Peppermint Tea in Hindi: पुदीना एक औषधीय जड़ी बूटी है लेकिन क्या आप जानते हैं इसका उपयोग पुदीने की चाय के रूप में भी किया जाता है। पुदीना का वानस्पति नाम मेंथा पिपेरिट (Mentha Piperita) है। हम अपने बेहतर स्वास्थ्य के लिए कई प्रकार की हर्बल चाय का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन मिंट टी के लाभ इन सभी चाय से अधिक हैं। पिपरमिंट टी का प्रयोग कर आप अपने दिन की बेहतर शुरुआत कर सकते हैं। पुदीना के पत्तों से बनी चाय में कई औषधीय गुण होते हैं। पुदीना चाय की खुशबू आपके मस्तिष्क को शांत रखने का अच्छा उपाय है। पुदीने से बनने वाली चाय का सनसनी वाला स्वाद लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करता है। इस आर्टिकल में हम आपको पुदीना की चाय पीने के लाभ की जानकारी देंगें।
विषय सूची
1. पुदीना की चाय क्या है – What is Mint Tea in Hindi
2. पुदीने की चाय का स्वाद कैसा होता है – Pudina tea Taste in Hindi
3. पुदीना में पाये जाने वाले पोषक तत्व – Nutrients found in peppermint in Hindi
4. पुदीना चाय के फायदे – Pudina Chai ke fayde in Hindi
5. पुदीना की चाय बनाने की विधि – Mint tea recipe in Hindi
6. पुदीना की चाय पीने के नुकसान – Pudina Ki Chai Pine Ke Nuksan in Hindi
पुदीने के पत्तों से बनी चाय एक हर्बल चाय है। इस औषधीय चाय का उपयोग सदियों से विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने के लिए किया जा रहा है। पुदीने की बहुत सी वैरायटी होती हैं लेकिन उनमें से दो वैरायटी बहुत ही लोकप्रिय हैं जिनमें पिपरमिंट और स्पियरमिंट (Peppermint and Spearmint) शामिल हैं। इसके अलावा भी आप चाय बनाने के लिए लिए एप्पल मिंट (apple mint) या लेमन मिंट (lemon mint) आदि का उपयोग भी कर सकते हैं। ये भी पुदीने के ही एक प्रकार हैं।
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पुदीना मिंट फैमिली (mint family) से संबंधित पौधा है। पुदीने की चाय का स्वाद फ्रेश, ठंडाई प्रदान करने वाला होता है। लेकिन कुछ प्रकार की पुदीना की चाय में विभिन्न प्रकार के फलों का फ्लेवर होता है जिसके आधार पर वे ग्रीन टी, वैनिला टी या अन्य फलों के स्वाद का अनुभव करा सकते हैं। पुदीने की चाय की खुशबू मनभावन होती है जो इंद्रियों को सक्रिय करने में सहायक होती है।
सामान्य तौर पर पुदीना में भारी मात्रा में पोषक तत्वों का भंडार समाहित रहता है जिसका पूर्ण इस्तेमाल हम नहीं कर पाते।
पुदीना के एक तिहाई कप में या आधे औंस (14 ग्राम) में पोषक तत्व इस अनुपात में शामिल होते है:
पुदीना को अक्सर चाय के रूप में या भोजन को स्वादिष्ट बनाने के लिए हल्की मात्रा में उपयोग में लाया जाता है। इसके अलावा पुदीना को एंटीऑक्सिडेंट (Antioxidant) व विटामिन A का एक उचित स्रोत के रूप में परिभाषित किया गया है, जिसके इस्तेमाल से आंखों की रौशनी को बरकरार रखना व नाइट विजन जैसी समस्याओ से छुटकारा मिलता है। पुदीना में पाया जाने वाला एंटीऑक्सिडेंट, ऑक्सीडेटिव तनाव से हमारे शरीर की सुरक्षा में सहायता करते हैं
यद्यपि इसकी बड़ी मात्रा में का सेवन आम तौर पर नहीं किया जाता है, पुदीना में कई पोषक तत्व उचित मात्रा उपलब्ध होते है और पुदीना विटामिन ए और एंटीऑक्सीडेंट्स का भी अच्छा स्रोत होता है।
