Pelvic Pain In Hindi: पेडू में दर्द होना एक आम समस्या है। यह पेल्विक और पेट के सबसे निचले हिस्से को परिभाषित करता है, जिसमें आंतरिक प्रजनन अंग और मूत्राशय होते हैं। यह आंतों को भी सहायता प्रदान करता है। पेल्विक दर्द एक ऐसी स्थिति है, जो महिलाओं में आमतौर पर मूत्र या पाचन, प्रजनन और मस्कुलोस्केलेटल स्त्रोतों से पैदा होने वाले लक्षणों को संदर्भित करता है। जब बात महिला और पुरूषों में पेडू के दर्द की आती है, तो महिलाओं में यह समस्या पुरूषों की तुलना में बड़ी और गंभीर होती है। कुछ मामलों में महिलाओं को पीठ के निचले हिस्से, जांघों और कूल्हों में भी दर्द महसूस होता है। वहीं पाचन, प्रोस्टेट हेल्थ और इंफ्लेमेट्री इशू से जूझ रहे पुरूषों को इस समस्या का सामना करना पड़ता है।
विशेषज्ञों के अनुसार अगर यह दर्द लगातार आपको छह महीने तक बना रहे, तो यह क्रॉनिक हो जाता है। बता दें, कि एक शोध के अनुसार दुनियाभर में पेल्विक दर्द की व्यापकता 5.7 से 26.6 प्रतिशत है। आज के इस आर्टिकल में हम पुरूषों और महिलाओं में पेल्विक दर्द के संभावित कारणों के बारे में बताएंगे। इसके अलावा पेडू में दर्द के उपचार और घरेलू उपायों के बारे में भी आप जान सकते हैं। इससे पहले आइये जानतें हैं पेडू में दर्द क्या होता है।
विषय सूची
1. पेडू में दर्द क्या होता है – What is pelvic pain in Hindi
2. पेडू में दर्द के कारण क्या है – Causes of pelvic pain in Hindi
3. पेडू के दर्द के लक्षण – Pedu ke dard ke lakshan in Hindi
4. पेडू के दर्द की जांच कैसे करें – How to diagnose pelvic pain in Hindi
5. पेडू में दर्द का इलाज – Pedu me dard ka ilaj in Hindi
6. प्रेगनेंसी के दौरान पेडू में दर्द – Pregnancy me pedu dard in hindi
7. पेडू में दर्द के घरेलू उपाय – Pedu ke dard ka gharelu upay in hindi
8. पेडू में दर्द होने पर डॉक्टर को कब दिखाएं – When to see a doctor if you have pelvic pain in Hindi
9. पेडू में दर्द के लिए सावधानियां – Precautions for pelvic pain in Hindi
10. पेडू के दर्द से बचाव के उपाय – Remedies for pelvic pain in Hindi
पेडू में दर्द क्या होता है – What is pelvic pain in Hindi
पेडू में दर्द का मतलब पेट के निचले हिस्से में दर्द होने से है। पेडू को पेल्विक भी कहते हैं। यह पेट का सबसे नीचे वाला हिस्सा होता है, जिसमें आंत, मूत्राशय, अंडाशय और गर्भाशय जैसे अंग मौजूद होते हैं। पेडू में दर्द तभी होता है, जब इनमें से किसी एक अंग में दर्द शुरू हो जाए। हालांकि, कुछ कारणों में दर्द इन अंगों के पास वाली मांसपेशियों, हड्डियों या जोड़ों में भी होता है, इसलिए पेडू में दर्द के कई अलग-अलग कारण होते हैं।
