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पैनक्रियाज (अग्नाशय) क्या है, कार्य, रोग और ठीक रखने के उपाय – What is pancreas, function, Problems and Treatments in Hindi

Pancreas in Hindi पेनक्रियाज (अग्नाशय) पाचन तंत्र की सबसे महत्वपूर्ण ग्रंथि है, जो पेट के पीछे और छोटी आंत के पास में पाई जाती है। पैनक्रियाज, पाचन तंत्र और अंतःस्रावी तंत्र (Endocrine System) दोनों का एक अभिन्न अंग है। पैनक्रियाज (अग्नाशय) पाचन तंत्र के एक महत्वपूर्ण कार्य में अपना योगदान देता है और रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रण के इंसुलिन का निर्माण करता है। इस आर्टिकल में आप जानेंगे पैनक्रियाज (अग्नाशय) क्या है, पैनक्रियाज के कार्य, पैनक्रियाज से सम्बंधित समस्याओं, रोग, पेनक्रियाज टेस्ट और पैनक्रियाज को ठीक रखने के घरेलू उपाय के बारे में।

विषय सूची

1. पैंक्रियास (अग्नाशय) क्या है – What is pancreas in Hindi
2. पैनक्रियाज की स्थिति – Pancreas position in Hindi
3. पैनक्रियाज के कार्य – pancreas function in Hindi
4. अग्न्याशय के रोग और समस्याएं – Pancreas Problems and Disorders in Hindi

5. पेनक्रियाज टेस्ट – Pancreas Tests in Hindi

6. पेनक्रियाज का उपचार – Pancreas Treatments in Hindi
7. पैंक्रियाज ठीक करने के उपाय – Tips for healthy pancreas in Hindi

पैंक्रियास (अग्नाशय) क्या है – What is pancreas in Hindi

अग्नाशय (pancreas) एक ग्रंथि है, जो पेट में स्थित होती है और यह पाचन तंत्र का हिस्सा है। यह इंसुलिन (insulin) तथा अन्य महत्वपूर्ण एंजाइमों और हार्मोन को उत्पन्न करता है। यह इंसुलिन और एंजाइम खाद्य पदार्थों को तोड़ने में मदद करते हैं। जिससे शरीर को ऊर्जा प्राप्त होती है।

एंजाइम तथा पाचक रस, पैनक्रियाज (pancreas) द्वारा निकलकर छोटी आंत (small intestine) में भेजे जाते हैं। जहाँ पर यह पेट में भोजन को लगातार तोड़ने का कम करते है।

पैनक्रियाज हार्मोन, इंसुलिन भी उत्पन्न करता है, जो रक्त प्रवाह में मिलकर शरीर के ग्लूकोज या शुगर के स्तर को नियंत्रित करते हैं। इंसुलिन नियंत्रण में समस्याएं मधुमेह (diabetes) रोग का कारण बन सकती हैं।

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पैनक्रियाज की स्थिति – Pancreas position in Hindi

अग्नाशय (पैनक्रियाज) , पेट के ऊपरी बाएं भाग में तथा पेट के पीछे और आपके डुओडेनम (duodenum) के पास स्थित है, जो छोटी आंत का पहला भाग होता है। पैनक्रियाज, पाचन तंत्र और अंतःस्रावी तंत्र (endocrine system) दोनों का एक अंग है।

पैनक्रियाज के कार्य – pancreas function in Hindi

अग्नाशय (पैनक्रियाज) में दो मुख्य कार्य होते हैं, पहला यह कि शरीर के द्वारा भोजन का पाचन करने में मदद करता है। और दूसरा, रक्त शर्करा (blood sugar) को नियंत्रित करने में मदद करता है। एक स्वस्थ पैनक्रियाज हमारे द्वारा खाए जाने वाले भोजन को पचाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण रसायनों के उत्पादन का कार्य करता है। यह मुख्य रूप से एंजाइमों और इंसुलिन को पैदा करता है। अतः पैनक्रियाज (अग्नाशय) द्वारा स्रावित इन्सुलिन और एंजाइमों (enzymes) के आधार पर इसके महत्वपूर्ण कार्य होते है जैसे-

