Payriya Ke Gharelu Upay पेरियोडोंटाइटिस को पायरिया के नाम से भी जाना जाता है। पायरिया के घरेलू उपाय आपको दांतों या मसूड़ों की सूजन से बचा सकते हैं। पायरिया मसूड़ों की बीमारी का उन्नत चरण है जिसमें मसूड़े और हड्डियां जो दांतों को सहारा देते हैं वे संक्रमित हो जाते हैं और उनमें सूजन आ जाती है। आमतौर पर मसूड़ों में सूजन का प्रमुख कारण बैक्टीरिया होता है। जिनके प्रभाव से प्रतिरक्षा शक्ति में कमी आ जाती है। मसूड़ों से लगातार खून आना पायरिया होने के शुरुआती लक्षणों में से एक है। आइये जानें पायरिया के लिए घरेलू उपचार क्या हैं।
पायरिया रोग के लक्षण में मुंह की बदबू, मसूड़ों में सूजन, मुंह के छाले, मसूड़ों और दांतों के बीच अंतर आदि प्रमुख हैं। लेकिन पायरिया के घरेलू उपाय अपनाकर आप इन समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं। आज बाजार में पायरिया का इलाज करने के लिए कई तरह के मंजन भी उपलब्ध हैं। लेकिन आज हम घर पर ही पायरिया का घरेलू इलाज करने के तरीके और फायदे जानेंगे।
पायरिया आपके लिए एक गंभीर समस्या हो सकती है यदि समय पर इसका इलाज न किया जाए। पायरिया का इलाज करने के लिए कुछ घरेलू नुस्खे भी बहुत ही प्रभावी होते हैं जिनका असर कुछ विशेष दवाओं के समान ही होता है। अच्छी बात यह है कि इन घरेलू नुस्खों को अपनाने से किसी प्रकार के गंभीर दुष्प्रभाव नहीं होते हैं। आइए जाने पायरिया दूर करने के घरेलू नुस्खे क्या हैं।
विषय सूची
1. पायरिया के लिए घरेलू उपचार – Payriya dur karne ke gharelu upay in Hindi
2. पायरिया उपचार के लिए टिप्स – Payriya Upchaar ke liye tips in Hindi
पायरिया एक गंभीर समस्या है जो न केवल आपके दांतों को बल्कि आपके संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक हो सकती है। स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के लिए पायरिया इसलिए जिम्मेदार है क्योंकि यह एक संक्रामक बीमारी है। जिसके कारण पायरिया के हानिकारक जीवाणु लार और थूक के साथ मिलकर पेट में पहुंच जाते हैं जो अन्य प्रकार के शरीर को नुकसान पहुंचा सकते हैं। लेकिन पायरिया रोग के घरेलू उपाय भी होते हैं जो इस समस्या का स्थाई इलाज कर सकते हैं। आइए इन्हें जाने।
पायरिया के इलाज के लिए नमक एक बेहतरीन उपाय है। नमक में एंटीसेप्टिक और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो पेरियोडोंटाइटिस (Periodontitis) के संक्रामक बैक्टीरिया के प्रभाव को कम कर सकते हैं। इसके अलावा नमक का उपयोग करने पर यह पायरिया के लक्षण जैसे सूजन, दर्द और रक्तस्राव आदि को भी रोकने में सहायक होते हैं।
पायरिया का उपचार करने के लिए आप 1 गिलास गुनगुने पानी में 2 छोटे चम्मच नमक मिलाएं। इस घोल को मुंह में लगभग 1 मिनिट तक रखें और कुल्ला करें। ऐसा आप दिन में 2-3 बार करें। ऐसा करने से आपको कुछ ही दिनों में आराम मिल सकता है।
विकल्प के रूप में आप नमक का पेस्ट बनाने के लिए 2 बूंद सरसों का तेल मिलाएं। इस मिश्रण को दांतों में ब्रश करने के बाद मसूड़ों में लगाएं और 5-10 मिनिट के लिए छोड़ दें। फिर गुनगुने पानी से अच्छी तरह कुल्ला करें। नियमित रूप से कुछ दिनों तक सुबह इस उपाय को अपनाने से पायरिया के प्रभाव को कम किया जा सकता है।