एक महिला के प्रजनन अंग पेडू क्षेत्र के भीतर होते हैं, इसलिए उनमें पेल्विक दर्द होना आम है। यह अक्सर स्त्री रोग संबंधी स्थिति के कारण होता है। एपेंडिक्स, यूरीन इंफेक्शन, किडनी में स्टोन जैसी समस्याओं से महिला और पुरूषों के पेडू में दर्द हो सकता है।
कुछ लोगों को यह दर्द बहुत कम महसूस होता है, लेकिन कुछ को बहुत तेज भी हो सकता है। कहने को ये महिलाओं में होने वाली आम समस्या है, लेकिन अगर दर्द ज्यादा बढ़ जाए, तो इसे अनदेखा किए बगैर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
(और पढ़े – पेट दर्द के घरेलू उपाय और नुस्खे…)
पेडू में दर्द के कारण क्या है – Causes of pelvic pain in Hindi
पुरूषों और महिलाओं में पेल्विक दर्द के कुछ संभावित कारण होते हैं, जिनके बारे में आप नीचे जान सकते हैं। पेडू में दर्द के कारण –
कब्ज
कब्ज के कारण पेल्विक दर्द या पेडू में दर्द हो सकता है। खासकर, अगर ये निचले कोलोन को प्रभावित करता है। व्यक्ति को एक बार मल त्याग करने पर इस तरह के दर्द से राहत मिल सकती है। (और पढ़े – कब्ज में क्या खाएं और क्या ना खाएं…)
आंतों की समस्या
आंतों की विभिन्न स्थितियों के कारण भी पेल्विक दर्द या पेडू में दर्द हो सकता है। इसमें इरीटेबल बॉवल सिंड्रोम, अल्सरेटिव कोलाइटिस शामिल है। (और पढ़े – आंतों की कमजोरी का घरेलू इलाज…)
एंडोमेट्रिओसिस
यह तब होता है, जब गर्भाशय के समान ऊतक गर्भाशय के बाहर बढ़ना शुरू हो जाता है। इसके कारण मासिक धर्म के दौरान खून बह सकता है। दर्द कहां हो रहा है, ये उस बात पर निर्भर करता है, कि टिश्यू कहां इंप्लांट होता है।
(और पढ़े – एंडोमेट्रिओसिस के लक्षण, कारण, इलाज, दवा, उपचार और बचाव…)
फाइब्रॉइड
फाइब्रॉइड के कारण पेल्विक और पीठ के निचले हिस्से में दर्द होता है। यह मलाशय या मूत्राशय के दबाव और बार-बार बाथरूम जाने का भी कारण बन सकता है। (और पढ़े – फाइब्रॉइड ट्रीटमेंट के लिए योग…)
पेल्विक इंफ्लेमेट्री डिसीज
पीआईडी एक संक्रमण है, जो महिला प्रजनन सरंचनाओं में होता है। यह आमतौर पर यौन संचारित संक्रमण के कारण होता है। पीआईडी के कारण लोअर बैक पेन, पेल्कि पेन या मासिक चक्र धर्म में परिवर्तन होता है।
स्कार टिश्यू
पहले के संक्रमण पेल्विक के स्कार टिश्यू का कारण बन सकती है। इस प्रकार के स्कार टिशू से क्रॉनिक पेल्विक दर्द हो सकता है। (और पढ़े – क्रोहन (क्रोन) रोग क्या है, कारण, लक्षण, जांच, उपचार, रोकथाम और आहार…)
एडेनोमायोसिस
एडेनोमायोसिस तब होता है, जब एंडोमेट्रियल ऊतक गर्भाशय की मांसपेशियों में गहराई से बढ़ता है। इस स्थिति वाली महिलाओं में गंभीर पेडू दर्द के साथ हैवी पीरियड्स होते हैं।
मासिक धर्म ऐंठन
मासिक धर्म में अक्सर होने वाली ऐंठन से पेल्विक दर्द हो सकता है। यह ऐंठन श्रोणि के निचले हिस्से में होती है और पीरियड आने से ठीक पहले शुरू होती है, जो कुछ दिन तक बनी रहती है। यह दर्दनाक ऐंठन एक अंतर्निहित स्थिति का संकेत भी हो सकता है। (और पढ़े – पीरियड्स के दिनों में दर्द क्यों होता है जानें मुख्य कारण…)
