसान है। इन्हें आप चलते-फिरते भी तैयार कर सकते हैं।
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जब आप पैलियो डाइट को फॉलो कर रहे हैं, तो कुछ खाद्य पदार्थों के सेवन से बचना बहुत जरूरी है। चीनी, ब्रेड, वेजिटेबल ऑयल और आर्टिफिशियल स्वीटनर का सेवन इस डाइट के तहत बिल्कुल न करें।
शुगर और हाई फ्रुक्टोज वाले खाद्य पदार्थ में – सॉफ्ट ड्रिंक, फ्रूट जूस, टेबल शुगर, कैंडी पेस्ट्री, आइसक्रीम न लें।
अनाज में- ब्रेड, पास्ता, गेहूं, जौ को खाने से बचें।
डेयरी उत्पाद में- सभी डेयरी प्रोडक्ट खाने से बचें।
वेजिटेबल ऑयल- सोयाबीन का तेल, सूरजमुखी का तेल, कपास का तेल, मकई का तेल, अंगूर का तेल और कुसुम के तेल का सेवन भूलकर भी ना करें।
आर्टिफिशियल स्वीटनर्स- सुक्रालोज, एस्परटेम, साइक्लेमेट्स, सैकेरिन आदि न लें। इसके बजाए नेचुरल स्वीटनर्स का सेवन करें।
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जबी हाइड्रेशन की बात आती है, तो पानी आपके पेय का मुख्य हिस्सा होना चाहिए।
निम्नलिखित पेय बिल्कुल पैलियो नहीं हैं, लेकिन ज्यादातर लोग उन्हें वैसे भी पीते हैं:
चाय: चाय एंटीऑक्सिडेंट और विभिन्न लाभकारी यौगिकों के साथ भरी हुई और बहुत स्वस्थ है। जिसमे ग्रीन टी सबसे अच्छी होती है।
कॉफी: कॉफी वास्तव में एंटीऑक्सिडेंट में बहुत अधिक है। अध्ययन बताते हैं कि इसके कई स्वास्थ्य लाभ हैं।
पैलियो डाइट के इस वीडियो को देखें
यदि कोई चित्र एक हजार शब्दों के लायक है, तो यह एक वीडियो एक लाख के लायक है।
यह वीडियो आपको पैलियो आहार के बारे वह सब जानकारी देगा जिसे आपको जानने की जरूरत है।
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हमने उन लोगों के लिए एक सात दिन का पैलियो डाइट प्लान तैयार किया है, जो खाने के इस तरीके को अपनाना चाहते हैं। हमारे द्वारा यहां बताया गया डाइट प्लान एक सैंपल है। लोग चाहें, तो अपनी व्यक्तिगत पसंद के अनुसार भोजन में बदलाव कर सकते हैं।
पहले दिन, एक व्यक्ति निम्नलिखित खा सकता है:
नाश्ते में- बदाम का दूध, एवोकैडो, केला और एप्पल स्मूदी खाएं।
दोपहर के खाने में- मिक्स्ड सलाद लीव्स, कद्दू के बीज और जैतून के तेल में सलाद मिलाकर खाएं।
रात के खाने में– प्याज और गाजर की स्टफिंग के साथ रोस्टेड चिकन या भूनी हुई मछली के साथ सब्जियां खाएं।
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दूसरे दिन, दोपहर के भोजन के लिए बचे हुए का उपयोग करें और रात के खाने के लिए मछली का आनंद लें:
नाश्ते में- पालक के साथ तले हुए अंडे, ग्रिल्ड टमाटर, कद्दू के बीज या फिर खूब सारी सब्जियों में अंडा डालकर भी खा सकते हैं।
दोपहर के खाने में- रात का बचा हुआ रोस्टेड चिकन और जैतून के तेल की ड्रेसिंग के साथ मिक्स सलाद लीव्स खाएं।
रात के खाने में- नारियल के तेल में तली फ्राइड ब्रोकोली के साथ अवन बेक्ड सैल्मन मछली खा सकते हैं।
पिछले दिन से किसी भी बचे हुए सामन का उपयोग करें:
नाश्ते में- ब्लूबैरी और बादाम के साथ कटा हुआ केला खाएं।
दोपहर के खाने में- रात का बचा हुआ साल्मन और जैतून के तेल की ड्रेसिंग के साथ मिक्स सलाद लीव्स खा सकते हैं।
रात के खाने में- सिकी हुई मछली के साथ एक कटोरी पत्तागोभी का सूप या फिर मिक्स्ड पैपर के साथ फ्राई किया हुआ बीफ लें। ध्यान रखें, बीफ को तलने के लिए नारियल तेल का उपयोग करें।
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चौथे दिन, प्रोटीन से भरे अंडे से शुरूआत करें:
नाश्ते में- टोस्टेड बादाम और एक अंडे के साथ नारियल के तेल में तली हुई ब्रोकोली खाएं।
