Pelvic Inflammatory Disease In Hindi: श्रोणि सूजन बीमारी या पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज (पीआईडी) महिला प्रजनन अंगों का संक्रमण है। यह आमतौर पर तब होता है, जब यौन संचारित बैक्टीरिया योनि से आपके गर्भाशय (uterus), फैलोपियन ट्यूब या अंडाशय (ovaries) में फैल जाते हैं, जिससे इन हिस्सों में सूजन आ जाती है। हालांकि, पेल्विक सूजन की बीमारी का कोई लक्षण नहीं होता। नजीतजन आपको इस बीमारी का अहसास तक नहीं होता। अक्सर इस बीमारी का पता महिला को गर्भवती होने में परेशानी होने पर या फिर पुराने श्रोणि दर्द का विकास होने पर होता है। इसके ज्यादातर मामले योनि या गर्भाशय ग्रीवा में फैलने वाले संक्रमण (सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन) STI के कारण होते हैं। यदि समय रहते इस बीमारी पर ध्यान नहीं दिया गया, तो पीआईडी गर्भवती होने में समस्या, गर्भावस्था के दौरान समस्याएं और लंबे समय तक पेल्विक पेन पैदा कर सकती है।
विशेषज्ञों के अनुसार, यह बीमारी उन महिलाओं को ज्यादा होती है, जो प्रसव उम्र की है और कमर दर्द से पीड़ित रहती हैं। इसके अलावा जिन महिलाओं को इस बीमारी का पूर्व इतिहास है, उन्हें अक्सर इस समस्या से गुजरना पड़ता है। तो चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको पीआईडी से जुड़ी सभी जानकारी देने जा रहे हैं। जिसे पढ़कर आप इस बीमारी का पता लगाने के साथ जल्द से जल्द इसका उपचार भी कर सकते हैं।
विषय सूची
1. पीआईडी कैसे हो जाती है – How does PID happen in Hindi
2. पीआईडी श्रोणि सूजन की बीमारी के लक्षण – Pelvic inflammatory disease symptoms in hindi
3. पीआईडी रोग के कारण – Causes of PID in Hindi
4. पीआईडी के जोखिम कारक – Risk factor of PID in Hindi
5. पीआईडी की जटिलता – Complication of PID in Hindi
6. पीआईडी का निदान कैसे किया जाता है – How PID is diagnosed in Hindi
7. पीआईडी का इलाज – Treatment for pelvic inflammatory disease in Hindi
8. पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज (पीआईडी) से बचने के तरीके – Prevention of Pelvic Inflammatory Disease (PID) in Hindi
9. पेल्विक इंफ्लेमेट्री डिसीज से जुड़े लोगों के सवाल – Question related to pelvic inflammatory disease in Hindi
एक महिला को तब पीआईडी हो सकती है, जब बैक्टीरिया उसकी योनि या गर्भाशय ग्रीवा से उसके प्रजनन अंगों में चले जाते हैं। कई अलग-अलग प्रकार के बैक्टीरिया पीआईडी का कारण बनते हैं, लेकिन पीआईडी अक्सर दो सामान्य एसटीआई यानि सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन गोनोरिया और क्लेमाइडिया के कारण होता है। हाल के कुछ वर्षों में पीआईडी से पीडि़त महिलाओं की संख्या में गिरावट देखने को मिली है। ऐसा इसलिए, क्योंकि अब गोनोरिया और क्लेमेडिया के लिए ज्यादा से ज्यादा महिलाओं का नियमित परीक्षण किया जाने लगा है। विशेषज्ञों के अनुसार, आपको बिना एसटीआई के भी पीआईडी हो सकती है। योनि में सामान्य बैक्टीरिया एक महिला के प्रजनन अंगों में प्रवेश कर सकते हैं और पीआईडी का कारण बन जाते हैं।
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कई महिलाओं को काफी समय तक नहीं पता होता, कि वे पीआईडी से ग्रसित हैं, क्योंकि इसके कोई खास लक्षण दिखाई नहीं देते। पीआईडी के लक्षण बहुत हल्के या बहुत गंभीर हो सकते हैं। जिस पर आपको ध्यान देने की जरूरत होती है। नीचे हम आपको श्रोणि सूजन की बीमारी के संभावित लक्षणों के बारे में बता रहे हैं, ताकि आप समय रहते जल्द से जल्द इसका उपचार शुरू कर सकें।
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यदि आपको पीआईडी के निम्नलिखित गंभीर संकेतों और लक्षणों का अनुभव हो तो अपने डॉक्टर से मिलें या तत्काल चिकित्सा सेवा लें:
यदि आपके लक्षण और संकेत बने रहते हैं, लेकिन गंभीर नहीं हैं, तो जल्द से जल्द अपने चिकित्सक को दिखाएँ। मासिक धर्म चक्र के बीच एक गंध, दर्दनाक पेशाब या रक्तस्राव के साथ योनि स्राव एक यौन संचारित संक्रमण (एसटीआई) से जुड़ा हो सकता है। यदि ये संकेत और लक्षण दिखाई देते हैं, तो यौन संबंध बनाना बंद कर दें और जल्द ही अपने डॉक्टर से मिलें। एसटीआई का शीघ्र उपचार पीआईडी को रोकने में मदद कर सकता है।
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पीआईडी रोग आमतौर पर एक संक्रमण से शुरू होता है, जिसे एसटीआई कहते हैं। यह इंफेक्शन योनि से शुरू होकर गर्भाशय ग्रीवा तक फैलता है। इसके बाद यह फैलोपियन ट्यूब और अंडाशय में बढ़ता है, जिससे ट्यूब में सूजन आ जाती है और इसकी वजह से पहले से ही छोटी ट्यूब और छोटी हो जाती है। इस संक्रमण की वजह से ट्यूब में घाव हो जाते हैं और ब्लॉकेज के कारण फर्टिलाइज एग सही से मूवमेंट नहीं कर पाता। संक्रमण का कारण बैक्टीरियल, फंगल और पैरासिटिक हो सकता है। जो पीआईडी रोग का कारण बनता है। यानि की कई बैक्टीरिया पीआईडी का कारण हो सकते हैं। ये बैक्टीरिया आमतौर पर असुरक्षित यौन संबंध के दौरान पनपते हैं। यौन संचारित बैक्टीरिया पीआईडी का सबसे आम कारण है। क्लैमाइडिया सबसे आम है, इसके बाद गोनोरिया होता है।
अमेरिकन फैमिली फिजिशयन के अनुसार, क्लैमाइडिया से पीड़ित महिलाओं में 80-90 प्रतिशत और गोनोरिया से पीड़ित 10 प्रतिशत लोगों में इसके कोई लक्षण दिखाई नहीं देते।
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एसटीआई के अलावा कुछ जोखिम कारक पीआईडी के विकास के जोखिम को बढ़ावा देते हैं, जिसके बारे में आप यहां जान सकते हैं। बैक्टीरिया योनि में प्रवेश करते हैं। यदि गर्भाशय ग्रीवा पूरी तरह से बंद न हो, तो संक्रमण अधिक आसानी से फैल सकता है। जिससे गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है।
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यदि सही समय पर पीआईडी का इलाज नहीं किया, तो कई जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है।
अनुपचारित श्रोणि सूजन की बीमारी का कारण निशान ऊतक हो सकता है। आप अपने फैलोपियन ट्यूब में संक्रमित द्रव (फोड़े) के संग्रह को भी विकसित कर सकती हैं, जो आपके प्रजनन अंगों को नुकसान पहुंचा सकता है।
पीआईडी की अन्य जटिलताओं में शामिल हो सकते हैं:
अस्थानिक गर्भावस्था: पीआईडी ट्यूबल (एक्टोपिक) गर्भावस्था का एक प्रमुख कारण है। एक अस्थानिक गर्भावस्था में, पीआईडी से निशान ऊतक निषेचित अंडे को फैलोपियन ट्यूब के माध्यम से गर्भाशय में प्रत्यारोपित करने से रोकता है। एक्टोपिक गर्भधारण बड़े पैमाने पर, होने वाले रक्तस्राव का कारण बन सकता है और इसमें आपातकालीन चिकित्सा की आवश्यकता होती है।
बांझपन: पीआईडी आपके प्रजनन अंगों को नुकसान पहुंचा सकती है और बांझपन (गर्भवती होने की अक्षमता) का कारण बन सकती है। जितनी बार आपको पीआईडी हुयी है, आपके बांझपन का खतरा उतना ही अधिक होगा। पीआईडी के लिए उपचार में देरी करने से भी बांझपन का खतरा बढ़ जाता है।
पुरानी श्रोणि दर्द: श्रोणि सूजन की बीमारी श्रोणि दर्द का कारण बन सकती है जो महीनों या वर्षों तक रह सकती है। आपके फैलोपियन ट्यूब और अन्य पैल्विक अंगों में घाव (Scarring) होने से संभोग और ओव्यूलेशन
के दौरान दर्द हो सकता है।ट्यूब-डिम्बग्रंथि फोड़ा: पीआईडी आपके गर्भाशय ट्यूब और अंडाशय में एक फोड़ा – मवाद के संग्रह का कारण हो सकता है। यदि इसे अनुपचारित छोड़ दिया जाता है, तो आप एक जीवन के लिए खतरनाक संक्रमण विकसित कर सकती हैं।
पीआईडी से ग्रसित महिला के फैलोपियन ट्यूब और एक्टोपिक गर्भावस्था के 9 प्रतिशत जोखिम के कारण इंफर्टिलिटी की संभावना 20 प्रतिशत बढ़ जाती है। जबकि क्रॉनिक पेल्विक पेन विकसित होने की संभावना 18 प्रतिशत है।