एक्टोपिक प्रेग्नेंसी
अस्थानिक गर्भावस्था के कारण भी पेल्विक दर्द होता है। यह अवस्था तब होती है, जब निषेचित अंडा गर्भाशय के बाहर श्रोणि या पेट में इंप्लांट होता है। ज्यादातर मामलों में एक्टोपिक प्रेग्नेंसी फैलोनियन ट्यूब में होती है, लेकिन यह पेट और श्रोणि में कहीं भी हो सकती है।
प्रेग्नेंसी लॉस
गर्भावस्था के नुकसान से ऐंठन या पेल्विक दर्द भी हो सकता है। हालांकि प्रारांभिक गर्भावस्था में भ्रूण के बढ़ने पर ऐंठन सामान्य है। (और पढ़े – गर्भावस्था (प्रेगनेंसी) में होने वाली समस्याएं और उनके उपाय…)
पथरी
पथरी निचले पेट में होती है, जिससे पेडू या पीठ के निचले हिस्से में दर्द होता है।
हर्निया
हर्निया यदि निचली श्रोणि की मांसपेशी में होता है, तो पेल्विक दर्द या पेडू में दर्द हो सकता है। (और पढ़े – हर्निया के कारण लक्षण इलाज और परहेज…)
पेल्विक फ्लोर में मांसपेशियों में ऐंठन
पेल्विक फ्लोर में मांसपेशियों में ऐंठन होने से दर्द और परेशानी हो सकती है।
प्रोस्टेट समस्या
प्रोस्टेट की सूजन या संक्रमण पेल्विक पेन का कारण हो सकता है। (और पढ़े – प्रोस्टेट बढ़ने के लक्षण, कारण, जांच, इलाज और बचाव…)
यूटीआई
पेशाब में जलन और अधिक बार पेशाब आना यूरिनेरी ट्रेक्ट इंफेक्शन के लक्षण हैं। इसके कारण भी पेडू में दर्द हो सकता है। (और पढ़े – यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (यूटीआई) के लिए घरेलू उपचार…)
गुर्दे की पथरी
गुर्दे में बनने वाले पत्थर आमतौर पर मूत्रवाहिनी और मूत्रायाय के जरिए शरीर से बाहर निकलने का रास्ता बनाने लगते हैं। जिससे निचले श्रोणि में दर्द हो सकता है। आपको बता दें, कि ये दर्द गंभीर भी हो सकता है।
(और पढ़े – पथरी होना क्या है? (किडनी स्टोन) पथरी के लक्षण, कारण और रोकथाम…)
पेडू के दर्द के लक्षण – Pedu ke dard ke lakshan in Hindi
पेल्विक दर्द एक लक्षण है, बीमारी नहीं। यह लगातार होने वाला दर्द है, जो श्रोणि क्षेत्र या निचले पेट में होता है। पेडू के दर्द के लक्षण व्यक्ति से व्यक्ति में अलग-अलग होते हैं। कुछ को पेडू में तीव्र दर्द का अनुभव होता है, जबकि अन्य को हल्का दर्द होता है। कुछ महिला या पुरूष को पेल्विक दर्द गंभीर हो सकता है। इतना ही नहीं, दर्द का स्थान भी अलग हो सकता है। पेडू का दर्द पेडू के एक विशेष स्थान को प्रभावित करता है। जबकि हल्का दर्द जांघों और पैरों तक फैलता है। पेडू में दर्द का इलाज तभी संभव है, जब आपको कारण के साथ इसके लक्षणों की भी पहचान हो। नीचे हम आपको पेल्विक में दर्द के लक्षणों के बारे में बता रहे हैं, जिन पर आपको जरूर गौर करना चाहिए। आइये जानतें हैं पेडू में दर्द के लक्षण क्या होते हैं?