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आयुर्वेद के अनुसार ऑयल पुलिंग करने और मसूड़ों की हल्की मालिश करने से मौजूद बैक्टीरिया को दूर किया जा सकता है। ये बैक्टीरिया पायरिया के लक्षणों को बढ़ाने का काम करते हैं। पेरियोडोंटाइटिस के इलाज के लिए ऑयल पुलिंग के असरदार घरेलू नुस्खा है। इसके लिए आप अपने मुंह में कार्बनिक, अपरिष्कृत नारियल तेल या तिल के तेल को मुंह में लें और मुंह में चारो ओर घुमाएं। इस तेल को 15 से 20 मिनिट तक मुंह में रखने के बाद थूक दें। इस तेल को थूकने के बाद गर्म पानी से कुल्ला करें। अच्छे परिणाम प्राप्त करने के लिए आप सुबह ब्रश करने से पहले ऑयल पुलिंग का उपयोग करें।
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पायरिया का घरेलू उपचार करने के लिए हल्दी का उपयोग किया जा सकता है। हल्दी में कक्र्यूमिन (curcumin) नामक एक सक्रिय घटक होता है जो कि जीवाणुरोधी और एंटी-इंफ्लामेटरी गुणों से भरपूर होता है। संक्रमित या सूजन वाले मसूड़ों में हल्दी का उपयोग करने से बैक्टीरिया को आसानी से नष्ट किया जा सकता है। इसके अलावा हल्दी का उपयोग मसूड़ों की सूजन और दर्द को भी कम करने में सहायक होती है। मसूड़ों में हल्दी से मालिश करने के लिए नरम टूथ ब्रश का उपयोग करें। पायरिया के लिए मंजन के रूप में कुछ सप्ताह तक नियमित रूप से हल्दी का उपयोग करना चाहिए।
विकल्प के रूप में पायरिया के इलाज के लिए हल्दी और गर्म पानी से बने पेस्ट का भी उपयोग किया जा सकता है। पेस्ट बनाने के लिए आप हल्दी और गर्म पानी के साथ ही विटामिन ई का भी उपयोग कर सकते हैं। इस मिश्रण को रात में सोने से पहले अपने मसूड़ों में लगाएं। अगली सुबह गर्म पानी से कुल्ला करें और अपने दांतों को साफ करें। नियिमत रूप से कुछ सप्ताह तक उपयोग करने पर हल्दी पायरिया के लक्षणों को दूर कर सकती है।
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अमरूद का उपयोग पायरिया को दूर करने का सबसे अच्छा तरीका हो सकता है। अमरूद में विटामिन सी की अच्छी मात्रा होती है जिसके कारण यह पीरियोडोंटाइटिस के लिए एक अच्छा उपाय माना जाता है। अमरूद एक एंटी-प्लाक (anti-plaque) एजेंट के रूप में काम करता है। साथ ही अमरूद में एंटी-इंफ्लामेटरी और एनाल्जेसिक गुण भी होते हैं जो मसूड़ों की सूजन और दर्द को कम करने में मदद करते हैं। इसके लिए आप अपने दैनिक आहार में अमरूद को शामिल कर सकते हैं।
विकल्प के रूप में आप अमरूद की कोमल पत्तियों का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। अमरूद की ताजी और कोमल पत्तियों को तोड़ें और इन्हें धो लें। फिर इन पत्तियों को अच्छी तरह से चबाएं और इसके रस को कुछ देर तक मुंह में रखने के बाद थूक दें। ऐसा करने से मसड़ों से होने वाले रक्तस्राव और मवाद आदि से राहत मिलती है।