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समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए पेपरमिंट टी अच्छी मानी जाती है। पुदीने की चाय में मेन्थॉल पाया जाता है, जो मस्तिष्क को स्वस्थ रखने और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सहायक होता है। पुदीना में मौजूद पोषक तत्वों की उचित मात्रा के कारण पुदीना टी पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करने, हृदय को स्वस्थ रखने और अन्य गंभीर बीमारियों के लक्षणों को नियंत्रित करने में सहायक होती है। समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए मिंट टी का उपयोग किया जाता है। क्योंकि हेल्थ बेनिफिट्स दने वाली पुदीने की चाय को पोषक तत्वों का पावरहाउस भी कहा जाता है।
चिंता और तनाव जैसे लक्षणों को दूर करने के लिए पुदीना की चाय सबसे अच्छे उत्पादों में से एक है। इस औषधीय जड़ी बूटी में मेन्थॉल (menthol) पाया जाता है जो कि मांसपेशियों को आराम दिलाने में मदद करता है। इसके अलावा मेन्थॉल नेचर में एंटीस्पास्मोडिक (antispasmodic) होता है जो मानसिक तनाव को कम करने में मदद करता है। यदि आप भी चिंता या तनाव को दूर करना चाहते हैं तो पुदीने की चाय का सेवन कर सकते हैं। पुदीने की चाय की खुशबू आपके मस्तिष्क को शांत रखने और चिंता को कम करने में सहायक हो सकती है।
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क्या आप अनिद्रा या नींद की कमी से परेशान हैं। यदि ऐसा है तो अनिद्रा का इलाज करने के लिए आप मिंट टी का उपयोग कर सकते हैं। पुदीना के पत्तों से बनी चाय में ऐसे पोषक तत्व और खनिज पदार्थ होते हैं जो नींद की गुणवत्ता को बढ़ा सकते हैं। एक आरामदायक और स्वस्थ नींद लेने के लिए आपको कैफीन मुक्त पेपरमिंट चाय पीना चाहिए। यह आपकी मांसपेशियों को आराम दिलाने और आपको शांति से सोने में मदद करती है। यदि आप व्यस्तता के कारण रात में लेट सोते हैं तब तो आपको निश्चित रूप से मिंट टी का सेवन करना चाहिए।
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क्या आप अपना वजन कम करने के लिए हर्बल टी (Herbal tea) खोज रहे हैं। यदि ऐसा है तो पुदीना की चाय आपकी मदद कर सकती है। शोधकार्ताओं का मानना है कि एक कप पेपरमिंट चाय का सेवन करना आपको लंबे समय तक पूर्णता का अनुभव कराता है। जिससे आपको बहुत देर तक भूख का अनुभव नहीं होता है। इस तरह से आप पुदीने की चाय का सेवन करके दिन में ली जाने वाली अतिरिक्त कैलोरी को कम कर सकते हैं। जिसके परिणामस्वरूप आप कुछ हद तक अपने वजन को कम कर (lose weight) सकते हैं।
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पेट खराब होने की स्थिति में पुदीना चाय का उपयोग करना आपको लाभ दिला सकता है। पुदीने की चाय का सेवन आपके पेट के लिए चमत्कार कर सकता है। पुदीना के पत्तों में मौजूद पोषक तत्व कब्ज, दस्त, पेट दर्द, पेट में ऐंठन और पेट के अन्य रोग को कम कर सकते हैं। पुदीना में मौजूद मेन्थॉल पेट को शांत करने और पाचन प्रक्रिया को राहत दिलाने में मदद करता है। यदि आप भी खराब पेट संबंधी किसी समस्या से परेशान हैं तो पुदीना चाय का उपयोग कर सकते हैं।
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यदि आप अपने शरीर में उच्च कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करना चाहते हैं तो मिंट टी का सेवन करें। क्योंकि पुदीना चाय का सेवन करने से खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद मिल सकती है। यह खराब कोलेस्ट्रॉल हृदय समस्याओं और अन्य बीमारियों का प्रमुख कारण होता है।