- मासिक धर्म के पहले या पीरियड्स के दौरान ऐंठन और दर्द होना
- योनि से रक्तस्त्राव, स्पॉटिंग या डिस्चार्ज
- पेशाब करने में परेशानी होना
- कब्ज या दस्त
- सूजन या गैस
- मल त्याग के साथ खून निकलना|
- संभोग के दौरान या बाद में दर्द
- बुखार या ठंड लगना
- कूल्हे के क्षेत्र में दर्द
- कमर के हिस्से में दर्द
(और पढ़े – पीरियड्स (मासिक धर्म) में कमर दर्द के कारण, लक्षण और घरेलू उपाय…)
पेडू के दर्द की जांच कैसे करें – How to diagnose pelvic pain in Hindi
क्रॉनिक पेन के मामले में डॉक्टर आपसे बीमारी के इतिहास के बारे में पूछे सकते हैं और जानना चाहेंगे, कि दर्द कब से शुरू हुआ, दर्द से कैसे राहत मिलती है और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में भी पूछ सकते हैं। लक्षणों के आधार पर कुछ परीक्षण कराने का सुझाव दिया जा सकता है, जिनके बारे में हम आपको नीचे बता रहे हैं।
लैब टेस्ट- मूत्र पथ के संक्रमण की जांच करने के लिए डॉक्टर ब्लड सेल्स के टेस्ट के लिए ब्लड सेल की मांग कर सकते हैं, ताकि वे क्लेमाइडिया या गोनोरिया जैसे संक्रमण की जांच कर सकें।
सीटी स्कैन– डॉक्टर पेडू के दर्द की समस्या का पता लगाने के लिए इमेजिंग टेस्ट की सलाह दे सकते हैं।
अल्ट्रासाउंड – यह गर्भाशय या फैलोपियन ट्यूब और असामान्य वृद्धि की समस्याओं का पता लगाने के लिए किया जाता है।
लैप्रोस्कोपी- यह एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें समस्या का पता लगाने के लिए एक पतली ट्यूब के साथ कैमरा डाला जाता है। यह डॉक्टर को आसानी से समस्या का पता लगाने में मदद करता है। लैप्रोस्कोपी इंफ्लेमेट्री डिसीज और एंडोमेट्रिओसिस का पता लगाने के लिए भी बहुत उपयोगी है। इसके अलावा प्रेग्नेंसी टेस्ट, मल का परीक्षण, एंडोस्कोपी और पेडू का एक्सरे भी कराया जा सकता है।
(और पढ़े – लेप्रोस्कोपी क्या है, प्रक्रिया और कीमत…)
पेडू में दर्द का इलाज – Pedu me dard ka ilaj in Hindi
पेडू के दर्द का इलाज इसके कारण के आधार पर अलग-अलग होता है कि दर्द कितना तेज है और कितनी बार होता है। अगर आपको पेडू के दर्द के सही कारण पता है, तो डॉक्टर इसका इलाज आसानी से कर सकते हैं। यदि जरूरत हो तो कभी-कभी उपचार दवाओं के साथ किया जाता है। जिसमें एंटीबायोटिक दवाएं भी शामिल हैं। मेडिकल स्टोर पर मिलने वाली दवाएं एस्पीरियन, इब्यूप्रोफेन, एसिटामेनोफेन पेडू के दर्द से आपको बहुत राहत दे सकती हैं। हालांकि, इन दर्द निवारक दवाओं से लंबे समय से हो रहे पेडू के दर्द का इलाज कर पाना मुश्किल होता है।
वहीं कुछ महिलाओं को मासिक चक्र धर्म के किसी विशेष भाग और पीरियड्स को रैगुलर करने वाले हार्मोन के बदलावों के दौरान होता है। इस मामले में अधिकतर डॉक्टर्स गर्भनिरोधक गोलियों और हार्मोन संबंधित दवाएं लिखते हैं। अगर किसी संक्रमण के कारण आपको पेडू में दर्द है, तो इसके लिए डॉक्टर्स की सलाह पर एंटीबायोटिक दवा ली जा सकती है।