अग्नाशय का कार्य एंजाइम उत्पन्न करना:

  • प्रोटीन को पचाने के लिए ट्रिप्सिन (trypsin) और काइमोट्रिप्सिन (chymotrypsin) एंजाइम को उत्पन्न करना।
  • कार्बोहाइड्रेट तोड़ने के लिए एमाइलेज एंजाइम (amylase enzyme) का उत्पादन।
  • फैटी एसिड, वसा और कोलेस्ट्रॉल को तोड़ने के लिए लाइपेज एंजाइम (lipase enzyme) का उत्पादन।
  • रक्त शर्करा के स्तर में वृद्धि होने पर अग्नाशयी बीटा कोशिकाएं (Pancreatic beta cells) लगातार इंसुलिन जारी करती हैं। जो  ब्लड शुगर (sugar) के स्तर को संतुलित करने में सहायक होते है।

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पैनक्रियाज के कार्य इंसुलिन का उत्पादन करना:

मांसपेशियों और अन्य ऊतकों में रक्त के माध्यम से ग्लूकोज को उर्जा के रूप में उपयोग करने के लिए।  इंसुलिन यकृत द्वारा ग्लूकोज को अवशोषित करने में मदद करता है। तथा तनाव या व्यायाम के दौरान जब शरीर को ऊर्जा की आवश्यकता होती है, तो यह ग्लाइकोजन (glycogen) के रूप में प्राप्त किया जाता है।

जब रक्त में शुगर का स्तर गिरता है, तो अग्नाशयी अल्फा कोशिकाएं (pancreatic alpha cells) हार्मोन ग्लुकागन (glucagon hormone) को छोड़ती हैं। जो शुगर (sugar) के स्तर को संतुलित करने में मदद करता है।

ग्लूकागन (glucagon) की मदद से ही यकृत (liver) में ग्लाइकोजन, ग्लूकोज में टूट जाता है। तथा ग्लूकोज फिर रक्त प्रवाह में प्रवेश कर रक्त शर्करा के स्तर को सामान्य कर देता है।

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अग्न्याशय के रोग और समस्याएं – Pancreas Problems and Disorders in Hindi

जब पैनक्रियाज (अग्नाशय) में कोई समस्या आती है, तो यह पूरे शरीर को प्रभावित कर सकती हैं। जब अग्नाशय भोजन को ठीक से अवशोषित नहीं कर पाता है तो पाचन एंजाइम का उत्पादन पर्याप्त रूप से नहीं होता है। जिससे कि वजन घटाने और दस्त होने की सम्भावनायें बढ़ जाती हैं।

पैनक्रियाज (अग्नाशय) द्वारा बहुत कम मात्रा में इंसुलिन का उत्पादन मधुमेह में वृद्धि करने में सहायक है, और इंसुलिन कि कमी के कारण ग्लूकोज का अवशोषण नहीं हो पता। जिससे रक्त में ग्लूकोज के स्तर में वृद्धि होती है।

पैंक्रियास में सूजन अग्नाशयशोथ – Pancreatitis in hindi

  • पैंक्रियाइटिस (अग्नाशयशोथ), एक गंभीर पेट दर्द का कारण बनता है।
  • जब पैनक्रियाज में सूजन आती है, तब पैंक्रियाइटिस होता है। छोटे गैल्स्टोन (Small gallstones) के अग्नाशयी नलिका में फंसने और शराब का अत्यधिक उपयोग पैंक्रियाइटिस (अग्नाशयशोथ) होने के सबसे सामान्य कारण हैं।
  • पैंक्रियाइटिस, पैनक्रियाज (अग्नाशय) में तीव्र या पुरानी सूजन से सम्बंधित होता है। यह आगे चलकर मधुमेह (diabetes) का कारण भी बन सकता है।
  • अग्नाशयी रस (Pancreatic juices), पैनक्रियाज में जमा होने लगते हैं, जिससे पैनक्रियाज (अग्नाशय) को नुकसान पहुँचता है। यह दो प्रकार की होती है।

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तीव्र अग्नाशयशोथ (पैंक्रियास में सूजन) – Acute pancreatitis in hindi