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पीआईडी का निदान करने के लिए डॉक्टर आमतौर पर पीआईडी के संकेतों की जांच और एसटीआई के टेस्ट के लिए एक फिजिकल टेस्ट करते हैं। यदि आपको लगता है कि आपको पीआईडी हो सकती है, तो जल्द से जल्द एक डॉक्टर से संपर्क करें। यदि आपको पेट के निचले हिस्से में दर्द है, तो डॉक्टर नीचे बताई गई चीजों का टेस्ट करेंगे।
इसके अलावा आपका डॉक्टर यह पता लगाने के लिए परीक्षण कर सकता है, कि आपको पीआईडी है या पीआईडी की तरह दिखने वाली एक अलग तरह की समस्या है। इनमें शामिल हो सकते हैं-
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श्रोणि सूजन की बीमारी के लिए उपचार, पीआईडी का प्रारंभिक उपचार करने से जटिलताओं की समस्या कम हो जाती है। नीचे जानिए पीआईडी का इलाज कैसे-कैसे किया जा सकता है।
एंटीबायोटिक ट्रीटमेंट- पीआईडी का पहला इलाज एंटीबायोटिक से होता है। इसके लिए डॉक्टर्स के निर्देशों का पालन करना बहुत जरूरी है। एक कोर्स आमतौर पर 14 दिन का रहता है और कम से कम दो एंटी बायोटिक का एक साथ उपयोग किया जाता है, जो अलग-अलग बैक्टीरिया के खिलाफ काम करते हैं। इसके लिए सिफॉक्सिटिन, मेंट्रोनिडेजॉल, सेफ्ट्रिऑक्जोन और डॉक्सीसाइक्लिन (Mentronidazole, Ceftriaxone and Doxycycline) जैसी एंटीबायोटिक शामिल हैं। ये देखने के लिए कि, एंटीबायोटिक काम कर रही है या नहीं, इसे लेने के दो से तीन दिन बाद फिर से एक बार डॉक्टर को जरूर दिखाएं। यदि ये तीन दिन तक असर न करे, तो आगे के ट्रीटमेंट लेना शुरू कर देना चाहिए।
अस्पताल में भर्ती होना- यदि पीआईडी वाली महिला गर्भवती है, तो उसे हॉस्पिटल में एडमिट कराने की जरूरत पड़ सकती है।
सर्जरी- वैसे, इतने इलाज के बाद सर्जरी की जरूरत शायद ही कभी पड़े। लेकिन अगर फैलोपियन ट्यूब पर अगर स्कार (घाव) हो या कोई फोड़ा निकल रहा हो, तो सर्जरी करनी पड़ सकती है। इसके लिए कीहोल सर्जरी करनी होती है।
अपने साथी के लिए उपचार- एक एसटीआई के साथ पुनर्निधारण को रोकने के लिए, आपके यौन साथी या साझेदारों की जांच और उपचार किया जाना चाहिए। क्योंकि संक्रमित भागीदारों में कोई ध्यान देने योग्य लक्षण नहीं भी हो सकते हैं।
अस्थाई संयम- उपचार पूरा होने तक संभोग से बचें जब तक की परीक्षणों से इस बात की पुष्टि हो जाये कि संक्रमण सभी भागीदारों से दूर हो गया है।
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पीआईडी एक गंभीर स्थिति बन सकती है, लेकिन इस जोखिम को कम करने के कुछ तरीके भी हैं, जो आपको जरूर जान लेने चाहिए।
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अगर आपको एक बार से ज्यादा पीआईडी हुई है, तो आपके गर्भवती होने की संभावना बहुत कम है। जब आप पीआईडी से जूझ रही होती हैं, तो बैक्टीरिया फैलोपियन ट्यूब में प्रवेश कर सकते हैं या ट्यूब की सूजन का कारण बन सकते हैं। यह ऊतक में स्कारिंग पैदा कर सकता है, जो आपकी फैलोपियन ट्यूब का निर्माण करता है। यह निशान आपके अंडाशय से एक अंडाणु को फैलाने या फैलोपियन ट्यूब से आपके गर्भाशय में जाने से रोक सकता है। पीआईडी से निशान ऊतक एक सामान्य गर्भावस्था के बजाय एक्टोपिक प्रेग्नेंसी का कारण बन सकता है।
पेल्विक इंफ्लेमेट्री डिसीज एक ऐसी बीमारी है, जिसका इलाज संभव है और कई मामलों में महिलाएं पूरी तरह से ठीक हो जाती हैं। रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र के अनुसार, पीआईडी के इतिहास वाली 8 में से 1 महिला को गर्भवती होने में कठिनाई होती है। विशेषज्ञों के अनुसार एक बार ठीक होने के बाद दो साल में ये संक्रमण फिर से हो सकता है। हालांकि पांच में से एक केस में ऐसा होता है, इसलिए पीआईडी यानि पेल्विक इंफ्लेमेट्री डिसीज की जागरूकता बहुत जरूरी है। इसके लिए अपने साथी से बात करें और अपना नियमित चेकअप कराती रहें।
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