थैरेपीज- लंबे समय से चले आ रहे पेडू में दर्द से राहत के लिए कई थैरेपीज लेने की सलाह भी डॉक्टर देते हैं। फिजिकल थैरेपी जैसे स्ट्रेचिंग, मसाज से पुराने पेडू के दर्द को दूर किया जा सकता है। डॉक्टर को अगर ऐसे पॉइंट का पता चल जाए, जहां आपको दर्द होता है, तो वह उस क्षेत्र को सुन्न करते हुए आपको इंजेक्शन दे सकता है, जिससे दर्द के साथ आपकी तकलीफ भी कम हो जाएगी।
सर्जरी- पेडू में दर्द से राहत पाने के लिए कई बार डॉक्टर आखिरी में सर्जरी कराने की सलाह देते हैं। जिसमें लेप्रोस्कोपी और हिस्टेरेक्टोमी विशेष रूप से कराई जाती है।
(और पढ़े – महिलाओं के स्वास्थ्य लिए जरूरी विटामिन और उनके स्रोत…)
प्रेगनेंसी के दौरान पेडू में दर्द – Pregnancy me pedu dard in hindi
अधिकतर महिलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान पेडू में दर्द होता है। आमतौर पर प्रेगनेंसी में पेट में भारीपन व गैस के कारण आपको पेट के निचले हिस्से में तनाव व खिंचाव महसूस होता है। कई बार तो यह दर्द शरीर में पानी की कमी के कारण भी होता है, इसलिए महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा पानी पीने की सलाह दी जाती है। जैसे-जैसे प्रेग्नेंसी का समय बढ़ता है, मांसपेशियों में तनाव उत्पन्न होता है, जिसके कारण भी कई बार पेडू में दर्द महसूस होता है। यदि किसी कारणवश प्लेसेंटा, यूटरस से अलग हो जाता है, तो पेडू में ज्यादा दर्द के साथ ब्लीडिंग शुरू हो जाती है, ऐसे में समय बर्बाद किए बिना डॉक्टर के पास जाना चाहिए।
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पेडू में दर्द के घरेलू उपाय – Pedu ke dard ka gharelu upay in hindi
पेडू में दर्द के लिए कई घरेलू उपचार बताए गए हैं, जो पूरी तरह से सफल साबित होते हैं। नीचे जानिए पेडू में दर्द के लिए इन घरेलू उपायों के बारे में।
पेल्विक दर्द को कम करने के लिए करें सिकाई – Pedu me dardkam karne ke liye kare sikai in Hindi
पेडू में दर्द को कम करने के लिए गर्म पानी से सिकाई करना सबसे अच्छा घरेलू उपाय है। आप बोतल में गर्म पानी भरकर, हीटिंग पैड या फिर हॉट कंप्रेस की मदद से भी सिकाई कर सकते हैं। इसे आप पेट के निचले हिस्से पर थोड़ी देर के लिए रखें। इससे न केवल आपके पेडू का दर्द बंद हो जाएगा, बल्कि ब्लड सकुर्लेशन में भी सुधार होगा।
(और पढ़े – ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाने के घरेलू उपाय…)
पेल्विक दर्द का घरेलू इलाज है व्यायाम – Pedu ke dard ko theek karne ka tarika hai vyayam in hindi
पेडू में दर्द के मामले में व्यायाम को भी आजमा सकते हैं। व्यायाम पेडू में दर्द को ठीक करने का घरेलू तरीका माना जाता है इससे श्रोणि की मांसपेशियों को मजबूत बनाने में मूत्राशय और योनि के आसपास की मांसपेशियां शामिल होती हैं। रोजाना एक्सरसाइज करने से न केवल पेडू का दर्द ठीक हो जाता है, बल्कि ब्लड सकुर्लेशन ठीक होने के साथ वजन भी कम होता है। क्योंकि कई बार पेल्विक पेन वजन बढ़ने के कारण भी हो सकता है।
(और पढ़े – व्यायाम (एक्सरसाइज) के प्रकार, महत्व, करने का तरीका, लाभ और हानि…)