दोपहर का खाना- ट्यूना के साथ मिक्स्ड सलाद, उबले अंडे और जैतून का तेल मिला मिक्स सलाद लें।
रात का खाना- तले हुए मीट के साथ सब्जियां या फिर उबली हुई ब्रोकोली के साथ बेक्ड चिकन विंग्स खाएं।
5 दिन पर, एक व्यक्ति निम्नलिखित तैयारी कर सकता है:
नाश्ते में- नारियल का दूध, मिक्स बैरीज और पालक की स्मूदी खाएं।
दोपहर के खाने में- बटरनट स्क्वैश, ब्रोकोली और टमाटर की ऑमलेट के साथ मिश्रित सलाद खा सकते हैं।
रात के खाने में- लाल मिर्च, ब्रोकोली, बेबी कॉर्न, और तला हुआ सैल्मन खाएं।
छठे दिन, एक स्वादिष्ट नाश्ते के साथ शुरूआत करें:
नाश्ते में- जैतून के तेल में बैकॉन (Bacon), अंडा, टमाटर तलकर खाएं या फिर शकरकंद में अंडा मिलाकर खाएं, साथ में एक फल लें।
दोपहर के खाने में- मिक्स वेजिटेबल और हल्दी वाला चिकन सूप पीएं।
रात के खाने में- फ्राई की हुई मछली में अजवाइन के पत्ते और नींबू डालकर खा सकते हैं।
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7 वे दिन, एवोकैडो का उपयोग करके हेल्थी फेट जोड़ें:
नाश्ते में- स्प्रिंग ऑनियन, टमाटर और मशरूम की ऑमलेट खाएं।
दोपहर के खाने में- जैतून के तेल में पका हुआ चिकन, एवोकैडो बीज के साथ मिक्स सलाद खा सकते हैं।
रात के खाने में- धीमी आंच पर पकी हुई बीफ स्टू मिक्स सब्जी के साथ खाएं या फिर चाहें तो नारियल की तरी और सब्जी के साथ कीमा बनाकर भी खा सकते हैं।
कई शोधों से पता चला है कि, जिन लोगों को टाइप 2 डायबिटीज है, उन्हें इस डाइट को शुरू करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए। अपर्याप्त कैल्शियम और विटामिन डी की कमी को देखते हुए जिन लोगों को ऑस्टियोपोरोसि का खतरा है, उन्हें सावधानी पूवर्क इस डाइट को फॉलो करना चाहिए। हृदय रोग, गुर्दे की बीमारी जैसी पुरानी स्वास्थ्य समस्याओं वाले लोगों को भी इस आहार को अपनाने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। साथ ही छोटे बच्चे, गर्भवती महिलाओं और बड़े वयस्कों को भी इस डाइट को लेने से बचना चाहिए।
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जिन लोगों को डाइट फॉलो करने में परेशानी होती है, क्योंकि इस दौरान उन्हें कैलेारी और माइक्रो न्यूट्रिएंट्स काउंट करने पड़ते हैं, उन्हें खाने का यह तरीका मददगार लग सकता है।
पैलियो डाइट को फॉलो करते समय आप अपनी पसंद का कोई भी पेय पी सकते हैं। कई लोग चाय और कॉफी को प्राथतिमकता देते हैं। हालांकि, ये दोनों ही पैलियो डाइट का हिस्सा नहीं हैं, लेकिन कई गुणों से भरपूर हैं। चाय में एंटीऑक्सीडेंट और विभिन्न फायदेमंद कंपाउंड्स होते हैं, जो आपकी सेहत के लिए बहुत अच्छे हैं। वहीं ग्रीन टी भी पीना भी अच्छा विकल्प है। वहीं, कॉफी के भी कई स्वास्थ्य लाभ हैं, इसमें बहुत अधिक मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो आपकी सेहत बनाए रखने में मदद करते हैं।
पैलियो डाइट का मकसद उस तरह का भोजन करना है, जैसा कि हमारे प्रागैतिहासिक पूर्वज किया करते थे। इस आहार में अनप्रोसेस्ड फूड का सेवन किया जाता है और प्रोसेस्ड फूड से बचा जाता है। एक पैलियो भोजन योजना वजन घटाने, इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार करने और रक्तचाप को कम करने में बहुत मदद करती है। हालांकि, पैलियो आहार सभी के लिए सुरक्षित नहीं हो सकता, इसलिए आहार में बदलाव करने से पहले डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें, खासतौर से अगर आप किसी समस्या से ग्रस्त हैं, तो इसे खुद लेने से बचें।
(और पढ़े – स्वस्थ आहार के प्रकार और फायदे…)
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