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प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होने के कारण अक्सर कई प्रकार के संक्रमण और सामान्य बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है। लेकिन ऐसी समस्याओं से बचने का उपाय पुदीने से बनने वाली चाय हो सकती है। मिंट की चाय में जीवाणुरोधी गुण होते हैं जो बीमारियों से लड़ने में मदद करते हैं और रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार करते हैं। पुदीना की चाय में पोटेशियम, विटामिन बी और विभिन्न प्रकार के एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक होते हैं। आप भी अपनी इम्यूनिटी पावर को बढ़ाने के लिए पुदीने की चाय का सेवन कर सकते हैं।
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डायबिटीज रोगी (Diabetic) के लिए पेपरमिंट टी बहुत ही फायदेमंद होती है। अध्ययनों से पता चलता है कि पुदीना चाय में मौजूद पोषक तत्व और खनिज पदार्थ मधुमेह को नियंत्रित कर सकते हैं। अध्ययनों से यह भी पता चलता है कि पुदीना चाय में फेनोलिक (phenolic) यौगिक और बहुत से एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो मधुमेह टाइप 2 (Diabetes type 2) को कम करने में सहायक होते हैं।
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मिंट टी में माउथ प्रेशनर गुण होते हैं। पुदीने के तेल और पुदीने की चाय का उपयोग करके आप अपने मुंह की बदबू और मौखिक समस्याओं (Oral problems) का उपचार कर सकते हैं। पुदीना की चाय के गुण ताजा सांस (fresh breath) को बढ़ावा देते हैं। पुदीने के पत्तों में मौजूद जीवाणुरोधी गुण दांतों में होने वाली किसी संभावित पट्टिका (plaque) को हटाने में मदद करते हैं जिससे मुंह की दुर्गंध या बदबू (foul smell) आती है। यदि आपको भी मुंह से बास आना जैसी समस्या है तो इससे बचने के लिए पेपरमिंट टी का इस्तेमाल किया जा सकता है।
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बहुत से लोग अक्सर सिर दर्द होने पर दर्द निवारक दवाओं का सेवन करते हैं। जबकि कुछ प्राकृतिक जड़ी बूटियों से सिरदर्द का प्रभावी घरेलू इलाज किया जा सकता है। पुदीना की चाय भी इन्हीं प्रभावी घरेलू उपचारों में से एक है। इसलिए अब जब भी आप सिरदर्द का अनुभव करें तब दर्द निवारक दवाओं की जगह पुदीने की चाय का उपयोग करें। पुदीने के पत्तों को कुछ देर तक पानी में उबाल कर पीने से आपको सिर के दर्द से राहत मिल सकती है। अच्छी बात यह है कि मिंट टी का सेवन करने से आपको किसी प्रकार के दुष्प्रभावों का भी सामना नहीं करना पड़ेगा।
सामान्य रूप से मिंट टी अक्सर सिरदर्द को रोकने में प्रभावी होती है जो खराब आहार और तनाव के कारण होता है। इस प्रकार का सिरदर्द आमतौर पर मस्तिष्क में रक्त वाहिकाओं को प्रतिबंधित करते हैं। लेकिन पुदीना की चाय दर्द निवारक दवाओं की तरह ही इन संकुचित नसों को खोलती हैं जिससे सिरदर्द पीड़ितों को राहत मिलती है। कुछ मामलों में पेपरमिंट टी या मिंट ऑयल की खुशबू लेने से भी सिरदर्द, जुकाम आदि से भी राहत दिला सकती है। इसलिए आप अपनी चाय की पत्ती में कुछ पुदीने के पत्तों को मिला सकते हैं।
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मेन्थॉल प्राकृतिक रूप से पुदीना में पाया जाने वाला एक रसायन है जो पुदीना की चाय को ताजा, ठंडा और सनसनी स्वाद दिलाता है। पुदीना की चाय में मौजूद मेन्थॉल साइनस और गले में श्लेष्मा झिल्ली को आराम दिलाने और साइनस की समस्याओं को कम करने में सहायक होता है। नियमित रूप से पुदीना की चाय का सेवन करने से यह बलगम को पतला करने में मदद करता है। जिससे रोगी को श्वास लेने में कम परेशानी होती है। इस प्रकार के लाभ लेने के लिए पेपरमिंट चाय का सेवन करने के अलावा इसकी खुशबू लेना भी कफ को पतला करने का प्रभावी तरीका हो सकता है।