पेडू में दर्द को दूर करने के लिए करें योगा – Pedu me dard door karne ke liye kare yoga in Hindi
पेडू के दर्द को कम करने के लिए योगा बहुत अच्छा उपाय है। रोजाना योगा करने से शरीर भी स्वस्थ रहता है। 2011 में बाल रोग और किशोर स्त्री रोग के जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया है, कि मासिक धर्म चक्र के दौरान महिलाओं में होने वाले तेज दर्द से राहत पाने के लिए आप भुजंगासन, मार्जरीआसन योग और मत्स्यासन योग कर सकते हैं। इससे योगा की मदद से दर्द और ऐंठन की गंभीरता को कम करने में राहत मिलती है।
(और पढ़े – फिट रहने के लिए सबसे अच्छे योग…)
पेल्विक दर्द से राहत दिलाए एक्यूपंचर – Acupuncture to relieve pelvic pain in Hindi
एक्यूपंचर पेडू के दर्द को ठीक करने का सबसे अच्छा तरीका है। पेल्विक दर्द ही क्यों, एक्यूपंचर की मदद से शरीर के किसी भी हिस्से में होने वाले दर्द और सूजन से छुटकारा मिलता है। दरअसल, हमारे शरीर में अलग-अलग हिस्सों के लिए अलग-अलग दबाव बिंदु होते हैं। इसी तरह पेल्विक दर्द के लिए भी एक दबाव बिंदु होता है, जो इसके लक्षणों को दूर करने में मदद करता है।
(और पढ़े – एक्यूपंक्चर के फायदे, बिंदु और साइड इफेक्ट…)
पेडू में दर्द से छुटकारा पाने के लिए करें सेफ सेक्स – Pedu me dard se chutkara pane ke liye kare safe sex in Hindi
पेडू में दर्द काफी तकलीफ देह होता है। इसकी वजह कई बार असुरक्षित यौन संबंध भी होता है। इसलिए अगर आपको पेडू में दर्द की शिकायत है, तो आप अपने साथ के साथ यौन संबंध बनाते समय कंडोम का इस्तेमाल करें। यह यूरीनरी ट्रेक्ट इंफेक्शन और सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिसीज से बचाने में भी आपकी मदद करता है।
(और पढ़े – असुरक्षित सेक्स से होने वाली बीमारियां…)
पेडू का दर्द दूर करने के लिए बायोफीडबैक थैरेपी – Pedu me dard door kare biofeedback therapy in Hindi
बायोफीडबैक एक तरह का ट्रेनिंग प्रोग्राम है, जो रोगियों को अनैच्छिक शारीरिक प्रक्रियाओं को नियंत्रित करने में मदद करता है। ज्यादातर इस तरह की थैरेपी का उपयोग दर्द, तनाव और चिंता को मैनेज करने के लिए किया जाता है। एक शोध के अनुसार बायोफीडबैक थैरेपी पेल्विक दर्द के लिए असरदार साबित हो सकती है, क्योंकि यह पेडू की मांसपेशियों को बहुत आराम पहुंचाती है। इस थैरेपी की अच्छी बात यह है, कि मरीज इसमें सीख सकते हैं कि मांसपेशियों में हो रहे तनाव को कम कैसे किया जा सकता है।
(और पढ़े – टच थेरेपी (स्पर्श चिकित्सा) क्या है, टच थेरेपी के फायदे और नुकसान…)
पेडू दर्द को दूर करने का तरीका कॉग्रिटिव बिहेवियरल थैरेपी – Pedu dard ko door karne ka tarika cognitive behavioral therapy in Hindi