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नीम का उपयोग पायरिया से छुटकारा पाने में सहायक होता है। नीम में जीवाणुरोधी गुण होते हैं जो मसूड़ों को हानिकारक बैक्टीरिया के प्रभाव से बचाते हैं। इसके अलावा नियमित रूप से नीम की पत्तियों का उपयोग करने पर मुंह की बदबू जैसी समस्याओं से भी बचा जा सकता है। पायरिया का उपचार करने के लिए आप नीम की पत्तियों का रस निकालें और इसे मसूड़ों पर लगाएं। लगभग 5 मिनिट के बाद गुनगुने पानी से कुल्ला करें। नियमित रूप से कुछ दिनों तक प्रतिदिन 2 बार नीम के रस का उपयोग करने पर आपको पायरिया से निजात मिल सकती है। इसके अलावा आप अपने दांतों को साफ करने के लिए नीम की दांतुन का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
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आयुर्वेद के अनुसार काली मिर्च पायरिया की समस्या दूर करने में प्रभावी होती है। इसके औषधीय गुण दांतों और मसूड़ों पर पट्टिका और टैटार (plaque and tartar) से छुटकारा दिलाने और बैक्टीरिया के प्रभाव को कम करने में सहायक होते हैं। इसके अलावा काली मिर्च का प्रयोग मसूड़ों को स्वस्थ बनाने में भी सहायक होते हैं।
पायरिया का इलाज करने के लिए आप काली मिर्च को पीसकर पाउडर बना लें। इसके बाद नमक और काली मिर्च पाउडर की बराबर मात्रा लें और मंजन की तरह मसूड़ों पर इस पाउडर को लगाएं। इस मिश्रण से दिन में 2 से 3 बार हल्की मालिश या मंजन करें। ऐसा करने से आपको पायरिया की समस्या के उपचार में गति मिल सकती है।
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मौखिक स्वास्थ्य संबंधी परेशानीयों को दूर करने में लौंग के तेल का उपयोग लंबे समय से किया जा रहा है। पायरिया के लक्षणों को कम करने के लिए आप भी लौंग के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए आप लौंग का तेल लें और रूई की मदद से प्रभावित दांतों और मसूड़ों में इस तेल से हल्की मालिश करें। फिर रूई को वहीं कुछ देर के लिए छोड़ दें। मुंह में अधिक थूक बनने पर कुछ कुछ देर में थूकते रहें। नियमित रूप से इस विधि को दिन में 2 बार करना आपके लिए फायदेमंद होता है।
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तुलसी का उपयोग औषधीय जड़ी बूटी के रूप में सदियों से किया जा रहा है। मसूड़ों से होने वाले रक्तस्राव को रोकने के लिए तुलसी सबसे अच्छा उपाय है। तुलसी में जीवाणुरोधी गुण होते हैं जिसके कारण मसूड़ों और दांतों को नुकसान पहुंचाने वाले बैक्टीरिया के प्रभाव को कम करने में मदद मिलती है। तुलसी के पत्तों का उपयोग करने पर मसूड़ों और दांतों के दर्द, मवाद जैसी दांत संबंधी समस्याओं को प्रभावी रूप से दूर किया जा सकता है।
तुलसी के पत्तों का पेस्ट बनाने के लिए आप तुलसी की कुछ पत्तियां लें और सरसों के तेल के साथ पीसकर पेस्ट बना लें। इसके लिए आप तुलसी की सूखी पत्तियों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इस मिश्रण को धीरे-धीरे पायरिया प्रभावित दांतों में लगाएं और नरम ब्रश से हल्की मालिश करें। इसके अलावा आप तुलसी के पत्तों से बनी चाय का भी सेवन कर सकते हैं। इस तरह से पायरिया से बचने के घरेलू उपाय के रूप में आप तुलसी के पत्ते और तुलसी की चाय का उपयोग कर सकते हैं।