पेनक्रियाज में सूजन में तीव्र अग्नाशयशोथ (पैंक्रियाइटिस) बहुत दुर्लभ होता है, इसके लक्षण अचानक प्रकट होते है, और बहुत दिनों तक बने रहते है। इस प्रकार के पैंक्रियाइटिस के लिए तुरंत चिकित्सा सलाह लेन की जरूरत होती है।

इसके लक्षणों में शामिल हैं:

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स्थायी अग्नाशयशोथ (पेनक्रियाज में सूजन) – Chronic pancreatitis

यदि व्यक्ति को तीव्र पैंक्रियाइटिस बार-बार होता है तो उसे स्थायी अग्नाशयशोथ (Chronic pancreatitis) विकसित होने कि सम्भावना अधिक होती है। इसके परिणामस्वरूप स्वस्थ को स्थायी नुकसान होता है।

शराब का दुरुपयोग इस रोग का सबसे आम कारण है, और यह ज्यादातर मध्यम-आयु वर्ग के पुरुषों को अधिक प्रभावित करता है।

क्रोनिक पैंक्रियाइटिस के लक्षणों में शामिल हैं:

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अग्नाशय का कैंसर – Pancreatic cancer in Hindi

कैंसर पैनक्रियाज को भी प्रभावित कर सकता है। माना जाता है कि अकसर धूम्रपान का अत्यधिक सेवन और अधिक मात्रा में शराब पीने से पैनक्रियाज (अग्नाशय) कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। परन्तु कैंसर होने का सटीक कारण अज्ञात होता है।

पैनक्रियाज कैंसर (Pancreatic cancer) के लक्षणों में शामिल हैं:

  • जब कैंसर द्वारा पित्त नलिका और यकृत को प्रभावित किया जाता है, तो इसके परिणाम स्वरूप त्वचा और आंखों में पीलापन या पीलिया (jaundice) होना और मूत्र का गाढ़ापन आदि लक्षण प्रगट होते है।
  • ट्यूमर के बढ़ने से पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द होता है।
  • भूख में कमी आना, जी मिचलाना और उल्टी की समस्या उत्पन्न होना,
  • वजन में कमी और कमजोरी आना,
  • पीला या भूरा मल और मल में अतिरिक्त वसा की समस्या उत्पन्न होना, इत्यादि।
  • कैंसर के अत्यधिक बढ़ जाने पर ही लक्षण प्रकट हो सकते हैं। अतः इसका उपचार आमतौर पर सर्जरी, कीमोथेरेपी, विकिरण के आधार पर किया जाता है।

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अग्न्याशय में समस्या के कारण मधुमेह होना (Diabetes)

टाइप 1 – मधुमेह एक ऑटोम्यून्यून (autoimmune) बीमारी है। प्रतिरक्षा प्रणाली जब पैनक्रियाज (अग्नाशय) में उपस्थित बीटा कोशिकाओं को नष्ट कर देती है, जिससे इंसुलिन का उत्पादन रुक जाता है, जो मधुमेह का कारण बनता है। चूँकि इसका सटीक कारण अज्ञात रहता है। फिर भी यह माना जाता है कि कुछ वायरस के साथ-साथ अनुवांशिक और पर्यावरणीय कारक भी इस समस्या को उत्पन्न करने का कारण हो सकते है।

टाइप 2 – मधुमेह तब होता है जब शरीर की मांसपेशियां, वसा और यकृत कोशिकाएं ग्लूकोज को संतुलित करने या अवशोषित करने में असमर्थ हो जाती हैं। जिसके कारण पैनक्रियाज (अग्नाशय) ग्लूकोज की मात्रा को संतुलित करने के लिए अतिरिक्त इंसुलिन का उत्पादन करता है। लेकिन एक समय ऐसा आता है, जब यह पर्याप्त इंसुलिन उत्पन्न नहीं कर पाता, और शरीर में रक्त ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है।

(और पढ़े – शुगर ,मधुमेह लक्षण, कारण, निदान और बचाव के उपाय…)