सीबीटी मनोचिकित्सा के सबसे लोकप्रिय रूपों में से एक है। जो लोग अक्सर भावनात्मक तनाव की वजह से पेडू के दर्द से पीडि़त हैं, उनके लिए सीबीटी बहुत फायदेमंद हो सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, सीबीटी रोगियों के जीवन जीने के तरीकों में बदलाव करने में मदद करता है, जिसका उन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। कई शोधों से पता चला है, कि सीबीटी महिला यौन दर्द विकारों वाले रोगियों के लिए मददगार है। एसोसिएशन फॉर बिहेवियरल एंड कॉग्रिटिव थैरेपीज द्वारा प्रकाशित एक शोध के अनुसार एक अध्यान में पाया गया है, कि सीबीटी में शामिल होने वाली लगभग 80 प्रतिशत महिलाओं ने पेडू के दर्द से बेहद राहत पाई थी। इसलिए, जब भी आपको पेल्विक दर्द हो, तो आप अपने डॉक्टर के सलाह से सीबीटी ले सकते हैं।
(और पढ़े – कामकाजी महिलाओं में तनाव के कारण, लक्षण और उपाय…)
पेडू के दर्द को ठीक करने का तरीका है अदरक – Pedu ka dard kam kare ginger in Hindi
जब भी आपको पेडू में दर्द हो, तो ज्यादा कुछ नहीं अदरक की चाय बनाकर पी ले। सारा दर्द गायब हो जाएगा। जी हां, अदरक पेडू के दर्द को दूर करने का बढ़िया घरेलू नुस्खा है। दरअसल, इसमें जिंजरॉल्स घटक होता है, जो सूजन और दर्द को कम करने में मददगार है। रोजाना किसी न किसी रूप में अदरक का सेवन करने से आप पेल्विक पेन में हो रहे दर्द और इसके आसपास के क्षेत्र में आ रही सूजन से बहुत राहत मिलती है।
(और पढ़े – अदरक के फायदे, औषधीय गुण, उपयोग और नुकसान…)
पेडू में दर्द को दूर करने का प्राकृतिक उपचार अजवाइन – Pedu ke dard ko door karne ka natural tarika ajwain in Hindi
अजवाइन का उपयोग हर भारतीय किचन में किया जाता है। आमतौर पर गैस और अपच की समस्या से राहत दिलाने में बहुत मदद करती है। अजवाइन में थाइमोल घटक होता है, जो गैस्ट्रोइंटेस्टिनल के लिए अच्छा होता है। अजवाइन पेट से जुड़े सभी विकारों को दूर करने में आपकी सहायता करती है। महिलाओं को मासिक धर्म में होने वाले पेडू में दर्द से राहत दिलाने के लिए अजवाइन शानदार घरेलू उपचार है।
(और पढ़े – अजवाइन के फायदे, गुण, लाभ और नुकसान…)
पेडू में दर्द का घरेलू उपाय कलौंजी – Pedu me dard ka upay kalonji in Hindi
पेल्विक दर्द को ठीक करने के लिए कलौंजी सदियों से चला आ रहा घरेलू इलाज है। कलौंजी में पाए जाने वाले एंटीबैक्टीरियल गुणों के कारण यह पेट से जुड़े सभी विकारों को दूर करने में फायदेमंद है। कलौंजी के बीज में सैपोनिंस और वोलेटाइल ऑयल होते हैं, जो पेडू के दर्द से राहत दिलाने में बहुत मददगार हैं।
(और पढ़े – कलौंजी के फायदे, गुण, लाभ और नुकसान…)
पेल्विक दर्द से निजात दिलाए हाई फाइबर डाइट – High fiber diet to relieve pelvic pain in Hindi
पेल्विक पेन कई स्वास्थ्य समस्याओं के कारण हो सकता है, जिसमें सूजन भी शामिल है। इसके लिए आपको अपने आहार में बहुत सारे ऑक्सीडेंट और ओमेगा-3 खाद्य पदार्थों को शामिल करें। जर्नल ऑफ चाइल्ड न्यूरोलॉजी में प्रकाशित 2013 के अध्ययन में पाया गया है, कि किटोजेनिक डाइट एंटीकॉल्स्वेंट थैरेपी के रूप में काम करती है, जिसका उपयोग आमतौर पर दर्द और सूजन को कम करने के लिए किया जाता है। किटोजेनिक आहार में पत्तेदार सब्जियां, ब्रोकोली, गाजर, कार्बनिक प्रोटीन, नट, बीज, नारियल का तेल, जैतून का तेल जैसे कई एंटीइंफ्लेमेट्री खाद्य पदार्थ शामिल हैं। शोध से यह भी पता चला है, कि उच्च फाइबर युक्त आहार पेल्विक डिसऑर्डर वाले लोगों के लिए फायदेमंद हो सकता है। खासतौर से यदि आपको पाचन संबंधी समस्या हो, तो। बहुत सारे वेजिस, नट और बीज खाने से पाचन को विनियमित करने और पेल्विक दर्द को कम करने में मदद मिल सकती है।