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पेपरमिंट चाय में आपको मानसिक रूप से अधिक सतर्क बनाने, स्मृति बढ़ाने (Boost memory) और तनाव को कम करने वाले गुण होते हैं। जिससे मस्तिष्क स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद मिलती है। मिंट टी में मेन्थॉल होता है और यह कैफीन मुक्त होती है। जिससे इसका मस्तिष्क में सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। मिंट टी पीने के फायदे विशेष रूप से यात्रा के दौरान थकान और तनाव को कम करने में होते हैं। यात्रा के दौरान होने वाली हताशा, चिंता और तनाव (Anxiety and stress) को कम करने के लिए पुदीना की चाय बहुत ही प्रभावी मानी जाती है।
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मासिक धर्म चक्र के दौरान महिलाओं को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। लेकिन पुदीना की चाय का फायदा महिलाओं को इन समस्याओं से बचा सकता है। पुदीना चाय में मेन्थॉल होता है जिसमें ऐंठन-विरोधी (anti-spasmodic) गुण होते हैं। जिसके कारण मांसपेशियों में कसाव कम हो जाता है विशेष रूप से गर्भाशय की दीवारों में। इसलिए महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान और बाद के दिनों में नियमित रूप से दो या तीन कप पुदीना चाय का सेवन करना चाहिए। जिससे महिलाओं को मासिक धर्म में ऐंठन (menstrual cramps) को शांत करने में मदद मिलती है।
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प्राचीन समय से ही लोग पुदीना चाय का इस्तेमाल पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए कर रहे हैं। हालांकि अधिकांश लोगों को पता नहीं है कि मिंट टी का उपयोग पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करने में प्रभावी होता है। आप पेट की खराबी, पेट फूलना, पेट की गैस आदि के घरेलू उपाय के लिए भी पुदीना वाली चाय का इस्तेमाल कर सकते हैं। 2017 में हुए एक अध्ययन से पता चलता है कि पेपरमिंट ऑयल कैप्सूल लेने से बच्चों को पेट दर्द संबंधी लक्षणों से राहत मिल सकती है। इसलिए शोधकार्ताओं का मानना है कि पेपरमिंट चाय पीने के फायदे भी आपको यही लाभ दिला सकते हैं।
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बुखार के लक्षणों को कम करने के लिए पुदीना की चाय एक अच्छा घरेलू और प्राकृतिक उपाय है। पेपरमिंट टी में मुख्य घटक के रूप में मेन्थॉल होता है जो बुखार को कम करने में मदद करता है। पुदीना की गर्म चाय पीने से शरीर में पसीना आता है जो कि शरीर को प्राकृतिक रूप से ठंडा करता है। इसके अलावा पसीना आने से शरीर में मौजूद अतिरिक्त तरल पदार्थ के साथ विषाक्त पदार्थ भी बाहर निकल जाते हैं। जिससे आपको ठंड और फ्लू के लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है। शोधकर्ताओं के अनुसार मेन्थॉल शरीर के आंतरिक तापमान को कम करने में मदद करता है जिससे बुखार को कम करने में मदद मिलती है।
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जी मिचलना या मतली अक्सर महिलाओं को होने वाली समस्या कही जाती है। लेकिन यह किसी को भी हो सकती है। मतली का प्राकृतिक उपचार करने के लिए मिंट टी एक अच्छा विकल्प है। पेपरमिंट चाय में एंटीस्पास्मोडिक (antispasmodic) गुण होते हैं जो मतली की भावनाओं को दूर करने में मदद करते हैं और उल्टी को रोक सकते हैं। पुदीना की खुशबू मतली के लक्षणों को कम करने में प्रभावी होती है। इसके अलावा पुदीना के कार्बनिक यौगिक पेट की मांसपेशियों को शांत करने में मदद करते हैं जिनके सिकुड़ने से उल्टी जैसी समस्याएं होती हैं।