इसके अतिरिक्त पैनक्रियाज (अग्नाशय) से सम्बंधित निम्न समस्याएं आ सकती है:

एक्सोक्राइन अग्नाशयी अपर्याप्तता (Exocrine pancreatic insufficiency) (EPI) – यह समस्या तब उत्पन्न होती है जब पैनक्रियाज पर्याप्त एंजाइम का निर्माण नहीं कर पता है।

अग्नाशयी द्रव संग्रह (Pancreatic fluid collections) – अग्नाशयी द्रव संग्रह कई कारणों से होता है, जिसमें पैनक्रियाज (अग्नाशय) को नुकसान होना या अन्य घातक स्थितियां शामिल है। द्रव संग्रह बड़े स्तर पर हो सकता हैं। जिसके परिणाम स्वरूप दर्द और बुखार जैसे लक्षण पैदा हो सकते हैं।

ज़ोलिंगर-एलिसन सिंड्रोम (Zollinger-Ellison syndrome) –  यह एक प्रकार का ट्यूमर है, जिसे गैस्ट्रिनोमा (gastinoma) के रूप में जाना जाता है। यह पैनक्रियाज (अग्नाशय) या डुओडेनम (duodenum) में विकसित होता है।

पेनक्रियाज टेस्ट – Pancreas Tests in Hindi

अग्न्याशय के ठीक तरह से कम करने और स्वास्थ्य कि जानकारी लेने के लिए कुछ परीक्षण किये जाते है, जो इस प्रकार हैं:

पेनक्रियाज टेस्ट के लिए शारीरिक परीक्षा – Physical examination for Pancreas Test in Hindi

डॉक्टर पेट के केंद्र पर दबाकर पैनक्रियाज (अग्नाशय) में द्रव्यमान की जांच कर सकते हैं। तथा इस परीक्षण में वह पैनक्रियाज स्थितियों के अन्य लक्षणों को भी देख सकते हैं।

अग्न्याशय की जांच के लिए टोमोग्राफी स्कैन – Tomography scan for Pancreas Test in Hindi

एक सीटी स्कैनर में एक्स-रे और एक कंप्यूटर की सहायता से पैनक्रियाज (अग्नाशय) और पेट की विस्तृत छवियां ली जाती हैं। छवियों को बेहतर बनाने के लिए एक प्रकार की डाई (रंजक) को इंजेक्शन की मदद से नसों में प्रवेश किया जा सकता है।

(और पढ़े – सीटी स्कैन क्या है कैसे होता है, कीमत, फायदे और नुकसान…)

पेनक्रियाज टेस्ट के लिए एमिलेज़ और लिपेज – Amylase and lipase  for Pancreas Test in Hindi

रक्त परीक्षण, अग्नाशयी एंजाइमों के उच्च स्तर को दिखाते हुए, अग्नाशयशोथ (pancreatitis) की जानकारी दे सकता है।

चुंबकीय अनुनाद इमेजिंग द्वारा पेनक्रियाज टेस्ट – Magnetic resonance imaging (MRI) for Pancreas Test in Hindi

MRI एक पैनक्रियाज (अग्नाशय), यकृत, और पित्त प्रणाली पर केंद्रित है। यह चुंबकीय तरंगो का उपयोग कर पेट की अत्यधिक विस्तृत छवियां प्रस्तुत करती है।

(और पढ़े – एमआरआई स्कैन क्या है कीमत, प्रक्रिया, फायदे और नुकसान…)

पेनक्रियाज टेस्ट के लिए पैनक्रियाज बायोप्सी – Pancreas biopsy for Pancreas Test in Hindi

शल्य चिकित्सा प्रक्रिया के माध्यम से सुई का उपयोग करके, कैंसर या अन्य स्थितियों पता लगाने के लिए पैनक्रियाज ऊतक का एक छोटा टुकड़ा हटा दिया जाता है, और परीक्षण के लिए भेजा जाता है।

अल्ट्रासाउंड पेनक्रियाज टेस्ट के लिए – Ultrasound for Pancreas Test in Hindi

अल्ट्रासाउंड के तहत पेट की जांच की जाती है, और हानिरहित ध्वनि तरंगों का उपयोग कर पैनक्रियाज और अन्य अंगों छवियां ली जाती हैं।