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पायरिया और दांत संबंधी समस्याओं के लिए एलोवेरा फायदेमंद होता है। एलोवेरा न केवल फेस मास्क का एक हिस्सा है बल्कि यह मौखिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी होता है। पायरिया के इलाज के लिए टूथपेस्ट और माउथवॉश जैसे एलोवेरा आधारित उत्पादों का उपयोग किया जा सकता है। इसके अलावा सूजन वाले मसूड़ों में एलोवेरा जेल लगाने से पायरिया के लक्षणों को कम करने में मदद मिलती है। आप भी अपने दांतों को स्वस्थ रखने और पायरिया का उपचार करने के लिए एलोवेरा का इस्तेमाल कर सकते हैं।
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आप सौंदर्य लाभ और उम्र बढ़ने संबंधी लक्षणों को कम करने के लिए ग्रीन टी का उपयोग कर सकते हैं। लेकिन दांतों में पायरिया की दवा के रूप में भी ग्रीन टी बहुत ही प्रभावी होती है। अध्ययनों से पता चलता है कि नियमित रूप से प्रतिदिन ग्रीन टी का सेवन करने से पायरिया के लक्षणों को कम किया जा सकता है। इसके अलावा ग्रीन टी का सेवन करने से दांतों पर मसूड़ों की पकड़ को भी मजबूत किया जा सकता है। जिससे रक्तस्राव जैसी समस्याओं को रोका जा सकता है। आप भी अपने मौखिक स्वास्थ्य को बनाए रखने और पायरिया का उपचार करने के लिए ग्रीन टी का सेवन कर सकते हैं।
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आंवला भी औषधीय गुणों से भरपूर होता है। आप भी पायरिया को जड़ से मिटाने के लिए आंवला का उपयोग कर सकते हैं। अध्ययनों से पता चलता है कि पायरिया से ग्रसित दांतों पर आंवला पाउडर का उपयोग करने से दांतों को राहत मिल सकती है। इसके अलावा आप विकल्प के रूप में आंवला के जूस का भी उपयोग कर सकते हैं। आंवले के रस का मॉउथवॉश के रूप में उपयोग करके पायरिया के लक्षणों को कम किया जा सकता है।
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एंटीसेप्टिक गुणों के कारण टी ट्री आयल का उपयोग पायरिया के इलाज में बहुत ही लोकप्रिय है। टी ट्री आयल में उन सूक्ष्म जीवों से लड़ने की क्षमता होती है जो दांतों को नुकसान पहुंचाने में सहायक होते हैं। टी ट्री आयल न केवल पायरिया का उपचार कर सकता है बल्कि यह संपूर्ण मौखिक स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा होता है। पायरिया के लक्षणों को कम करने के लिए आप टी ट्री ऑयल से अपने दांतों की हल्की मालिश करें। ऑयल पुलिंग के लिए भी टी ट्री तेल का इस्तेमाल किया जा सकता है।
विकल्प के रूप में आप अपने टूथ पेस्ट में भी टी ट्री आयल की कुछ बूंदों को शामिल कर सकते हैं। ये सभी उपाय आपको पायरिया से होने वाली समस्याओं से छुटकारा दिलाने में प्रभावी होते हैं।
(और पढ़े – टी ट्री ऑयल के फायदे और नुकसान…)
पायरिया एक गंभीर समस्या हो सकती है जिसके निदान और उपचार के लिए आपको दंत चिकित्सक से सलाह लेना चाहिए। घरेलू उपचार और नुस्खे आदि का प्रयोग केवल आपके उपचार में सहायक होते हैं। इसलिए इन उपचारों के साथ ही डॉक्टरी इलाज बहुत ही आवश्यक हैं। पायरिया उपचार और मौखिक स्वास्थ्य के लिए कुछ आसान से टिप्स इस प्रकार हैं-
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