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सर्दी खांसी का प्राकृतिक इलाज करने के लिए पुदीना चाय सबसे अच्छा उपाय है। अन्य हर्बल चाय की तरह ही मिंट टी में ऐसे यौगिक होते हैं जो आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करते हैं और सर्दी के लक्षणों को दूर करने में सहायक होते हैं। नियमित रूप से पुदीना की गर्म चाय का सेवन करने से गले में खराश (sore throat) को शांत कर सकता है। पेपरमिंट टी गले की मांसपेशियों को आराम दिलाने में मदद करती है जिससे खांसी को रोकने में सहायता मिलती है। इसके अलावा नियमित रूप से पुदीना वाली चाय का सेवन करने से आपको वायुमार्ग को खोलने, कफ या श्लेष्म को दूर करने और ब्रोंकाइटिस जैसी गंभीर श्वसन समस्याओं को रोकने में मदद मिल सकती है।
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विभन्न स्वास्थ्य लाभ दिलाने के साथ ही पुदीना की चाय के फायदे बालों के लिए भी होते हैं। पेपरमिंट का उपयोग स्कैल्प (scalp) स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद करता है। पुदीना का इस्तेमाल सिर की ऊपरी सतह पर खुजली, परतदार त्वचा और रूसी आदि का इलाज करने में मदद कर सकता है। अच्छे परिणाम प्राप्त करने के लिए आप अपने बालों को पुदीना की चाय को लगभग 5-10 मिनिट तक बालों में लगाकर रखें और फिर सादे पानी से धो लें। ऐसा करने से आपको बालों से सम्बंधित समस्याओं से राहत मिल सकती है।
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त्वचा संबंधी समस्याओं को दूर करने का घरेलू नुस्खा पुदीना की चाय हो सकती है। पुदीना से बनने वाली चाय में एंटी-इंफ्लामेटरी और एंटीसेप्टिक गुण होते हैं जो मुंहासों के कारण होने वाली लालिमा और सूजन को कम करने में मदद करते हैं। जिससे त्वचा छिद्रों में बैक्टीरिया के विकास को कम किया जा सकता है। पुदीना के सुखदायक प्रभाव (soothing effects) के कारण यह त्वचा पर चकत्ते और खुजली आदि का इलाज करने में भी सहायक होता है।
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स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने के लिए आप पुदीना की चाय को बाजार से खरीद सकते हैं। लेकिन यदि आप चाहें तो अपने घर पर ही पुदीने की चाय तैयार कर सकते हैं। आइए जाने घर में पुदीना की चाय कैसे बनाएं जो बाजार में उपलब्ध मिंट टी से अधिक बेहतर है।
पुदीना की चाय बनाने की सामग्री-
मिंट टी तैयार करने के लिए आपको पुदीना की ताजी पत्तियों की आवश्यकता होती है। इसलिए आप पुदीना की कुछ ताजा पत्तियां लें और इन्हें पीस लें।
पुदीना की चाय बनाने का तरीका-
पेपरमिंट चाय बनाने के लिए पहले कुछ पानी को अच्छी तरह से गर्म करें। उबलते पानी बजाय गर्म पानी में पुदीने की पत्तियों का पेस्ट या सीधे ही पुदीने की पत्तियों को डालें। लगभग 1 से 2 मिनिट बाद के बाद आप मिश्रण को कुछ ठंडा होने दें और फिर कप में निकाल लें।
आपकी पुदीने की चाय बनकर तैयार है। आप पुदीने की चाय के स्वाद को बढ़ाने के लिए इसमें शहद और अन्य जड़ी बूटियों का भी उपयोग कर सकते हैं।
एक हर्बल और प्राकृतिक पेय के रूप में पुदीना की चाय का उपयोग किया जाता है जो कि लाभकारी है। लेकिन अधिक मात्रा में पुदीना चाय का सेवन करने से बचना चाहिए। क्योंकि इसके कुछ संभावित दुष्प्रभाव भी होते हैं।
आमतौर पर पुदीने की चाय को एक बहुत ही सुरक्षित, प्रभावी, प्राकृतिक उपचार माना जाता है। यदि आपके पेपरमिंट चाय के दुष्प्रभावों या स्वास्थ्य लाभों के बारे में कोई चिंता या प्रश्न हैं, तो अपने डॉक्टर से बात करें या किसी हर्बलिस्ट से सलाह लें।
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