(और पढ़े – अल्ट्रासाउंड क्या है और सोनोग्राफी की जानकारी…)

पसीना क्लोराइड परीक्षण के लिए पेनक्रियाज टेस्ट – Sweat chloride test for Pancreas Test in Hindi

शरीर में दर्द रहित विद्युत का प्रवाह त्वचा से पसीने को निकालने के लिए किया जाता है, और पसीने में क्लोराइड की मात्रा मापी जाती है। सिस्टिक फाइब्रोसिस (cystic fibrosis) वाले लोगों में अक्सर उच्च पसीना क्लोराइड के स्तर होते हैं।

पेनक्रियाज का उपचार – Pancreas Treatments in Hindi

इंसुलिन (Insulin) – शरीर के ऊतकों द्वारा ग्लूकोज को अवशोषित करने और रक्त शर्करा को कम करने के लिए इंसुलिन इंजेक्शन का उपयोग किया जाता है। इंसुलिन को प्रयोगशाला में बनाया जा सकता है, तथा पशु स्रोतों से भी प्राप्त किया जा सकता है।

स्यूडोसाइट सर्जरी (Pseudocyst surgery) – कभी-कभी, स्यूडोसाइट को हटाने के लिए सर्जरी के रूप में लेप्रोस्कोपी (बिना कोई बड़ा चीरा किये) या लैपरोटोमी (एक बड़ी चीरा) की आवश्यकता हो सकती है।

एक अग्नाशयी छद्मकोश (pancreas Pseudocyst) अग्नाशयी एंजाइम, रक्त, और नेक्रोटिक ऊतक में (necrotic tissue) समृद्ध रूप से तरल पदार्थ का संग्रह कोष है। अग्नाशयी छद्मकोश आमतौर पर पैंक्रियास में सूजन (Pancreatitis) की जटिलताओं से सम्बंधित है।

पेनक्रियाज प्रत्यारोपण (Pancreas transplantation) – यह एक सर्जरी है जिसमें मृत व्यक्ति के स्वस्थ पैंक्रियास को मधुमेह या सिस्टिक फाइब्रोसिस (cystic fibrosis) वाले किसी व्यक्ति में प्रत्यारोपण कर दिया जाता है।

(और पढ़े – एंडोस्कोपी कराने के कारण, तरीका, फायदे एवं नुकसान…)

पैंक्रियाज ठीक करने के उपाय – Tips for healthy pancreas in Hindi

संतुलित भोजन करने और धूम्रपान या अत्यधिक शराब के सेवन से बचकर ही पैनक्रियाज (अग्नाशय) को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है। एक स्वस्थ पैनक्रियाज (अग्नाशय) के लिए हाइड्रेटेड (hydrated) बनाये रखना महत्वपूर्ण है।

अतः पैनक्रियाज को स्वास्थ्य रखने के लिए निम्न बातों पर ध्यान देना चाहिए:

  • एक दिन में 20 ग्राम से अधिक वसा का उपयोग करने से बचना चाहिए।
  • अल्कोहल से परहेज करना चाहिए।
  • हाइड्रेटेड रखने के लिए बहुत अधिक पानी पीना चाहिए।
  • एक उपवास शारीरिक स्वास्थ्य के लिए सभी आवश्यक पोषक तत्व प्रदान नहीं कर सकता है। अतः उपवास के बाद यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भोजन में उपयुक्त पोषक तत्व जिनकी जरुरत शरीर को है, पर्याप्त मात्रा में उपस्थित हैं या नहीं।
  • जो लोग अग्नाशयी दर्द का अनुभव कर रहे हैं। उनके लिए अंगूर के रस, शोरबा (broth), जिलेटिन (gelatin), सेब और करोंदा (क्रैनबेरी) सहित, एक स्पष्ट तरल आहार 1 से 2 दिनों तक लेने का सुझाव दिया जाता है।

(और पढ़े – शराब पीने के फायदे और नुकसान और शरीर पर इसका प्रभाव…)

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Rajendra Patel

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