(और पढ़े – फाइबर क्या है, स्रोत, फाइबर के फायदे और फाइबर के नुकसान…)
पेडू में दर्द होने पर डॉक्टर को कब दिखाएं – When to see a doctor if you have pelvic pain in Hindi
पेल्विक दर्द बढ़ जाए, तो यह गंभीर समस्या भी बन सकता है। प्राथमिक तौर पर घरेलू उपचारों की मदद से पेडू में दर्द को ठीक किया जा सकता है, लेकिन अगर इससे भी कोई फायदा न हो, तो डॉक्टर को दिखाना चाहिए। दर्द गंभीर होने पर व्यक्ति को उल्टी या बुखार हो सकता है, जिसके बाद डॉक्टर की मदद लेना जरूरी है।
(और पढ़े – उल्टी और मतली को रोकने के उपाय…)
पेडू में दर्द के लिए सावधानियां – Precautions for pelvic pain in Hindi
पेल्विक दर्द के कई संभावित कारण हैं और इनमें से कुछ की स्थिति गंभीर है। अपने दर्द का कारण पता करने के लिए डॉक्टर से चर्चा करें। यदि आपको योनि से रक्तस्त्राव के साथ असामान्य श्रोणि क्षेत्र में दर्द हो रहा है, तो तुंरत अपने डॉक्टर को बुलाएं। खासकर यदि आप गर्भवती हैं, तो। यह गर्भपात या स्त्री रोग संबंधी स्थिति का संकेत भी हो सकता है।
(और पढ़े – गर्भपात (मिसकैरेज) के कारण, लक्षण और इसके बाद के लिए जानकारी…)
पेडू के दर्द से बचाव के उपाय – Remedies for pelvic pain in Hindi
- पेल्विक दर्द से छुटकारा पाने के लिए आप अपनी लाइफस्टाइल में कुछ चीजों को करते हुए इसके लक्षणों में सुधार कर सकते हैं।
- पेडू के दर्द को दूर करने के लिए आप पेन रिलीव ले सकते हैं। जिसमें एस्पिरीन और एसिटामिनोफेन शामिल है। ये दवा पेडू के दर्द से आंशिक राहत प्रदान करती हैं।
- संक्रमण के मामले में डॉक्टर आपको एक एंटीबायोटिक लिख सकते हैं, जो संक्रमण को कम करने में मदद करता है।
- कुछ महिलाओं को मासिक धर्म चक्र के विशिष्ट चरण के दौरान पेल्विक दर्द होता है। ऐसे में गर्भनिरोधक गोलियां और अन्य हार्मोनल उपचार दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं।
पेल्विक दर्द निरंतर और आंतरायिक दर्द है, जो पेट के निचले हिस्से में होता है। पुरूषों और महिलाओं में पेल्विक पेन के कई कारण देखने को मिलते हैं। यह संक्रमण के कारण हो सकता है। कई बार यौन शोषण जैसे तनाव या दर्दनाक अनुभव भी पेडू में दर्द की वजह बन सकते हैं। इसके उपचार इसके कारणों पर निर्भर करता है। प्राथमिकता के तौर पर आप पेडू में दर्द से राहत के लिए घरेलू उपचारों को अपना सकते हैं, लेकिन इसके बाद भी दर्द लगातार बना रहे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
(और पढ़े – महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए हार्मोन का महत्व…)
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